उम्र के साथ-साथ महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं – मेनोपॉज भी उन्हीं में से एक है। मेनोपॉज (Menopause in Hindi) का मतलब माधिक धर्म चक्र और ओव्यूलेशन का बंद होना है। आमतौर पर यह 45-50 की उम्र में होता है, लेकिन यह हर महिला में इसका समय अलग-अलग हो सकता है।
मेनोपॉज से पहले और दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होते हैं। इस ब्लॉग में हम मेनोपॉज के लक्षण और उपाय के बारे में विस्तार से जानेंगे।
मेनोपॉज क्या है? – Menopause kya hota hai?
मेनोपॉज को रजोनिवृत्ति के नाम से भी जाना जाता है। जब एक महिला को 12 महीनों तक पीरियड्स नहीं आते हैं तो उस स्थिति को मेडिकल भाषा में मेनोपॉज कहा जाता है। आमतौर पर यह 45-55 की उम्र के बीच शुरू होता है। हालाँकि, कुछ मामलों में यह इससे पहले या बाद में भी हो सकता है।
रजोनिवृत्ति आने के बाद महिला स्वाभाविक रूप से गर्भधारण नहीं कर सकती है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो ओवरी यानी अंडाशय की उम्र के रूप में होती है। इस दौरान प्रजनन हार्मोन का उत्पादन कम धीरे-धीरे बंद हो जाता है। रजोनिवृत्ति के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं।
मेनोपॉज आने पर महिला खुद में अनेक लक्षणों को अनुभव करती है जो असहज और परेशान करने वाले हो सकते हैं। अधिकतर महिलाओं को रजोनिवृत्ति आने के बाद मेडिकल सहायता की आवश्यकता नहीं पड़ती है। लेकिन लक्षण गंभीर होने पर महिला को डॉक्टर से परामर्श करने का सुझाव दिया जाता है।
मेनोपॉज के तीन चरण क्या हैं? – Types of Menopause in Hindi
मेनोपॉज तीन चरणों में होता है, जिसमें निम्न शामिल हैं:
- प्री-मेनोपॉज (Premature Menopause): यह समय पीरियड्स बंद होने से पहले का होता है। इस दौरान हार्मोनल बदलाव शुरू होते हैं। पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। लक्षणों में गर्मी महसूस होना, मूड स्विंग और नींद की समस्या हो सकती है।
- मेनोपॉज (Menopause): जब किसी महिला के पीरियड्स लगातार 12 महीने तक नहीं आते हैं तो इसे मेनोपॉज कहते हैं। इस समय महिला की प्रजनन क्षमता खत्म हो जाती है।
- पोस्ट-मेनोपॉज (Post menopause): यह मेनोपॉज के बाद का स्टेज है। लक्षण धीरे-धीरे कम होते हैं। हालांकि, हड्डियों और दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
मेनोपॉज के लक्षण और उपाय
रजोनिवृत्ति होने पर महिला खुद में अनेक लक्षणों को अनुभव कर सकती है। नीचे हम इसके मुख्य लक्षणों और उनके उपचार (Menopause Treatment in Hindi) के बारे में विस्तार से बता रहे हैं:
स्तनों में कोमलता
जब एक महिला को मेनोपॉज आता है तो उसके स्तन कोमल हो जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है। स्तनों की कोमलता और सूजन को दूर करने के लिए डॉक्टर कुछ ख़ास दवाएं निर्धारित करते हैं।
हॉट फ्लैशेस
रजोनिवृत्ति होने पर महिला अपने शरीर में गर्माहट महसूस कर सकती है। इस लक्षण को दूर करने के लिए महिला को अधिक मात्रा में पानी, फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए। साथ ही, तैलीय, मसालेदार, फ़ास्ट फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स, शराब और सिगरेट आदि से परहेज करना चाहिए।
यूरिनरी लीकेज
यूरिनरी लीकेज को मेडिकल भाषा में स्ट्रेस यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस भी कहते हैं। रजोनिवृत्ति के बाद एस्ट्रोजन का स्तर कम होने पर महिला को यूरिनरी लीकेज की समस्या भी हो सकती है। इसे दूर करने के लिए आमतौर पर डॉक्टर लेजर वैजाइनल टाइटनिंग का सुझाव देते हैं।
योनि में सूखापन
