ओवेरियन सिस्ट क्या है – कारण, लक्षण और इलाज

IVF
Author : Dr. Deepika Nagarwal September 13 2024
Dr. Deepika Nagarwal
Dr. Deepika Nagarwal

MBBS, MS ( Obstetrics and Gynaecology), DNB, FMAS, DCR( Diploma in clinical ART)

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ओवेरियन सिस्ट क्या है – कारण, लक्षण और इलाज

महिलाओं की प्रजनन प्रणाली (Reproductive System) में कई प्रकार की समस्याएं पैदा होती हैं, ओवेरियन सिस्ट भी उन्हीं में से एक है। इसके लक्षणों को नजरअंदाज करने या समय पर इलाज नहीं कराने से निःसंतानता का खतरा बढ़ता है। तो आइए इसके कारण, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से जानते हैं।

ओवेरियन सिस्ट क्या है?

ओवरी को हिंदी में अंडाशय कहते हैं। यह महिलाओं की प्रजनन प्रणाली का एक अहम हिस्सा है। एक महिला में दो ओवरी होते हैं, जो गर्भाशय के दोनों तरफ पेट के निचले हिस्से में स्थित होते हैं। ओवरी का काम एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesteron) हार्मोन एवं अंडों का निर्माण करना है।

ओवरी में सिस्ट बनने पर इसे मेडिकल भाषा में ओवेरियन सिस्ट कहते हैं। जब सिस्ट 5 सेंटीमीटर से बड़ा हो जाता है, तो इसके लक्षण दिखने लगते हैं।

ओवेरियन सिस्ट आमतौर पर प्रजनन क्षमता को प्रभावित या गर्भधारण में रुकावट नहीं डालता है। लेकिन अगर आप गर्भवती हैं और सिस्ट 5 सेंटीमीटर से बड़ा हो जाता है, तो डिलिवरी में समस्याएं हो सकती हैं।

ओवेरियन सिस्ट के कितने प्रकार होते हैं?

ओवरी में कई प्रकार के सिस्ट होते हैं जिसमें शामिल हैं:

  • फॉलिक्युलर सिस्ट
  • कॉर्पस ल्यूटियम सिस्ट
  • सिंपल सिस्ट
  • कॉम्प्लेक्स सिस्ट
  • सिस्टाडेनोमास सिस्ट
  • एंडोमेट्रियम सिस्ट
  • ड्रमोंइड सिस्ट
  • चॉकलेट सिस्ट और पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के कारण उत्पन्न सिस्ट

ओवेरियन सिस्ट क्यों होता है?

अगर आप ओवेरियन सिस्ट की मरीज हैं तो आपके मन में यह प्रश्न उठ सकता है कि ओवेरियन सिस्ट के क्या कारण होते हैं। तो आइए इसके कारणों को समझते हैं। वैसे तो ओवेरियन सिस्ट के अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन इसके मुख्य कारणों में निम्न को शामिल हैं:-

  1. हार्मोनल समस्याएं:- फंक्शनल सिस्ट हार्मोनल समस्याओं के कारण पैदा होते हैं, लेकिन इनको इलाज की आवश्यकता नहीं पड़ती है। कुछ दिनों के भीतर ये अपने आप ही ठीक हो जाते हैं।
  2. गर्भावस्था:- गर्भावस्था की शुरुआत में ओवेरियन सिस्ट बनता है जो गर्भावस्था को सपोर्ट करता है। लेकिन कभी-कभी गर्भावस्था के बाद भी यह सिस्ट ओवरी में बना रह जाता है।
  3. एंडोमेट्रियोसिस:- एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं में विकसित होने वाले ओवेरियन सिस्ट को एंडीमेट्रियोमा कहते हैं। एंडोमेट्रियोसिस टिशू, अंडाशय से जुड़कर सिस्ट का निर्माण कर सकता है।
  4. पेल्विक इंफेक्शन:- फैलोपियन ट्यूब में गंभीर संक्रमण के कारण ओवरी में सिस्ट का निर्माण हो सकता है।

ओवेरियन सिस्ट के लक्षण

सिस्ट का मतलब गांठ होता है। ओवेरियन सिस्ट के मामले में जब तक सिस्ट बड़े आकार का नहीं होता, इनके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन सिस्ट का आकार बढ़ते ही आप खुद में अनेक लक्षणों को अनुभव कर सकती हैं। इसके आम लक्षण में शामिल हैं:-

