महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन: कारण, लक्षण और उपचार

Dr. Apeksha Sahu
Dr. Apeksha Sahu

MBBS (Gold Medalist), MS (OBG)

12+ Years of experience
महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन: कारण, लक्षण और उपचार

महिला हार्मोनल समस्याएं क्या हैं?

हार्मोनल असंतुलन आपके जीवन की गुणवत्ता पर बुरा असर डाल सकता है। ये हार्मोन असल में शरीर के केमिकल मैसेंजर होते हैं, जो कई जरूरी कार्यों को नियंत्रित करते हैं। जब उनका संतुलन बिगड़ता है, तो किसी हार्मोन की मात्रा बहुत ज्यादा या बहुत कम हो सकती है। यहां तक कि थोड़े से बदलाव भी पूरे शरीर पर गहरा असर डाल सकते हैं। महिलाओं में होने वाली आम हार्मोनल समस्याओं में मुंहासे, चेहरे पर अनचाहे बाल, वजन बढ़ना, मांसपेशियों में कमजोरी, जोड़ों में दर्द, अनियमित पीरियड्स, पीसीओएस, पीसीओडी और अन्य कई समस्याएं शामिल हैं।

अगर कभी पीरियड मिस हो जाएं, तो सबसे पहला ख्याल जो दिमाग में आता है और घबराहट बढ़ा देता है – “क्या मैं प्रेग्नेंट हूं?” “मेरा पीरियड क्यों मिस हो गया?” “मुझसे क्या गलती हुई?” और बिना वजह घबराहट बढ़ने लगती है, जबकि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। इन्हीं में से एक सबसे आम कारण है – हार्मोनल असंतुलन।

हर महिला को अपने जीवन में कभी न कभी हार्मोनल असंतुलन का सामना करना पड़ता है। यह महिलाओं के जीवन का एक अनचाहा लेकिन आम हिस्सा है। इस लेख हम जानेंगे कि महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन क्यों होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इसे कैसे प्रबंधित किया जा सकता है।

तो सबसे पहले समझते हैं कि हार्मोन क्या होते हैं?

हार्मोन वे रसायन हैं जो हमारे शरीर में एंडोक्राइन ग्रंथियों द्वारा उत्पन्न होते हैं। इन्हें हमारे शरीर के केमिकल मैसेंजर भी कहा जाता है, क्योंकि ये रक्त प्रवाह के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों और ऊतकों तक पहुंचते हैं। ये शरीर के अधिकांश कार्यों को नियंत्रित करने के लिए जरूरी होते हैं।

जब हमारे रक्त प्रवाह में किसी हार्मोन की मात्रा बहुत अधिक या बहुत कम हो जाती है, तो इसे हार्मोनल असंतुलन कहा जाता है। जैसा कि पहले बताया गया, हार्मोन शरीर के सुचारू रूप से काम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, इसमें थोड़ा सा भी उतार-चढ़ाव पूरे शरीर पर असर डाल सकता है और कई समस्याओं को जन्म दे सकता है।

हार्मोन मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्यों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं:

  • मेटाबॉलिज्म (शरीर की ऊर्जा खपत और पोषण पाचन)
  • ब्लड शुगर (रक्त में शुगर का स्तर)
  • ब्लड प्रेशर (रक्तचाप का संतुलन)
  • प्रजनन प्रणाली और यौन कार्य
  • शारीरिक वृद्धि और विकास
  • मूड और तनाव का प्रबंधन

हार्मोनल संतुलन बनाए रखना स्वस्थ जीवन के लिए बेहद जरूरी है। अगर हार्मोन असंतुलित हो जाएं, तो कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अगले भाग में हम जानेंगे कि महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के प्रमुख कारण क्या हैं।

महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन से होने वाली जटिलताएं

महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन लंबे समय तक चलने वाली कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हो सकता है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए या समय पर इलाज न मिले, तो यह कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे:

  • डायबिटीज (टाइप 1 और टाइप 2)
  • डायबिटीज इन्सिपिडस (शरीर में पानी की कमी से जुड़ी बीमारी)
  • हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप)
  • हाई कोलेस्ट्रॉल
  • हृदय रोग
  • न्यूरोपैथी (नसों की कमजोरी)
  • मोटापा
  • स्लीप एपनिया (नींद में सांस रुकने की समस्या)
  • किडनी को नुकसान
  • डिप्रेशन और एंग्जायटी
  • एंडोमेट्रियल कैंसर (गर्भाशय की परत का कैंसर)
  • स्तन कैंसर
  • ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना)
  • मांसपेशियों की कमजोरी या गिरावट
  • यूरिन इंकॉन्टीनेंस (बार-बार पेशाब टपकने की समस्या)
  • इनफर्टिलिटी
  • यौन समस्याएं
  • गलगंड (गॉइटर)

हार्मोनल संतुलन बनाए रखना न सिर्फ बेहतर स्वास्थ्य बल्कि दीर्घायु और अच्छी जीवनशैली के लिए भी बेहद जरूरी है। इसलिए, समय रहते सही जांच और इलाज करवाना महत्वपूर्ण है।

महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के लक्षण – Hormonal imbalance symptoms in females in hindi

हार्मोनल असंतुलन के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर की कौन सी ग्रंथि प्रभावित हो रही है। पुरुषों और महिलाओं में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। hormonal imbalance symptoms in females in hindi महिलाओं में सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:

  • अनियमित पीरियड्स
  • बार-बार कब्ज या दस्त की समस्या
  • अनिद्रा (नींद न आना)
  • अचानक वजन बढ़ना
  • त्वचा पर चकत्ते (रैशेज)
  • इनफर्टिलिटी
  • कमर के निचले हिस्से में तेज दर्द
  • चेहरे पर ज़रूरत से ज्यादा बाल आना
  • मुंहासे (एक्ने)
  • बाल झड़ना

सबसे आम हार्मोनल असंतुलन के लक्षण

  1. मुंहासे (Acne): मुँहासे हार्मोनल असंतुलन के सबसे शुरुआती संकेतों में से एक हैं। जब त्वचा के रोमछिद्र (पोर्स) में अधिक तेल जमा हो जाता है, तो यह बैक्टीरिया को आकर्षित करता है और त्वचा की सिबेशियस ग्लैंड्स (तेल ग्रंथियों) को प्रभावित करता है। रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के बाद एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण भी महिलाओं में एक्ने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, PCOS से ग्रस्त महिलाओं में लंबे समय तक और अधिक गंभीर मुंहासे होने की संभावना होती है।
  2. वजन बढ़ना (Weight Gain): हार्मोनल असंतुलन शरीर को कई स्तरों पर प्रभावित करता है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है और वजन बढ़ सकता है। थायरॉयड हार्मोन की कमी से मेटाबॉलिज्म की गति कम हो जाती है, जिससे शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा होने लगती है। इसके अलावा, कुशिंग सिंड्रोम (Cushing’s Syndrome) नामक स्थिति भी हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकती है, जिसमें शरीर में अत्यधिक कॉर्टिसोल हार्मोन बनने से वजन तेजी से बढ़ता है।
  3. गर्भावस्था (Pregnancy): गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, क्योंकि एक नए जीवन को विकसित करना आसान नहीं होता। इस प्रक्रिया के दौरान, हार्मोन जैसे प्रोजेस्टेरोन, एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन के स्तर में लगातार बदलाव होते रहते हैं। हालांकि, यह हार्मोनल उतार-चढ़ाव सामान्य होता है और हमेशा असंतुलन नहीं कहलाता।
  4. बाल झड़ना (Hair Loss): बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें अनुवांशिकता (Genetics) सबसे आम कारणों में से एक है। लेकिन यह हार्मोनल असंतुलन से भी जुड़ा हो सकता है। एंड्रोजन (Androgen) हार्मोन बाल झड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर शरीर में एंड्रोजन का स्तर अधिक या असंतुलित हो जाए, तो इससे महिलाओं में बालों का अत्यधिक झड़ना शुरू हो सकता है। 

महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)

पीसीओएस (PCOS) एक हार्मोनल विकार है, जिसमें अंडाशय (ओवरी) की बाहरी सतह पर छोटे से बड़े आकार की ओवरी सिस्ट (गांठ) बन सकती हैं। हालांकि, इसके सही कारण अब तक स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन शोध के अनुसार, यह आनुवंशिक (genetic) और पर्यावरणीय (environmental) कारकों के मिश्रण से हो सकता है।

अगर आपकी पीरियड्स अनियमित हो जाएं, चेहरे पर अचानक और ज्यादा बाल आने लगे, या बार-बार मुंहासे (Acne) हो रहे हों, तो यह हार्मोनल असंतुलन और PCOS का संकेत हो सकता है।

PCOS से होने वाले हार्मोनल असंतुलन को मैनेज करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाइयां, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल में बदलाव की सलाह देते हैं।

प्राइमरी ओवेरियन इंसफिशिएंसी (POI)

POI एक ऐसी स्थिति है, जब 40-45 की उम्र से पहले ही महिला के अंडाशय (ओवरी) सामान्य रूप से काम करना बंद कर देते हैं। इसे आसान भाषा में अर्ली मेनोपॉज (Early Menopause) भी कहा जाता है।

POI में अंडाशय पर्याप्त मात्रा में एस्ट्रोजन (Estrogen) नहीं बना पाते हैं और समय से पहले ही अंडाणु (Eggs) बनना बंद हो जाते हैं। इससे महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षण जल्दी दिखाई देने लगते हैं, जिससे गर्भधारण (Pregnancy) करने में भी कठिनाई हो सकती है। 

महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन की जांच कैसे होती है?

