पीरियड मिस होने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट कब करे? – Pregnancy Test Kab Kare

Dr. Madhulika Singh
Dr. Madhulika Singh

MBBS, MS (Obstetrics and Gynaecology)

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पीरियड मिस होने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट कब करे? – Pregnancy Test Kab Kare

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प्रेगनेंसी की पुष्टि करने के लिए ‘प्रेगनेंसी टेस्ट’ किया जाता है। अगर आप गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं तो पीरियड मिस होने पर इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। तो आइए इस ब्लॉग में हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि Pregnancy Test Kab Karna Chahiye और प्रेगनेंसी टेस्ट में हल्की लाइन का मतलब क्या होता है। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते हैं और बिना किट के प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें।

प्रेगनेंसी टेस्ट क्या है? – Pregnancy Test in Hindi

प्रेगनेंसी टेस्ट (Pregnancy Test) एक जाँच प्रक्रिया है जिससे इस बात का पता लगाया जाता है कोई महिला प्रेग्नेंट है या नहीं। इस टेस्ट के दौरान पेशाब या रक्त में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG) हार्मोन की पुष्टि की जाती है। प्रेगनेंसी टेस्ट को क्लिनिक या घर पर भी किया जा सकता है। कई कंपनियों के प्रेगनेंसी टेस्ट किट आते हैं जिनकी मदद से एक महिला घर पर ही अपनी प्रेगनेंसी का पता लगा सकती है। तो आइए समझते हैं कि प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए।

प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें? – Pregnancy Test Kab Karna Chahiye

गर्भावस्था परीक्षण उन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जिन्हें संदेह है कि वे गर्भवती हैं या सक्रिय रूप से गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं। Pregnancy test kab karna chahiye, यह निर्धारित करने के लिए नीचे कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:

  • मासिक धर्म नहीं आना: मासिक धर्म का नहीं आना एक आम लक्षण है जो आपको प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए प्रेरित करता है।
  • शुरुआती टेस्ट: कई घरेलू प्रेगनेंसी टेस्ट छूटे हुए मासिक धर्म (Missed periods) के पहले दिन से ही सही रिजल्ट देने का दावा करते हैं। बहुत जल्दी टेस्ट करने पर गलत परिणाम आ सकता है, क्योंकि एचसीजी का स्तर जांचने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है।
  • सुबह का पेशाब: अक्सर सुबह के पहले पेशाब के नमूने के साथ परीक्षण की सिफारिश की जाती है, क्योंकि इसमें एचसीजी का उच्च स्तर होने की संभावना होती है।
  • निर्देशों का पालन: गर्भावस्था परीक्षण के साथ दिए गए निर्देशों को हमेशा पढ़ें और उनका पालन करें। सही रिजल्ट के लिए टेस्ट का समय और इसका उचित उपयोग महत्वपूर्ण है।
  • रक्त परीक्षण: अगर आपको गर्भावस्था का संदेह है, लेकिन घरेलू मूत्र परीक्षण से नकारात्मक परिणाम मिलता है, तो रक्त परीक्षण के लिए विशेषज्ञ से परामर्श करें।
  • प्रजनन उपचार: यदि आपने प्रजनन उपचार कराया है, तो आपके विशेषज्ञ के पास प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना है, इसके लिए एक विशिष्ट समय रेखा हो सकती है।

प्रेगनेंसी टेस्ट करने का “आदर्श समय” आपकी खास परिस्थितियों पर निर्भर करता है, लेकिन जब तक आपका मासिक धर्म न आए, इंतज़ार और सुबह के मूत्र का उपयोग करने का सुझाव दिया जाता है। अगर अब भी संदेह है तो मार्गदर्शन के लिए स्त्री रोग विशषज्ञ से परामर्श करना उचित है।

पीरियड मिस होने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें?

एक महिला अपने पीरियड मिस होने से पहले भी प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती है, लेकिन इससे सटीक रिजल्ट मिलने में दिक्कत आ सकती है। आमतौर पर प्रेगनेंसी टेस्ट करने से पहले दो हफ़्तों तक इंतज़ार करने का सुझाव दिया जाता है। क्योंकि ऐसा करने से शरीर में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन हॉर्मोन के निर्माण के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।

अगर आपका पीरियड मिस हो गया है तो प्रेगनेंसी टेस्ट करने से पहले इन बातों का अवश्य ध्यान रखें:

  • प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह होता है।
  • सुबह के समय पेशाब की मात्रा ज्यादा होती है जिससे टेस्ट का रिजल्ट सटीक आता है।
  • प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए, किट पर पेशाब का सिर्फ 2 या 3 ड्रॉप डालें। ज्यादा ड्रॉप डालने से टेस्ट का रिजल्ट सही नहीं आता है।

इन सबके अलावा, अगर आपके पीरियड अब तक रेगुलर रहे हैं, तो साइकल मिस होने के ठीक अगले दिन भी खुद आप टेस्ट कर सकती है या क्लिनिक जाकर डॉक्टर की मदद से टेस्ट करवा सकती हैं।

पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करें?

