आईवीएफ क्या है – प्रक्रिया, फायदे और साइड इफेक्ट्स (IVF Treatment in Hindi)
- Published on March 15, 2022

बांझपन पुरुष या महिला प्रजनन प्रणाली से संबंधित एक बीमारी है। इससे पीड़ित होने पर नियमित रूप से 12 महीने या उससे अधिक समय तक असुरक्षित यौन संबंध (Regular unprotected sexual intercourse) बनाने के बाद भी गर्भावस्था नहीं होती है।
मेडिकल साइंस में विकास होने के कारण आज आईवीएफ इलाज (IVF treatment in Hindi) का विकल्प हमारे पास उपलब्ध है।
Table of Contents
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF Full Form in Hindi) क्या है (What Is IVF Treatment In Hindi)
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF Full Form in Hindi) को आम बोलचाल की भाषा में आईवीएफ कहते हैं। आईवीएफ ट्रीटमेंट को हिंदी में (IVF treatment in Hindi) भ्रूण प्रत्यारोपण कहा जाता है। आईवीएफ एक प्रजाजन उपचार यानी फर्टिलिटी ट्रीटमेंट (Fertility treatment in Hindi) है। यह बांझपन से पीड़ित व्यक्ति या जोड़े के लिए एक वरदान है।
आईवीएफ के दौरान, स्त्री के अंडे और पुरुष के स्पर्म को लैब में फर्टिलाइज करके भ्रूण का निर्माण किया जाता है। भ्रूण तैयार करने के बाद, उसे महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है। दुनिया भर में हर वर्ष आईवीएफ के जरिए लगभग 80 लाख शिशु जन्म लेते हैं।
आईवीएफ इलाज से जन्मे शिशु को टेस्ट ट्यूब बेबी (Test tube baby in Hindi) कहते हैं। आईवीएफ एक लंबी और जटिल प्रक्रिया है जिसके दौरान आपको काफी बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) की आवश्यकता कब होती है (When Is IVF Treatment Needed In Hindi)
आईवीएफ उपचार से बांझ दंपति को संतान का सुख प्राप्त करने में मदद मिलती है। बांझपन कई कारणों से होता है। जब इलाज के दूसरे सभी माध्यम असफल हो जाते हैं तो डॉक्टर आईवीएफ का चयन करते हैं।
आईवीएफ उपचार की आवश्यकता कई स्थितियों में हो सकती हैं जिसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:-
- एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis & IVF Treatment In Hindi)
एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं को प्रभावित करने वाला एक सामान्य विकार है। इससे पीड़ित महिलाओं के गर्भाशय के बाहर असामान्य रूप से टिश्यू का विकास होता है जो फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय और गर्भाशय को प्रभावित करते हैं।
शोध से यह बात साबित हुई है कि एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिला आईवीएफ की मदद से काफी आसानी से गर्भधारण कर सकती हैं। अगर आपको एंडोमेट्रियोसिस है तो अभी हमारे अनुभवी और विश्वसनीय फर्टिलिटी एक्सपर्ट से फ्री परामर्श कर सकती हैं।
- ओव्यूलेशन से संबंधित डिसऑर्डर (Ovulation Disorders & IVF Treatment In Hindi)
ओव्यूलेशन संबंधित विकार से पीड़ित महिला के अंडाशय में अंडा उत्पन्न नहीं होता है जिसके कारण गर्भधारण करने में परेशानी होती है। जो महिलाएं ओव्यूलेशन से संबंधित डिसऑर्डर से पीड़ित हैं, उनके लिए आईवीएफ उपचार एक सफल और सुरक्षित प्रक्रिया है।
- फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक या खराब होना (Blockage In Fallopian Tube & IVF Treatment In Hindi)
फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉक या खराब होने पर एक महिला को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें मुख्य रूप से गर्भाशय से अंडे का रिलीज नहीं होना, अंडे का स्पर्म से नहीं मिलना और अंतत महिला का बांझपन से पीड़ित होना आदि शामिल हैं।
जो महिलाएं फैलोपियन ट्यूब बंद होने या उसमें किसी तरह की समस्या के कारण गर्भधारण करने में सक्षम नहीं होती हैं उनके लिए आईवीएफ एक बेहतर उपचार विकल्प के रुप में सामने आता है।
- यूटेराइन फाइब्रॉइड्स (Uterine Fibroids & IVF Treatment In Hindi)
यूटेराइन फाइब्रॉइड्स महिला में होने वाले बांझपन के कई कारणों में से एक है। ये महिला के गर्भाशय के शेप और आकार को बदल सकते हैं और कुछ मामलों में यह गर्भाशय के निचले हिस्से यानी सर्विक्स में भी बदलाव लाते हैं।
यूटेराइन फाइब्रॉइड्स से पीड़ित महिला आईवीएफ की मदद से सफलतापूर्वक गर्भधारण कर सकती हैं।
- अस्पष्टीकृत बांझपन (Unexplained Infertility & IVF Treatment In Hindi)
जांच के बाद भी जब बांझपन के सटीक कारणों का पता नहीं चलता है तो इस स्थिति को अस्पष्टीकृत बांझपन (Unexplained infertility in Hindi) कहते हैं। आईवीएफ अस्पष्टीकृत बांझपन का उचित इलाज है।
- स्पर्म की क्वालिटी खराब होना (Low Sperm & IVF Treatment In Hindi)
स्पर्म की क्वालिटी खराब और क्वांटिटी कम होने के कारण पुरुष बांझपन की शिकायत पैदा होती है। स्पर्म की क्वालिटी खराब और संख्या कम होने पर अंडा के साथ फर्टिलाइज करना मुश्किल होता है।
इस तरह के बांझपन का इलाज करने के लिए आईवीएफ के साथ-साथ आईसीएससी का उपयोग किया जाता है।
- आनुवंशिक विकार (Genetic Disorder & IVF Treatment In Hindi)
कुछ मामलो में आनुवंशिक विकार के कारण भी एक जोड़े को गर्भधारण करने में अनेको समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में फर्टिलिटी एक्सपर्ट आईवीएफ उपचार की मदद से जोड़े को गर्भधारण कर संतान का सुख प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
अगर आप ऊपर दी गई समस्याओं से पीड़ित हैं या दूसरे किसी कारणों से गर्भधारण करने में असमर्थ हैं तो अभी हमारे अनुभवी फर्टिलिटी डॉक्टर के साथ अप्वाइंटमेंट बुक कर फ्री परामर्श कर सकती हैं।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के लिए खुद को कैसे तैयार करें (How To Prepare For IVF Treatment In Hindi)
आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए खुद को तैयार करने से पहले आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि इससे आईवीएफ के सफल होने की संभावना अधिक से अधिक और जटिलताओं या साइड इफेक्ट्स का खतरा कम से कम होता है।
अगर आप आईवीएफ उपचार से गर्भधारण करना चाहती हैं तो ऊपर इन्फोग्राफिक में दिए गए बिंदुओं के अलावा निम्न बातों का भी खास ध्यान रखना चाहिए (Things To Do Before IVF Treatment In Hindi):-
- सबसे पहले अपने आप को मानसिक रूप से तैयार करें। इसके लिए आप अपने साथी, परिवार और दोस्तों की मदद ले सकती हैं।
- जब आप मानसिक रूप से तैयार हो जाएं तो एक अच्छे फर्टिलिटी डॉक्टर और सेंटर का चयन करें। फर्टिलिटी सेंटर का चयन करने से पहले अपनी तरफ से रिसर्च कर लें।
