एएमएच में कमी: इसका कारण और इलाज क्या है?

Author : Dr. Karishma Makhija October 24 2024
Dr. Karishma Makhija
Dr. Karishma Makhija

MBBS (Gold Medalist), DGO, DNB

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एएमएच में कमी: इसका कारण और इलाज क्या है?

लो एएमएच लेवल क्या होता है?

महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए एंटी-मुलरियन हार्मोन (एएमएच) बहुत अहम है। यह महिला अंडाशय में विकसित होने वाले फॉलिकल्स से बनने वाला हार्मोन है। इसी हार्मोन से महिलाओं के ओवेरियन रिजर्व और प्रजनन क्षमता का आकलन किया जाता है। हालांकि, महिलाओं की उम्र बढ़ने के साथ एएमएच घटता जाता है। यानी महिलाओं का ओवेरियन रिजर्व कम होता जाता है। एएमएच स्तर को बढ़ाने का कोई तय तरीका नहीं है, लेकिन अलग-अलग चीजों को आजमाया जा सकता है।

लो एएमएच के कारण

इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे:-

  • उम्र: उम्र को एएमएच स्तर में बदलाव का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। सभी महिलाओं के पास जन्म के समय से ही उनके जीवनकाल तक अपरिपक्व अंडे की सप्लाई होती है। परिपक्व होने पर ये अंडे ओव्यूलेशन चक्र के दौरान इस्तेमाल किए जाते हैं। समय के साथ ओवेरियन रिजर्व कम होता जाता है। महिलाओं की उम्र 30 से ज्यादा होने पर अंडों की संख्या कम होने लगती है।
  • खान-पान: प्रोसेस किया हुआ भोजन और अतिरिक्त वसा वाला आहार स्वस्थ एएमएच स्तर के लिए कभी भी अच्छा विकल्प नहीं होता है। इनसे मोटापा बढ़ता है। मोटापा लो एएमएच और प्रजनन से जुड़ी अन्य समस्याओं का कारण बनता है।
  • मेडिकल इतिहास: उम्र के अलावा कम एएमएच का एक कारण मेडिकल इतिहास भी है। चिकित्सीय परिस्थितियां उम्र की परवाह किए बिना एएमएच को प्रभावित कर सकती हैं।
  • मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य: तनाव भी लो एएमएच की वजह है। स्वस्थ मन और भावनात्मक खुशहाली हमेशा फायदेमंद होती है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हैं।

लो एएमएच के लक्षण

लो एएमएच का कोई खास या स्पष्ट लक्षण नहीं है लेकिन जब महिलाओं का मासिक चक्र छोटा, अनियमित या समय से पहले होता है, तो एएमएच ब्लड टेस्ट कराया जाता है।

महिला की उम्र के साथ एएमएच लेवल कम होता है। बहुत कम एएमएच स्कोर को ऐसे स्तर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करता है। या फिर किसी महिला में संभावित नि:संतानता का संकेत देता है। इस स्थिति में सहायक प्रजनन तकनीकों के भी सफल होने की संभावना बहुत कम होती है।

एएमएच का स्तर

उम्र आदर्श एएमएच स्तर
24 महीने से कम <4.7 ng/mL
24 महीने से 12 साल <8.8 ng/mL
13 साल से 45 साल 0.9 – 9.5 ng/mL
45 साल <1.0 ng/mL

एएमएच स्तर की व्याख्या

व्याख्या एएमएच स्तर
ज्यादा स्तर (पीसीओएस की टेस्टिंग का सुझाव दिया जाता है) >5.0 ng/ml
ज्यादा स्तर (आईवीएफ के लिए बेहतर) 3.5 – 5.0 ng/ml
इष्टतम स्तर 1.0 – 3.5 ng/ml
कम स्तर (सहायक रीप्रोडक्शन सही है) 0.3 – 0.7 ng/ml
बहुत कम स्तर <0.3 ng/ml

ध्यान रखें कि यह पैमाना सामान्य है। यह नस्ल, जातीयता, पर्यावरण और आनुवंशिक कारकों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।

