Infertility Treatment in Hindi – बांझपन का जांच और इलाज

Dr. Rakhi Goyal
Dr. Rakhi Goyal

MBBS, MD (Obstetrics and Gynaecology)

23+ Years of experience
Infertility Treatment in Hindi – बांझपन का जांच और इलाज

बांझपन (Infertility) एक ऐसी चुनौती है, जिसका सामना कई कपल्स अपने जीवन में करते हैं। यह शारीरिक के साथ-साथ मानसिक थकावट का भी कारण बन सकता है। यही कारण है कि इनफर्टिलिटी की समस्या के इलाज के लिए लोगों को सही दिशा या मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है। इस ब्लॉग में हम आपको बांझपन के प्रकार, जोखिम, कारण, लक्षण, और उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। यदि आप या कोई आपके करीबी इस समस्या का सामना कर रहे हैं, तो यह लेख आपकी मदद कर सकते हैं, और एक स्वस्थ भविष्य के लिए सही कदम उठाने में मार्गदर्शन प्रदान करेगा।

बांझपन किसे कहते हैं (Infertility in Hindi)

Infographic on infertility in Hindi, with three connected circles labeled as 'परिभाषा' (definition), 'जांच' (tests), and 'इलाज' (treatment), representing the stages of understanding and managing infertility.

 

जब कोई दंपत्ति एक साल तक असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बावजूद गर्भधारण करने में असमर्थ रहते हैं, तो यह बांझपन की स्थिति कहलाती है। बांझपन न सिर्फ शारीरिक रूप से, बल्कि भावनात्मक रूप से भी व्यक्ति को प्रभावित करता है। यही कारण है कि कोई भी व्यक्ति इस स्थिति के लक्षण और कारण को स्वयं जांच नहीं सकते हैं। इसके लिए उन्हें एक फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट की आवश्यकता पड़ती है। चलिए इस समस्या को सरलता से इस ब्लॉग की मदद से समझने का प्रयास करते हैं।

बांझपन के प्रकार क्या हैं? (Types of Infertility in Hindi)

बांझपन के कई प्रकार होते हैं, और यह समझना बेहद जरूरी है कि आप किस स्थिति का सामना कर रहे हैं। यह जानकारी आपके उपचार विकल्पों को सही दिशा दे सकती है।

  • प्राथमिक बांझपन (Primary Infertility): यह स्थिति तब होती है, जब कोई महिला या पुरुष एक वर्ष तक असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बावजूद गर्भधारण करने में असमर्थ रहते हैं। 35 की उम्र से ऊपर होने पर इस अवधि को छह महीने तक घट जाती है।
  • द्वितीयक बांझपन (Secondary Infertility): द्वितीयक बांझपन या सेकेंडरी इनफर्टिलिटी की स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब किसी महिला को पहले गर्भधारण में सफलता मिल चुकी हो, लेकिन बाद में फिर से उन्हें प्रेग्नेंट होने में समस्या आ रही है। यह स्थिति अधिक गंभीर होती है, क्योंकि इस स्थिति का सामना वह महिलाएं करती हैं, जो अभी एक बच्चे की मां होती है और वह दूसरे बच्चे के प्रयास में होती हैं।
  • अस्पष्टीकृत बांझपन (Unexplained Infertility): जब फर्टिलिटी टेस्ट के दौरान कोई स्पष्ट कारण नहीं मिलता और फिर भी गर्भधारण में समस्या होती है, तो इसे अस्पष्टीकृत बांझपन कहा जाता है। यह बहुत ही निराशाजनक हो सकता है, क्योंकि जब सभी टेस्ट के परिणाम सामान्य हो, तो समस्या का पता नहीं चल पाता है।

बांझपन के कारण (Causes of Infertility in Hindi)

बांझपन के कई संभावित कारण हो सकते हैं। हम बिना किसी टेस्ट के यह पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि आप किस बांझपन का सामना कर रहे हैं, लेकिन फर्टिलिटी एक्सपर्ट के साथ परामर्श और फर्टिलिटी टेस्ट इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। हालांकि इस स्थिति के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं –

  • आयु, विशेष रूप से 30 के अंत या 40 की उम्र में यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। पुरुषों में यह समस्या 50 के आस-पास तक उत्पन्न होती है।
  • खाने का विकार, जैसे कि एनोरेक्सिया नर्वोसा और बुलिमिया
  • अत्यधिक शराब का सेवन
  • पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना जैसे कि केमिकल, या कोई कीटनाशक।
  • अत्यधिक व्यायाम
  • रेडियो थेरेपी या कीमोथेरेपी
  • यौन संचारित संक्रमण (STI)
  • धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों का उपयोग (13% से 15% बांझपन मामलों में यह योगदान करता है)
  • मादक पदार्थों का दुरुपयोग
  • मोटापा या अत्यधिक पतलापन
  • मस्तिष्क के हार्मोन उत्पन्न करने वाले केंद्रों (हाइपोथैलेमस या पिट्यूटरी) में असामान्यता
  • दीर्घकालिक स्थितियां और रोग

महिलाओं में बांझपन के कारण

महिलाओं में बांझपन का सबसे सामान्य कारण ओवुलेशन से संबंधित विकार होते हैं। ओवुलेशन वह प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं के अंडे का रिलीज होना होता है ताकि वह शुक्राणु से मिल सके और गर्भधारण की प्रक्रिया पूरी हो सके। निम्न कारणों से बांझपन की समस्या उत्पन्न हो सकती है –

  • एंडोमेट्रियोसिस
  • योनि, गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब की संरचनात्मक असामान्यताएं
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करने वाले विकार जैसे कि सेलिएक रोग या ल्यूपस
  • गुर्दे की बीमारी
  • पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID)
  • हाइपोथैलेमिक और पिट्यूटरी ग्रंथि विकार
  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
  • अंडाशय का ठीक से काम न करना या अंडाणुओं की गुणवत्ता खराब होना।
  • सिकल सेल एनीमिया
  • गर्भाशय में फायब्रॉइड्स या पॉलिप्स  होना
  • थायराइड की बीमारी
  • पहले की गई सर्जरी (ट्यूबल लिगेशन या सैलपिंगेक्टोमी) से गर्भाशय के फैलोपियन ट्यूब्स बंद हो जाना
  • आनुवंशिक या गुणसूत्र से जुड़ी समस्याएं
  • यौन संबंध बनाने में समस्याएं
  • अंडाशय की सर्जरी या जन्म से ही अंडाशय का न होना
  • मासिक धर्म का असामान्य होना या बिल्कुल न आना।

पुरुषों में बांझपन के कारण

पुरुषों में बांझपन का सबसे सामान्य कारण शुक्राणु के आकार, गति (मोटिलिटी) या संख्या (कम शुक्राणु) से जुड़ी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा, पुरुषों में बांझपन के कुछ और कारण हो सकते हैं –

बांझपन के लक्षण (Infertility Symptoms in Hindi)

बांझपन के लक्षण प्रकट नहीं हो सकते, लेकिन कुछ संकेत और लक्षण ऐसे होते हैं, जिनसे आप अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकते हैं और समझ सकते हैं कि शायद आप भी इस रोग के खतरे के दायरे में हैं। महिलाओं और पुरुषों में यह लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। चलिए दोनों में उत्पन्न होने वाले लक्षणों को समझते हैं –

महिला बांझपन के लक्षण:

पुरुष बांझपन के लक्षण:

बांझपन की जांच और परीक्षण (Infertility Diagnosis in Hindi)

Infographic showing various tests for infertility in Hindi, with hexagonal icons labeled as 'शारीरिक परीक्षण' (physical examination), 'शुक्राणु की जांच' (sperm test), 'अंडकोष का अल्ट्रासाउंड' (testicular ultrasound), 'हॉर्मोन की जांच' (hormone testing), 'मूत्र विश्लेषण' (urine analysis), 'आनुवंशिक परीक्षण' (genetic testing), 'ओव्यूलेशन टेस्ट' (ovulation test), 'हिस्टेरोसल पिंगियोग्राफी' (hysterosalpingography), 'डिंबग्रंथि रिजर्व परीक्षण' (ovarian reserve test), and 'पेल्विक अल्ट्रासाउंड' (pelvic ultrasound).

 

बांझपन की जांच करना आवश्यक है, क्योंकि जांच से ही इस बीमारी के सटीक कारण का पता चलता है। बांझपन यानी इनफर्टिलिटी का निदान करने के लिए डॉक्टर अनेक जांच कराने का सुझाव देते हैं। पुरुष में बांझपन यानी मेल इनफर्टिलिटी की स्थिति में डॉक्टर निम्न जांच करने का सुझाव दे सकते हैं:-

  • शारीरिक परीक्षण: इस परीक्षण के दौरान, डॉक्टर आपके जननांगों की जांच करते हैं और आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाले कारक जैसे कि आनुवंशिक स्थितियां, पुरानी बीमारी और चोट एवं सर्जरी से संबंधित प्रश्न पूछते हैं।
  • शुक्राणु की जांच: इस जांच के दौरान, डॉक्टर पुरुष के शुक्राणु की जांच करके इस बात की पुष्टि करते हैं कि इसके आकार और मूवमेंट में किसी प्रकार की असामान्यता तो नहीं है।
  • अंडकोष का अल्ट्रासाउंड: अंडकोष का अल्ट्रासाउंड करते समय डॉक्टर अंडकोष और उसके आसपास की संरचनाओं में ब्लॉकेज या दूसरी समस्याओं की पुष्टि करते हैं।
  • हार्मोन की जांच: पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन और अन्य हार्मोन के निर्माण और स्तर की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर खून का सैंपल लेकर उसकी जांच करते हैं।
  • मूत्र विश्लेषण: इस टेस्ट के दौरान, डॉक्टर मूत्र का सैंपल लेकर उसमें मौजूद शुक्राणुओं से इस बात का पता लगाते हैं कि स्खलन (इजैकुलेशन) के दौरान शुक्राणु लिंग से बाहर निकले के बजाय मूत्राशय में वापस तो नहीं जा रहे हैं।
  • आनुवंशिक परीक्षण: अनेक ऐसे आनुवंशिक कारक हैं, जो पुरुष के स्पर्म की संख्या और गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। आनुवंशिक परीक्षण के दौरान उन्ही कारक का पता लगाया जाता है।

इन सबके अतिरिक्त, डॉक्टर अंडकोष से सैंपल लेकर उसकी जांच करते हैं। इस जांच के दौरान शुक्राणु का उत्पादन सामान्य होना इस बात की ओर इशारा करता है कि बांझपन का कारण ब्लॉकेज या शुक्राणु के स्थानांतरण से संबंधित कोई अन्य समस्या है। पुरुष की तरह ही, महिला बांझपन यानी फीमेल इनफर्टिलिटी का निदान करने लिए भी डॉक्टर कुछ खास प्रकार के जांचों का सुझाव दे सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:-

  • ओव्यूलेशन टेस्ट: ओवुलेशन टेस्ट के दौरान डॉक्टर महिला के ओवुलेशन के समय की पुष्टि करते हैं। यह पीरियड्स साइकिल में उस समय को निर्धारित करने में मदद करता है, जब महिला के गर्भवती होने की संभावना सबसे अधिक होती है।
  • हार्मोनल परीक्षण: हार्मोनल परीक्षण में डॉक्टर ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की जांच करते हैं। इस परीक्षण की मदद से महिला बांझपन की पुष्टि की जा सकती है।
  • हिस्टेरोसेल पिंगोग्राफी: इस जांच के दौरान, डॉक्टर गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब एवं उसके आसपास के हिस्सों में असामान्यता की पुष्टि करते हैं।
  • डिम्बग्रंथि रिजर्व परीक्षण: इसे ओवेरियन रिजर्व टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। इस जांच से डॉक्टर महिला के अंडे की गुणवत्ता और मात्रा की पुष्टि करते हैं।
  • पेल्विक अल्ट्रासाउंड: गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब की बीमारियों के कारण महिला में बांझपन की शिकायत हो सकती है। इससे संबंधित बीमारियों का पता लगाने के लिए डॉक्टर पेल्विक अल्ट्रासाउंड करते हैं।

इसके अलावा, महिला बांझपन का निदान करने के लिए डॉक्टर थायराइड और पिट्यूटरी हार्मोन की जांच करने का भी सुझाव दे सकते हैं।

बांझपन का इलाज (Infertility Treatment in Hindi)

Infographic showing the treatment options for infertility in Hindi, with hexagonal icons labeled as 'दवाएं' (medications), 'आईयूआई' (IUI), 'आईवीएफ' (IVF), and 'सर्जरी' (surgery).