अगर आपके पीरियड रेगुलर रहे हैं तो पीरियड मिस होने के अगले दिन ही आप प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं। हालांकि, टेस्ट का बेहतर रिजल्ट आने के लिए कम से कम 10-14 दिनों तक इंतजार करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि प्रेग्नेंट होने पर इस दौरान शरीर ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन हार्मोन का निर्माण होने के लिए समय मिल जाता है जिससे टेस्ट का रिजल्ट सटीक आता है। प्रेगनेंसी होने पर आप खुद में कुछ लक्षणों को अनुभव कर सकती हैं जैसे कि थकान महसूस होना, उल्टी और मतली होना, मॉर्निंग सिकनेस, ब्रेस्ट में हल्कापन, बार-बार पेशाब के लिए जाना आदि।

घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें? – Pregnancy Test at Home

घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए सुबह का पहला यूरिन लें, क्योंकि इसमें hCG हार्मोन की मात्रा अधिक होती है। प्रेगनेंसी किट पर बताए गए निर्देशों के अनुसार यूरिन की कुछ बूंदें टेस्ट स्ट्रिप पर डालें और 5-10 मिनट तक इंतजार करें।

प्रेगनेंसी टेस्ट में हल्की लाइन का मतलब यह हो सकता है कि hCG हार्मोन की मात्रा कम है या टेस्ट बहुत जल्दी किया गया है। अगर संदेह हो, तो 2-3 दिन बाद दोबारा टेस्ट करें या डॉक्टर से सलाह लें। 

कई बार कुछ महिलाओं के मन में यह भी प्रश्न उठता है कि प्रेगनेंसी टेस्ट में 3 लाइन का मतलब क्या होता है। आपको पता होना चाहिए कि प्रेगनेंसी टेस्ट में 3 लाइन आने का मतलब कुछ नहीं होता है. क्योंकि प्रेगनेंसी टेस्ट में आमतौर पर दो लाइनें आती हैं। अगर आपको प्रेगनेंसी टेस्ट में धुंधली लाइन दिख रही है, तो इसका मतलब है कि आपने कंसीव कर लिया है यानी कि आप प्रेगनेंट हो सकती हैं।

घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट – यह निर्धारित करने का एक सीधा और निजी तरीका है कि आप गर्भवती हैं या नहीं। घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए आप निचे दिए गए स्टेप को फॉलो करें:

  1. सही ब्रांड को चुनें: प्रेगनेंसी टेस्ट किट (Pregnancy Test Kit) खरीदने के लिए फार्मेसी या स्टोर पर जाएँ। विभिन्न ब्रांड उपलब्ध हैं, लेकिन वे सभी आपके मूत्र में एचसीजी हार्मोन का पता लगाकर ही प्रेगनेंसी की पुष्टि करते हैं। टेस्ट किट के पैकेजिंग को ध्यान से पढ़ें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसकी समय सीमा समाप्त नहीं हुई है और यह एक भरोसेमंद ब्रांड है।
  2. टेस्ट के समय का ध्यान रखें: “सुबह का समय” घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सबसे अच्छा समय माना जाता है, क्योंकि इस दौरान पेशाब सबसे अधिक गाढ़ा होता है। हालाँकि, कुछ टेस्ट दिन के किसी भी समय किए जा सकते हैं। टेस्ट के लिए सुझाए गए समय के बारे में जानने के लिए किट के साथ दिए गए निर्देशों पढ़ें।
  3. अच्छी तैयारी करें: टेस्ट करने से पहले, सुनिश्चित करें कि पेशाब जमा करने के लिए आपके पास एक साफ, सूखा कप है। साथ ही, टेस्ट प्रोसेसिंग और समय का ट्रैक करने के लिए एक टाइमर या घड़ी भी मौजूद है।
  4. पेशाब का सैंपल जमा करें: पास में मौजूद कप में पेशाब का नमूना जमा करें या निर्देशों में सुझाए गए समय (आमतौर पर कुछ सेकंड) के लिए अपने पेशाब के प्रवाह में टेस्ट के टिप को दबाकर रखें।
  5. टेस्ट की प्रक्रिया पूरी करें: टेस्ट को एक सपाट, सूखी सतह पर रखें और निर्देशों में बताए गए समय (आमतौर पर कुछ मिनट) तक इंतज़ार करें। प्रेगनेंसी किट, टेस्ट के रिजल्ट को रंग, रेखाओं में परिवर्तन या डिजिटल रीडआउट के रूप में प्रदर्शित करता है।
  6. रिजल्ट को समझें: बताए गए समय सीमा के भीतर रिजल्ट को पढ़ें। एक सकारात्मक परिणाम आमतौर पर दो पंक्तियों, एक प्लस चिह्न या “प्रेग्नेंट” और दूसरा “नो प्रेग्नेंट” को इंगित करता है।
  7. डॉक्टर द्वारा दिए गए सुझावों का पालन करें: अगर आपका परिणाम सकारात्मक (पॉजिटिव रिजल्ट) है, तो अगले चरणों पर पुष्टि और मार्गदर्शन के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें। अगर परीक्षण नकारात्मक है और आपको अभी भी संदेह है कि आप गर्भवती हैं तो कुछ दिनों के बाद दोबारा टेस्ट करें।