- स्वस्थ डाइट लें। अपनी डाइट में प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन से भरपूर चीजों को शामिल करें। हरी पत्तेदार सब्जिया और फलों का सेवन करें।
- अपनी वजन को संतुलित रखें। वजन कम या अधिक होने पर डॉक्टर से परामर्श करें। डॉक्टर से डाइट और लाइफस्टाइल संबंधित टिप्स लें और उन्हें फॉलो करें।
- रोजाना समय पर सोएं और जगें। सुबह उठने के बाद नहाएं और तारो तजा महसूस करें। खुद के शरीर की सफाई का ख़ास ध्यान रखें।
- रोजाना सुबह हल्का व्यायाम करें। मन शांत करने के लिए मेडिटेशन और योग करें। ध्यान रहे कि आपको हेवी एक्सरसाइज से बचना है।
- सिगरेट, शराब या दूसरी नशीली चीजों से दूर रहें। इनका सेवन करने से आईवीएफ उपचार फेल होने का खतरा बढ़ता है।
- तनाव से दूर रहें। खुद को खुश रखने की कोशिश करें। वो काम करें जिससे आपको खुशी मिलती है। अपने मन पसंद की फिल्में देखें, किताबें पढ़ें और गानों को सुनें।
- मन विचलित या किसी तरह की परेशानी होने पर परिवार वालों, दोस्तों और डॉक्टर से खुलकर उस बारे में बात करें।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) से पहले पुरुष की जांच (Tests For Man Before IVF Treatment In Hindi)
आईवीएफ उपचार शुरू करने से पहले प्रजनन विशेषज्ञ कुछ खास जांच करने का सुझाव देते हैं। आईवीएफ उपचार से पहले पुरुष को निम्न जांच कराने पड़ते हैं।
- वीर्य विश्लेषण (सीमेन एनालिसिस)
- हॉर्मोन टेस्टिंग
- अल्ट्रासाउंड
- एमआरआई
- वासोग्राफी
- टेस्टिकुलर बायोप्सी
- जेनेटिक टेस्टिंग
इन सभी जांचों को करने के बाद डॉक्टर महिला की जांच करते हैं।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) से पहले महिला की जांच (Tests For Woman Before IVF Treatment In Hindi)
पुरुष के साथ-साथ आईवीएफ उपचार से पहले महिला का जांच किया जाता है। जांच की मदद से डॉक्टर को बाँझपन के सटीक कारण और दूसरी समस्याओं की पुष्टि करने में मदद मिलती है।
- ओव्युलेशन टेस्ट
- ओवेरियन रिजर्व टेस्ट
- पेल्विक अल्ट्रासाउंड
- हिस्टेरोस्कोपी
ऊपर दिए गए जांचों को करने के बाद डॉक्टर आईवीएफ उपचार की प्रक्रिया को शुरू करते हैं।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) की प्रक्रिया (IVF Treatment Step By Step In Hindi)
आईवीएफ उपचार एक लंबी प्रक्रिया है जिसे पूरा होने में लगभग 6-8 सप्ताह का समय लगता है। हम आपको नीचे आईवीएफ उपचार की प्रक्रिया (ivf ki prakiriya) के बारे में शुरू से लेकर अंत तक बता रहे हैं:-
- डॉक्टर के साथ परामर्श (Consultation With Doctor For IVF Treatment In Hindi)
प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने की कोशिश फेल होने के बाद जब आप प्रजनन विशेषज्ञ यानी फर्टिलिटी डॉक्टर (Fertility doctor in Hindi) से मिलते हैं तो वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानते हैं, आपके लक्षणों से संबंधित कुछ प्रश्न पूछते हैं और फिर विशिष्ट परीक्षण करने का सुझाव देते हैं।
परीक्षण के बाद, आवश्यकता अनुसार डॉक्टर आईवीएफ उपचार की सलाह देते हैं। यहाँ से आईवीएफ उपचार की प्रक्रिया (in vitro fertilization process in hindi) शुरू होती है।
- ओवेरियन स्टिमुलेशन (Ovarian Stimulation For IVF Treatment In Hindi)
आमतौर पर हर महीना एक महिला के अंडाशय से एक अंडा उत्पन्न होता है। हालांकि, आईवीएफ उपचार के लिए एक से अधिक अंडे की आवश्यकता होती है, क्योंकि इससे आईवीएफ सफल होने की संभावना बढ़ती है।
