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सीमेन की जांच (Semen Analysis in Hindi) क्या है और क्यों किया जाता है?

  • Published on March 28, 2022
सीमेन की जांच (Semen Analysis in Hindi) क्या है और क्यों किया जाता है?

बार-बार प्रयास के बावजूद भी पिता न बन पाना किसी भी व्यक्ति के साथ-साथ उसके परिवार के लिए एक कष्टदायक स्थिति साबित होती है। इसके कारण मानसिक दबाव तो पड़ता ही है, लेकिन इसका प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर भी देखने को मिलता है। हालांकि ऐसे में पुरुषों को कभी भी निराश नहीं होना चाहिए।

उन्हें सबसे पहले यह जानना चाहिए कि पिता न बन पाने के पीछे का कारण क्या है। ऐसे में पुरुषों की फर्टिलिटी की जांच के लिए सीमेन एनालिसिस या फिर वीर्य का विश्लेषण किया जाता है।

Table of Contents

सीमेन एनालिसिस क्या है? (What is Semen Analysis?)

वीर्य की जांच एक लैब टेस्ट है, जिसमें सीमन के सैंपल की जांच माइक्रोस्कोप के नीचे की जाती है। इस जांच से यह पता चलता है कि क्या किसी पुरुष का वीर्य उनके पार्टनर को गर्भवती करने में सक्षम है या नहीं। सीमेन की जांच को तीन कारकों पर मापा जाता है, जिसमें शुक्राणुओं की गिनती (Sperm count), आकार (Sperm shape) और गतिशीलता (Sperm Activity) शामिल है। सीमन एनालिसिस की सटीक रिपोर्ट के लिए आमतौर पर दो या तीन बार इस जांच को कराया जाता है। सभी टेस्ट के औसत परिणाम को देखा जाता है और उसी के अनुसार इलाज की योजना पर विचार किया जाता है।

सीमेन की जांच क्यों की जाती है? (Why Semen Analysis is done?)

सीमेन की जांच करने के दो मुख्य कारण हैं जैसे –

पुरुष बांझपन की जांच (Male Infertility test):

प्रजनन क्षमता (Fertility) में कमी के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें से आधे मामलों में यह समस्या पुरुषों में पाई गई है। पुरुषों में प्रजनन क्षमता में कमी शुक्राणुओं की कमी के कारण होती है, इसलिए इस स्थिति के इलाज के लिए सीमेन की जांच की आवश्यकता होती है।

पुरुष नसबंदी की सफलता की पुष्टि:

पुरुष नसबंदी की सफलता की पुष्टि के लिए भी सीमेन की जांच होती है। सीमेन में शुक्राणु की मौजूदगी बताती है कि पुरुष नसबंदी विफल हुई है। इसके अतिरिक्त वीर्य विश्लेषण का सुझाव तब भी दिया जाता है, जब शुक्राणु संबंधित विकार की संभावनाएं उत्पन्न हों।

सीमेन की जांच की तैयारी कैसे करें? (Preparation Before Semen Analysis)

सीमेन की जांच से पहले पुरुषों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। सबसे पहले सीमेन की जांच से एक दिन पहले अपने डॉक्टर से बात करें और वर्तमान में जिन दवाओं का सेवन आप कर रहे हैं इसकी जानकारी उन्हें दें। ऐसा करने से जांच के परिणाम में गलती होने की संभावना कम हो जाती है। इसके अतिरिक्त इस जांच के सटीक परिणाम के लिए निम्न निर्देशों का पालन भी किया जाना चाहिए –

  • जांच के 24-72 घंटे से पहले वीर्य स्खलन यानि इजाकुलेशन (Ejaculation) से बचने की सलाह दी जाती है।
  • डॉक्टर के कहे मुताबिक किसी भी हर्बल दवा या हार्मोन की दवा का सेवन न करें।
  • जांच के लगभग 1 सप्ताह पहले गांजा, शराब, ड्रग्स, कैफीन, या अन्य नशीले पदार्थ के सेवन से दूर रहें।

सीमेन एनालिसिस के दौरान क्या होता है? (What happens during Semen Analysis?)

