Ovulation Meaning in Hindi: ओवुलेशन क्या होता है?

Dr. Madhulika Singh
Dr. Madhulika Singh

MBBS, MS (Obstetrics and Gynaecology)

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Ovulation Meaning in Hindi: ओवुलेशन क्या होता है?

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गर्भावस्था हर महिला के जीवन का एक खास पल होता है। अगर आप गर्भधारण करने यानी माँ बनने की योजना बना रही हैं तो आपको मेंस्ट्रुअल साइकिल के बारे में से पता होना चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान (ovulation in hindi) ओवुलेशन है। तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।

ओव्यूलेशन क्या होता है? Ovulation Kya Hota Hai

महिला के अंडाशय से अंडा रिलीज होने की प्रक्रिया को मेडिकल की भाषा में ओवुलेशन कहते हैं। इस दौरान अंडा, अंडाशय से बाहर निकलकर फैलोपियन ट्यूब में जाता है, जहां स्पर्म उसे फर्टिलाइज करता है। यह प्रेगनेंसी की शुरुआत है। ovulation kya hota hai ओवुलेशन के दौरान एक महिला का शरीर पूर्ण रूप से फर्टाइल यानी उपजाऊ होता है जिसके कारण प्रेगनेंसी की सबसे अधिक संभावना होती है।

ओवुलेशन कब होता है? – Ovulation Kab Hota Hai

आमतौर पर ओवुलेशन 28 दिनों के मेंस्ट्रुअल साइकिल में 14वें दिन के आसपास होता है। हालांकि, हर महिला का मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिनों का नहीं होता है। इसलिए ओवुलेशन का सटीक समय हर महिला में अलग-अलग होता है।

अगर आपका मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिनों का है तो, आपका ओवुलेशन 14वें दिन होगा। आमतौर पर अगर मेंस्ट्रुअल साइकिल 21 दिनों का है तो 7वें दिन, और 35 या 36 दिनों का है तो ओवुलेशन 21वें दिन होता है।

ओवुलेशन के लक्षण – Ovulation Symptoms in Hindi

कुछ ऐसे लक्षण हैं जिनकी मदद से इस बात की पुष्टि की जा सकती है कि आपका अंडाशय ओवुलेशन की क्रिया से गुजर रहा है। ओवुलेशन के कुछ मुख्य लक्षण (ovulation ke lakshan) निम्न हैं:-

  • पेट निचले हिस्से में हल्का दर्द और ऐंठन होना
  • यौन संबंध बनाने की इच्छा बढ़ना
  • योनि में सूजन आना
  • स्तनों में संवेदनशीलता आना
  • शरीर का तापमान कम होना फिर बढ़ जाना
  • सर्वाइकल म्यूकस का सफेद, पतला, चिकना और साफ होना
  • सर्विक्स का कोमल होकर खुल जाना
  • सिर में दर्द होना
  • कभी-कभी जी मिचलाना

ओवुलेशन और मेंस्ट्रुअल साइकिल के बीच संबंध

ओवुलेशन और मेंस्ट्रुअल साइकिल एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। ओवुलेशन रिप्रोडक्टिव प्रोसेस का महत्वपूर्ण हिस्सा है। 

  • मेंस्ट्रुअल साइकिल: हर महीने महिलाओं के शरीर में होने वाली एक प्रक्रिया है मेंस्ट्रुअल साइकिल। आमतौर पर यह 28 दिनों का होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह 21-35 दिनों तक हो सकता है।
  • ओवुलेशन कब होता है: यह मेंस्ट्रुअल साइकिल के बीच में होता है। अगर साइकिल 28 दिनों का है तो आमतौर पर यह 14वें दिन के आसपास होता है।
  • ओवुलेशन और मेंस्ट्रुअल साइकिल के बीच का संबंध: ओवुलेशन के दौरान अंडाशय (ओवरी) से एक परिपक्व अंडा निकलता है। यह अंडा गर्भधारण के लिए उपलब्ध होता है। जब अंडा फर्टिलाइज नहीं होता है तो मेंस्ट्रुअल साइकिल शुरू होता है।
  • मेंस्ट्रुअल साइकिल के फेज: पहला है फॉलिक्युलर फेज, जो पहले दिन से ओवुलेशन तक होता है। दूसरा है ल्यूटियल फेज जो ओवुलेशन के बाद से लेकर मेंस्ट्रुअल साइकिल तक होता है।

ओवुलेशन के समय प्रेगनेंसी के चांसेस सबसे अधिक होते हैं। अपनी मेंस्ट्रुअल साइकिल को समझकर आप अपनी प्रेगनेंसी को अच्छी तरह प्लान कर सकती हैं।

क्या ओवुलेशन के दौरान दर्द सामान्य है?

