बांझपन का जांच और इलाज (Diagnosis & Treatment of Infertility in Hindi)

Dr. Apeksha Sahu
Dr. Apeksha Sahu

MBBS (Gold Medalist), MS (OBG)

12+ Years of experience
बांझपन का जांच और इलाज (Diagnosis & Treatment of Infertility in Hindi)

बांझपन किसे कहते हैं (Infertility in Hindi)

बांझपन पुरुष और महिला दोनों को प्रभावित करता है। यह अनहेल्दी जीवनशैली, गलत खान-पान, नशीली पदार्थों का सेवन, मोटापा और प्रजनन प्रणाली में किसी प्रकार की बीमारी या विकार के कारण होता है।

बांझपन से पीड़ित महिला या पुरुष एक या एक से अधिक वर्ष तक कोशिश करने के बाद भी प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में असफल होते हैं। 

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बांझपन का संभावित कारण (Infertility Cause in Hindi)

अस्पष्ट निःसंतानता कई कारणों से हो सकता है। हालाँकि, इसके मुख्य कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • सूक्ष्म असामान्यताएँ: अस्पष्टीकृत निःसंतानता को सूक्ष्म असामान्यताओं के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जो वर्तमान नैदानिक क्षमताओं से दूर हैं। अंडे की गुणवत्ता, शुक्राणु कार्य, या भ्रूण प्रत्यारोपण के साथ सूक्ष्म समस्याएं पारंपरिक परीक्षण विधियों से दूर हो सकती हैं
  • जेनेटिक कारक: जेनेटिक यानी आनुवंशिक कारक अस्पष्टीकृत निःसंतानता में योगदान कर सकते हैं। प्रजनन क्षमता और प्रजनन से संबंधित जीन में भिन्नता गर्भधारण में शामिल जटिल प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकती है, जिससे दम्पतियों के लिए गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली की शिथिलता: अतिसक्रिय या गलत निर्देशित प्रतिरक्षा प्रणाली भ्रूण के आरोपण में हस्तक्षेप कर सकती है, जिससे अस्पष्टीकृत निःसंतानता हो सकता है। प्रतिरक्षा प्रणाली, जिसे शरीर की रक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है, विकासशील भ्रूण को अपना दुश्मन समझकर हमला कर सकती है, जिससे सफल आरोपण में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
  • पर्यावरण और जीवनशैली कारक: पर्यावरणीय और जीवनशैली कारक जैसे विषाक्त पदार्थों, प्रदूषकों या दीर्घकालिक तनाव के संपर्क में आना अस्पष्टीकृत निःसंतानता में भूमिका निभा सकता है। ये बाहरी प्रभाव प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं और सफल गर्भाधान के लिए आवश्यक नाजुक संतुलन को बाधित कर सकते हैं।

बांझपन की जांच (Diagnosis of Infertility in Hindi)

बांझपन का जांच करना आवश्यक है, क्योंकि जांच से ही इस बीमारी के सटीक कारण का पता चलता है। बांझपन यानी इनफर्टिलिटी का निदान करने के लिए डॉक्टर अनेक जांचों का सुझाव देते हैं। पुरुष में बांझपन यानी मेल इनफर्टिलिटी की स्थिति में डॉक्टर निम्न जांच करने का सुझाव दे सकते हैं:-

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  • शारीरिक परीक्षण: इस परीक्षण के दौरान, डॉक्टर आपके जननांगों की जांच करते हैं और आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाले कारक जैसे कि आनुवंशिक स्थितियां, पुरानी बीमारी और चोट एवं सर्जरी से संबंधित प्रश्न पूछते हैं।
  • शुक्राणु की जांच: इस जांच के दौरान, डॉक्टर पुरुष के शुक्राणु की जांच करके इस बात की पुष्टि करते हैं कि इसके आकार और मूवमेंट में किसी प्रकार की असामान्यता है या नहीं
  • अंडकोष का अल्ट्रासाउंड: अंडकोष का अल्ट्रासाउंड करते समय डॉक्टर अंडकोष और उसके आसपास की संरचनाओं में ब्लॉकेज या दूसरी समस्याओं की पुष्टि करते हैं
  • हार्मोन की जांच: पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन और अन्य हार्मोन के निर्माण और स्तर की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर खून का सैंपल लेकर उसकी जांच करते हैं।
  • मूत्र विश्लेषण: इस टेस्ट के दौरान, डॉक्टर मूत्र का सैंपल लेकर उसमें मौजूद शुक्राणुओं से इस बात का पता लगाते हैं कि स्खलन (इजैकुलशन) के दौरान शुक्राणु लिंग से बाहर निकले के बजाय मूत्राशय में वापस तो नहीं जा रहे हैं
  • आनुवंशिक परीक्षण: अनेक ऐसे आनुवंशिक कारक हैं जो पुरुष के सर्पम की संख्या और गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। आनुवंशिक परीक्षण के दौरान उन्ही कारक का पता लगाया जाता है।

इन सबके अलावा, डॉक्टर अंडकोष से सैंपल लेकर उसकी जांच करते हैं। इस जांच के दौरान शुक्राणु का उत्पादन सामान्य होना इस बात की ओर इशारा करता है कि बांझपन का कारण ब्लॉकेज या शुक्राणु के स्थानांतरण से संबंधित कोई अन्य समस्या है।

पुरुष की तरह ही, महिला बांझपन यानी फीमेल इनफर्टिलिटी का निदान करने लिए भी डॉक्टर कुछ ख़ास प्रकार के जांचों का सुझाव दे सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:-

