FSH टेस्ट क्या होता है और क्यों किया जाता है?

Author : Dr. Deepika Nagarwal September 13 2024
Dr. Deepika Nagarwal
Dr. Deepika Nagarwal

MBBS, MS ( Obstetrics and Gynaecology), DNB, FMAS, DCR( Diploma in clinical ART)

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FSH टेस्ट क्या होता है और क्यों किया जाता है?

फर्टिलिटी से संबंधित समस्याओं को समझना और समय पर उचित उपचार कराना आवश्यक है। पीरियड्स में अनियमितता या बांझपन जैसी गंभीर समस्याएं हैं, जिनके कारण को जानने के लिए पुरुष, महिलाएं और बच्चों में FSH टेस्ट का किया जाता है।

चलिए इस ब्लॉग से समझते हैं कि FSH टेस्ट क्या है और इसकी आवश्यकता क्यों होती है।

FSH क्या होता है?

हमारा शरीर कई प्रकार के हार्मोन का निर्माण करता है, जो अलग-अलग कार्य करने के लिए जाना जाता है। उन्हीं में से एक है FSH या फॉलिकल सिमुलेशन हार्मोन (Follicle Stimulating Hormone) जो महिलाओं की ओवरी और पुरुषों के टेस्टीस को प्रभावित करते हैं।

महिलाओं के शरीर में FSH हार्मोन ओवरी में एग फॉलिकल्स (Eggs Follicles) के विकास को बढ़ावा देते हैं। यही फॉलिकल्स भविष्य में मेच्योर होकर अंडे बनते हैं, जिससे फर्टिलिटी की प्रक्रिया शुरू होती है।

वहीं पुरुषों में FSH हार्मोन का कार्य टेस्टीस में स्पर्म के उत्पादन को बढ़ाना है। साथ ही, यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के निर्माण को भी नियंत्रित करने का कार्य करते हैं, जिससे पुरुषों के शारीरिक विकास और यौन क्षमता में सुधार करने में मदद मिलती है।

FSH टेस्ट क्यों किया जाता है?

FSH हार्मोन का मुख्य कार्य फर्टिलिटी में सहायता प्रदान करना है। महिलाओं में इस टेस्ट का उपयोग ओवरी की कार्यप्रणाली, एस्ट्रोजन का स्तर, पीरियड साइकिल में अनियमितता, बांझपन, और मेनोपॉज के समय की पुष्टि करने के लिए होता है।

वहीं पुरुषों में शुक्राणु उत्पादन, टेस्टोस्टेरोन का स्तर, बांझपन और टेस्टिस में किसी प्रकार की समस्या की जांच के लिए FSH टेस्ट किया जाता है। बच्चों को भी इस टेस्ट का सुझाव दिया जाता है। जब बच्चों में प्यूबर्टी देर से आती है, तो FSH टेस्ट से इसके कारण की पुष्टि की जा सकती है।

FSH टेस्ट कैसे होता है?

मुख्य रूप से FSH हार्मोन टेस्ट के लिए ब्लड टेस्ट होता है। हालांकि, कुछ मामलों में मूत्र परीक्षण (यूरिन टेस्ट) की भी आवश्यकता पड़ सकती है। चलिए जानते हैं कि दोनों टेस्ट कैसे होते हैं –

  • ब्लड टेस्ट: इस टेस्ट में रोगी का ब्लड सैंपल लिया जाता है। फ्लेबोटोमिस्ट (ब्लड सैंपल लेने वाले विशेषज्ञ) आपके बांह की नस से थोड़ा खून का सैंपल लेते हैं।
  • यूरिन टेस्ट: कुछ ही मामलों में यूरिन टेस्ट की आवश्यकता पड़ती है। यूरिन टेस्ट के लिए लैब तकनीशियन एक कंटेनर देते हैं, जिसमें आपको मूत्र एकत्रित करने को कहा जाता है।