हां, ओवुलेशन के दौरान हल्का दर्द होना सामान्य हो सकता है। यह दर्द कई महिलाओं में महसूस होता है। इसके कारणों में ओवुलेशन के समय आसपास के टिशू का खिंच जाना, फॉलिकल के फटने पर हल्की सूजन या लिक्विड का डिस्चार्ज होना शामिल हैं।

दर्द से राहत पाने के लिए आराम करें और गर्म पानी से सिकाई करें। डॉक्टर से सलाह के बाद पेन किलर ले सकती हैं। अगर यह दर्द बार-बार हो रहा है या गंभीर रूप ले रहा हो तो डॉक्टर से जांच और इलाज कराना जरूरी है।

अगर मैं ओवुलेट नहीं कर पा रही हूँ तो क्या होगा?

ओवुलेशन न होने की स्थिति को एनोव्यूलेशन कहते हैं। इसका मतलब है कि आपका शरीर अंडा नहीं बना रहा है या अंडाशय से अंडा रिलीज नहीं हो रहा है। इसके कारण आपको कंसीव में दिक्कतें आती हैं।

एनोव्यूलेशन अनेक कारणों से होता है जैसे कि:

  • थायरॉयड, प्रोलैक्टिन या इंसुलिन का स्तर असामान्य होना।
  • ओवरी में सिस्ट बनना या पीसीओडी/पीसीओएस होना
  • क्रोनिक स्ट्रेस होना, वजन का अचानक बढ़ना या घटना।
  • हेवी एक्सरसाइज करना
  • उम्र बढ़ने के साथ ओवरी के काम करने की क्षमता घटना।
  • मोटापा, कुपोषण या कुछ दवाइयों का प्रभाव होना।

एनोव्यूलेशन का उपचार में हार्मोन थेरेपी या ओवुलेशन-इंडक्शन की दवाइयां, पीसीओडी/पीसीओएस मैनेजमेंट और आईवीएफ जैसी तकनीकों की सहायता लेना आदि शामिल हैं। समय पर सही इलाज पाने से गर्भधारण की संभावना बढ़ सकती है।

अपने ओवुलेशन को कैसे ट्रैक करें?

अगर आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं या अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल को बेहतर ढंग से समझना चाहती हैं तो, ओवुलेशन पीरियड (Ovulation Period) को ट्रैक करना सहायक हो सकता है। ओवुलेशन को ट्रैक करने के कुछ तरीके नीचे दिए गए हैं:

  • ओवुलेशन कैलेंडर: अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल की अवधि की पुष्टि करने के लिए, अपने पीरियड के पहले दिन से लेकर, अगले पीरियड के पहले दिन के बीच के दिनों की संख्या की गणना करें। आमतौर पर ओवुलेशन आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल के बीच में या उसके आसपास होता है। उदाहरण के लिए, अगर आपका मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिन का है, तो ओवुलेशन 14वें दिन के आसपास होता है। इसको ट्रैक करने के लिए आप ऑनलाइन ओवुलेशन कैलकुलेटर या स्मार्टफोन ऐप का उपयोग कर सकती हैं।
  • ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट (ओपीके): ये किट ओवुलेशन से 24-48 घंटे पहले होने वाले ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) में वृद्धि का पता लगाते हैं। आप इस किट दवा की दुकान से खरीद सकती हैं और इसके निर्देशों का पालन करते हुए रोजाना अपने यूरिन टेस्ट कर सकती हैं।
  • फर्टिलिटी अवेयरनेस मेथड (एफएएम): ओवुलेशन का पता लगाने के लिए, आप इस विधि का इस्तेमाल कर सकती हैं जिसमें प्रजनन संकेतों, जैसे कि बीबीटी, सर्वाइकल म्यूकस और गर्भाशय ग्रीवा की स्थिति को ट्रैक करना शामिल है।अन्य तरीकों की तुलना में यह अधिक जटिल है, लेकिन सही ढंग से करने पर यह अत्यधिक प्रभावी हो सकता है।

