मेनोपॉज क्या है – लक्षण और इलाज
- Published on December 19, 2022

उम्र के साथ-साथ महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं – मेनोपॉज भी उन्हीं में से एक है। मेनोपॉज से पहले और दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होते हैं। आइए मेनोपॉज के लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।
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मेनोपॉज क्या है (Menopause in Hindi)
मेनोपॉज को रजोनिवृत्ति के नाम से भी जाना जाता है। जब एक महिला को 12 महीनों तक पीरियड्स नहीं आते हैं तो उस स्थिति को मेडिकल भाषा में मेनोपॉज कहा जाता है। आमतौर पर यह 45-55 की उम्र के बीच शुरू होता है। हालाँकि, कुछ मामलों में यह इससे पहले या बाद में भी हो सकता है।
मेनोपॉज आने के बाद महिला स्वाभाविक रूप से गर्भधारण नहीं कर सकती है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो ओवरी यानी अंडाशय की उम्र के रूप में होती है। इस दौरान प्रजनन हार्मोन का उत्पादन कम धीरे-धीरे बंद हो जाता है। मेनोपॉज के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं।
मेनोपॉज आने पर महिला खुद में अनेक लक्षणों को अनुभव करती है जो असहज और परेशान करने वाले हो सकते हैं। अधिकतर महिलाओं को मेनोपॉज आने के बाद मेडिकल सहायता की आवश्यकता नहीं पड़ती है। लेकिन लक्षण गंभीर होने पर महिला को डॉक्टर से परामर्श करने का सुझाव दिया जाता है।
आइए इस ब्लॉग में हम मेनोपॉज के लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।
मेनोपॉज का लक्षण और उपचार (Menopause Symptoms & Treatment in Hindi)
मेनोपॉज होने पर महिला खुद में अनेक लक्षणों को अनुभव कर सकती है। नीचे हम इसके मुख्य लक्षणों और उनके उपचार (Menopause Treatment in Hindi) के बारे में विस्तार से बता रहे हैं:
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स्तनों में कोमलता
जब एक महिला को मेनोपॉज आता है तो उसके स्तन कोमल हो जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है। स्तनों की कोमलता और सूजन को दूर करने के लिए डॉक्टर कुछ ख़ास दवाएं निर्धारित करते हैं।
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हॉट फ्लैशेस
मेनोपॉज होने पर महिला अपने शरीर में गर्माहट महसूस कर सकती है। इस लक्षण को दूर करने के लिए महिला को अधिक मात्रा में पानी, फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। साथ ही, तैलीय, मसालेदार, फ़ास्ट फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स, शराब और सिगरेट आदि से परहेज करना चाहिए।
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यूरिनरी लीकेज
यूरिनरी लीकेज को मेडिकल भाषा में स्ट्रेस यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस भी कहते हैं। मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन का स्तर कम होने पर महिला को यूरिनरी लीकेज की समस्या भी हो सकती है। इसे दूर करने के लिए आमतौर पर डॉक्टर लेजर वैजाइनल टाइटनिंग का सुझाव देते हैं।
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योनि में सूखापन
मेनोपॉज के दौरान महिला में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। साथ ही, योनि के अस्तर पतले होने लगते हैं और योनि स्राव भी कम हो जाता है। नतीजतन, योनि लोच यानी वैजाइनल इलास्टिसिटी कम हो जाती है और योनि में सूखापन आ जाता है।
योनि में सूखापन होने के कारण महिला को यौन संबंध बनाते समय तेज दर्द अनुभव हो सकता है। इस समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टर कुछ लुब्रिकेंट्स का सुझाव देते हैं जिसका इस्तेमाल करने से यौन संबंध बनाते समय योनि में दर्द की शिकायत दूर हो जाती है।
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स्पॉटिंग या अनियमित रक्तस्राव
कुछ महिलाएं मेनोपॉज आने के बाद कुछ दिनों तक स्पॉटिंग या अनियमित रक्तस्राव भी अनुभव कर सकती हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर उपचार की मदद से इस समस्या को दूर करते हैं।
हालाँकि, मेनोपॉज के बाद स्पॉटिंग या हेवी ब्लीडिंग अन्य स्वास्थ्य संबंधित कारणों से भी हो सकते हैं। इसलिए इसे नजरअंदाज करना उचित नहीं है। मेनोपॉज के बाद इन लक्षणों को अनुभव करने पर जल्द से जल्द विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।
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वजन बढ़ना
जब एक महिला मेनोपॉज से गुजरती है तो उसका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है जिससे उसका वजन बढ़ने लगता है यानी मोटापा का खतरा होता है। इस समस्या से बचने के लिए डॉक्टर आमतौर पर नियमित रूप से व्यायाम करने और स्वस्थ जीवनशैली एवं डाइट पर ध्यान देने का सुझाव देते हैं।
इन सबके अलावा, महिला दूसरे भी लक्षणों को अनुभव कर सकती है जैसे की नींद नहीं आना। मेनोपॉज के कारण महिला को हॉट फ्लैश होने और पसीना आने के कारण नींद में बाधा पैदा हो सकती है। इस स्थिति में महिला पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं ले पाती है। इस समस्या से निबटने के लिए डॉक्टर नींद सोने से पहले मेडिटेशन करने का सुझाव देते हैं।
साथ ही, संभव होने पर सोने से पहले ठंडे या हल्का गर्म पानी से स्नान करने का सुझाव देते हैं। बिस्तर पर जाने से पहले स्नान और मेडिटेशन करने से तन और मन दोनों शांत हो जाते हैं जिससे गहरी और पूर्ण रूप से नींद लेने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिससे एक उम्र के बाद हर महिला को गुजरना है। यह कोई बीमारी नहीं है – इसलिए आपको इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। हालाँकि, कुछ मामलों में इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं – ऐसा होने पर आपको मेडिकल सहायता की ज़रूरत पड़ सकती है।
आमतौर पर मेनोपॉज के बाद अधिकतर महिलाओं को मेडिकल सहायता की ज़रूरत नहीं पड़ती है। अगर आप मेनोपॉज से गुजर रही हैं और आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो आप हमारे विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श कर सकती हैं। हमारे डॉक्टर अपने अनुभव और सटीक उपचार की मदद से आपकी परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मेनोपॉज का मतलब क्या होता है?
मेनोपॉज एक स्थिति है जब महिला के पीरियड्स पूर्ण रूप से रुक जाते हैं। आमतौर पर यह 45-55 की उम्र में होता है।
मेनोपॉज की सही उम्र क्या है?
विशेषज्ञ के अनुसार, मेनोपॉज की सही उम्र 45-50 वर्ष मानी जाती है। इस उम्र की अधिकतर महिलाओं को पीरियड्स आने बंद होने लगते हैं।
मेनोपॉज में क्या-क्या परेशानी होती है?
मेनोपॉज के दौरान एक महिला को लक्षणों के रूप में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि हॉट फ्लैश, योनि में बदलाव, स्तनों में कोमलता, स्पॉटिंग, अनियमित रक्तस्राव, यूरिनरी लीकेज, वजन बढ़ना और नींद नहीं आना आदि।
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