रजोनिवृत्ति के दौरान महिला में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है। साथ ही, योनि के अस्तर पतले होने लगते हैं और योनि स्राव भी कम हो जाता है। नतीजतन, योनि लोच यानी वैजाइनल इलास्टिसिटी कम हो जाती है और योनि में सूखापन आ जाता है।
योनि में सूखापन होने के कारण महिला को यौन संबंध बनाते समय तेज दर्द अनुभव हो सकता है। इस समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टर कुछ लुब्रिकेंट्स का सुझाव देते हैं जिसका इस्तेमाल करने से यौन संबंध बनाते समय योनि में दर्द की शिकायत दूर हो जाती है।
स्पॉटिंग या अनियमित रक्तस्राव
कुछ महिलाएं मेनोपॉज आने के बाद कुछ दिनों तक स्पॉटिंग या अनियमित रक्तस्राव भी अनुभव कर सकती हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर उपचार की मदद से इस समस्या को दूर करते हैं।
हालाँकि, रजोनिवृत्ति के बाद स्पॉटिंग या हेवी ब्लीडिंग अन्य स्वास्थ्य संबंधित कारणों से भी हो सकते हैं। इसलिए इसे नजरअंदाज करना उचित नहीं है। मेनोपॉज के बाद इन लक्षणों को अनुभव करने पर जल्द से जल्द विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।
वजन बढ़ना
जब एक महिला रजोनिवृत्ति से गुजरती है तो उसका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है जिससे उसका वजन बढ़ने लगता है यानी मोटापा का खतरा होता है। इस समस्या से बचने के लिए डॉक्टर आमतौर पर नियमित रूप से व्यायाम करने और स्वस्थ जीवनशैली एवं डाइट पर ध्यान देने का सुझाव देते हैं।
इन सबके अलावा, महिला दूसरे भी लक्षणों को अनुभव कर सकती है जैसे की नींद नहीं आना। रजोनिवृत्ति के कारण महिला को हॉट फ्लैश होने और पसीना आने के कारण नींद में बाधा पैदा हो सकती है। इस स्थिति में महिला पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं ले पाती है। इस समस्या से निबटने के लिए डॉक्टर नींद सोने से पहले मेडिटेशन करने का सुझाव देते हैं।
साथ ही, संभव होने पर सोने से पहले ठंडे या हल्का गर्म पानी से स्नान करने का सुझाव देते हैं। बिस्तर पर जाने से पहले स्नान और मेडिटेशन करने से तन और मन दोनों शांत हो जाते हैं जिससे गहरी और पूर्ण रूप से नींद लेने में मदद मिलती है।
मेनोपॉज के लक्षण कितने समय तक रहते हैं?
आमतौर पर मेनोपॉज के लक्षण 4-5 साल तक रह सकते हैं, लेकिन यह हर महिला में अलग हो सकता है। कुछ महिलाओं में लक्षण कुछ महीनों तक ही रहते हैं, जबकि अन्य महिलाऐं 10 साल तक इसके लक्षणों को अनुभव कर सकती हैं। इसके लक्षणों में गर्मी महसूस होना, मूड स्विंग और नींद नहीं आना शामिल हैं।
मेनोपॉज का कारण बनता है – Causes of Menopause in Hindi
मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिससे हर महिला को उम्र बढ़ने के साथ गुजरना पड़ता है।
हालाँकि, कुछ महिलाओं को कई कारणों से समय से पहले रजोनिवृत्ति का अनुभव हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:
समय से पहले डिम्बग्रंथि विफलता
अज्ञात कारणों से, आपके अंडाशय समय से पहले अंडे जारी करना बंद कर सकते हैं। जब यह 40 वर्ष की आयु से पहले होता है, तो इसे समय से पहले डिम्बग्रंथि विफलता कहा जाता है।
दुनिया भर में, यह स्थिति 0.1 वर्ष से कम उम्र की 30% महिलाओं और 1 वर्ष से कम उम्र की 40% महिलाओं को प्रभावित करती है। इसे समय से पहले डिम्बग्रंथि अपर्याप्तता (पीओआई) के रूप में भी जाना जाता है, यह एक प्रमुख स्थिति है महिला बांझपन का कारण 40 से कम उम्र की महिलाओं में।
प्रेरित मेनोपॉज
कीमोथेरेपी या रेडिएशन जैसी कुछ चिकित्सकीय प्रक्रियाएं आपके अंडाशय को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इससे प्रेरित रजोनिवृत्ति हो सकती है। इसके अलावा, आपके एक या दोनों अंडाशय (ओओफ़ोरेक्टॉमी) को सर्जिकल हटाने से अचानक रजोनिवृत्ति हो सकती है।
