पुरुष बांझपन या मेल इनफर्टिलिटी किसी पुरुष और उनके जीवनसाथी के जीवन में हताशा और निराशा भरने का कार्य कर सकता है। पुरुषों में बांझपन एक बढ़ती हुई समस्या है और इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पूरे विश्व के लगभग 186 मिलियन लोग बांझपन से प्रभावित हैं और लगभग आधे मामलों में इसका कारण पुरुष होते हैं। वहीं दूसरी तरफ एनसीबीआई (NCBI) के अनुसार, भारत में सभी इंफर्टिलिटी के मामलों में लगभग 40-50% पुरुष बांझपन की समस्या का सामना करते हैं।
यह संख्या काफी बड़ी है, इसलिए इस विषय पर बात करना बहुत ज्यादा जरूरी है। चलिए समझते हैं कि पुरुष बांझपन का क्या कारण है, इसके लक्षण क्या है और इसका इलाज कैसे संभव है।
पुरुष बांझपन क्या है?
पुरुष बांझपन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पुरुष एक साल तक असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने के बाद भी प्राकृतिक रूप से पिता नहीं बन पाते हैं। इसके कारण यह स्थिति उस व्यक्ति और उसके परिवार के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति साबित होती है। पुरुषों में बांझपन की समस्या के पीछे खराब जीवनशैली, बीमारी, चोट, गंभीर स्वास्थ्य समस्या आदि कारक जिम्मेदार होते हैं।
पुरुष बांझपन का कारण
पुरुष बांझपन के कारणों में एब्नार्मल स्पर्म फंक्शन, बीमारी, चोट, क्रोनिक डिजीज, खराब जीवनशैली, इत्यादि शामिल है। चलिए इन सभी को एक-एक करके समझते हैं
- स्पर्म की कम संख्या होना: स्पर्म की कम संख्या या खराब क्वालिटी के कारण फर्टिलाइजेशन (Fertilization) की प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पाती है, जो पुरुष बांझपन का मुख्य कारण बनता है। स्पर्म की संख्या कम होने के पीछे कई कारण होते हैं जैसे – अत्यधिक ड्रग्स और शराब का सेवन, अधिक तनाव, हार्मोनल असंतुलन, इत्यादि।
- जन्मजात विकार (जन्म से होने वाली समस्या): कुछ समस्याएं होती हैं, जो पुरुषों में उनके जन्म से ही मौजूद होती हैं और वह उनके बांझपन का कारण बनती हैं। जैसे – वास-डेफेरेंस (Vas-deferens) का व्यक्ति के शरीर में जन्म से ही मौजूद न होना इस स्थिति का मुख्य उदाहरण है। इसके कारण इजैक्युलेशन में समस्या आती है।
- तनाव: तनाव और डिप्रेशन शरीर में हार्मोन के असंतुलन का कारण बनते हैं, जिसकी वजह से स्पर्म के उत्पादन में कमी आती है।
- अस्वस्थ आहार: शरीर में पोषक तत्वों की कमी और असंतुलित आहार स्पर्म के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे पुरुष बांझपन की समस्या होती है।
- मोटापा: अधिक वजन या मोटापा टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करता है, जो अंततः शरीर के स्पर्म बनाने की क्षमता को कमजोर करता है।
- गर्मी से अत्यधिक संपर्क: लैपटॉप का अत्यधिक उपयोग, गर्म स्नान, इत्यादि जैसे कारक अंडकोष (टेस्टिस) को गर्म कर सकते हैं, जिसकी वजह से शरीर में स्पर्म काउंट भी कम हो जाता है।
- जेनेटिक डिसऑर्डर: कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं, जो व्यक्ति के जीन्स में ही मौजूद होती है जैसे – क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter syndrome) और मायोटोनिक डिस्ट्रोफी (myotonic dystrophy)। यह जेनेटिक स्वास्थ्य समस्याएं स्पर्म की गतिशीलता और क्वालिटी को गिराती है।
- संक्रमण (Infection): पुरुष अंग पर किसी भी प्रकार का संक्रमण, जैसे कि क्लैमाइडिया (Chlamydia) या गोनोरिया (Gonorrhea), स्पर्म के प्रडक्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
- वैरीकोसेल (Varicocele): यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अंडकोष की नसों में सूजन आ जाती है और उसमें दर्द भी होता है। जब अंडकोष की नसों में सूजन आती है, तो इसमें रक्त का प्रवाह बाधित रहता है जिससे अंततः शरीर में स्पर्म का निर्माण भी कम हो जाता है।
- अंडकोष की चोट: अंडकोष पर किसी भी प्रकार का ट्रामा या सर्जरी अंडकोष को नुकसान पहुंचा सकता है और शरीर में स्पर्म के उत्पादन करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
इन सबके अतिरिक्त दूसरे भी ऐसे अनेक कारक हैं, जो पुरुष की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं, जैसे अंडकोष का अधिक गर्म होना, ट्यूमर और रेडिएशन के संपर्क में आना आदि।
पुरुष बांझपन का लक्षण
पुरुष बांझपन के मुख्य लक्षण के बारे में हम आपको पहले ही बता चुके हैं। बार-बार असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने के बाद भी गर्भधारण न कर पाना ही इस स्थिति का मुख्य लक्षण है। इसके अतिरिक्त मेल इनफर्टिलिटी के संबंध में निम्न लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं –
- यौन संबंध में समस्या: यौन संबंध के दौरान समस्या होना जैसे – इजैक्युलेशन में समस्या, यौन इच्छा में कमी या इरेक्टाइल डिस्फंक्शन।
- अंडकोष में दर्द: अंडकोष (टेस्टिस) क्षेत्र में दर्द, सूजन या गांठ।
- सांस संबंधित संक्रमण: बार-बार सांस से संबंधित संक्रमण होना।
- फेशियल हेयर का कम होना: चेहरे और शरीर पर बालों का कम होना।
- हार्मोनल असंतुलन: क्रोमोसोमल या हार्मोनल असंतुलन होना।
- स्पर्म काउंट कम होना: सामान्य रूप से स्पर्म की संख्या कम होना।
- गाइनेकोमैस्टिया: आसामान्य रूप से छाती का बढ़ना यानी गाइनेकोमैस्टिया होना।
पुरुष बांझपन के कारण कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं जैसे –
- डिप्रेशन या अवसाद
- नुकसान, दुख, अधूरा और असफलता की भावना उत्पन्न होना।
यदि ऊपर बताए गए लक्षणों का अनुभव होता है, तो तुरंत हमसे मिलें और इलाज की योजना पर बात करें।
पुरुष बांझपन का निदान
निदान के बिना, पुरुष बांझपन की पहचान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अंतर्निहित कारण की पहचान करने और पुरुष प्रजनन क्षमता के सामान्य संचालन को बहाल करने के लिए कार्रवाई का उचित तरीका चुनने के लिए उचित मूल्यांकन या गहन परीक्षा की आवश्यकता होती है। जो पुरुष बांझपन की समस्या का सामना कर रहे हैं, उनका निदान किया जा सकता है:
- शारीरिक जाँच
- स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड
- वीर्य विश्लेषण
- रक्त परीक्षण
- टेस्टिकुलर बायोप्सी
पुरुष बांझपन का उपचार
पुरुष बांझपन या मेल इनफर्टिटिली के इलाज के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। जैसे ही कोई रोगी पुरुष बांझपन की शिकायत के साथ हमारे पास आता है, तो हम सबसे पहले कुछ टेस्ट करवाते हैं और परिणाम के आधार पर ही इलाज के विकल्प पर विचार करते हैं।
मुख्य रूप से पुरुष बांझपन का इलाज दो अलग-अलग भाग में बंटा हुआ है – दवाएं और विशिष्ट प्रक्रिया। दवाओं की मदद से लक्षणों से आराम मिल जाता है, और प्रक्रियाओं की सहायता से प्रेगनेंसी में मदद मिलती है। चलिए सभी विकल्पों पर विचार करते हैं। इलाज के लिए निम्नलिखित विकल्पों या इनके संयोजन पर विचार किया जाता है –
- एंटीबायोटिक दवाएं: यदि पुरुष बांझपन का कारण संक्रमण है, तो इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती है।
- हार्मोन रिप्लेसमेंट दवाएं: हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने के लिए इन दवाओं का प्रयोग होता है। इसके अतिरिक्त इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की दवाएं भी दी जाती है।
- आईवीएफ: इन विट्रो फर्टिलाइजेशन या आईवीएफ एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें महिला के अंडाशय (ओवरी) से अंडों निकालकर पुरुष के स्पर्म के साथ लैब में फर्टिलाइज कराया जाता है। फर्टिलाइजेशन के बाद एंब्रियो को महिला के बच्चेदानी में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
- आईयूआई: आईयूआई का पूरा नाम इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन है। यह एक सरल प्रक्रिया है, जिसके दौरान स्पर्म को लैब में फर्टिलाइजेशन के लिए तैयार करके, महिला साथी के बच्चेदानी में ट्रांसफर किया जाता है।
किस इलाज के विकल्प का प्रयोग होगा इसका निर्णय रोगी के स्वास्थ्य और स्पर्म के क्वालिटी पर निर्भर होता है, जिसके लिए जांच की जाती है।
बचाव
पुरुष में निःसंतानता विभिन्न कारणों से हो सकता है, जिनमें आनुवंशिक प्रवृत्ति से लेकर जीवनशैली विकल्प तक शामिल हैं। हालाँकि, ऐसे कई उपाय हैं जो पुरुष निःसंतानता के जोखिम को कम करने मदद करते हैं। इसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:
