प्रजनन क्षमता पर डायबिटीज (मधुमेह) का प्रभाव-Diabetes & Fertility in Hindi
- Published on December 02, 2022
विशेषज्ञों का कहना है कि डायबिटीज पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता यानी फर्टिलिटी हेल्थ पर बुरा प्रभाव डालता है। खून में शुगर की मात्रा बढ़ने की स्थिति को मेडिकल भाषा में डायबिटीज या मधुमेह कहते हैं।
डायबिटीज का हर व्यक्ति पर अलग-लग प्रभाव पड़ता है। मौजूदा समय में यह सभी खतरनाक बिमारियों में से एक है। दुनियाभर इससे पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो कि एक चिंता का विषय है।
चीन के बाद भारत में सबसे अधिक डायबिटीज के मरीज हैं – जिनकी संख्या लगभग 7 करोड़ 70 लाख है यानी कि हर 11 में से 1 भारतीय को डायबिटीज है। यह बीमारी मरीज की नसों, लिवर, किडनी और रक्त वाहिकाओं पर बुरा प्रभाव डालता है जिससे शरीर की समग्र कार्यप्रणाली प्रभावित होती है।
आइए, इस ब्लॉग में हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि डायबिटीज पुरुष या महिला की प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करता है।
Table of Contents
पुरुष की प्रजनन क्षमता पर डायबिटीज का प्रभाव (Diabetes Effect On Male Fertility)
डायबिटीज से पीड़ित पुरुष में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। इस बीमारी से पीड़ित पुरुष खुद में निम्न समस्याओं को अनुभव कर सकते हैं:
- स्पर्म की संख्या कम होना
- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की शिकायत होना
- स्पर्म की गुणवत्ता यानी क्वालिटी खराब होना
शोध के मुताबिक, डायबिटीज टाइप 1 या टाइप 2 से पीड़ित पुरुष के स्पर्म की संख्या, गुणवत्ता और गतिशीलता कम होती है जिससे गर्भधरण में अड़चनें पैदा होती हैं। अगर कुछ मामलों में स्पर्म में ये समस्याएं होने के बाद भी गर्भधारण हो जाती है तो आगे भ्रूण के विकास में समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
महिला की प्रजनन क्षमता पर डायबिटीज का प्रभाव (Diabetes Effect On Female Fertility)
जहाँ एक तरफ डायबिटीज पुरुष की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता हैं, वहीं दूसरी तरफ यह महिलाओं की जनन क्षमता यानी शिशु को जन्म देने की क्षमता को प्रभावित करता है। शोध के अनुसार, सामान्य महिलाओं की तुलना में डायबिटीज टाइप 1 से पीड़ित महिलाओं की प्रजनन क्षमता 17% कम होती है।
डायबिटीज के कारण महिलाओं को समय पर पीरियड्स नहीं आते हैं और मेनोपॉज आने में भी देरी होती है। ऐसी में महिलाओं इनके कारण दूसरी अन्य परेशानियों को झेलना पड़ता है। अगर किसी महिला को डायबिटीज है और वह गर्भधरण करना चाहती है तो ऐसे में उसे एक फर्टिलिटी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
निष्कर्ष
डायबिटीज महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिला में डायबिटीज होने पर के शिशु में जन्म दोष और अन्य समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है। यह बीमारी महिला के लिए गंभीर जटिलताएं भी पैदा कर सकती है।
हालाँकि, प्रजनन विशेषज्ञ की मदद से डायबिटीज से पीड़ित महिला अपनी बीमारी को कंट्रोल करके आसानी से गर्भधारण कर सकती है। अगर डायबिटीज आपकी गर्भधरण में अड़चनें पैदा कर रहा है तो आप बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ के एक्सपर्ट से परामर्श करें।
इस पेज के ऊपर दायीं तरफ मौजूद Book Appointment Form या Mobile Number का उपयोग कर हमारे विशेषज्ञ के साथ फ्री अपॉइंटमेंट बुक कर सकती हैं। हमारे विशेषज्ञ आपका डायबिटिक कंट्रोल करने और बिना किसी परेशानी का सामना किए गर्भधारण कर माता-पिता बनने में मदद कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या मधुमेह में गर्भधारण किया जा सकता है?
मधुमेह को नियंत्रण करके गर्भधारण किया जा सकता है। अगर आपको डायबिटीज है और आप गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं तो आपको एक फर्टिलिटी विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।
क्या मधुमेह आपको बांझ बना सकता है?
विशेषज्ञ का कहना है कि मधुमेह बाँझपन का खतरा बढ़ाने के साथ-साथ दूसरी भी बीमारियों का कारन बन सकता है। मधुमेह का स्तर अनियंत्रित होने पर ग्लूकोमा, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और नर्व डैमेज जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती है। अगर आपको मधुमेह है और आप गर्भावस्था की प्लानिंग कर रही हैं तो आपको एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
क्या मधुमेह से ग्रसित महिला को गर्भवती होना कठिनाई होती है?
हां. विशेषज्ञ का कहना है कि मधुमेह से ग्रसित महिला को गर्भधारण करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हालाँकि,उचित उपचार से मधुमेह को नियंत्रित कर सफलतापूर्वक गर्भधारण किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आपको विशेषज्ञ के मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ सकती है।
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Written by:
Dr. A. Jhansi Rani
Consultant
Dr. A. Jhansi Rani is a fertility specialist with over 12 years of experience and has performed over 1500 + cycles. She specializes in advanced laparoscopic and hysteroscopic surgeries, with a particular focus on addressing male and female fertility issues, including endometriosis, recurrent miscarriage, menstrual disorders, and uterine abnormalities. Dr. Rani is dedicated to providing comprehensive care to her patients, utilizing her expertise in both surgical and non-surgical approaches to fertility treatment.She is an active member of prominent medical associations such as the Federation of Obstetric and Gynecological Societies of India (FOGSI) and the Indian Society of Assisted Reproduction (ISAR), where she collaborates with other experts in the field to stay updated on the latest advancements in reproductive medicine. Through her involvement in these organizations, Dr. Rani contributes to research, education, and advocacy efforts aimed at improving fertility care and outcomes for patients.
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