योनि में सूखापन के कारण, लक्षण और उपचार

Author : Dr. Nidhi Gohil November 21 2024
Dr. Nidhi Gohil
Dr. Nidhi Gohil

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Fellowship in IVF

5+Years of experience:
योनि में सूखापन के कारण, लक्षण और उपचार

योनि में सूखापन यानी वेजाइनल ड्राइनेस एक आम समस्या है, जिससे दुनिया भर की करोड़ों महिलाएं प्रभावित होती हैं। आम तौर पर माना जाता है उम्र के एक ख़ास पड़ाव के बाद यह समस्या पैदा होती है, लेकिन अलग-अलग मेडिकल कंडीशन की वजह से योनि में सूखापन किसी भी उम्र में देखी जा सकती है। अमूमन, प्रेगनेंसी, पोस्टपार्टम और मेनोपॉज की स्थिति में यह समस्या बढ़ जाती है और इससे शारीरिक, मानसिक और यौन स्वास्थ्य पर काफ़ी असर पड़ सकता है। हॉर्मोन में होने वाले असंतुलन के अलावा और भी कई चीज़ें हैं जो योनि के सूखापन का कारण बन सकती हैं। इस लेख में योनि में सूखापन के कारण, इसके लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।

योनि में सूखापन क्या है?

योनि में सूखापन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें योनि की दीवारों में प्राकृतिक लुब्रिकेशन यानी चिकनाई कम हो जाती है। याद रखें कि यह एक लक्षण है, बीमारी नहीं और आम तौर पर शरीर के हॉर्मोन में पैदा हुए असंतुलन की वजह से यह स्थिति उभरती है। इससे खुजली, जलन और दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए, योनि का सूखापन कैसे दूर करें, यह सवाल अगर आपके ज़ेहन में आता है, तो इसके लिए ज़रूरी है कि वैज्ञानिक तरीक़े से इसे देखा-समझा जाए।

इससे जुड़े कुछ अहम आंकड़े:

  • नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसाइटी के मुताबिक़, मेनोपॉज़ यानी रजोनिवृत्ति के बाद 50% महिलाओं को योनि में सूखापन का सामना करना पड़ता है।
  • क्लाइमैट्रिक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक़, लगभग 17% युवा महिलाओं में भी यह समस्या पाई जाती है।

योनि में सूखेपन के लक्षण

योनि में सूखेपन का इलाज या इसे रोकने के लिए इसके लक्षणों को शुरुआत में ही समझ लेना ज़रूरी है।

लक्षण विवरण संभावित असर
खुजली और जलन योनि के चारों ओर तकलीफ़ रोज़मर्रा की ज़िंदगी में परेशानी
यौन संबंध के दौरान दर्द (डिस्पेरुनिया) योनि में पर्याप्त लुब्रिकेशन की कमी यौन जीवन और रिश्तों पर असर
संक्रमण के जैसी स्थिति योनि के प्राकृतिक पीएच लेवल में असंतुलन बैक्टीरियल या यीस्ट संक्रमण का ख़तरा
योनि की कसावट योनि की दीवारों की लचीलेपन में कमी संभोग या ख़ास तरह की चिकित्सा जांच में कठिनाई

 

इस तरह के लक्षण से अलग-अलग उम्र की करोड़ो महिलाएं गुज़र रही हैं। योनि का सूखापन स्त्री की ज़िंदगी से जुड़ी एक सामान्य स्थिति है जो असुविधा का कारण बनती है और एक महिला के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। कारणों, लक्षणों और उपचार के तौर-तरीकों को समझकर इस समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है।

असली ज़िंदगी से जुड़ा उदाहरण: 32 साल की अनीता एक कामकाजी महिला है जो प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही से गुज़र रही हैं। उन्हें अचानक योनि में खुजली के साथ सूखापन महसूस हुआ। लिहाज़ा, अनीता को शारीरिक गतिविधियों के दौरान दिक़्क़तें महसूस होने लगीं। संभोग के दौरान दर्द की वजह से पति के साथ यौन रिश्ता भी बहुत स्वस्थ नहीं रह गया, लेकिन लोक-लिहाज़ के चलते वे इस विषय में डॉक्टर से परामर्श लेने में हिचकती रहीं।