अंडाशय में अंडे की संख्या बढ़ाने के लिए डॉक्टर महिला को कुछ हार्मोनल दवाइयां और इंजेक्शन देते हैं। ये दवाइयां और इंजेक्शन महिला के गर्भाशय को उत्तेजित करती हैं जिससे गर्भाशय में अंडों की संख्या बढ़ती है।
अंडाशय को उत्तेजित करने के लिए डॉक्टर महिला को 4-6 या 6-12 दिनों तक हार्मोनल दवाएं और इंजेक्शन देते हैं। यह समय महिला की उम्र और ओवरऑल स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
- ट्रिगर इंजेक्शन (Trigger Injection For IVF Treatment In Hindi)
यह इंजेक्शन अंडों को मैच्योर बनाता है। इस प्रक्रिया के 33-36 घंटों के बाद डॉक्टर एग रिट्रीवल यानी अंडाशय से अंडे निकालने की प्रक्रिया को शुरू करते हैं।
- अंडे निकालना (Egg Retrieval For IVF Treatment In Hindi)
इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर महिला के अंडाशय से मैच्योर एग को निकालते हैं। इसे पूरा होने में लगभग 20-30 मिनट का समय लगता है। इस प्रक्रिया के दौरान लगभग 8-16 अंडो को निकाला जाता है।
- स्पर्म लेना (Sperm Selection For IVF Treatment In Hindi)
अंडे निकालने के बाद, उसी दिन डॉक्टर पुरुष साथी से स्पर्म भी कलेक्ट करते हैं। हर आईवीएफ सेंटर में एक समर्पित कमरा होता है जहां पुरुष हस्तमैथुन करके अपने स्पर्म को एक छोटे से डब्बे में डालकर क्लिनिक में जमा करते हैं।
दाता स्पर्म या फ्रोजेन स्पर्म की स्थिति में डॉक्टर पहले से ही लैब में स्पर्म को तैयार कर लेते हैं। स्पर्म लेने के बाद, डॉक्टर उसे वाश करके उसका शुद्धिकरण करते हैं।
- फर्टिलाइजेशन (Fertilisation For IVF Treatment In Hindi)
अंडा लेने और स्पर्म का शुद्धिकरण करने के बाद, डॉक्टर एक इनक्यूबेटर (अंडे सेने वाली मशीन) में अंडा और स्पर्म को फर्टिलाइजेशन के लिए रखते हैं।
- भ्रूण का विकास (Embryo Development For IVF Treatment In Hindi)
फर्टिलाइजेशन के बाद अंडा एक भ्रूण में विकसित होता है। उसके बाद, डॉक्टर उस भ्रूण को एक अलग इन्क्यूबेटर में रखकर 5-6 दिनों तक उसके विकास को मॉनिटर करते हैं।
- भ्रूण स्थानांतरण (Embryo Implantation During IVF Treatment In Hindi)
इस प्रक्रिया के दौरान, डॉक्टर विकसित भ्रूण को इन्क्यूबेटर से बाहर निकालकर यूटेराइन वॉल पर इम्प्लांट करते हैं। यह एक छोटी प्रक्रिया है जिसे पूरा होने में अधिक से अधिक 15-20 मिनट का समय लगता है। एम्ब्र्यो ट्रांसफर (Embryo transfer in Hindi) करने के कुछ घंटों के बाद महिला अपने घर जा सकती है।
- गर्भावस्था की जांच (Pregnancy Test After IVF Treatment In Hindi)
आईवीएफ उपचार के 2 सप्ताह बाद, डॉक्टर महिला को क्लिनिक बुलाकर खून की जांच करते हैं। इस जांच के दौरान खून में एचसीजी (hCG) की मौजूदगी की पुष्टि की जाती है।
आईवीएफ गर्भधारण (IVF pregnancy in Hindi) सफल होने पर जांच का रिजल्ट पॉजिटिव आता है और खून में एचसीजी की मौजूदगी पाई जाती है। आईवीएफ उपचार के बाद गर्भधारण होने पर डॉक्टर मरीज को प्रेगनेंसी टिप्स देते हैं।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के फायदे (Benefits Of IVF Treatment In Hindi)
आईवीएफ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह उन लोगों के लिए एक वरदान की तरह है जो किसी कारण से माता-पिता बनने में सक्षम नहीं हैं। आईवीएफ उपचार के फायदों (ivf ke fayde) में निम्नलिखित शामिल हैं:-
- आईवीएफ उपचार में स्वस्थ अंडे और स्पर्म का चयन किया जाता है, इसलिए गर्भधारण की संभावना अधिक होती है।
- आईवीएफ उपचार करने से पहले फर्टिलिटी डॉक्टर पुरुष और महिला दोनों की विस्तृत जांच करते हैं। उसके बाद, पूरी सावधानी के साथ इलाज की प्रक्रिया शुरू करते हैं। यही वजह है कि आईवीएफ उपचार के बाद स्वस्थ शिशु की संभावना अधिक होती है।
- अगर पुरुष के स्पर्म की क्वालिटी ख़राब और संख्या कम है या महिला की ओवरी में स्वस्थ अंडे उत्पन्न नहीं हो रहे हैं तो इस स्थिति में दाता स्पर्म और अंडे (Donor sperm and egg in Hindi) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- आईवीएफ को सरोगेसी (IVF and surrogacy in Hindi) के लिए बेस्ट बिकल्प माना जाता है। अगर आप सरोगेसी के जरिए माता-पिता बनने का प्लान बना रहे हैं तो आईवीएफ उपचार आपके लिए एक बेहतर विकल्प है।
- आईवीएफ उपचार के बाद गर्भपात का खतरा कम होता है। यह बांझपन का एक सुरक्षित और सफल इलाज है।
- आईवीएफ आपको प्रेगनेंसी का समय तय करने की आजादी देता है। आप खुद इस बात का फैसला कर सकती हैं तो आपको कब गर्भधारण करना है।
जब महिला की फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज होता है या पुरुष में स्वस्थ स्पर्म नहीं बनता हैं तो गर्भधारण में परेशानी होती है। ऐसी महिला और पुरुष आईवीएफ उपचार से माता-पिता बनने का सुख प्राप्त कर सकते हैं।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के साइड इफेक्ट्स (Side Effects Of IVF Treatment In Hindi)
आईवीएफ के अनेको फायदों के साथ-साथ इसके कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स भी हैं। आईवीएफ उपचार में आने वाले जोखिम (ivf me ane vale jokhim) में निम्नलिखित शामिल हैं:-
- अंडे निकालते समय जटिलता
- एक से अधिक शिशु के जन्म का खतरा
- मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक असंतुलन
- तनाव, कब्ज और हल्के क्रैम्प्स
- जन्म के समय शिशु का वजन कम होना
- हेवी वेजाइनल ब्लीडिंग
- दस्त और मतली
- पेडू में दर्द और पेशाब में खून
ऊपर दिए आईवीएफ की जटिलताओं के अलावा, कुछ मामलों में आईवीएफ के गंभीर नुकसान (ivf k nuksaan) भी हो सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से:-
- शिशु में जन्मजात दोष
- ओवेरियन कैंसर
- गर्भपात का खतरा
- एक्टोपिक प्रेगनेंसी
- समय से पहले प्रसव
- ओवेरियन हाइपरस्टिमुलेशन सिंड्रोम
आदि शामिल हैं। एक अनुभवी फर्टिलिटी डॉक्टर और विश्वसनीय क्लिनिक का चयन और डॉक्टर द्वारा बताई गई बातों का ध्यान रखकर आईवीएफ के साइड इफेक्ट्स के खतरा को कम किया जा सकता है।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के लिए फर्टिलिटी डॉक्टर को कैसे चुनें (How To Choose IVF Doctor In Hindi)
अगर आप आईवीएफ उपचार से गर्भधारण करना चाहती हैं तो आपको एक अनुभवी, कुशल और विश्वसनीय फर्टिलिटी डॉक्टर (प्रजनन डॉक्टर) का चयन करना चाहिए।
आईवीएफ डॉक्टर का चयन करने से पहले आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:-
- डॉक्टर के पास कौन सी डिग्री है। उसने कहाँ से पढाई की है और फर्टिलिटी उपचार के किस क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त है आदि के बारे में पता करें।
