एएमएच टेस्ट क्या है और क्यों किया जाता है (AMH Test in Hindi)
- Published on April 16, 2022

Table of Contents
एएमएच टेस्ट क्या है (Anti Mullerian Hormone (AMH) Test in Hindi)
मासिक धर्म के दौरान एएमएच एक स्तर स्थिर रहता है, इसलिए मासिक धर्म के दौरान एएमएच टेस्ट को कभी भी किया जा सकता है। यह ओवेरियन रिजर्व के लिए एक मार्कर का काम करता है जिसकी जांच एएमएच ब्लड टेस्ट से की जाती है।
एएमएच का फुल फॉर्म (AMH Test Full Form) “एंटी-मुलेरियन हार्मोन” है। एएमएच टेस्ट का सटीक परिणाम पाने के लिए इसे एस्ट्रल फॉलिक काउंट (एएफसी) के साथ किया जाता है। इस टेस्ट से महिला के दोनों अंडाशय में मौजूद फॉलिकल्स की संख्या का पता लगाया जाता है।
एएमएच टेस्ट को एक्सपर्ट फर्टिलिटी अल्ट्रासाउंड स्कैन के साथ किया जाता है। इस जांच से एक महिला की प्रजनन क्षमता का आकलन करके गर्भधारण की संभावना की पुष्टि की जा सकती है।
एएमएच टेस्ट किसलिए किया जाता है (Why is Anti Mullerian Hormone (AMH) Test Done in Hindi)
एएमएच टेस्ट कई कारणों से किया जाता है। यह टेस्ट महिला के अंडाशय में अंडों के रिजर्व होने का संकेत देता है जिससे इस बात की पुष्टि की जा सकती है कि निषेचन के लिए कितने अंडे उपलब्ध हैं। इससे डॉक्टर सफल गर्भावस्था की संभावना का अंदाजा लगा पाते हैं।
ओवेरियन फॉलिकल में एंटी-मुलरियन हार्मोन का निर्माण होता है। उम्र बढ़ने पर एक महिला में अंडों की संख्या कम होने लगती है। साथ ही, एंटी-मुलेरियन हार्मोन का स्तर भी कम होता है।
इन लिहाज से एंटी मुलेरियन टेस्ट से इस बात की पुष्टि की जा सकती है कि एक महिला के अंडाशय में कितने अंडे शेष यानी बचे हुए हैं। बचे हुए अंडों से गर्भधारण का अंदाजा लगाया जा सकता है।
एएमएच टेस्ट के बाद अगर किसी महिला में अंडों की संख्या कम है तो वह अपने प्रजनन उपचार (फर्टिलिटी ट्रीटमेंट) के बारे में विचार कर सकती है।
इन सबके अलावा भी एएमएच टेस्ट का इस्तेमाल अन्य कारणों से किया जा सकता है जैसे कि:-
- पीरियड्स नहीं आना (एमेनोरिया) के कारण की पुष्टि करना
- पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) का निदान में मदद करना
- मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) की शुरुआती लक्षणों का अनुमान लगाना
एएमएच टेस्ट का उपयोग ओवेरियन कैंसर से पीड़ित महिलाओं के स्वास्थ्य की निगरानी करने के लिए भी किया जा सकता है।
एएमएच टेस्ट से पहले क्या होता है (What Happens Before Anti Mullerian Hormone (AMH) Test in Hindi)
आमतौर पर एएमएच टेस्ट से पहले आपको किसी ख़ास तरह की कोई तयारी करने की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, अगर आप प्रजनन से संबंधित किसी अन्य तरह की दवा का सेवन करते हैं तो डॉक्टर को इस बारे में अवश्य बताएं।
प्रजनन से संबंधित इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर आपको उन दवाओं का सेवन बंद करने का सुझाव दे सकते हैं। शोध ने इस बात की पुष्टि की है कि गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन एएमएच टेस्ट के स्तर को प्रभावित नहीं करता है, लेकिन शरीर में दूसरे हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है।
एएमएच टेस्ट कैसे किया जाता है (How is Anti Mullerian Hormone (AMH) Test Done in Hindi)
एएमएच टेस्ट एक आसान जांच की प्रक्रिया है। इस जांच के दौरान डॉक्टर शरीर से नस के जरिए खून का सैंपल लेकर उसकी जांच करते हैं। एएमएच टेस्ट करने के लिए कुछ खास मेडिकल उपकरणों की जरूरत होती है। इसलिए इसे डॉक्टर की निगरानी में क्लिनिक या हॉस्पिटल में किया जाता है।
एएमएच टेस्ट के लिए सामान्य सीमा क्या है?