सीमेन की जांच का पहला चरण सीमेन सैंपल कलेक्शन है। सैंपल कलेक्शन के चार प्रमुख तरीके हैं –

  • हस्तमैथुन (Mastubration)
  • निरोध के साथ सेक्स (Sex with condom)
  • यौन संबंध के दौरान स्खलन (Ejaculation) से पहले सीमेन का कलेक्शन
  • बिजली की सहायता से इजैक्युलेशन

इन सभी तरीकों में से हस्तमैथुन को सैंपल कलेक्शन का स्वस्थ विकल्प माना जाता है। सीमेन के सैंपल को शरीर के तापमान पर रखना होता है, क्योंकि अगर यह अधिक गर्म या ठंडा हुआ तो सीमेन के जांच का परिणाम गलत आएगा।

सीमेन एनालिसिस की रिपोर्ट को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Affecting Semen Analysis report)

कुछ कारक हैं, जो परीक्षण के परिणाम को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं, जैसे –

  • सैंपल देने वाले व्यक्ति का बीमार होना या तनाव में रहना
  • लैब तकनीशियन की गलती
  • सैंपल का दूषित हो जाना

इन सबके अतिरिक्त कुछ अन्य कारक भी होते हैं, जो सीमेन की जांच के परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं जैसे –

  • जांच से 72 घंटों पहले तक नशीले पदार्थ जैसे तंबाकू, शराब और ड्रग्स का सेवन।
  • जांच से पहले अधिक कैफीन का सेवन।
  • अधिक तनाव लेना या बुखार होना

असामान्य सीमेन एनालिसिस रिपोर्ट का मतलब क्या है? (What does an Abnormal Semen Analysis Report mean?)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस जांच के परिणाम के लिए कुछ मापदंड (पैरामीटर) को सेट किया है। यदि इस जांच का परिणाम निर्धारित मापदंड के अनुसार नहीं आता है, तो इसके संभावित अर्थ को नीचे विस्तार से बताया गया है –

  • कम शुक्राणु संख्या (Low sperm count): कम शुक्राणु संख्या के कारण महिलाओं के गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है।
  • कम शुक्राणु गतिशीलता (low sperm motility): यदि शुक्राणु की गतिशीलता में कमी आती है, तो वह महिलाओं के अंडे तक पहुंचने में भी असमर्थ रहते हैं।
  • शुक्राणु का असामान्य आकार: यदि शुक्राणुओं का आकार सामान्य नहीं है, तो इसके कारण फर्टिलाइजेशन में समस्या आती है।

यहां आपको समझना होगा कि सीमेन एनालिसिस रिपोर्ट में असामान्यता का अर्थ यह नहीं है कि आप पिता नहीं बन सकते हैं। इसके संबंध में आप हमसे मिल सकते हैं और अपने पिता बनने का सपना साकार कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पुरुष का स्पर्म काउंट कितना होना चाहिए जिससे महिलाएं गर्भधारण कर जाए?

सामान्य तौर पर बच्चे होने के लिए प्रति एमएल में कम से कम 20 मिलियन स्पर्म का होना आवश्यक है। इससे कम काउंट की स्थिति में हम रोगी की मदद कर सकते हैं।

पुरुष में स्पर्म काउंट को बनाए रखने के लिए क्या करें?

पुरुषों में स्पर्म काउंट को बनाए रखने के लिए व्यक्ति को निम्न निर्देशों का पालन करना चाहिए –

  • स्वस्थ आहार खाएं
  • नियमित रूप से व्यायाम करें
  • धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करें
  • तनाव कम करें

क्या सीमेन की जांच में कोई जोखिम होता है?

सीमेन की जांच एक सरल और दर्द रहित प्रक्रिया है। इसमें कोई जोखिम नहीं है क्योंकि सीमेन का सैंपल व्यक्ति को खुद ही देना होता है।

क्या मैं असामान्य सीमेन एनालिसिस की रिपोर्ट के साथ भी बच्चे पैदा कर सकता हूं? 

हां, कोई भी व्यक्ति असामान्य सीमेन एनालिसिस की रिपोर्ट के साथ बच्चे पैदा कर सकते हैं। कुछ प्रक्रियाएं हैं जैसे आईवीएफ और आईयूआई जिसकी सहायता से प्राकृतिक रूप से गर्भधारण संभव है।

Written by:
Dr. Apeksha Sahu

Dr. Apeksha Sahu

Consultant
Dr. Apeksha Sahu, is a reputed fertility specialist with 12 years of experience. She excels in advanced laparoscopic surgeries and tailoring IVF protocols to address a wide range of women’s fertility care needs. Her expertise spans the management of female reproductive disorders, including infertility, fibroids, cysts, endometriosis, PCOS, alongside high-risk pregnancies and gynaecological oncology.
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