कुछ समय बाद अनीता ने गाइनोकोलॉजिस्ट से संपर्क किया, जिन्होंने उन्हें ज़्यादा पानी पीने, लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करने और ज़्यादा एस्ट्रोजन वाले आहार लेने की सलाह दी, जैसे कि अलसी और सोया। इससे अनीता को थोड़ी राहत महसूस हुई और उसका आत्मविश्वास बढ़ा।

अनीता की कहानी अकेली नहीं है। लाखों-करोड़ों महिलाओं की ज़िंदगी में इस तरह की स्थिति पैदा होती है। हालांकि, ध्यान रखें कि परेशानी के बारे में अपने डॉक्टर को ज़रूर बताएं, क्योंकि आपके हालात के हिसाब से ही इसका इलाज मुमकिन है। हो सकता है कि अनीता को सुझाए गए इलाज आपके लिए उतना कारगर साबित न हों।

योनि में सूखापन के कारण

यौन संबंध बनाने से पहले प्राकृतिक रूप से आपकी योनि में नमी पैदा होती है। हालांकि, कुछ कारणों से अगर यह नमी पैदा न हो, तो आपकी योनि में सूखापन आ जाता है।

कुछ मामलों में डायबिटीज या स्जोग्रेन सिंड्रोम के कारण भी योनि में सूखेपन की समस्या को देखा गया है। इस दौरान शरीर में द्रव पैदा करने वाली ग्रंथियों के साथ इम्यून सिस्टम का इंटरैक्शन होता है जिसके कारण वे सही से काम नहीं कर पाती हैं। आइए जानते हैं इसकी मुख्य वजहें क्या-क्या हैं:

हार्मोनल बदलाव

महिलाओं के शरीर में पैदा होने वाले हार्मोन, ख़ास तौर पर एस्ट्रोजन, योनि को स्वस्थ बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। एस्ट्रोजन के स्तर में कमी आना, इसका सबसे सामान्य कारण है। इसके पीछे ये कारण हो सकते हैं:

  • मेनोपॉज़ या रजोनिवृत्ति: मेनोपॉज़ के दौरान एस्ट्रोजन बनना कम हो जाता है, जिससे योनि की दीवारें पतली हो जाती हैं।
  • प्रेगनेंसी या उसके बाद की अवस्था: इस दौरान हार्मोन में होने बदलाव से कुछ समय के लिए योनि में सूखापन आ सकता है।
  • गर्भनिरोधक गोलियां: ऐसी गर्भनिरोधक गोलियां जिनमें एस्ट्रोजन होता है, उससे भी योनि की नमी कम हो सकती है और सूखापन बढ़ सकता है।

मेडिकल इलाज और स्वास्थ्य की ख़ास स्थिति

  • कैंसर का उपचार: कीमोथेरेपी और रेडिएशन से भी हार्मोन में असंतुलन पैदा हो सकता है।
  • ऑटोइम्यून विकार: सोग्रिन सिंड्रोम जैसी बीमारियां पूरे शरीर में नमी पैदा करने वाली ग्रंथियों पर असर डाल सकती हैं।
  • दवाइयां: एंटीहिस्टामिन और डीकंजेस्टेंट जैसे एंटी-डिप्रेसेंट शरीर की नमी कम कर सकते हैं।

जीवनशैली

  • धूम्रपान: यह रक्त प्रवाह को कम करता है और एस्ट्रोजेन के स्तर पर असर डालता है।
  • तनाव: लंबे समय तक तनाव की वजह हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है।
  • शरीर में पानी की कमी: पर्याप्त पानी न पीने से शरीर में नमी कम हो सकती है और इसकी वजह से वेजाइनल ड्राइनेस की स्थिति पैदा हो सकती है।

इसके अलावा, प्रसव के बाद और स्तनपान के दौरान भी ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है। कुछ शोधपत्रों के मुताबिक़ डायबिटीज़ भी इसका एक कारण है। ओवरी को हटाने की सर्जरी से गुज़रने वाली महिलाओं में भी योनि में सूखेपन की समस्या पैदा हो सकती है। अगर कोई महिला यौन रूप से उत्तेजित नहीं है, तो संभोग के दौरान यह समस्या आम तौर पर देखी जा सकती है। योनी को सुगंधित साबुन से साफ़ करने या फिर उस पर परफ़्यूम और डेयोडोरेंट छिड़कने से भी सूखेपन की स्थित पैदा हो सकती है।