 

बांझपन का इलाज हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है, और यह उसके कारणों, उम्र, और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। यहां कुछ सामान्य उपचार विधियां दी गई है –

  • ओव्यूलेशन इंडक्शन: महिलाओं को ओव्यूलेशन को उत्तेजित करने वाली दवाएं दी जा सकती हैं। यह गर्भधारण की संभावना को बढ़ाती हैं।
  • आईयूआई (IUI)इसमें डॉक्टर पुरुष के शुक्राणु को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित करते हैं। यह प्रक्रिया उन महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकती है, जिनमें फैलोपियन ट्यूब खुली होती हैं।
  • आईवीएफ (IVF)इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) सबसे उन्नत प्रजनन तकनीक है, जिसमें अंडे और शुक्राणु को लैब में निषेचित किया जाता है। इसके बाद, भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है।
  • सर्जरी: बांझपन के कुछ मामलों में डॉक्टर सर्जरी का भी उपयोग करते हैं। पुरुष में बांझपन का कारण वैरीकोसेल और महिला में बांझपन का कारण फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज होने पर डॉक्टर उपचार के लिए सर्जरी का सहारा लेते हैं।

इन सबके अतिरिक्त भी बांझपन का उपचार करने के अनेक उपाय मौजूद हैं जैसे कि –

निष्कर्ष (Conclusion)

बांझपन एक जटिल स्थिति है, लेकिन इसका इलाज संभव है। सही निदान और उपचार से आप परिवार शुरू करने के अपने सपने को साकार कर सकते हैं। जब एक दंपत्ति एक वर्ष तक गर्भधारण करने में असमर्थ रहते हैं, तो सही दिशा में कदम उठाना महत्वपूर्ण होता है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और उपचार विधियों ने बांझपन से जूझ रहे कई दंपत्तियों के लिए एक नई उम्मीद दी है। अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो विशेषज्ञ से परामर्श लेने से आपको बेहतर समाधान मिल सकता है।

कृपया ध्यान दें, यदि आप या आपके कोई करीबी व्यक्ति बांझपन के कारण परेशान है, तो हमारी विशेषज्ञ टीम से परामर्श लें। सही निदान और उपचार से आप भी अपने परिवार के सपने को साकार कर सकते हैं। हमें आज ही संपर्क करें और अपने जीवन को नयी दिशा दें!

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

बांझपन के बारे में सबसे आम भ्रांतियां क्या है?

बांझपन के बारे में कई गलत धारणाएं फैली हुई हैं। कुछ लोग मानते हैं कि बांझपन केवल महिलाओं की समस्या होती है, जबकि यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करती है। दूसरे, कई लोग मानते हैं कि उम्र बढ़ने के बावजूद प्रजनन क्षमता पर कोई असर नहीं होता है, जबकि उम्र बढ़ने के साथ महिला और पुरुष दोनों की प्रजनन क्षमता में कमी आती है।

क्या बांझपन का इलाज पूरी तरह से संभव है?

बांझपन का इलाज हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है, और सफलता दर इलाज के कारण, व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। कई मामलों में आधुनिक तकनीकों जैसे कि आईवीएफ (IVF), आईयूआई (IUI) और ओव्यूलेशन इंडक्शन से सफलता मिल सकती है, लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सही निदान और उपचार विधि अपनाई जाए।

क्या तनाव बांझपन का कारण बन सकता है?

जी हां, लगातार तनाव प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जब आप मानसिक या शारीरिक तनाव में होते हैं, तो यह हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है, जो ओव्यूलेशन या शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखना भी बांझपन के इलाज में सहायक हो सकता है।

क्या बांझपन का इलाज महंगा होता है?

बांझपन का इलाज विभिन्न उपचार विधियों पर निर्भर करता है। कुछ सामान्य उपचारों जैसे कि ओवुलेशन इंडक्शन और आईयूआई अपेक्षाकृत किफायती विकल्प साबित हो सकते हैं, जबकि उन्नत उपचार विधियां जैसे कि आईवीएफ (IVF) और जीनोम परीक्षण महंगे हो सकते हैं। सही मार्गदर्शन के लिए अभी परामर्श लें।

 

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