इस बात का भी ध्यान रखें कि ओवुलेशन को ट्रैक करने का कोई भी तरीका सटीक नहीं है। आपको अपने शरीर के यूनिक पैटर्न को समझना आवश्यक है। अगर आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं और कई महीनों से बिना सफलता के ओवुलेशन पर नज़र रख रही हैं, तो आगे के मूल्यांकन और मार्गदर्शन के लिए आप हमारे अनुभवी फर्टिलिटी एक्सपर्ट से परामर्श करें।

ओवुलेशन और गर्भधारण

गर्भधारण में ओवुलेशन एक महत्वपूर्ण कारक है, क्योंकि यह अंडाशय से एक परिपक्व अंडे (mature egg) के रिलीज को चिह्नित करता है, जो इसे निषेचन के लिए उपलब्ध कराता है। गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे दंपतियों के लिए ओवुलेशन के समय को समझना आवश्यक है।

अंडाशय से बाहर निकलने के बाद, अंडे का जीवनकाल छोटा होता है, आमतौर पर लगभग 24 घंटे। दूसरी ओर, शुक्राणु महिला प्रजनन पथ में पांच दिनों तक जीवित रह सकते हैं। इसलिए गर्भधारण के लिए फर्टाइल विंडो ओवुलेशन के दिन तक और इसमें शामिल होने वाले दिनों को माना जाता है।

गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए दम्पति अक्सर फर्टाइल अवधि के दौरान नियमित संभोग करते हैं। बेसल शरीर के तापमान की निगरानी, ​​गर्भाशय ग्रीवा बलगम (cervical mucus) में परिवर्तन या ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट का उपयोग – आदि तरीकों से ओवुलेशन को ट्रैक करने से मेंस्ट्रुअल साइकिल के भीतर सबसे फर्टाइल दिनों को निर्धारित करने में सहायता मिल सकती है।

ओवुलेशन से संबंधित समस्याएं

सामान्य ओवुलेशन विकार, जैसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), पीरियड स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं:

  • पीसीओएस: यह एक हार्मोनल विकार है जब अंडाशय पर छोटे सिस्ट बन जाते हैं। अनियमित ओवुलेशन या ओवुलेशन की कमी एक पहचान है। इससे अनियमित मासिक चक्र, लंबे समय तक पीरियड या एमेनोरिया (पीरियड का न आना) हो सकते हैं।
  • हाइपोथैलेमस डिसफंक्शन: हार्मोन को नियंत्रित करने वाले मस्तिष्क के एक हिस्से हाइपोथैलेमस में समस्या के कारण अनियमित ओवुलेशन हो सकता है। अत्यधिक तनाव, अत्यधिक व्यायाम या शरीर का बहुत कम वजन जैसे कारक योगदान दे सकते हैं।
  • समय से पहले अंडाशय का काम नहीं करना: जब अंडाशय 40 वर्ष की आयु से पहले काम करना बंद कर देते हैं तो अनियमित या अनुपस्थित ओवुलेशन होता है। यह शुरुआती मेनोपॉज के लक्षणों का कारण बन सकता है, जिससे प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है।

डॉक्टर से कब सलाह लें?

  • अनियमित चक्र: यदि मेंस्ट्रुअल साइकिल लगातार अनियमित या अनुपस्थित हो।
  • गर्भधारण करने में कठिनाई: एक वर्ष या उससे अधिक समय तक कोशिश करने के बाद भी गर्भधारण नहीं करने पर डॉक्टर से सलाह लें।
  • ओवुलेशन विकार के लक्षण: अत्यधिक बालों का बढ़ना, मुंहासे या अनियमित पीरियड्स जैसे लक्षण होने पर।

अगर इनमें से किसी भी समस्या का संदेह हो तो सटीक निदान और उपचार के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ या फर्टिलिटी एक्सपर्ट से परामर्श करें।

ओवुलेशन से जुड़े मिथक और तथ्य

मिथक: ओवुलेशन हमेशा मेंस्ट्रुअल साइकिल के 14वें दिन होता है।

तथ्य: यह आमतौर पर 28-दिवसीय चक्र में 14वें दिन के आसपास होता है, लेकिन कुछ कारणों से उसके समय में बदलाव आ सकता है।

मिथक: आप पीरियड के दौरान गर्भवती नहीं हो सकती हैं।

तथ्य: स्पर्म प्रजनन पथ में कई दिनों तक जीवित रह सकते हैं, यदि पीरियड के दौरान भी, ओवुलेशन आसपास संभोग होता है तो आपका गर्भवती होना संभव है।