वैज्ञानिक तथ्य:

नेचर माइक्रोबायोलॉजी  में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक़, एस्ट्रोजेन की कमी से योनि माइक्रोबायोम पर असर पड़ता है और इस वजह से संक्रमण और सूजन का ख़तरा बढ़ जाता है।

असली ज़िंदगी से जुड़ा उदाहरण: 52 साल की मीरा को मेनोपॉज़ के बाद से योनी में जलन और संक्रमण की शिकायत थी। उनकी गायनोकोलॉजिस्ट ने एस्ट्रोजन थेरेपी और रोज़ाना इस्तेमाल के लिए मॉस्चराइज़र का सुझाव दिया। तीन महीने के अंदर मीरा को काफ़ी राहत महसूस हुई और संक्रमण भी कम हो गया।

योनि में सूखापन के पीछे वेजाइनल माइक्रोबायोम की भूमिका

वेजाइनल यानी योनि माइक्रोबायोम मुख्य रूप से लैक्टोबैसिलस  बैक्टीरिया से बनता है, जो लैक्टिक एसिड पैदा करते हैं और योनि के पीएच स्तर को 3.8 से 4.5 के बीच बनाए रखते हैं।

माइक्रोबायोम की स्थिति विशेषता संभावित असर
संतुलित (लैक्टोबैसिलस-डॉमिनेटेड) ऐसिडिक पीएच, प्रोटेक्टिव म्यूकोसा संक्रमण का कम जोखिम
अंतुलित (शुष्क स्थिति) न्यूट्रल या अल्कलाइन पीएच, पतली म्यूकोसा संक्रमण का ज़्यादा जोखिम

 

योनि के सूखेपन का इलाज

ऐसी स्थिति पैदा होने के बाद हर किसी के ज़ेहन में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि योनि के सूखेपन का निदान कैसे किया जाता है। तो, योनि सूखापन का उपचार तलाशने वाली महिलाओं को सलाह दी जाती है कि सबसे पहले इसे गंभीरता से लें। सामाजिक रूढ़ियों की वजह से संकोच के मारे डॉक्टर के पास जाने से कतराएं नहीं। जैसा कि आपने ऊपर देखा कि कई कारणों से योनि में सूखापन की समस्या पैदा होती है। इन कारणों की जानकारी हर महिला के पास होनी चाहिए। अगर आप इन सभी संभावित कारणों के बारे में पहले से ही जानती हैं, तो मात्र कुछ सावधानियों को बरतने के बाद आप ख़ुद को ज़्यादा परेशानी में फंसने से बचा सकती हैं। तो आइए जानते हैं योनि का सुखापन कैसे दूर करें और कैसे इससे ख़ुद को बचाएं:

  1. मॉस्चराइज़र और लुब्रिकेंट: ये आसानी से मेडिकल स्टोर पर मिल जाते हैं। मॉइस्चराइज़र को योनि के टिशू को लंबे समय तक नमी देने के लिहाज़ से डिज़ाइन किया जाता है। सूखेपन को कम करने के लिए इन्हें नियमित रूप से लगाया जा सकता है। इससे लंबे समय तक हाइड्रेशन मिलता है। वहीं, लुब्रिकेंट आपको यौन संबंध के दौरान तुरंत राहत पहुंचाते हैं। ये तेल-आधारित, सिलिकॉन-आधारित या पानी-आधारित हो सकते हैं।
  2. हार्मोनल उपचार: टॉपिकल एस्ट्रोजेन क्रीम का असर योनि के टिशू पर पड़ता है और यह काफ़ी कारगर उपचार है। इसी तरह मेनोपॉज़ की स्थिति के बाद डॉक्टर सिस्टमेटिक हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) का भी सुझाव देते हैं।
  3. जीवनशैली में सुधार: पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करने और सुगंधित और सफ़ाई के कठोर उत्पादों के इस्तेमाल से पहरेज बरतने के साथ-साथ नियमित रूप से पेल्विक फ़्लोर व्यायाम करना भी काफ़ी मददगार साबित हो सकता है।
  4. आधुनिक उपचार: उत्तर अमेरिकन मेनोपॉज़ सोसाइटी के शोधपत्र मेनोपॉज में प्रकाशित एक रिसर्च, प्लेटलेट-रिच प्लाज़्मा को इंजेक्ट करके इसका समाधान तलाशने की अहमियत पर प्रकाश डालता है।