दोनों सैंपल की जांच की जाती है और एक या दो दिन में इस टेस्ट के परिणाम मिल जाते हैं।

FSH टेस्ट के परिणाम

FSH हार्मोन टेस्ट के परिणाम को mIU/mL (मिली इंटरनेशनल यूनिट्स प्रति मिलीलीटर) में मापा जाता है। चलिए इस टेस्ट के परिणाम के नॉर्मल रेंज के बारे में जानते हैं –

  • महिलाओं में पीरियड साइकिल के पहले भाग में FSH हार्मोन का सामान्य स्तर 4.7 – 21.5 mIU/mL होता है। मेनोपॉज के बाद यह स्तर 25.8 – 134.8 mIU/mL हो जाता है।
  • पुरुषों में FSH हार्मोन का सामान्य स्तर 1.5 – 12.4 mIU/mL है।
  • बच्चों में इसका स्तर थोड़ा सा अलग होता है। 8-13 वर्ष की लड़कियों में यह स्तर 0.10 – 0.63 mIU/mL होता है और 14-19 वर्ष के लडकियों में नॉर्मल रेंज 0.17 – 7.65 mIU/mL होता है। वहीं दूसरी तरफ, 8-13 वर्ष के लड़कों में यह स्तर 0.12 – 0.73 mIU/mL है और 14-19 वर्ष के लड़कों में यह स्तर 0.23 – 8.62 mIU/mL होता है।

यूरिन टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज के बारे में डॉक्टर आपको जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

कम और असाधारण FSH हार्मोन स्तर का कारण

कम और असाधारण FSH हार्मोन स्तर के कई कारण होते हैं। चलिए इन सभी कारणों को इस टेबल से समझते हैं।

 

लिंग उच्च FSH (High FSH) कम FSH (Low FSH)
पुरुष टेस्टीस या अंडकोष को नुकसान हाइपोथैलेमस या पिट्यूटरी ग्लैंड की समस्या
महिलाएं समय से पहले ओवेरियन फेल्योर, पीसीओएस, समय से पहले मेनोपॉज, ओवेरियन ट्यूमर और टर्नर सिंड्रोम पिट्यूटरी ग्लैंड में समस्या, और ओवरी का पर्याप्त अंडों का उत्पादन न करना
बच्चे प्यूबर्टी का जल्दी आना। प्यूबर्टी का देर से आना, हार्मोन की कमी और खान-पान संबंधित समस्या।

FSH टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

FSH टेस्ट एक साधारण सा टेस्ट है, जिसके लिए किसी खास तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें जैसे कि –

  • महिलाएं अपने पीरियड्स साइकिल के बारे में डॉक्टर को सूचित करें।
  • पुरुष और बच्चे कभी भी यह टेस्ट को करा सकते हैं। उन्हें किसी भी बात का ध्यान नहीं रखना होता है।
  • ब्लड और यूरिन टेस्ट के दौरान स्वच्छता का अच्छे से पालन करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सामान्यतः FSH स्तर सभी में अलग-अलग होता हैं जैसे कि –

  • महिलाओं के पीरियड साइकिल में – 4.7 – 21.5 mIU/mL
  • महिलाओं में मेनोपॉज के बाद – 25.8 – 134.8 mIU/mL
  • पुरुष में – 1.5 – 12.4 mIU/mL

FSH टेस्ट में मुख्य रूप से FSH हार्मोन के स्तर को मापा जाता है। एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन आदि भी इस टेस्ट से मापे जाते हैं।

महिलाओं में अनियमित पीरियड्स, बांझपन आदि और पुरुषों में शुक्राणु/बांझपन संबंधी जांच के लिए इस टेस्ट को कराया जाता है।

FSH टेस्ट में कुछ ही मिनट लगते हैं। सैंपल कलेक्शन के बाद रिजल्ट में कुछ दिन लग सकते हैं।

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