हार्मोनल असंतुलन की जांच इस पर निर्भर करती है कि इसका कारण क्या है। डॉक्टर विभिन्न प्रकार के परीक्षणों के माध्यम से इसका पता लगाते हैं।

  • ब्लड टेस्ट (रक्त परीक्षण): खून की जांच के जरिए एस्ट्रोजन (Oestrogen), टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) और थायराइड (Thyroid) हार्मोन के स्तर को मापा जाता है।
  • यूरिन टेस्ट (मूत्र परीक्षण): फॉलिकल-स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH) जैसे हार्मोन, जो मासिक धर्म चक्र (Menstrual Cycle) से जुड़े होते हैं, का स्तर पता लगाने के लिए यूरिन टेस्ट किया जाता है।
  • इमेजिंग टेस्ट (एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और MRI): डॉक्टर अल्ट्रासाउंड (Ultrasound), एक्स-रे (X-ray) और मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) जैसे इमेजिंग टेस्ट करवाते हैं। इससे शरीर में सिस्ट (Cyst) या ट्यूमर (Tumor) की जांच की जाती है, जो हार्मोन के असंतुलन का कारण बन सकते हैं।

हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के उपाय

हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रण में रखने के लिए डॉक्टर विभिन्न तरह के उपचार बताते हैं। उचित दवाएं और जीवनशैली में बदलाव लक्षणों में राहत दिला सकते हैं।

  • हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT): अगर किसी महिला को अर्ली मेनोपॉज (Early Menopause), रात में अधिक पसीना आना (Night Sweats) या हॉट फ्लैशेज (Hot Flashes) जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Hormone Replacement Therapy) से राहत मिल सकती है।
  • अनचाहे बालों की समस्या: हार्मोनल असंतुलन के कारण चेहरे पर अधिक बाल (Excessive Facial Hair Growth) आने पर डॉक्टर हार्मोनल दवाएं देते हैं, जो इसे कम करने में मदद करती हैं।
  • अनियमित पीरियड्स: यदि पीरियड्स अनियमित (Irregular Menstrual Cycle) हैं, तो डॉक्टर इसे नियमित करने और अन्य लक्षणों को कम करने के लिए विशेष दवाएं लिखते हैं।
  • वजाइनल ड्राइनेस (योनि में सूखापन): अगर कोई महिला योनि में सूखापन (Vaginal Dryness) महसूस कर रही है, तो डॉक्टर एस्ट्रोजन टैबलेट की सलाह देते हैं, जिससे राहत मिलती है।
  • मुंहासे और अनचाहे बालों के लिए एंटी-एंड्रोजन दवाएं: सीवियर एक्ने (Severe Acne) और अनचाहे बालों की वृद्धि (Excess Facial Hair Growth) को कम करने के लिए डॉक्टर एंटी-एंड्रोजन (Anti-Androgen) दवाएं देते हैं, जो शरीर में टेस्टोस्टेरोन के प्रभाव को नियंत्रित करती हैं। 

हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए जीवनशैली में बदलाव

सही जीवन शैली अपनाने से हार्मोनल असंतुलन के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसके लिए कुछ आसान लेकिन असरदार आदतें अपनानी जरूरी हैं:

  • नियमित व्यायाम करें – रोज़ाना हल्की एक्सरसाइज या योग करें।
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें – ज्यादा वजन या बहुत कम वजन, दोनों हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं।
  • साफ-सफाई का ध्यान रखें – शरीर और त्वचा की सही देखभाल करें।
  • पौष्टिक और संतुलित आहार लें – प्रोटीन, विटामिन और मिनरल से भरपूर भोजन करें।
  • एंटी-एक्ने क्रीम और मेडिकेटेड स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें – त्वचा को हेल्दी रखने के लिए सही उत्पाद चुनें।
  • बहुत ज्यादा मसालेदार और तला-भुना खाना न खाएं – यह शरीर में गर्मी और हार्मोनल समस्याओं को बढ़ा सकता है।
  • कैफीन और ज्यादा मीठे पेय पदार्थ कम करें – ये हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं।
  • योग और ध्यान करें – इससे मानसिक शांति मिलेगी और तनाव कम होगा।
  • संगीत सुनें – मस्तिष्क को रिलैक्स करने और तनाव को कम करने में मदद करता है।
  • पैक्ड और प्रोसेस्ड फूड से बचें – फ्रोजन फूड और नाइट्रोजन से भरे स्नैक्स (जैसे चिप्स) सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

निष्कर्ष

हर महिला अपने जीवन में कभी न कभी हार्मोनल असंतुलन का अनुभव जरूर करती है। यह 12-13 वर्ष की उम्र के बाद यानी पहली माहवारी के समय आम होता है, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ या जल्दी मेनोपॉज आने पर भी हार्मोनल बदलाव देखे जा सकते हैं। कुछ महिलाओं को लंबे समय तक हार्मोनल असंतुलन की समस्या रहती है।

अगर हार्मोनल असंतुलन किसी चिकित्सकीय कारण से हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डॉ. राखी गोयल, जो एक अनुभवी इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट हैं, हार्मोनल असंतुलन के कारणों की पहचान कर सकती हैं और इसके लक्षणों को नियंत्रित करने में आपकी मदद कर सकती हैं। अगर आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो वे आपकी पूरी सहायता करेंगी।

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