मिथक: निःसंतानता पूरी तरह से महिलाओं का मामला है।

तथ्य: पुरुष कारक भी निःसंतानता में समान रूप से योगदान करते हैं। यदि गर्भधारण संबंधी चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं तो पति और पत्नी दोनों को जांच कराना चाहिए।

जीवनशैली और ओवुलेशन के बीच संबंध

जीवनशैली ओवुलेशन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। संतुलित पोषण और नियमित व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखने से नियमित मेंस्ट्रुअल साइकिल और श्रेष्ठ हार्मोनल संतुलन को बढ़ावा मिलता है, जिससे ओवुलेशन में सहायता मिलती है। इसके विपरीत, अत्यधिक व्यायाम या महत्वपूर्ण वजन में उतार-चढ़ाव जैसी चरम स्थितियां ओव्यूलेटरी पैटर्न को प्रभावित कर सकती हैं।

पर्याप्त नींद महत्वपूर्ण है, क्योंकि अनियमित नींद का पैटर्न प्रजनन हार्मोन को प्रभावित करता है। शराब का सेवन बंद या सीमित करना और धूम्रपान से बचना समग्र प्रजनन स्वास्थ्य में योगदान देता है, जिससे गर्भधारण करने या प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने वाली महिलाओं के लिए नियमित और स्वस्थ ओवुलेशन की संभावना बढ़ती है।

ओवुलेशन के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

ओवुलेशन के बाद आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। इसके बाद अंडा फर्टिलाइजेशन यानी निषेचन के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन समय कम होता है। इसलिए गर्भावस्था की संभावना को बढ़ाने के लिए ओवुलेशन के समय से पहले ही शारीरिक संबंध बनाना शुरू करना चाहिए।

स्पर्म गर्भाशय के अंदर लगभग पांच दिनों तक जीवित रहता है। इसलिए ओवुलेट होने से तीन दिन पहले शारीरिक संबंध बनाने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। ओवुलेशन से पहले शारीरिक संबंध बनाते रहने से गर्भाशय में पहले से मौजूद स्पर्म अंडा के बाहर निकलते ही उसे फर्टिलाइज कर देता है।

ओवुलेशन का सटीक समय जानने के लिए आप ओवुलेशन स्ट्रिप्स का उपयोग कर सकती हैं। उसकी मदद से आपको पहले ही पता चल जाएगा कि आप कब ओवुलेट करने वाली हैं। फिर आप अपनी प्रेगनेंसी को आसानी से प्लान कर सकती हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पीरियड खत्म होने के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है?

अगर मेंस्ट्रुअल साइकिल 28 दिनों का है तो पीरियड्स खत्म होने के 10वें दिन से 17वें दिन तक गर्भ ठहरने की सबसे अधिक संभावना होती है। साथ ही, जिन महिलाओं का मासिक चक्र 28 दिन का होता है उसमें पीरियड खत्म होने के 12वें, 13वें और 14 वें दिन गर्भ ठहरने की अधिक संभावना होती है।

क्या ओवुलेशन में कमर दर्द होता है?

ओवुलेशन के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई पड़ते हैं, पेट के निचले हिस्से यानी कमर में दर्द महसूस होना भी उनमें से एक है।

ओवुलेशन की गणना कैसे करे?

ओवुलेशन 28 दिनों के मासिक धर्म चक्र में 14वें दिन के आसपास होता है। हालाँकि, हर महिला में मासिक धर्म चक्र 28 दिनों का नहीं होता है, इसलिए ओवुलेशन का सटीक समय हर महिला में अलग-अलग हो सकता है।

ओवुलेशन कितने दिन तक रहता है?

ओवुलेशन महीने में एक बार होता है और लगभग 24 घंटे तक रहता है। हालांकि, 12 से 24 घंटों के भीतर फर्टिलाइज नहीं होने पर अंडा मर जाता है।

पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है?

आमतौर पर ओव्यूलेशन मासिक धर्म चक्र के मध्य में होता है, जो अगली अवधि की शुरुआत से लगभग 14 दिन पहले होता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी महिला का मासिक चक्र नियमित रूप से 28 दिन का है, तो ओव्यूलेशन आमतौर पर 14वें दिन के आसपास शुरू होगा। हालाँकि, यह समय एक महिला से दूसरी महिला में भिन्न हो सकता है।

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