कोई भी घरेलू प्रेगनेंसी टेस्ट 100% फुल प्रूफ नहीं होता है। समय, तकनीक और टेस्ट की संवेदनशीलता जैसे कारण इसकी सटीकता को प्रभावित कर सकते हैं। यदि आपको परिणामों के बारे में चिंता या संदेह है, तो आगे के मूल्यांकन और मार्गदर्शन के लिए हमारे विशेषज्ञ से परामर्श करें।

क्लिनिक में प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे किया जाता है?

घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट करने के अलावा, अन्य विकल्प भी उपलब्ध हैं जिनकी मदद से आप इस बात की पुष्टि कर सकती हैं कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं। इसमें शामिल हैं:

  1. ब्लड टेस्ट: प्रेगनेंसी की पुष्टि करने के लिए कई बार डॉक्टर ब्लड टेस्ट का सुझाव देते हैं। घर पर किए जाने वाले यूरिन टेस्ट की तुलना में ब्लड टेस्ट अधिक सटीक होता है। ब्लड टेस्ट दो तरह से किए जाते हैं:
    • Qualitative hCG blood test: यह परीक्षण ब्लड में एचसीजी की उपस्थिति की पुष्टि करता है, जिससे गर्भावस्था का संकेत मिलता है
    • Quantitative hCG blood test (Beta hCG): यह परीक्षण ब्लड में एचसीजी की सटीक मात्रा को मापता है, जो गर्भावस्था के चरण के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है और किसी भी संभावित समस्या की निगरानी में मदद कर सकता है।
  2. पेल्विक का परीक्षण: प्रेगनेंसी के शारीरिक लक्षणों, जैसे कि बढ़े हुए गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा में परिवर्तन की जांच के लिए डॉक्टर पेल्विक का परीक्षण कर सकते हैं। हालांकि, प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए इस प्रक्रिया का उपयोग अन्य की तुलना में काफी कम किया जाता है।
  3. अल्ट्रासाउंड: आमतौर पर प्रेगनेंसी टेस्ट के प्राथमिक विधि के रूप में इसका उपयोग नहीं किया जाता है। अल्ट्रासाउंड स्कैन प्रेगनेंसी की पुष्टि करके भ्रूण के बारे में जानकारी प्रदान कर सकता है, जैसे कि उसकी उम्र और स्वास्थ्य आदि। अल्ट्रासाउंड आमतौर पर आखिरी मेंस्ट्रुअल साइकिल के 6-8 सप्ताह बाद गर्भावस्था का पता लगा सकता है।
  4. पेशाब की जांच: प्रेगनेंसी की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर पेशाब की जांच (यूरिन टेस्ट) भी कर सकते हैं। इस दौरान, डॉक्टर पेशाब का सैम्पल लेते हैं और फिर उसमें एचसीजी की उपस्थिति और स्तर की पता लगाते हैं।

हालांकि, ब्लड से प्रेगनेंसी टेस्ट करना सबसे सटीक उपाय माना जाता है, क्योंकि अन्य की तुलना में ब्लड टेस्ट का परिणाम सही आता है और इसमें त्रुटियों की संभावना कम से कम होती है। जहाँ तक खर्च की बात है तो हर विधि का खर्च अलग-अलग होता है।