लो एएमएच और प्रजनन संबंधी समस्याएं

एएमएच स्तर को महिला के ओवेरियन रिजर्व का संकेत माना जाता है। एएमएच स्तर नि:संतानता का संकेत नहीं देता है। किसी के एएमएच स्तर और प्रजनन क्षमता के बीच संबंध का आधार यह है कि उम्र बढ़ने के साथ महिला की प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। इसका संबंध एएमएच स्तर में गिरावट से भी है। किसी महिला के ओवेरियन रिजर्व में अंडों की संख्या कम होने या अंडे नहीं होने से गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है।

उम्र से संबंधित कम एएमएच में अंडों की गुणवत्ता भी प्रभावित हो सकती है। यहां असामान्य निषेचन और गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है। यह विशेष रूप से 35 या 40 से ज्यादा उम्र की महिलाओं के लिए सही है। यही कारण है कि कम एएमएच स्तर वाली महिलाओं के लिए इलाज का सुझाव दिया जाता है।

कम एएमएच स्तर का विकल्प

अगर आप सिर्फ इस बात से चिंतित हैं कि आपकी एएमएच टेस्टिंग में आपका एएमएच स्तर कम दिख रहा है तो आप चिंता ना करें, क्योंकि एएमएच स्तर बदलता रहता है। जीवनशैली में कुछ बदलावों के साथ स्वाभाविक रूप से एएमएच स्तर को बढ़ाया जा सकता है।

अगर आप कम एएमएच स्तर के बावजूद मां बनना चाहती हैं, तो आईवीएफ जैसी तकनीक आपके काम आ सकती है

कम एएमएच स्तर का इलाज

कई तरीके से इसका इलाज हो सकता है। इनमें शामिल हैं:

प्राकृतिक उपचार

एएमएच स्तर को अलग-अलग प्राकृतिक तरीके ठीक किया जा सकता है। नियमित रूप से योगाभ्यास करना, एक्यूपंक्चर लेना, प्रतिदिन गेहूं के बीज का सेवन करना, तय समय पर प्रजनन मालिश करवाना कुछ ऐसे तरीके हैं जो एएमएच स्तर को ठीक कर सकते हैं।

निम्न एएमएच स्तर के साथ आईवीएफ

किसी महिला का ओवेरियन रिजर्व सफल गर्भावस्था की संभावना को दिखाता है। अगर किसी महिला का ओवेरियन रिजर्व कम है, तो आईवीएफ एक उम्मीद है। आईवीएफ एक ऐसा विकल्प है जो अंडाशय में बचे अंडों के सीमित भंडार के साथ आपको गर्भधारण करने में मदद कर सकता है।

डोनर एग के साथ आईवीएफ

अगर किसी महिला के ओवेरियन रिजर्व में अंडे नहीं बचे हैं या अंडे की गुणवत्ता काफी कम है, तो वह डोनर एग के साथ आईवीएफ के लिए जा सकती है। इस मामले में, किसी अजनबी (डोनर) के अच्छी क्वालिटी वाले अंडों का इस्तेमाल आईवीएफ की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  • क्या लो एएमएच के साथ गर्भधारण संभव है?

लो एएमएच वाली महिलाएं भी गर्भवती हो सकती हैं। ऐसे संभावित तरीके हैं जो किसी महिला में एएमएच स्तर को ठीक कर सकते हैं। और कम एएमएच स्तर के साथ भी आईवीएफ जैसी तकनीक से महिला के लिए गर्भधारण करना संभव हो सकता है।

  • अगर एएमएच कम हो तो क्या होगा?

एएमएच का कम स्तर रजोनिवृत्ति की शुरुआत का संकेत दे सकता है। इसके अलावा, रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं और युवा महिलाओं में आमतौर पर एएमएच का स्तर कम होता है। अगर किसी महिला में एएमएच का स्तर कम है, तो यह गर्भधारण की कम संभावना का संकेत हो सकता है।

  • निम्न एएमएच स्तर को किस तरह बढ़ाया जा सकता है?

एएमएच स्तर को बढ़ाने का कोई तय तरीका नहीं है। नियमित व्यायाम और योग का अभ्यास करना, एक्यूपंक्चर, धूम्रपान से दूर रहना, प्रजनन क्षमता की मालिश करना, विटामिन डी युक्त भोजन या पूरक का सेवन करना ऐसे उपाय हैं जिससे एएमएच स्तर को ठीक रखा जा सकता है। इसके अलावा ज्यादा तेल-मिर्च वाले खाने से परहेज करना चाहिए।

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