इस प्रक्रिया का उपयोग बड़े डिम्बग्रंथि पुटी, सौम्य ट्यूमर, पुरानी श्रोणि दर्द और श्रोणि सूजन की बीमारी के इलाज के लिए किया जाता है। हिस्टेरेक्टॉमी प्रक्रिया (गर्भाशय को हटाना) भी मासिक धर्म की समाप्ति की ओर ले जाती है।
ल्यूपस और ग्रेव्स रोग जैसे कुछ ऑटोइम्यून विकार भी समय से पहले रजोनिवृत्ति का कारण बनते हैं।
शोध के अनुसार, भारत में 3.7% महिलाएं समय से पहले मेनोपॉज की शिकायत करती हैं। उनमें से लगभग 1.7% ने शल्य चिकित्सा से रजोनिवृत्ति को प्रेरित किया है, जबकि 2% प्राकृतिक समय से पहले रजोनिवृत्ति से गुजरे हैं।
मेनोपॉज निदान
पुष्टि प्राप्त करने का एकमात्र तरीका औपचारिक निदान प्राप्त करना है। इससे पहले कि आप डॉक्टर से सलाह लें, अपने पीरियड्स को ट्रैक करने की कोशिश करें। असमान पैटर्न आपके डॉक्टर के लिए एक अतिरिक्त सुराग के रूप में काम करेगा।
स्त्री रोग विशेषज्ञ निम्न स्तरों को निर्धारित करने के लिए परीक्षणों की सिफारिश कर सकते हैं:
- कूप-उत्तेजक हार्मोन (एफएसएच): जब आप रजोनिवृत्ति तक पहुंचते हैं, तो एफएसएच बढ़ जाता है।
- एस्ट्राडियोल: एस्ट्राडियोल का स्तर बताता है कि आपके अंडाशय द्वारा कितना एस्ट्रोजन का उत्पादन किया जा रहा है। रजोनिवृत्ति के दौरान, एस्ट्राडियोल का स्तर कम हो जाता है।
- थायराइड हार्मोन: थायरॉयड ग्रंथि के साथ समस्याएं ऐसे लक्षणों का कारण बनती हैं जो रजोनिवृत्ति की तरह होती हैं।
लगातार 12 महीनों तक मासिक धर्म की कमी आपके निदान की पुष्टि कर सकती है।
मेनोपॉज का उपचार – Menopause Treatment in Hindi
रजोनिवृत्ति, एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो एक महिला के प्रजनन वर्षों के अंत को चिह्नित करती है, हार्मोनल परिवर्तन लाती है जो विभिन्न लक्षणों को जन्म दे सकती है। हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) एक सामान्य उपचार है, जो एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन की पूर्ति करके हॉट फ्लैशेज और मूड स्विंग जैसे लक्षणों को कम करती है। हालाँकि, एचआरटी से जुड़े जोखिम, जैसे स्तन कैंसर और हृदय संबंधी समस्याओं का बढ़ता जोखिम, पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता है।
गैर-हार्मोनल विकल्पों में जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं, जैसे स्वस्थ आहार लेना और नियमित व्यायाम करना कुछ लक्षणों को कम कर सकते हैं। संज्ञानात्मक-व्यवहार थेरेपी (cognitive Behavioural Therapy) मूड स्विंग और नींद से संबंधित समस्याओं को दूर करने में सहायता कर सकती है। महिला के स्वास्थ्य इतिहास और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत उपचार योजनाएँ भी बनाई जा सकती हैं। अगर आप खुद में कुछ लक्षणों को अनुभव करती हैं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने के सुझाव दिया जाता है।
निष्कर्ष
मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिससे एक उम्र के बाद हर महिला को गुजरना है। यह कोई बीमारी नहीं है – इसलिए आपको इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। हालाँकि, कुछ मामलों में इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं – ऐसा होने पर आपको मेडिकल सहायता की ज़रूरत पड़ सकती है।
आमतौर पर मेनोपॉज के बाद अधिकतर महिलाओं को मेडिकल सहायता की ज़रूरत नहीं पड़ती है। अगर आप रजोनिवृत्ति से गुजर रही हैं और आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो आप हमारे विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श कर सकती हैं। हमारे डॉक्टर अपने अनुभव और सटीक उपचार की मदद से आपकी परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
मेनोपॉज का मतलब क्या होता है?