  1. असामान्य पीरियड्स:- पीरियड्स में अनियमितता होना ओवेरियन सिस्ट के लक्षणों में से एक है। अनियमित पीरियड्स होने पर पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं या फिर पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होती है।
  2. सेक्स के दौरान दर्द:- ओवेरियन सिस्ट से पीड़ित महिला जब सेक्स करती है तो सेक्स के दौरान उसकी ओवरी पर दबाव पड़ता है जिसके कारण दर्द होता है।
  3. पेट में दर्द:- ओवेरियन सिस्ट के कारण महिला के पेट के निचले हिस्से में दर्द और सूजन की शिकायत हो सकती है।
  4. भूख ना लगना:- ओवेरियन सिस्ट होने पर एक महिला की भूख में कमी आ जाती है। साथ ही, कई बार पेट में जलन की समस्या भी देखने को मिलती है।
  5. पेशाब के दौरान दर्द:- ओवेरियन सिस्ट की स्थिति में ब्लैडर पर दबाव पड़ता है जिसके कारण पेशाब करते समय महिला को दर्द हो सकता है। साथ ही, बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता भी महसूस हो सकती है।

इन सबके अलावा भी ओवरी में सिस्ट के अन्य लक्षण हो सकते हैं जैसे कि:-

  • जांघों में दर्द
  • बुखार लगना
  • चक्कर आना
  • बेहोश होना
  • तेज तेज सांस लेना
  • मल त्याग करते समय दर्द होना
  • पीरियड से पहले या दौरान पेडू में दर्द होना

अगर आप खुद में ऊपर दिए गए लक्षणों का अनुभव करती हैं तो बिना देरी किए स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने का सुझाव दिया जाता है।

ओवेरियन सिस्ट की जांच कैसे होती है?

आमतौर पर इसकी जांच डॉक्टर परामर्श द्वारा होती है। प्राथमिक जांच के बाद, सिस्ट की पुष्टि करने के लिए डॉक्टरों के दिशानिर्देश अनुसार अल्ट्रासाउंड किया जाता है।

ओवेरियन सिस्ट की जांच करने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड के अलावा, एमआरआई और सिटी स्कैन भी करते हैं। जांच के बाद, परिणाम के आधार पर ओवेरियन सिस्ट के इलाज की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

ओवेरियन सिस्ट का इलाज

ओवेरियन सिस्ट का इलाज उसके प्रकार और गंभीरता, आपकी उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर किया जाता है। सामान्य उपचार विकल्प निम्नलिखित हैं:

  1. हार्मोनल दवाएं: सिस्ट के आकार, प्रकार और गंभीरता के आधार पर मरीज को गर्भनिरोधक गोलियां दी जाती हैं।
  2. सर्जरी: अगर सिस्ट बड़ा हो या गंभीर हो जाए, तो डॉक्टर सर्जरी का सहारा लेते हैं। इसमें दो प्रकार की सर्जरी होती है: लेप्रोस्कोपिक सर्जरी और लैपरोटोमी सर्जरी।

कुछ प्रकार के ओवेरियन सिस्ट बिना किसी इलाज के खुद ही कुछ समय में खत्म हो जाते हैं। अगर ऐसा नहीं होता, तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ओवेरियन सिस्ट होने पर आपको अपने खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए। निम्न बातों का ध्यान रखें:-

  • शराब और सिगरेट का सेवन न करें
  • फ़ास्ट फूड्स और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन न करें
  • मैदा से बनी चीजों से बचें
  • तैलीय और मसालेदार चीजों से दूर रहें
  • रात में भरी (हैवी) भोजन न करें

इन सबके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और वजन का ध्यान रखने से भी ये समस्याएं दूर रहती हैं।

आमतौर पर अंडाशय में सिस्ट खतरनाक नहीं होते हैं, लेकिन अगर लंबे समय उनके लक्षणों को नजरअंदाज किया गया और समय पर उचित इलाज नहीं हुआ तो आगे जाकर अनेक जटिलताएं पैदा हो सकती हैं जैसे कि निःसंतानता आदि।