पोस्टीरियर प्लेसेंटा क्या है? गर्भावस्था में प्लेसेंटा की भूमिका

Author : Dr. Deepika Nagarwal September 13 2024
Dr. Deepika Nagarwal
Dr. Deepika Nagarwal

MBBS, MS ( Obstetrics and Gynaecology), DNB, FMAS, DCR( Diploma in clinical ART)

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पोस्टीरियर प्लेसेंटा क्या है? गर्भावस्था में प्लेसेंटा की भूमिका

प्रेगनेंसी के दौरान, प्लेसेंटा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो मुख्य रूप से मां और बच्चे के बीच में एक जीवन रेखा के रूप में कार्य करता है, जो मां के शरीर से पोषक तत्व और ऑक्सीजन शिशु तक पहुंचाता है। प्लेसेंटा की स्थिति कई बार बदल जाती है, जिसे पोस्टीरियर प्लेसेंटा कहा जाता है। चलिए इस ब्लॉग की मदद से प्लेसेंटा के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं।

पोस्टीरियर प्लेसेंटा क्या है?

प्लेसेंटा बच्चेदानी से जुड़ा एक अंग है, जो बच्चेदानी की चारों तरफ कहीं भी हो सकता है। जब प्लेसेंटा बच्चेदानी के पीछे की ओर जुड़ा होता है, तो इसे पोस्टीरियर प्लेसेंटा (Posterior Placenta) कहा जाता है। प्रेगनेंसी के लगभग 75% मामलों में यह स्थिति देखने को मिलती है।

आमतौर पर पोस्टीरियर प्लेसेंटा के कारण प्रेगनेंसी या बच्चे के जन्म में कोई भी समस्या नहीं होती है। हालांकि कुछ मामलों में पोस्टीरियर प्लेसेंटा वाली महिलाओं के शिशु का सिर नीचे की ओर हो जाता है। पोस्टीरियर प्लेसेंटा की स्थिति में कुछ जांच किए जाते हैं और उसी के अनुसार इलाज या देखभाल की योजना बनाई जाती है।

गर्भावस्था में प्लेसेंटा की भूमिका

प्रेगनेंसी में प्लेसेंटा कई कार्यों को करने के लिए जाना जाता है जैसे –

  • शिशु को पोषक तत्व: प्लेसेंटा का कार्य मां से शिशु तक आवश्यक पोषक तत्वों को पहुंचाना है। प्लेसेंटा यह कार्य नाभिनाल या अंबिलिकल कॉर्ड (Umbilical Cord) की मदद से करता है।
  • ऑक्सीजन पहुंचाना: शिशु को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है, जो मां के शरीर से प्लेसेंटा के द्वारा शिशु तक जाता है।
  • हानिकारक पदार्थों को निकालना: प्लेसेंटा एम्ब्र्यो में मौजूद हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है।
  • हार्मोन का उत्पादन: प्लेसेंटा कई हार्मोन के उत्पादन के लिए भी जाना जाता है, जिससे प्रेगनेंसी और बच्चे के जन्म में मदद मिलती है।
  • एम्ब्र्यो को रोगों से बचाना: प्लेसेंटा मां के शरीर से एंटीबॉडी भी लेता है, जो उन्हें भ्रूण तक पहुंचाता है। इसकी मदद से संक्रमण का खतरा भी कई गुणा कम हो जाता है।

पोस्टीरियर प्लेसेंटा के फायदे और संभावित समस्याएं

सबसे पहले यह समझें कि पोस्टीरियर प्लेसेंटा कोई समस्या नहीं है। यह एक स्वास्थ्य स्थिति है, जिसके कुछ फायदे और कुछ संभावित जटिलताएं होती हैं। चलिए सबसे पहले फायदों के बारे में जानते हैं –

पोस्टीरियर प्लेसेंटा के फायदे

  • बच्चे की गतिविधियों को महसूस करना: कई मामलों में देखा गया है कि पोस्टीरियर प्लेसेंटा के कारण महिलाएं अपने बच्चे की हलचल और ग्रोथ को खुद ही महसूस कर पाती हैं।
  • बच्चे की नॉर्मल डिलीवरी में लाभ: पोस्टीरियर प्लेसेंटा में शिशु के सिर को नीचे की तरफ करने में मदद मिलती है, जिससे नॉर्मल डिलीवरी आसान हो जाती है।
  • रक्त हानि का कम जोखिम (सिजेरियन के दौरान): यदि प्लेसेंटा पीछे की तरफ होता है तो सी-सेक्शन के दौरान रक्त हानि और अन्य जटिलताएं कम होती है।

संभावित समस्याएं

इस स्थिति की जटिलताएं बहुत कम है। फिर भी इसके कारण निम्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं –

  • प्लेसेंटा प्रेविया (Placenta previa): बहुत ही कम मामलों में यह समस्या देखने को मिलती है, जिसमें आंशिक या फिर पूर्ण रूप से प्लेसेंटा पूरे बच्चेदानी को ढक लेता है, जिसके कारण रक्त हानि की संभावना अधिक होती है।
  • प्लेसेंटा एक्रेटा: यह भी कम मामलों में देखने को मिलता है, जिसमें शिशु के जन्म के बाद ही प्लेसेंटा बच्चेदानी की दीवार से जुड़ा रहता है और वहां बढ़ता रहता है।
  • प्रीटर्म प्रसव (Preterm Perception): कुछ रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि पोस्टीरियर प्लेसेंटा और प्रीटर्म प्रसव में कोई ना कोई संबंध है। आमतौर पर प्रीटर्म प्रसव में 37 सप्ताह से पहले ही प्रसव पीड़ा शुरू हो जाती है, जो कि सामान्य समय से 3 सप्ताह कम है।

निष्कर्ष

पोस्टीरियर प्लेसेंटा प्रेगनेंसी की एक सामान्य स्थिति है, जिससे कोई मुख्य समस्या उत्पन्न नहीं होती है। यदि कोई समस्या उत्पन्न होती भी है, तो डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार की समस्या दिखने पर तुरंत निम्न सुझाव और सावधानियों का पालन करें –

  • नियमित जांच कराएं।
  • जागरूक रहें।
  • बच्चे की गतिविधियों पर ध्यान दें।
  • तनाव कम करें।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
  • डिलीवरी के लिए तैयारी करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सबसे पहले तो यह जान लें कि ऐसा करना एक कानूनी अपराध है। वर्तमान में पोस्टीरियर प्लेसेंटा से लिंग पता करना वैज्ञानिक रूप से भी सिद्ध नहीं है।

जब प्लेसेंटा बच्चेदानी के पीछे की ओर जुड़ा होता है, तो उस स्थिति को पोस्टीरियर प्लेसेंटा कहा जाता है। इसके अतिरिक्त जब प्लेसेंटा बच्चेदानी के सामने की ओर जुड़ा होता है, तो उसे एंटीरियर प्लेसेंटा कहा जाता है।

आमतौर पर, पोस्टीरियर प्लेसेंटा का प्रेगनेंसी पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि कुछ मामलों में इसके कारण समय से पहले बच्चे का जन्म हो जाता है।

पोस्टीरियर प्लेसेंटा होना हर महिला के लिए अलग हो सकता है। इसलिए बिना जांच के इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया जा सकता है।