प्रेगनेंसी टेस्ट के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

प्रेगनेंसी टेस्ट की सटीकता सुनिश्चित और संभावित त्रुटियों को दूर करने के लिए, टेस्ट के दौरान निम्न बातों का ध्यान रखने का सुझाव दिया जाता है:

  1. दिशा निर्देशों को पढ़ें: हमेशा प्रेगनेंसी किट के साथ दिए गए दिशा निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और समझें। विभिन्न कंपनियों की अलग-अलग आवश्यकताएँ और सुझाव हो सकते हैं, टेस्ट के दौरान उनका पालन करना आवश्यक है।
  2. समाप्ति तिथि की जाँच करें: सुनिश्चित करें कि प्रेगनेंसी टेस्ट किट एक्सपायर नहीं है। समय सीमा समाप्त हो चुके परीक्षण का उपयोग करने से गलत परिणाम आते हैं।
  3. टेस्ट के लिए सही समय चुनें: समय महत्वपूर्ण है। कुछ टेस्ट दिन के किसी भी समय सटीक परिणाम देने का दावा करते हैं, अक्सर सुबह के पहले पेशाब के साथ परीक्षण का सुझाव दिया जाता है।
  4. पेशाब का सैंपल जमा करें: अपने पेशाब को जमा करने के लिए एक साफ, सूखे कप या कंटेनर का उपयोग करें। सैंपल को साबुन, डिटर्जेंट या अन्य पदार्थों से दूषित ना करें।
  5. प्रोसेसिंग समय का पालन करें: टेस्ट को एक सपाट, सूखी सतह पर रखें और निर्देशों में बताए अनुसार प्रोसेसिंग समय का ध्यान रखें।
  6. रिजल्ट को समझें: अच्छी तरह समझें कि टेस्ट द्वारा प्रदान किए गए रिजल्ट को कैसे पढ़ना है।
  7. टेस्ट विंडो को दोबारा जांच करें: सुनिश्चित करें कि आप टेस्ट का सही भाग पढ़ रही हैं, जो आमतौर पर डिवाइस पर एक निर्दिष्ट विंडो या क्षेत्र होता है।

इन सबके अलावा, आवश्यक होने पर दोबारा टेस्ट करें। अगर नकारात्मक परिणाम आता है, लेकिन फिर भी आपको संदेह है कि आप गर्भवती हैं, तो कुछ दिनों के बाद दोबारा टेस्ट या पीरियड्स आने का इंतेज़ार कर सकती हैं।

अगर आपको टेस्ट के रिजल्ट के बारे में चिंता या संदेह है, या आप असामान्य लक्षण अनुभव कर रही हैं, तो पुष्टि और मार्गदर्शन के लिए हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए?

पीरियड मिस होने के 1 हफ्ते बाद सुबह के पहले यूरिन से टेस्ट करना सबसे सटीक परिणाम देता है।

घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें?

प्रेगनेंसी किट में यूरिन डालें, 5-10 मिनट रुकें। दो लाइन मतलब प्रेगनेंट, एक लाइन मतलब नहीं।

बिना किट के प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें?

घरेलू तरीकों में नमक, ब्लीच या टूथपेस्ट टेस्ट शामिल हैं, लेकिन ये वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं हैं।

प्रेगनेंसी टेस्ट में एक लाइन हल्की आने का मतलब क्या है?

यह hCG हार्मोन कम होने का संकेत हो सकता है। 2-3 दिन बाद दोबारा टेस्ट करें या डॉक्टर से सलाह लें।

प्रेगनेंसी टेस्ट में 3 लाइन का मतलब क्या है?

किट खराब हो सकती है या टेस्ट गलत तरीके से किया गया है। नई किट से दोबारा टेस्ट करें।

क्या पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते हैं?

हां, लेकिन पीरियड मिस होने के बाद टेस्ट करना अधिक सटीक परिणाम देता है। जल्दी करने पर हल्की लाइन आ सकती है।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए?

इंप्लांटेशन के 5-7 दिन बाद hCG हार्मोन बढ़ता है, इसलिए एक हफ्ते बाद टेस्ट करें।

नमक से प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें?

यूरिन में नमक मिलाएं, झाग या बदलाव दिखे तो प्रेगनेंसी हो सकती है, लेकिन यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं है।

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