इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या है – कारण, लक्षण, जांच और उपचार (Erectile Dysfunction in Hindi)
- Published on June 01, 2022

अस्वस्थ जीवनशैली, गलत खान-पान, हार्मोनल असंतुलन, नशीली चीजों के सेवन, उम्र बढ़ने या प्रजनन प्रणाली में किसी तरह की बीमारी या विकार होने पर पुरुष का यौन स्वास्थ्य प्रभावित होता है जिसके कारण पुरुष को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction in Hindi) भी उन्हीं में से एक है।
Table of Contents
इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या है (What is Erectile Dysfunction in Hindi)
यौन संबंध बनाते समय इरेक्शन न होने की वजह से पेनिट्रेशन में दिक्कत आने की समस्या को इरेक्टाइल डिसफंक्शन कहते हैं। इरेक्टाइल डिसफंक्शन को स्तंभन दोष या नपुंसकता भी कहते हैं।
इस बीमारी से पीड़ित पुरुष को सेक्स के दौरान इरेक्शन बिलकुल ही नहीं आता है और अगर कुछ मामलों में आता भी है तो पुरुष इरेक्शन को बरकरार नहीं रख पाता है। इरेक्शन कुछ सेकेंड के अंदर ही खत्म हो जाता है।
जब एक पुरुष सेक्शुअली उत्तेजित होता है तो उसे इरेक्शन महसूस होता है। उसके बाद, उसका दिमाग प्राइवेट पार्ट की नसों में खून के प्रवाह को बढ़ाने का सिग्नल भेजता है। इसे ही इरेक्शन कहते हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने पर पुरुष को उत्तेजित होने के बाद भी पेनिट्रेशन के लिए इरेक्शन नहीं कर पाता है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी नपुंसकता दो तरह की होती है। पहला शॉट टर्म और दूसरा लॉन्ग टर्म होता है।
वैसे तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या किसी भी पुरुष को हो सकती है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह 40 से अधिक उम्र के पुरुषों में देखने को मिलता है जो की पुरुष बाँझपन का कारण बन सकता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षण (Symptoms of Erectile Dysfunction in Hindi)
पुरुष का सेक्स के दौरान इरेक्शन और पेनिट्रेशन न होना इरेक्टाइल डिफंक्शन का सबसे बड़ा लक्षण है। इसके अलावा, स्तंभन दोष से पीड़ित पुरुष खुद में निम्न लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं:-
- यौन इच्छा में कमी आना
- लिंगे में उत्तेजना लाने में परेशानी होना
- समय से पहले स्खलन होना
- स्खलन में देरी होना
- प्रयाप्त उत्तेजना होने के बाद भी सेक्सुअली संतुष्ट नहीं होना
- सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान उत्तेजना को बनाए रखने में परेशानी होना
इन सबके अलावा, इरेक्टाइल डिसफंक्शन से पीड़ित पुरुष खुद में कुछ भावनात्मक लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं जैसे कि मन चिंतित और उदास रहना, शर्म और लज्जा महसूस करना आदि।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कारण (Causes of Erectile Dysfunction in Hindi)
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के अनेक संभावित कारण हैं जिसमें भावनात्मक और शारीरिक दोनों विकारों को शामिल किया जा सकता है।
अधिकतर मामलों में स्तंभन दोष यानि नपुंसकता वाहिकाओं, न्यूरोलॉजिक, साइकोलॉजिक और हार्मोन से संबंधित विकारों के कारण होता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के मुख्य कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:-
-
रक्त परिसंचरण संबंधित समस्याएं
लिंग में खून भर जाने के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन की शिकायत होती है। जब लिंग में खून भर जाता है तो उसके आधार में लगी वॉल्व बंद हो जाती है जिसके कारण खून अंदर ही रुक जाता है।
कोलेस्टेरोल, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का अकड़ना) आदि रोग लिंग स्तंभन की प्रक्रिया में बाधा पैदा करते जिसके कारण नपुंसकता की शिकायत पैदा हो सकती है।
-
सर्जरी
पेल्विस की सर्जरी या प्रोस्टेट कैंसर का उपचार करने वाली प्रोस्टेट सर्जरी के दौरान अक्सर उन नसों को क्षति पहुंच जाती है जो स्तंभन को बनाए रखने में आवश्यक होती हैं। इसलिए सर्जरी के बाद होने वाली क्षति भी इस समस्या का कारण बन सकती है।
-
डिप्रेशन
डिप्रेशन नपुंसकता के सामान्य कारणों में से एक है। यह एक शारीरिक डिऑर्डर के साथ-साथ एक मनोरोग भी है।
-
शराब का सेवन
लंबे समय तक शराब का सेवन करने से नपुंसकता का खतरा बढ़ जाता है। शराब या सिगरेट का अत्याधिक सेवन प्रजनन क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करता है।
-
चोट
रीढ़ की हड्डी या पेल्विक में चोट लगाने पर स्तंभन उत्तेजित करने वाली नस कट या फट सकती है जिसके कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है।
-
हार्मोनल विकार
टेस्टिकुलर फेलियर और पिट्यूटरी ग्रंथि संबंधित समस्याएं या कुछ अन्य प्रकार की दवाओं का सेवन करने से टेस्टोस्टेरोन में कमी आ सकती है जिससे स्तंभन दोष का खतरा बढ़ जाता है।
इन सबके अलावा, दूसरे भी ऐसे कारण हैं जिनसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
इसमें कैंसर से पीड़ित होना, कैंसर का उपचार कराना, हीरोइन, गांजा और कोकीन का सेवन और कुछ ख़ास प्रकार की दवाओं का सेवन करना शामिल हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के जोखिम कारक (Risk Factors of Erectile Dysfunction in Hindi)
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के खतरे को बढ़ाने वाले कारक निम्न हैं:-
- मोटापा
- डायबिटीज
- धूम्रपान करना
- हाई ब्लड प्रेशर
- हाई कोलेस्टेरोल
- मेटाबोलिक सिंड्रोम
- तंबाकू का सेवन करना
ऊपर दिए गए कारकों को ध्यान में रखकर कुछ सावधानियां बरती जाएं तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन के खतरे को कम या ख़त्म किया जा सकता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन की जांच (Diagnosis of Erectile Dysfunction in Hindi)
इरेक्टाइल डिसफंक्शन की जांच करने के लिए डॉक्टर आपके लक्षणों और स्वास्थ्य संबंधित कुछ प्रश्न पूछते हैं।
जांच की मदद से इरेक्टाइल डिसफंक्शन के सटीक कारण और अंतर्निहित स्थिति के कारणों का पता चलता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन जांच करने के लिए डॉक्टर निम्न जांचों का सुझाव कर सकते हैं:-
-
शारीरिक परीक्षण
इस दौरान डॉक्टर लिंग और वृषण की जांच करते हैं। साथ ही, उत्तेजना की जांच करने के लिए डॉक्टर नसों को चेक कर सकते हैं।
शारीरिक परीक्षण के दौरान, डॉक्टर ब्लड प्रेशर चेक करते हैं, ह्रदय और फेफड़ों की आवाज सुनते हैं और प्रोस्टेट की जांच करने के लिए रेक्टल एक्जाम भी कर सकते हैं।
-
खून जांच
खून जांच के दौरान खून का सैंपल लेकर उसे लैब भेज दिया जाता है जहां इसके जरिए दिल से संबंधित बीमारियां, डायबिटीज, कोलेस्टेरोल और दूसरी स्थितियों की जांच की जाती है।
-
यूरिन टेस्ट
यूरिन टेस्ट को मूत्र विश्लेषण भी कहते हैं। इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर पेशाब का सैंपल लेकर डायबिटीज और दूसरी स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं की जांच करते हैं।
-
अल्ट्रासाउंड
अल्ट्रासाउंड को अस्पताल या लैब में एक विशेषज्ञ के द्वारा किया जाता है। इसके दौरान डॉक्टर वाहिका संबंधित समस्या की पुष्टि करते हैं।
जांचों के परिणाम के आधार पर डॉक्टर इलाज की प्रक्रिया शुरू करते हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज (Treatment of Erectile Dysfunction in Hindi)
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का उपचार कई तरह से किया जाता है। मुख्य रूप से इस बीमारी का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है जिसकी पुष्टि जांच के दौरान होती है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का उपचार करने के लिए डॉक्टर कुछ ऐसी दवाएं निर्धारित कर सकते हैं जिसमें नाइट्रिक एसिड मौजूद होता है। इसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हो सकते हैं:-
- सिल्डेनाफिल
- टेडलाफिल
- वार्डनफिल
- अवैनाफिल
ऊपर दी गई दवाओं में नाइट्रिक एसिड होता है जिससे लिंग की मांसपेशियों को आराम मिलता है और उत्तेजना बढ़ती है। उतेजना बढ़ने के कारण इरेक्शन करने में किसी तरह की कोई प्रॉब्लम नहीं होती है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के अन्य इलाज में एलप्रोस्टेडिल सेल्फ इंजेक्शन, टेस्टोस्टेरोन रिप्ल्समेंट और एल-आर्जिनिन आदि शामिल हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन ( नपुंसकता ) के लिए सबसे अच्छा विटामिन कौन सा है?
शरीर में जब कुछ ख़ास प्रकार के विटामिन की भरी मात्रा में कमी होती है तो पुरुष में नपुंसकसता की शिकायत पैदा हो सकती है। नपुंसकता से पीड़ित पुरुष अपने शरीर में इन विटामिन की पूर्ति कर खुद को इस समस्या से मुक्त कर सकते हैं।
निम्न विटामिन की मात्रा को बढ़ाकर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन यानी पुरुष नपुंसकता को दूर किया जा सकता है:
- एल-अर्गिनीन और पिक्नोगेनोल: ये विटामिन लिंग में रक्त प्रवाह को को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- जिंक: यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लक्षणों का उपचार करने में मदद करता है।
- डिहाइड्रोएपियनड्रोस्टेरोन (डीएचईए): यह रक्त वाहिकाहों को उत्तेजित करके इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में सुधार करता है।
- फ्लेवोनोइड युक्त खाद्य पदार्थ: ऐसी खाद्य पदार्थों का सेवन करने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का उपचार करने में मदद मिलती है।
अगर आप इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से पीड़ित हैं तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल कर अपनी समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
निष्कर्ष
इरेक्टाइल डिसफंक्शन कोई गंभीर या जानलेवा बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक आम समस्या है जिसका सटीक उपचार संभव है। इसे नजरअंदाज करने या इसकी इलाज में देरी मनोवैज्ञानिक आघात, निराशा और आत्मविश्वास कम होने का कारण बन सकता है।
साथ ही, यह हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, डिस्लिपिडेमिया, मनोवैज्ञानिक स्थितियों और मधुमेह मेलिटस जैसी प्रमुख सहवर्ती बीमारियों से जुड़ा है। इसलिए इस समस्या का उचित पहचान करने से अन्य प्रमुख बीमारियों का शीघ्र निदान और उपचार हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बारे में कैसे पता चलता है ?
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के बारे में आपको इसके लक्षण के द्वारा पता चलता है। इसके लक्षण में सेक्स के दौरान इरेक्शन और पेनिट्रेशन नहीं होना, यौन इच्छा में कमी आना, समय से पहले स्खलन होना या स्खलन में देरी होना, प्रयाप्त उत्तेजना होने के बाद भी सेक्सुअली संतुष्ट नहीं होना और सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान उत्तेजना को बनाए रखने में परेशानी होना शामिल हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन को ठीक करने के लिए क्या खाना चाहिए ?
इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने पर आपको निम्न का सेवन करना चाहिए:-
- सब्जियां
- फल
- फलियां
- मेवा
- बिन्स
- अनाज
- मछली
- असंतृप्त वासा जैसे कि जैतून का तेल, बादाम और कद्दू के बीज
Related Posts
Written by:
Dr Souren Bhattacharjee
Consultant, Birla Fertility & IVF
Dr Souren Bhattacharjee possesses 32+ years of experience as an IVF Specialist. He has extensive experience in the management of male and female infertility, including IVF and Ultrasound. Along with this, Dr Souren has encountered more than 6000 IVF cycles with a very high success rate. Dr Bhattacharjee is a graduate of Gauhati University, 1983. He earned a diploma in gynaecology and obstetrics in 1991 from Dr MGR Medical University. In 1994, he did his Member Royal College of Obstetricians & Gynaecologists from London and in 2009, he did his Fellow of the Royal College of Obstetricians & Gynaecologists from London.
Over 32 Years of Experience
Kolkata, West Bengal
Our Services
Fertility Treatments
Problems with fertility are both emotionally and medically challenging. At Birla Fertility & IVF, we focus on providing you with supportive, personalized care at every step of your journey towards becoming a parent.Male Infertility
Male factor infertility accounts for almost 40%-50% of all infertility cases. Decreased sperm function can be the result of genetic, lifestyle, medical or environmental factors. Fortunately, most causes of male factor infertility can be easily diagnosed and treated.We offer a comprehensive range of sperm retrieval procedures and treatments for couples with male factor infertility or sexual dysfunction.