एएमएच टेस्ट के लिए सीरम एएमएच स्तर की सीमा 2–6.8 ng/ml (14.28–48.55 pmol/l) होती है। हाल के वर्षों में, संचित डेटा इशारा करते हैं कि सीरम एएमएच डिम्बग्रंथि रिजर्व की भविष्यवाणी करने के लिए सबसे अच्छा परीक्षण होने की आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।
एएमएच टेस्ट आपके प्रजनन स्तर की जांच करने और गर्भावस्था की योजना बनाने का एक उपयोगी तरीका है। यह प्रजनन विशेषज्ञ को आपके लिए उपचार के सर्वोत्तम पाठ्यक्रम की योजना बनाने में भी मदद कर सकता है। कम एएमएच उपचार और शमन पर विचार करते समय, आई.वी.एफ उपचार विचार करने का एक अच्छा विकल्प है।
यदि आप अपने एएमएच स्तर या एक जोड़े के रूप में अपनी प्रजनन क्षमता के बारे में चिंतित हैं, तो फर्टिलिटी क्लिनिक पर जाएँ। प्रजनन विशेषज्ञ के साथ अपनी चिंताओं पर चर्चा करना सुनिश्चित करें ताकि वे उचित परीक्षणों का सुझाव दे सकें।
एएमएच टेस्ट और फर्टिलिटी टेस्ट कराने के लिए या आई.वी.एफ उपचार विकल्पों के बारे में जानने के लिए बिरला फर्टिलिटी एंड आई.वी.एफ पर जाएं या डॉ. दीपिका मिश्रा के साथ अपॉइंटमेंट बुक करें।
एएमएच का स्तर कम होने पर गर्भधारण कैसे किया जा सकता है?
जब एक महिला में एएमएच का स्तर कम होता है तो उसे गर्भधारण करने में अड़चनें आती हैं। इस स्थिति में गर्भधारण करने में निम्न उपचार के विकल्प प्रभावशाली साबित हो सकते हैं:-
- इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ)
- इंट्रायूटेराइन इनसेमिनेशन (आईयूआई)
- डोनर एग के साथ आईवीएफ
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
एएमएच टेस्ट क्यों किया जाता है? (Why AMH Test is Done?)
एएमएच टेस्ट कई कारणों से किया जाता है, लेकिन इसका मुख्य कारण एक महिला की प्रजनन क्षमता का पता लगाना है।
एएमएच का स्तर कितना होना चाहिए? (What is the Normal AMH Level?)
सामान्य तौर पर एएमएच का स्तर 2.20-6.80 ng/mL होना चाहिए है। अगर इसका स्तर 1 ng/mL से कम होता है तो इसे लो एएमएच कहते हैं।
कम उम्र की महिला में एएमएच का स्तर कम क्यों होता है?
अस्वस्थ जीवनशैली, खराब खान-पान, नशीली चीजों का सेवन और तनाव के कारण कम उम्र की महिलाओं में एएमएच का स्तर कम हो सकता है।
एएमएच टेस्ट कब करना चाहिए? (AMH Test Kab Karna Chahiye in Hindi?)
जब एक महिला प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में असफल होती है तो उसे एएमएच टेस्ट कराना चाहिए।
एएमएच का स्तर ज़्यादा होने का क्या मतलब होता है? (What Does a High AMH Level Mean?)
जब एक महिला के अंडाशय में अधिक अंडे होते हैं तो एएमएच का स्तर अधिक होता है। उम्र के साथ एक महिला में एएमएच का स्तर कम होता है।
क्या एएमएच टेस्ट के लिए खाली पेट रहने की जरूरत होती है? (Is Fasting Required for AMH Test?)
नहीं. एएमएच टेस्ट से पहले आपको किसी ख़ास तरह की कोई तयारी करने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन अगर आप प्रजनन संबंधित दवाओं का सेवन करती हैं तो इस बारे में डॉक्टर को अवश्य बताएं।
क्या एएमएच का स्तर बढ़ाया जा सकता है ?
दुर्गभाग्य से एएमएच का स्तर बढ़ाने के तरीके मौजूद नहीं हैं। हालांकि, कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि डीएचईए की खुराक और विटामिन डी का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन अभी इस पर शोध होना बाकी है।
Related Posts
Written by:
Dr (Prof) Vinita Das
Consultant
Dr. Vinita Das is a renowned name in the field of reproductive health. She is a Former Dean & HOD ObGyn KG Medical University, Lucknow, She has extensive international experience and has visited Infertility Units at Birmingham Women’s Hospital, Liverpool women’s Hospital, Bristol University, in UK in an exchange program. She introduced IVF in the state of UP by creating the first IVF facility in public sector at an affordable cost
Over 40 years of experience
Lucknow, Uttar Pradesh
Our Services
Fertility Treatments
Problems with fertility are both emotionally and medically challenging. At Birla Fertility & IVF, we focus on providing you with supportive, personalized care at every step of your journey towards becoming a parent.Male Infertility
Male factor infertility accounts for almost 40%-50% of all infertility cases. Decreased sperm function can be the result of genetic, lifestyle, medical or environmental factors. Fortunately, most causes of male factor infertility can be easily diagnosed and treated.We offer a comprehensive range of sperm retrieval procedures and treatments for couples with male factor infertility or sexual dysfunction.