- आईवीएफ उपचार में फर्टिलिटी डॉक्टर का अनुभव आवश्यक होता है। डॉक्टर का अनुभव आईवीएफ की सफलता दर (ivf ki safalta drr) को काफी हद तक प्रभवित करता है। इसलिए आईवीएफ विशेषज्ञ का चयन करने से पहले उनके अनुभव की पुष्टि करें।
- मरीज के साथ फर्टिलिटी डॉक्टर का व्यवहार कैसा है। इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आप डॉक्टर के बारे में इंटरनेट पर पढ़ सकती हैं। साथ ही, जो लोग उस डॉक्टर से इलाज करवा चुके हैं उनसे बात कर सकती हैं।
- आईवीएफ उपचार में फर्टिलिटी डॉक्टर का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है, अब तक उन्होंने कितने आईवीएफ उपचार किए हैं और उसकी सफलता दर क्या है आदि के बारे में भी पता लगाएं।
- फर्टिलिटी डॉक्टर जिस आईवीएफ सेंटर में बैठते हैं उसके बारे में पता करें। क्लिनिक की विश्वसनीयता और सुविधाओं के बारे में भी पता करें। आईवीएफ उपचार के साथ-साथ इलाज की दूसरी कौन सी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है आदि के बारे में भी मालूम करें।
- आईवीएफ उपचार का खर्च (ivf ka kharcha) डॉक्टर और आईवीएफ सेंटर के आधार पर बदलता है। आप जिस फर्टिलिटी डॉक्टर और आईवीएफ सेंटर का चयन करने वाली हैं वहां आईवीएफ उपचार में टोटल कितना खर्च आ सकता है, इस बारे में भी डॉक्टर से बात करें।
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के बाद किन बातों का ध्यान दें (Things To Do After IVF Treatment In Hindi)
आईवीएफ उपचार के बाद डॉक्टर द्वारा बताई गई बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इससे आईवीएफ उपचार सफल होने की संभावना बढ़ती है।
आईवीएफ उपचार के बाद आपको निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए:-
- सेक्स से दूर रहें
- भारी सामान न उठाएं
- नशीली चीजों से दूर रहें
- समय पर दवाएं लें
- संतुलित डाइट लें
- तनाव से दूर रहें
- स्वस्थ वजन रखें
- खुश और फ्रेश रहें
आईवीएफ उपचार के बाद, आपमें अनेको भावनात्मक और शारीरिक बदलाव आते हैं। आईवीएफ उपचार के बाद अगर आपको किसी तरह की कोई परेशानी या मन में प्रश्न हो तो अपने डॉक्टर से संपर्क कर उन्हें अपनी परेशानियों के बारे में बताएं।
मुख्य बिंदु
- प्रजनन देखभाल में बांझपन की रोकथाम, निदान और उपचार शामिल है।
- निम्न और मध्यम आय वाले देशों में बराबर और न्यायसंगत प्रजनन देखभाल आज भी एक बड़ी चुनौती है।
- दुनिया भर में लगभग 4 करोड़ 80 लाख कपल्स और 18 करोड़ 6 लाख इंडिविजुअल्स बांझपन से पीड़ित हैं।
- नेशनल और यूनिवर्सल स्वास्थ्य कवरेज लाभ पैकेजों में प्रजनन देखभाल को शायद ही कभी प्राथमिकता दी जाती है।
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Written by:
Dr Rachita Munjal
Consultant – Birla Fertility and IVF
Dr Rachita Munjal completed her MBBS from Dr D. Y. Patil Medical College, Hospital & Research Centre, Pune and MS (Obstetrics and gynaecology) from Dr. D.Y Patil Vidyapeeth Pune. She has also completed her DAGE (Diploma in Advanced Gynae Endoscopy) from Germany and MRCOG-I (Royal College of Obstetricians & Gynaecologists, UK) Membership Examination.
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