रजोनिवृत्ति एक स्थिति है जब महिला के पीरियड्स पूर्ण रूप से रुक जाते हैं। आमतौर पर यह 45-55 की उम्र में होता है।
मेनोपॉज की सही उम्र क्या है?
विशेषज्ञ के अनुसार, रजोनिवृत्ति की सही उम्र 45-50 वर्ष मानी जाती है। इस उम्र की अधिकतर महिलाओं को पीरियड्स आने बंद होने लगते हैं।
मेनोपॉज में क्या-क्या परेशानी होती है?
रजोनिवृत्ति के दौरान एक महिला को लक्षणों के रूप में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि हॉट फ्लैश, योनि में बदलाव, स्तनों में कोमलता, स्पॉटिंग, अनियमित रक्तस्राव, यूरिनरी लीकेज, वजन बढ़ना और नींद नहीं आना आदि।
रजोनिवृत्ति के सामान्य लक्षण क्या हैं?
रजोनिवृत्ति के लक्षण अलग-अलग होते हैं, लेकिन आमतौर पर हॉट फालिशेज, रात को पसीना आना, मूड में बदलाव आना और नींद में खलल पड़ना आदि शामिल होते हैं। रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव से भी योनि में सूखापन और कामेच्छा में बदलाव हो सकता है।
जीवनशैली में बदलाव से रजोनिवृत्ति के लक्षणों को प्रबंधित करने में कैसे मदद मिल सकती है?
स्वस्थ जीवन शैली अपनाना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नियमित व्यायाम करना वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है और हॉट फ्लैशेज को कम करता है। पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी वाला संतुलित आहार हड्डियों के स्वास्थ्य में सहायता करता है। कैफीन और अल्कोहल को सीमित करना, योग या ध्यान जैसी तकनीकों के माध्यम से तनाव का प्रबंधन करना और पर्याप्त नींद सुनिश्चित करना समग्र स्वास्थ्य में योगदान देता है।
क्या रजोनिवृत्ति के लक्षणों के लिए गैर-हार्मोनल उपचार हैं?
हाँ, गैर-हार्मोनल विकल्प मौजूद हैं। संज्ञानात्मक-व्यवहार थेरेपी मूड स्विंग और भावनात्मक परिवर्तनों को प्रबंधित करने में सहायता कर सकती है। ब्लैक कोहॉश और सोया आइसोफ्लेवोन्स जैसे हर्बल सप्लीमेंट्स को उनके संभावित लाभों के लिए आजमाया जा सकता है, लेकिन उनकी प्रभावकारिता भिन्न-भिन्न होती है। इसलिए उन्हें उपचार में शामिल करने से पहले एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को कितनी बार जांच करानी चाहिए?
रजोनिवृत्ति के दौरान नियमित स्वास्थ्य जांच महत्वपूर्ण है। हड्डियों के घनत्व, कोलेस्ट्रॉल के स्तर और रक्तचाप की निगरानी से समग्र स्वास्थ्य का आकलन करने में मदद मिलती है। यह डॉक्टर को व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं और उभरती स्वास्थ्य आवश्यकताओं के आधार पर उपचार योजना बनाने में मदद करता है।
क्या मेनोपॉज वजन बढ़ाने का कारण बनता है?
मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। हेल्दी डाइट और व्यायाम से मोटापे को कंट्रोल किया जा सकता है।
क्या मैं मेनोपॉज के बाद संभोग सुख प्राप्त कर सकती हूँ?
हां, मेनोपