बार-बार प्रयास के बावजूद भी पिता न बन पाना किसी भी व्यक्ति के साथ-साथ उसके परिवार के लिए एक कष्टदायक स्थिति साबित होती है। इसके कारण मानसिक दबाव तो पड़ता ही है, लेकिन इसका प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर भी देखने को मिलता है। हालांकि ऐसे में पुरुषों को कभी भी निराश नहीं होना चाहिए।
उन्हें सबसे पहले यह जानना चाहिए कि पिता न बन पाने के पीछे का कारण क्या है। ऐसे में पुरुषों की फर्टिलिटी की जांच के लिए सीमेन एनालिसिस (Semen Analysis) या फिर वीर्य विश्लेषण किया जाता है।
सीमेन एनालिसिस क्या है?
वीर्य की जांच एक लैब टेस्ट है, जिसमें सीमन (Semen) के सैंपल की जांच माइक्रोस्कोप के नीचे की जाती है। इस जांच से यह पता चलता है कि क्या किसी पुरुष का वीर्य उनके पार्टनर को गर्भवती करने में सक्षम है या नहीं। सीमेन टेस्ट को तीन कारकों पर मापा जाता है, जिसमें शुक्राणुओं की गिनती (Sperm count), आकार (Sperm shape) और गतिशीलता (Sperm Activity) शामिल है। सीमन एनालिसिस की सटीक रिपोर्ट के लिए आमतौर पर दो या तीन बार इस जांच को कराया जाता है। सभी टेस्ट के औसत परिणाम को देखा जाता है और उसी के अनुसार इलाज की योजना पर विचार किया जाता है।
सीमेन की जांच क्यों की जाती है?
सीमेन की जांच करने के दो मुख्य कारण हैं जैसे –
- पुरुष निःसंतानता की जांच (Male Infertility test): प्रजनन क्षमता (Fertility) में कमी के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें से आधे मामलों में यह समस्या पुरुषों में पाई गई है। पुरुषों में प्रजनन क्षमता में कमी शुक्राणुओं की कमी के कारण होती है, इसलिए इस स्थिति के इलाज के लिए सीमेन की जांच की आवश्यकता होती है।
- पुरुष नसबंदी की सफलता की पुष्टि: पुरुष नसबंदी की सफलता की पुष्टि के लिए भी सीमेन की जांच होती है। सीमेन में शुक्राणु की मौजूदगी बताती है कि पुरुष नसबंदी विफल हुई है। इसके अतिरिक्त वीर्य विश्लेषण का सुझाव तब भी दिया जाता है, जब शुक्राणु संबंधित विकार की संभावनाएं उत्पन्न हों।
- सीमेन वॉश के बाद सुधार देखने के लिए: सीमेन वॉश के बाद सुधार देखने के लिए डेंसिटी ग्रेडिएंट और स्विम-अप मेथड से स्पर्म वॉश किया जाता है। इसके बाद स्पर्म की गति और गतिशील स्पर्म की संख्या में आए बदलाव का परीक्षण सीमेन एनालिसिस से किया जाता है।
सीमेन की जांच की तैयारी कैसे करें?
सीमेन की जांच से पहले पुरुषों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। सबसे पहले सीमेन की जांच से एक दिन पहले अपने डॉक्टर से बात करें और वर्तमान में जिन दवाओं का सेवन आप कर रहे हैं इसकी जानकारी उन्हें दें। ऐसा करने से जांच के परिणाम में गलती होने की संभावना कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त इस जांच के सटीक परिणाम के लिए निम्न निर्देशों का पालन भी किया जाना चाहिए –
- जांच के 24-72 घंटे से पहले वीर्य स्खलन यानि इजाकुलेशन (Ejaculation) से बचने की सलाह दी जाती है।
- डॉक्टर के कहे मुताबिक किसी भी हर्बल दवा या हार्मोन की दवा का सेवन न करें।
- जांच के लगभग 1 सप्ताह पहले गांजा, शराब, ड्रग्स, कैफीन, या अन्य नशीले पदार्थ के सेवन से दूर रहें।
सीमेन टेस्ट कैसे होता है?
सीमेन की जांच का पहला चरण सीमेन सैंपल कलेक्शन है। सैंपल कलेक्शन के चार प्रमुख तरीके हैं –
- हस्तमैथुन (Mastubration)
- निरोध के साथ सेक्स (Sex with condom)
- यौन संबंध के दौरान स्खलन (Ejaculation) से पहले सीमेन का कलेक्शन
- बिजली की सहायता से इजैक्युलेशन
इन सभी तरीकों में से सीमेन का सैंपल कलेक्शन का स्वस्थ विकल्प माना जाता है। सीमेन के सैंपल को शरीर के तापमान पर रखना होता है, क्योंकि अगर यह अधिक गर्म या ठंडा हुआ तो सीमेन के जांच का परिणाम गलत आएगा।
सीमेन टेस्ट कैसे होता है। सीमेन एनालिसिस दो तरह से किया जाता है:
- फिजिकल टेस्ट: सीमेन का वॉल्यूम, रंग, लिक्विफिकेशन टाइम, पीएच, फ्रुक्टोज़ और WBC की जांच होती है।
- माइक्रोस्कोपिक टेस्ट: स्पर्म की संख्या, गतिशीलता, आकार और जीवित रहने की क्षमता माइक्रोस्कोप से देखी जाती है।
सीमेन एनालिसिस टेस्ट में कौन से जांच किए जाते हैं?
सीमेन एनालिसिस टेस्ट में मुख्यत दो जांच किए जाते हैं जिसमें स्पर्म मोटिलिटी और स्पर्म मॉर्फोलॉजी शामिल हैं।
स्पर्म मोटिलिटी: स्पर्म मोटिलिटी का मतलब स्पर्म की गतिशीलता से होता है। इस जांच से यह पता लगाया जाता है कि स्पर्म कितनी तेजी से आगे बढ़ सकते हैं, क्योंकि सफल प्रेगनेंसी के लिए स्पर्म का एग (अंडे) तक पहुंचना जरूरी है।
मोटिलिटी के प्रकार:
- प्रोग्रेसिव मोटिलिटी: स्पर्म सीधे और तेजी से आगे बढ़ते हैं।
- नॉन-प्रोग्रेसिव मोटिलिटी: स्पर्म हिलते हैं लेकिन सही दिशा में नहीं बढ़ते।
- इम्मोटाइल स्पर्म: जो बिल्कुल भी अपने जगह से नहीं हिलते।
स्पर्म मॉर्फोलॉजी: स्पर्म मॉर्फोलॉजी से स्पर्म के आकार और संरचना की होती है। स्वस्थ स्पर्म का सिर अंडाकार, मिडपीस मजबूत और पूंछ लंबी होनी चाहिए ताकि यह आसानी से तैर सके।
असामान्य स्पर्म के कारण
- सिर बहुत बड़ा या बहुत छोटा होना
- दो सिर या दो पूंछ होना
- पूंछ का मुड़ा हुआ या छोटा होना
अगर स्पर्म की मोटिलिटी और मॉर्फोलॉजी सही नहीं होने पर प्रजनन क्षमता (fertility) पर असर पड़ सकता है और प्रेगनेंसी के लिए आईयूआई (IUI) या आईवीएफ (IVF) जैसी तकनीकों की जरूरत पड़ सकती है।
सीमेन एनालिसिस की रिपोर्ट को प्रभावित करने वाले कारक
कुछ कारक हैं, जो परीक्षण के परिणाम को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं, जैसे –
- सैंपल देने वाले व्यक्ति का बीमार होना या तनाव में रहना
- लैब तकनीशियन की गलती
- सैंपल का दूषित हो जाना
इन सबके अतिरिक्त कुछ अन्य कारक भी होते हैं, जो सीमेन की जांच के परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं जैसे –
- जांच से 72 घंटों पहले तक नशीले पदार्थ जैसे तंबाकू, शराब और ड्रग्स का सेवन।
- जांच से पहले अधिक कैफीन का सेवन।
- अधिक तनाव लेना या बुखार होना
वीर्य परीक्षण परिणाम
वीर्य विश्लेषण के परिणामों की जांच करने के लिए अपेक्षित मूल्यों के खिलाफ उपर्युक्त विशेषताओं का परीक्षण किया जाता है।
- शुक्राणु एकाग्रता: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, आपके शुक्राणुओं की संख्या प्रति मिलीलीटर वीर्य में कम से कम 15 मिलियन शुक्राणु होना चाहिए।
- शुक्राणु गतिशीलता: आपका शुक्राणु की गतिशीलता (गतिविधि) 50% होनी चाहिए, जिसका अर्थ है कि आपके शुक्राणु कोशिकाओं का कम से कम आधा सक्रिय होना चाहिए।
- शुक्राणु आकृति विज्ञान: शुक्राणु (आकारिकी) के आकार और आकार का भी विश्लेषण किया जाता है। शोध बताते हैं कि आपकी शुक्राणु कोशिकाओं का कम से कम 4% सामान्य आकार का होना चाहिए।
- वीर्य की मात्रा: आपका फर्टिलिटी डॉक्टर भी यह परीक्षण करेगा कि क्या आप पर्याप्त वीर्य का उत्पादन करने में सक्षम हैं। आदर्श रूप से, आपको कम से कम 1.5 मिलीमीटर वीर्य स्खलित करने में सक्षम होना चाहिए।
- पीएच स्तर: आपका वीर्य बहुत अम्लीय नहीं होना चाहिए। आपके वीर्य के नमूने का पीएच स्तर 7.1 से 8.0 के बीच होना चाहिए।
- द्रवीकरण सामान्यतः वीर्य गाढ़े स्खलन के रूप में बाहर आता है और बाद में तरल हो जाता है। वीर्य को तरल रूप में पतला होने में लगने वाले समय को द्रवीकरण समय कहा जाता है। द्रवीकरण का समय आदर्श रूप से 20 मिनट है।
- वीर्य फ्रुक्टोज: वीर्य विश्लेषण वीर्य फ्रुक्टोज के स्तर को भी मापता है जो कि वीर्य पुटिकाओं द्वारा योगदान दिया जाता है। यदि वीर्य में कोई शुक्राणु नहीं पाया जाता है, तो रुकावटों की पहचान करने के लिए फ्रुक्टोज के स्तर की जाँच की जाती है।
