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ओवेरियन सिस्ट क्या है – कारण, लक्षण और इलाज (Ovarian Cyst Meaning in Hindi)

  • Published on April 16, 2022
ओवेरियन सिस्ट क्या है – कारण, लक्षण और इलाज (Ovarian Cyst Meaning in Hindi)

महिलाओं की प्रजनन प्रणाली में कई प्रकार की समस्याएं पैदा होती हैं, ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst in Hindi) भी उन्हीं में से एक है। यह एक सामान्य बीमारी है जिसका समय पर उचित इलाज कर छुटकारा पाया जा सकता है। ओवेरियन सिस्ट के लक्षणों को नजरअंदाज करने या समय पर इलाज नहीं कराने से बांझपन का खतरा बढ़ सकता है।

ओवेरियन सिस्ट क्या है (What is Ovarian Cyst in Hindi)

ओवरी को हिंदी में अंडाशय (Ovary Meaning in Hindi) कहते हैं। यह महिलाओं की प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा है। एक महिला में दो ओवरी होते हैं जो गर्भाशय के दोनों तरफ पेट के निचले हिस्से में स्थित होते हैं। ओवरी का काम एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन एवं अंडों का उत्पादन करना है।

ओवरी में सिस्ट पनपने की स्थिति को मेडकिल की भाषा में ओवेरियन सिस्ट कहते हैं। यह एक बंद थैलीनुमा आकृति का होता है जिसमें तरल पदार्थ भरा होता है। जब तक सिस्ट का आकार बड़ा नहीं होता, अंडाशय में सिस्ट के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।

ओवेरियन सिस्ट के प्रकार (Types of Ovarian Cyst in Hindi)

अंडाशय में सिस्ट के कई प्रकार होते हैं जिसमें फॉलिक्युलर सिस्ट, कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट, सिंपल सिस्ट, कॉम्प्लेक्स सिस्ट, सिस्टाडेनोमास सिस्ट, एंडोमेट्रियम सिस्ट, ड्रमोंइड सिस्ट, चॉकलेट सिस्ट और पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण उत्पन्न सिस्ट शामिल हैं।

ओवेरियन सिस्ट के कारण (Causes of Ovarian Cyst in Hindi)

अगर आप ओवेरियन सिस्ट से पीड़ित हैं तो आपके मन में यह प्रश्न उठ सकता है की ओवेरियन सिस्ट क्यों होता है। तो आइए आज हम इस ब्लॉग के जरिए आपको बताते हैं Ovary Me Cyst क्यों बनते हैं।

वैसे तो ओवेरियन सिस्ट के अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन इसके मुख्य कारणों में निम्न को शामिल किया गया है:-

  1. हार्मोनल समस्याएं:- फंक्शनल सिस्ट या कार्यात्मक सिस्ट हार्मोनल समस्याओं के कारण पैदा होता हैं, लेकिन आमतौर पर इनको इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती है। कुछ दिनों के भीतर ये अपने आप ही ठीक हो जाते हैं।
  2. गर्भावस्था:- जब तक नाल नहीं बन जाता गर्भावस्था को सपोर्ट करने के लिए इसकी शुरुआत में ओवेरियन सिस्ट विकसित होता है। लेकिन कभी-कभी गर्भावस्था के बाद भी सिस्ट ओवरी पर रह जाती है।
  3. एंडोमेट्रियोसिस:- एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं में विकसित होने वाले ओवेरियन सिस्ट को एंडीमेट्रियोमा कहा जाता है। एंडोमेट्रियोसिस उत्तक अंडाशय से जुड़कर सिस्ट का निर्माण कर सकता है।
  4. पेल्विक संक्रमण:- फैलोपियन ट्यूब में गंभीर संक्रमण फैलने के कारण ओवरी में सिस्ट का निर्माण हो सकता है।

ओवेरियन सिस्ट के लक्षण (Symptoms of Ovarian Cyst in Hindi)

सिस्ट का मतलब (Cyst meaning in Hindi) गांठ होता है। ओवेरियन सिस्ट के मामले में जब तक सिस्ट बड़ा आकार नहीं लेते हैं, इनके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन सिस्ट का आकार बढ़ते है एक महिला अपने आप में अनेको लक्षण देख सकती है।

अंडाशय में गांठ (Ovarian Cyst Symptoms in Hindi) के संभावित और सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:-

  1. असामान्य पीरियड्स:- पीरियड्स में अनियमितता होना भी ओवेरियन सिस्ट के लक्षणों में से एक है। अनियमित पीरियड्स की स्थिति में पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं या फिर पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होती है।
  2. सेक्स के दौरान दर्द:- ओवेरियन सिस्ट से पीड़ित महिला जब सेक्स यानी संभोग करती है तो सेक्स के दौरान उसकी ओवरी पर दबाव पड़ता है जिसके कारण दर्द हो सकता है।
  3. पेट में दर्द:- ओवेरियन सिस्ट के कारण महिला के पेट के निचले हिस्से में दर्द और सूजन की शिकायत हो सकती है।
  4. भूख न लगना:- ओवेरियन सिस्ट होने पर एक महिला की भूख में कमी आ जाती है। साथ ही, कई बार पेट में जलन की समस्या भी देखने को मिलती है।
  5. पेशाब के दौरान दर्द:- ओवेरियन सिस्ट की स्थिति में ब्लैडर पर दबाव पड़ता है जिसके कारण पेशाब करते समय महिला को दर्द महसूस हो सकता है। साथ ही, बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता भी महसूस हो सकती है।