  • ओव्यूलेशन टेस्ट

ओवुलेशन टेस्ट के दौरान डॉक्टर महिला के ओवुलेशन के समय की पुष्टि करते हैं। यह मासिक धर्म चक्र में उस समय को निर्धारित करने में मदद करता है जब महिला के गर्भवती होने की संभावना सबसे अधिक होती है।

  • हार्मोनल परीक्षण

हार्मोनल परीक्षण में डॉक्टर ल्यूटिनाइलिंग हार्मोन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की जांच करते हैं। इस परीक्षण की मदद से महिला बांझपन की पुष्टि की जा सकती है।

  • हिस्टेरोसेल पिंगोग्राफी

इस जांच के दौरान, डॉक्टर गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब एवं उसके आसपास के हिस्सों में असामान्यता की पुष्टि करते हैं।

  • डिम्बग्रंथि रिजर्व परीक्षण

इसे ओवेरियन रिजर्व टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। इस जांच से डॉक्टर महिला के अंडे की गुणवत्ता और मात्रा की पुष्टि करते हैं।

  • पेल्विक अल्ट्रासाउंड

गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब की बिमारियों के कारण महिला में बांझपन की शिकायत हो सकती है। इनसे संबंधित बिमारियों का पता लगाने के लिए डॉक्टर पेल्विक अल्ट्रासाउंड करते हैं। 

इसके अलावा, महिला बांझपन का निदान करने के लिए डॉक्टर थायरॉइड और पिट्यूटरी हार्मोन की जांच करने का भी सुझाव दे सकते हैं।

बांझपन का इलाज (Treatment of Infertility in Hindi)

बांझपन का उपचार करने के लिए अनेक चिकित्सीय पद्धतियां उपलब्ध हैं। बांझपन यानी इनफर्टिलिटी का इलाज बांझपन के कारण, प्रकार, मरीज की लिंग (महिला/पुरुष) और मरीज के समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

बांझपन का उपचार करने के लिए डॉक्टर निम्न का चयन कर सकते हैं:-

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ओव्यूलेशन प्रेरण:

कुछ दम्पतियों के लिए, ओव्यूलेशन को उत्तेजित करने वाली दवाओं की सिफारिश की जा सकती है। ये दवाएं महिला के मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करती हैं, अंडे के विकास को बढ़ाती हैं और सफल गर्भधारण की संभावना बढ़ाती हैं।

बांझपन के लिए दवाएं (Medicines For Infertility)

हार्मोनल असंतुलन, जीवनशैली या डाइट के कारण बांझपन की शिकायत होने पर डॉक्टर कुछ ख़ास तरह की दवाएं निर्धारित करते हैं

दवाओं का सेवन करने के साथ-साथ डॉक्टर जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने, डाइट में सब्जियों, फलों और डेयरी उत्पादों को शामिल करने का सुझाव देते हैं।

बांझपन के लिए आईयूआई (IUI For Infertility)

इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन को आईयूआई ( IUI in Hindi) कहते हैं। यह एक उन्नत प्रक्रिया है जिसके दौरान पुरुष के शुक्राणु का लैब में शुद्धिकरण किया जाता है। 

उसके बाद, शुद्ध किए गए शुक्राणु को ओवुलेशन के दौरान महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

बांझपन  के लिए आईवीएफ (IVF For Infertility)

आईवीएफ ( IVF in Hindi) बांझपन यानी इनफर्टिलिटी से पीड़ित पुरुष और महिला के लिए एक वरदान है। आईवीएफ का पूरा नाम इन विट्रो फर्टिलाइजेशन है।

आईवीएफ के दौरान, महिला के अंडे को पुरुष के स्पर्म के साथ लैब में निषेचित किया जाता है। उसके बाद, निषेचित अंडे को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

बांझपन के लिए सर्जरी (Surgery For Infertility)

बांझपन के कुछ मामलों में डॉक्टर सर्जरी का भी उपयोग करते हैं। पुरुष में बांझपन का कारण वैरीकोसेल और महिला में बांझपन का कारण फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज होने पर डॉक्टर उपचार के लिए सर्जरी का सहारा लेते हैं

इन सबके अलावा भी बांझपन का उपचार करने के अनेक उपाय मौजूद हैं जैसे कि:-

  • ओवुलेशन इंडक्शन
  • इंट्रा साइटोप्लाज़्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई)
  • फ्रोजेन एम्ब्र्यो ट्रांसफर (एफइटी)
  • ब्लास्टोसिस्ट कल्चर
  • लेजर असिस्टेड हैचिंग (एलएएच)
  • टेस्टिकुलर स्पर्म एस्पिरेशन (टीइएसए)
  • परक्यूटेनियस एपिडिडीमल स्पर्म एस्पिरेशन (पीइएसए)
  • माइक्रोसर्जिकल टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन

प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक परीक्षण (PGT Test):

ऐसे मामलों में जहां आनुवंशिक कारकों का संदेह है, आईवीएफ के दौरान प्रीइम्प्लांटेशन आनुवंशिक परीक्षण की सिफारिश की जा सकती है। इसमें सफल प्रत्यारोपण की उच्चतम संभावना वाले भ्रूणों का चयन करने से पहले आनुवंशिक असामान्यताओं के लिए भ्रूण का विश्लेषण करना शामिल है।

निष्कर्ष

जब एक महिला या पुरुष एक वर्ष या उससे अधिक समय तक असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद भी गर्भधारण करने में असफल होते हैं तो इस स्थिति को बांझपन कहते हैं।

समय पर बांझपन का निदान करके इसके सटीक कारण का पता लगाया जा सकता है। बांझपन का इलाज कई तरह से किया जाता है, लेकिन डॉक्टर इस बीमारी के कारण के आधार पर उपचार के माध्यम का चयन करते हैं।

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