- रूप: वीर्य द्रव आमतौर पर धूसर और ओपेलेसेंट होता है। यदि आपके वीर्य के नमूने में लाल रंग है, तो यह रक्त की उपस्थिति का संकेत देता है, जबकि पीले रंग का नमूना पीलिया का संकेत दे सकता है।
सीमेन एनालिसिस टेस्ट नार्मल रिपोर्ट
सीमेन एनालिसिस टेस्ट (Semen Analysis Test) की सामान्य रिपोर्ट में निम्नलिखित पैरामीटर्स सामान्य रेंज में होने चाहिए:
1. वॉल्यूम (Volume)
सामान्य सीमा: 1.5 ml या अधिक
2. शुक्राणुओं की संख्या (Sperm Count)
सामान्य सीमा: 15 मिलियन प्रति मिलीलीटर या अधिक
3. गतिशीलता (Motility)
प्रगतिशील गतिशीलता (Progressive Motility): 32% या अधिक
कुल गतिशीलता (Total Motility): 40% या अधिक
4. आकृति (Morphology)
सामान्य शुक्राणु आकृति: 4% या अधिक (Kruger Criteria के अनुसार)
5. तरलता (Liquefaction Time)
सामान्य सीमा: 60 मिनट के भीतर
6. पीएच (pH Level)
सामान्य सीमा: 7.2 – 8.0
7. व्हाइट ब्लड सेल्स (WBCs)
सामान्य सीमा: 1 मिलियन/ml से कम
अगर सभी पैरामीटर्स सामान्य सीमा में हैं, तो रिपोर्ट को “नॉर्मल सीमेन एनालिसिस” माना जाता है।
अगर कोई वैल्यू असामान्य है, तो डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।
असामान्य सीमेन एनालिसिस रिपोर्ट का मतलब क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस जांच के परिणाम के लिए कुछ मापदंड (पैरामीटर) को सेट किया है। यदि इस जांच का परिणाम निर्धारित मापदंड के अनुसार नहीं आता है, तो इसके संभावित अर्थ को नीचे विस्तार से बताया गया है –
- कम शुक्राणु संख्या (Low sperm count): कम शुक्राणु संख्या के कारण महिलाओं के गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है।
- कम शुक्राणु गतिशीलता (low sperm motility): यदि शुक्राणु की गतिशीलता में कमी आती है, तो वह महिलाओं के अंडे तक पहुंचने में भी असमर्थ रहते हैं।
- शुक्राणु का असामान्य आकार: यदि शुक्राणुओं का आकार सामान्य नहीं है, तो इसके कारण फर्टिलाइजेशन में समस्या आती है।
यहां आपको समझना होगा कि सीमेन एनालिसिस रिपोर्ट में असामान्यता का अर्थ यह नहीं है कि आप पिता नहीं बन सकते हैं। इसके संबंध में आप हमसे मिल सकते हैं और अपने पिता बनने का सपना साकार कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
पुरुष का स्पर्म काउंट कितना होना चाहिए जिससे महिलाएं गर्भधारण कर जाए?
सामान्य तौर पर बच्चे होने के लिए प्रति एमएल में कम से कम 20 मिलियन स्पर्म का होना आवश्यक है। इससे कम काउंट की स्थिति में हम रोगी की मदद कर सकते हैं।
पुरुष में स्पर्म काउंट को बनाए रखने के लिए क्या करें?
पुरुषों में स्पर्म काउंट को बनाए रखने के लिए व्यक्ति को निम्न निर्देशों का पालन करना चाहिए –
- स्वस्थ आहार खाएं
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करें
- तनाव कम करें
क्या सीमेन की जांच में कोई जोखिम होता है?
सीमेन की जांच एक सरल और दर्द रहित प्रक्रिया है। इसमें कोई जोखिम नहीं है क्योंकि सीमेन का सैंपल व्यक्ति को खुद ही देना होता है।
क्या मैं असामान्य सीमेन एनालिसिस की रिपोर्ट के साथ भी बच्चे पैदा कर सकता हूं?
हां, कोई भी व्यक्ति असामान्य सीमेन एनालिसिस की रिपोर्ट के साथ बच्चे पैदा कर सकते हैं। कुछ प्रक्रियाएं हैं जैसे आईवीएफ और आईयूआई जिसकी सहायता से प्राकृतिक रूप से गर्भधारण संभव है।