इन सबके अलावा भी अंडाशय में सिस्ट के दूसरे लक्षण हो सकते हैं जैसे कि:-

  • जांघों में दर्द
  • बुखार लगना
  • चक्कर आना
  • बेहोश होना
  • तेज तेज सांस लेना
  • मल त्याग करते समय दर्द होना
  • मासिक धर्म चक्र से पहले या दौरान पेडू में दर्द होना

अगर आप एक महिला हैं और खुद में ऊपर दिए गए लक्षणों का अनुभव करती हैं तो आपको बिना देरी किए स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।

ओवेरियन सिस्ट का जांच कैसे होता है (Diagnosis of Ovarian Cyst in Hindi)

सबसे पहले डॉक्टर मरीज से उनके लक्षणों के बारे में पूछते हैं। उसके बाद, पेल्विक जांच करते हैं। अगर पेल्विक जांच के दौरान ओवरी में सूजन दिखता है तो सिस्ट की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करते हैं।

अंडाशय में सिस्ट की जांच करने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड के अलावा एमआरआई और सिटी स्कैन भी कर सकते हैं। जांच के बाद, परिणाम के आधार पर डॉक्टर ओवेरियन सिस्ट के इलाज की प्रक्रिया को शुरू करते हैं।

ओवेरियन सिस्ट का इलाज या उपचार कैसे होता है (Ovarian Cyst Treatment in Hindi)

कुछ प्रकार के ओवेरियन सिस्ट बिना किसी इलाज के अपने आप ही कुछ समय के अदंर सिकुड़कर खत्म हो जाते हैं। हालांकि, दूसरों को इलाज की आवश्यकता होती है। अंडाशय में गांठ का इलाज कई तरह से किया जाता है।

आमतौर पर अंडाशय में सिस्ट का इलाज (cyst ka ilaj in hindi) इसके कारण, प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। ओवेरियन सिस्ट का इलाज हार्मोनल दवाओं और सर्जरी से किया जाता है।

ओवेरियन सिस्ट के आकार, प्रकार और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर मरीज को हार्मोनल दवाएं जैसे कि गर्भनिरोधक गोलियां निर्धारित कर सकते हैं। जब सिस्ट का आकार बड़ा होता है या यह गंभीर रूप ले लेता है तो डॉक्टर सर्जरी का सखारा लेते हैं।

ओवेरियन सिस्ट की सर्जरी को दो तरह से किया जाता है जिसमें पहला लेप्रोस्कोपिक सर्जरी और दूसरा लैपरोटोमी सर्जरी है। ओवेरियन सिस्ट का इलाज (ovary me cyst ka ilaj in hindi) करने के लिए डॉक्टर कौन सी सर्जरी का उपयोग करते हैं यह ओवेरियन सिस्ट के आकार, प्रकार और मरीज के समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. ओवेरियन सिस्ट में क्या नहीं खाना चाहिए?

ओवेरियन सिस्ट होने पर मरीज को अपने खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए। अगर आपको ओवेरियन सिस्ट है तो निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:-

  • शराब और सिगरेट का सेवन न करें
  • फ़ास्ट फूड्स और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन न करें
  • मैदा से बनी चीजों से बचें
  • तैलीय और मसालेदार चीजों से दूर रहें
  • रात में भरी (हैवी) भोजन न करें

इन सबके अलावा, समय पर सोएं और जागें तथा शरीर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।

2. ओवरी में गांठ की दवा क्या है? (Medicine for ovarian cyst in Hindi)

ओवरी में गांठ होने पर डॉक्टर हार्मोनल दवाएं जैसे कि गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने का सुझाव देते हैं।

3. क्या अंडाशय में सिस्ट खतरनाक है?

आमतौर पर ओवरी में सिस्ट खतरनाक नहीं होते हैं, लेकिन अगर लंबे समय उनके लक्षणों को नजरअंदाज किया गया और समय पर उनका उचित इलाज नहीं हुआ तो आगे जाकर अनेको जटिलताएं पैदा हो सकती हैं जैसे कि बांझपन।

Written by:
Dr. Shilpi Srivastva

Dr. Shilpi Srivastva

Consultant
With over 15 years of experience, Dr. Shilpi Srivastva is an expert in the field of IVF and reproductive medicine. She has been at the forefront of innovative developments in reproductive medicine and IVF technology and has won various awards in her field.
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