- स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें: मोटापा, धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन और नशीली दवाओं का उपयोग सभी शुक्राणु की गुणवत्ता और प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और हानिकारक पदार्थों से परहेज अपनाने से निःसंतानता के खतरे को दूर किया सकता है।
- तनाव को प्रबंधित करें: दीर्घकालिक तनाव हार्मोन के स्तर को बाधित कर सकता है और शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। ध्यान, योग या नियमित व्यायाम जैसी तनाव कम करने वाली तकनीकों का अभ्यास प्रजनन क्षमता पर इसके प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।
- यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) से बचें: कुछ एसटीआई जैसे क्लैमाइडिया और गोनोरिया का अगर इलाज न किया जाए तो ये निःसंतानता का कारण बन सकते हैं। सुरक्षित यौन संबंध बनाने और कंडोम का उपयोग करने से इन संक्रमणों के संचरण को रोकने में मदद मिल सकती है।
- अंडकोष को अधिक गर्म होने से बचाएं: लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में रहना, जैसे गर्म टब में लंबे समय तक बैठना या टाइट अंडरवियर पहनना, शुक्राणु उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ढीले-ढाले कपड़े चुनने और अत्यधिक गर्मी के संपर्क से बचें।
- पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों के संपर्क को सीमित करें: कीटनाशकों, प्लास्टिक और कुछ कार्यस्थल वातावरणों में पाए जाने वाले रसायन शुक्राणु उत्पादन में बाधा डाल सकते हैं। जब संभव हो तो जैविक उत्पादों का उपयोग करके और कार्यस्थल में सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करके इन विषाक्त पदार्थों के संपर्क को कम करने से प्रजनन क्षमता की रक्षा करने में मदद मिल सकती है।
- नियमित जांच करवाएं: विशेषज्ञ से परामर्श किसी भी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या की पहचान करने और उसका समाधान करने में मदद मिल सकती है जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है, जैसे कि हार्मोनल असंतुलन या प्रजनन प्रणाली की असामान्यताएं आदि।
ऊपर दिए गए उपायों का पालन करके, पुरुष अपने प्रजनन स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठा सकते हैं और निःसंतानता के जोखिम को कम या ख़त्म कर सकते हैं। हालाँकि, व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर व्यक्तिगत सलाह और मार्गदर्शन के लिए विशेषज्ञ से परामर्श करना आवश्यक है।
निष्कर्ष
अस्वस्थ जीवनशैली, गलत खान-पान, तनाव और नशीली चीजों का सेवन कई सस्याओं की जड़ है, जिसमें से पुरुष बांझपन एक है। पुरुष बांझपन के कारण की पुष्टि के बाद ही इलाज की प्रक्रिया शुरू होती है। पुरुष बांझपन के इलाज के लिए अनेक विकल्प मौजूद हैं, लेकिन सही विकल्प के लिए एक अच्छे डॉक्टर से सलाह लें या फिर हमसे संपर्क करें।
हम फर्टिलिटी और आईवीएफ संबंधित सभी समस्याओं का इलाज प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। किसी भी प्रकार की फर्टिलिटी संबंधित समस्या के लिए आप हमसे बात कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
पुरुष प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी) कैसे बढ़ाएं?
पुरुष अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए अनेक उपाय अपना सकते हैं जैसे –
- सिगरेट और शराब से दूर रहें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- तनाव से दूर रहें
- अधिक दवाओं का सेवन न करें
- रोजाना कुछ समय तक मेडिटेशन करें
- पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें
- एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) से भरपूर चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें
फर्टिलिटी बढ़ाने की सफलता दर कितनी है?
पुरुष बांझपन के इलाज या फिर फर्टिलिटी बढ़ाने की सफलता दर कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे – पुरुष बांझपन का कारण, लक्षण, और पुरुष की वर्तमान स्थिति और उनकी उम्र। पुरुष बांझपन के इलाज के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।