अनियमित पीरियड्स के कारण और इसके आने के तरीके
- Published on December 31, 2023
Table of Contents
इरेगुलर पीरियड्स क्या होता है?
आजकल हर दूसरी महिला इरेगुलर पीरियड्स से परेशान है। यानी उन्हें हर महीने समय पर पीरियड्स नहीं आते हैं। यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, 14% से 25% महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है।
दरअसल महिलाओं की मेंस्ट्रुअल साइकिल 21 से 35 दिनों की होती है। हालांकि हर महिला की मेंस्ट्रुअल साइकिल अलग-अलग हो सकती है। जिसमें महिला को ब्लिडिंग 4 से 7 दिन के बीच रह सकती है।
वहीं अगर आपको 21 दिनों से कम या 35 दिनों से ज्यादा समय के अंतराल पर पीरियड्स आता है या लगातार तीन या उससे ज्यादा पीरियड्स मिस हो गया हो या मेंस्ट्रुअल फ्लो सामान्य से बहुत अधिक या हल्का हो या फिर अगर पीरियड्स सात दिनों से अधिक समय तक चलता है, तो ये सब अनियमित पीरियड्स के लक्षण हो सकते हैं।
इरेगुलर पीरियड्स की वजहें
असामान्य मासिक धर्म की वैसे तो कई वजहें हैं। लेकिन आमतौर पर डॉक्टर्स शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और प्रजनन संबंधी समस्याओं को मासिक धर्म की अनियमितताओं से जुड़े होने का कारण बताते हैं।
सामान्य कारणों में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), बर्थ कंट्रोल पिल्स, स्तनपान, अत्यधिक व्यायाम, अंतर्गर्भाशयी उपकरण, हाइपरथायरायडिज्म या हाइपोथायरायडिज्म शामिल हैं.
इसके अलावा शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में बदलाव, जो पीरियड्स के नॉर्मल पैर्टन को डिस्टर्ब करता है और अनियमित पीरियड का कारण बनता है।
पीरियड्स की अनियमितता विभिन्न बीमारियों और मेडिकल कंडीशन से भी जुड़ी हुई पाई गई है। जैसे मेटाबॉलिक सिंड्रोम, कोरोनरी हार्ट डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस और रुमेटीइड अर्थराइटिस।
अनियमित पीरियड्स के ऐसे ही कुछ कारणों को विस्तार से जानते हैं…
- मोटापा – मोटापा कई स्वास्थ्य समस्याओं का मूल कारण होता है। इसी के साथ यह अनियमित पीरियड की समस्या से भी जुड़ा है। जरूरत से ज्यादा मोटापा शरीर में ज्यादा एस्ट्रोजन उत्पादन का कारण बनता है और एस्ट्रोजन मासिक धर्म की अवधि पर सीधा प्रभाव डालते हैं।
- हार्मोनल असंतुलन हार्मोनल असंतुलन अनियमित पीरियड का एक आम कारण है। हार्मोन आपके रिप्रोडक्टिव सिस्टम को रेगुलेट करने में मदद करते हैं। कुछ हार्मोन की अधिक मात्रा या कमी आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल को डिस्टर्ब कर सकती है, साथ ही हेवी ब्लिडिंग और अन्य लक्षण भी पैदा कर सकती है।
- थायरॉयड – महिला की फर्टिलिटी थायरॉयड हार्मोन पर भी निर्भर करती है। थायरॉयड की समस्या अनियमित पीरियड्स का भी बड़ा कारण है। कई बार थायरॉयड में पीरियड आना कुछ महीनों के लिए एकदम रूक भी जाता है। इस हेल्थ कंडीशन को एमेनोरिया कहते हैं।
- पेरिमेनोपॉज – मेनोपॉज से पहले की स्थिति को पेरिमेनोपॉज कहा जाता है। इसमें शरीर बहुत कम ओव्यूलेशन हार्मोन का प्रोडक्शन करता है। इस फेज में भी अनियमित पीरियड की शिकायत हो सकती है।
- मेनोपॉज – महिलाओं में पीरियड्स बंद होने की स्थिति को मेनोपॉज कहा जाता है। आमतौर पर अधिक महिलाएं 45 से 55 की उम्र में मेनोपॉज की स्थिति तक पहुंचती हैं। लेकिन आज के समय में अनहेल्थी लाइफस्टाइल, खराब खाने की आदत और बढ़ते तनाव के चलते महिलाओं में पीरियड्स कम उम्र में ही आना बंद हो जाते हैं और अनियमित पीरियड्स की समस्या शुरू हो जाती है।
- हार्मोनल ट्रीटमेंट – अगर किसी महिला का हार्मोनल ट्रीटमेंट चल रहा है या करवाया गया है तो भी अनियमित पीरियड की समस्या हो सकती है।
- तनाव – तनाव एक नहीं कई तरह की शारीरिक परेशानियों का कारण बन सकता है और अनियमित पीरियड की समस्या उनमें से एक है।
- गर्भनिरोधक गोलियां – इन गोलियों का जरूरत से ज्यादा सेवन महिलाओं के पीरियड साइकिल को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। इसके अगर कोई महिला गर्भनिरोधक इंजेक्शन लेती है या ट्रीटमेंट करवाती है तो यह आपके पीरियड्स अनियमित कर सकता है।
- पीसीओडी – पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज का सबसे प्रमुख कारण हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है। महिला के अंडाशय पुरुष हार्मोन एण्ड्रोजन को बड़ा और स्रावित करते हैं। यह प्रजनन क्षमता में बाधा डाल सकता है। बाल झड़ना, वजन बढ़ना और अनियमित पीरियड पीसीओडी के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं।
- पीसीओएस – पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें ओवरीज असामान्य मात्रा में एण्ड्रोजन, मेल सेक्स हार्मोन का उत्पादन करते हैं जो आमतौर पर महिलाओं में कम मात्रा में मौजूद होती है। इससे आपके प्रजनन हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में अक्सर अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स मिस होना और अप्रत्याशित ओव्यूलेशन देखने को मिल सकता है।
आपको कब चिंतित होना चाहिए?
- आपका पीरियड कभी-कभार आता है (प्रत्येक 6 सप्ताह या उससे कम बार)
- आपको 6 महीने या उससे अधिक समय से पीरियड नहीं आए हैं
- आपका पीरियड लगातार 3 महीने या इससे अधिक समय से जल्दी या देर से आया है
अनियमित पीरियड्स के लिए ट्रीटमेंट
क्योंकि अनियमित पीरियड शरीर के अंदर छिपे कई कारणों से शुरू हो सकती है इसलिए आपके डॉक्टर कई ट्रीटमेंट ऑप्शन आपको सुझा सकते हैं। आपके लक्षणों के आधार पर ये ट्रीटमेंट शामिल हो सकते हैं:
- हार्मोन थेरेपी – अगर आपका अनियमित पीरियड पेरिमेनोपॉज़ के कारण है तो हार्मोन थेरेपी सहायक हो सकती है। हालांकि हार्मोन थेरेपी से जुड़े जोखिम भी हैं इसलिए अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस थेरेपी को करवाएं।
- हार्मोनल बर्थ कंट्रोल – पीसीओएस, यूटरिन फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस या अन्य मेडिकल कंडीशन के कारण होने वाले अनियमित या हेवी ब्लिडिंग को हार्मोनल बर्थ कंट्रोल से प्रबंधित किया जा सकता है। वे आपके साइकिल को रेगुलेट करके इसे और ज्यादा प्रीडिक्टबल बनाकर भी मदद करते हैं। ये संयोजन हार्मोनल बर्थ कंट्रोल गोलियाँ हो सकती हैं जिनमें एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन या सिर्फ प्रोजेस्टिन बर्थ कंट्रोल शामिल हैं। दोनों प्रकार अलग-अलग रूपों में आते हैं जैसे गोलियाँ, वजाइनल रिंग, इंजेक्शन या आईयूडी।
- ओवर-द-काउंटर पेन रिलीविंग – आप इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर पेन रिलीविंग दवा लेकर हल्के से मध्यम दर्द या ऐंठन से राहत पा सकते हैं।
इसके अलावा सर्जरी, सही एक्सरसाइज, तनाव से राहत और अपने खानपान में बदलाव करके इरेगुलर पीरियड की समस्या से निजात पा सकते हैं।
पीरियड आने के उपाय
- पीरियड संबंधी विभिन्न समस्याओं के लिए योग एक प्रभावी उपचार हो सकता है। योग को पीरियड के दर्द और इससे जुड़े भावनात्मक लक्षणों, जैसे डिप्रेशन और तनाव को कम करने में योगा बेहद मददगार साबित होता है।
- आपके वजन में बदलाव आपके पीरियड को प्रभावित कर सकता है इसलिए अपने वजन को मेंटेन करना बेहद जरूरी है। इससे आपके पीरियड को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करने के कई फायदे हैं और ये आपके पीरियड में भी मदद कर सकते हैं। यह आपके मॉडरेट वेट को बनाए रखने में भी मदद कर सकता है और आमतौर पर पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लिए बेहद फायदेमंद है।
- अनियमित पीरियड में अदरक का इस्तेमाल घरेलू उपचार के तौर पर किया जाता है और ये फायदेमंद साबित होता है। हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि यह काम करता ही है।
- दालचीनी विभिन्न मासिक धर्म संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है। रिसर्च में पाया गया है कि इससे पीरियड को रेगुलेट करने में मदद मिली। साथ ही पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए ये एक प्रभावी उपचार का विकल्प हो सकता है।
- अनानास मासिक धर्म संबंधी समस्याओं के लिए एक लोकप्रिय घरेलू उपचार है। इसमें ब्रोमेलैन होता है, एक एंजाइम जिसके बारे में दावा किया जाता है कि आपके पीरियड को कंट्रोल करता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
- क्या दो महीने तक पीरियड मिस होना सामान्य है?
एक या दो पीरियड मिस होना सामान्य तो नहीं है लेकिन यह बहुत चिंताजनक भी नहीं है। हाल ही में आपके जीवन में हुए किसी भी बदलाव पर एक नज़र डालें। तनाव, नई वर्कआउट रुटिन, वजन घटना या बढ़ना, या बर्थ कंट्रोल में बदलाव जैसी चीजें आपके साइकिल को प्रभावित कर सकती हैं। अगर आपके पीरियड लगातार तीन या अधिक महीनों तक मिस होता है या अगर आप अपनी अगले टाइम पीरियड दौरान अन्य असामान्य लक्षणों का अनुभव करते हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- पीरियड्स में कितनी देरी होना सामान्य है?
आपके पीरियड में कुछ वक्त की देरी आमतौर पर ठीक है। अगर आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल के बीच के समय में अचानक बदलाव देखते हैं तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यह हमेशा किसी समस्या का संकेत नहीं देता है लेकिन इसकी जांच कराना एक अच्छा विचार है।
- अनियमित पीरियड कब तक आम है?
जब आपको पहली बार पीरियड शुरू होता है (करीब 9 से 14 वर्ष की आयु में) या पेरिमेनोपॉज़ के दौरान (करीब 45 से 50 वर्ष की आयु में या मेनोपॉज से ठीक पहले) अनियमित पीरियड्स बेहद आम होते हैं।
- अगर मेरे पीरियड अनियमित हैं तो क्या मुझे चिंतित होना चाहिए?
अनियमित पीरियड के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है, क्योंकि इसमें कुछ बदलाव सामान्य हैं। लेकिन आपके लिए जो सामान्य है वह आपके दूसरे दोस्तों के लिए सामान्य से अलग हो सकता है। हालांकि, कुछ लक्षण किसी बड़ी समस्या का संकेत हो सकते हैं।
Related Posts
Written by:
Dr. Madhulika Singh
Consultant
Dr. Madhulika Singh, with more than 10 years of experience, is an IVF specialist. She is well-versed in Assisted Reproductive Technology (ART) techniques, ensuring the safety and success rate of treatments.Along with this, she is an expert in managing high-risk cases.
Allahabad, Uttar Pradesh
Our Services
Fertility Treatments
Problems with fertility are both emotionally and medically challenging. At Birla Fertility & IVF, we focus on providing you with supportive, personalized care at every step of your journey towards becoming a parent.Male Infertility
Male factor infertility accounts for almost 40%-50% of all infertility cases. Decreased sperm function can be the result of genetic, lifestyle, medical or environmental factors. Fortunately, most causes of male factor infertility can be easily diagnosed and treated.We offer a comprehensive range of sperm retrieval procedures and treatments for couples with male factor infertility or sexual dysfunction.
Donor Services
We offer a comprehensive and supportive donor program to our patients who require donor sperm or donor eggs in their fertility treatments. We are partnered with reliable, government authorised banks to source quality assured donor samples which are carefully matched to you based on blood type and physical characteristics.Fertility Preservation
Whether you have made an active decision to delay parenthood or are about to undergo medical treatments that may affect your reproductive health, we can help you explore options to preserve your fertility for the future.Gynaecological Procedures
Some conditions that impact fertility in women such as blocked fallopian tubes, endometriosis, fibroids, and T-shaped uterus may be treatable with surgery. We offer a range of advanced laparoscopic and hysteroscopic procedures to diagnose and treat these issues.Genetics & Diagnostics
Complete range of basic and advanced fertility investigations to diagnose causes of male and female infertility, making way for personalized treatment plans.Our Blogs
To Know More
Speak to our experts and take your first steps towards parenthood. To book an appointment or to make an enquiry, please leave your details and we will get back to you.