योनि के सूखेपन का इलाज करने के घरेलू उपाय

ज़्यादातर महिलाएं पहले योनि के सूखेपन का इलाज करने के घरेलू उपाय तलाशती हैं। वेजनाइनल क्रीम यानी मॉस्चराइज़र और लुब्रिकेंट के अलावा ज़्यादा पानी पीना भी इसके लिए बेहद कारगर है। याद रखें कि धूम्रपान से परहेज करना बेहद ज़रूरी है। विटामिन और वसा से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करना और ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड लेना आपको राहत पहुंचा सकता है। इसके अलावा नियमित यौन संबंध बनाने से प्राकृतिक लुब्रिकेशन को बढ़ावा मिलता है। वेजाइनल ड्राइनेस को दूर करने के लिए चिड़चिड़ापन, तनाव और चिंता से बचने की कोशिश करें और सुगंदित उत्पादों से दूरी बनाएं।

योनि के आस-पास विटामिन ई वाला तेल या क्रीम लगाना भी मददगार साबित होता है। एलोवेरा जेल भी नमी बनाए रखे का एक कारगर विकल्प है। कई बार नारियल तेल का इस्तेमाल भी राहत पहुंचाता है।

दुनिया भर में क्या है कहानी

प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने दुनिया के अलग-अलग इलाक़ों का सिलसिलेवार और विस्तृत अध्ययन किया और पाया कि वेजाइनल ड्राइनेस के मामले में:

  • पश्चिमी देशों में ज़्यादा जागरुकता है और वहां इलाज की दर भी ज़्यादा है
  • एशिया में सांस्कृतिक और सामाजिक रूढ़ियों की वजह से कम लोग डॉक्टर के पास जाते हैं।
  • भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था की सीमित पहुंच की वजह से ज़्यादातर लोग घरेलू उपचार तक ही सीमित रहते हैं।

इस रिपोर्ट के मुताबिक़ उत्तरी अमेरिका में 50% महिलाएं डॉक्टर से योनि में सूखेपन की रिपोर्ट करती हैं। यूरोप में यह आंकड़ा 45%, एशिया में 25% और अफ़्रीका में 20% है।

मिथ्स बनाम फ़ैक्ट्स

मिथ्स फ़ैक्ट्स
सिर्फ़ बुज़ुर्ग महिलाओं में ही योनि मे सूखेपन की समस्या आती हैं। हर उम्र की महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन या मेडिकल स्थिति की वजह से योनि में सूखापन आ सकता है।
योनि का सूखापन साफ़-सफ़ाई से जुड़ा मामला है। यह स्वच्छता से नहीं, बल्कि मुख्य रूप से शारीरिक या हार्मोनल बदलावों की वजह से होता है।
प्राकृतिक उपचार इसे ठीक करने के लिए पर्याप्त हैं। गंभीर मामलों में डॉक्टर से मिलना और इलाज कराना ज़रूरी हो जाता है।

 

योनि में सूखापन से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. सवाल: क्या योनि में सूखापन उपचार के बिना ठीक हो सकता है?

जवाब: कम गंभीर मामले स्वाभाविक रूप से ठीक हो सकते हैं, लेकिन अगर सूखापन लगातार बना हुआ है, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

2. सवाल: क्या वेजाइनल एस्ट्रोजन थेरेपी के दुष्प्रभाव हो सकते हैं?

जवाब: हल्का-फुल्का जलन हो सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह मानें और उसी हिसाब से एहतियात बरतें।

3. सवाल: स्तनपान की वजह से योनि में सूखापन आता है?

जवाब: दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने वाले हार्मोन प्रोलैक्टिन की वजह से अस्थाई रूप से एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है और इससे योनि में कुछ समय के लिए सूखापन आ सकता है।

 योनि के सूखापन को दूर करने के लिए यह ज़रूरी है कि आपके पास इससे जुड़ी सही जानकारी हो। अगर समस्या गंभीर है, तो डॉक्टर से संपर्क करने में देर न करें।

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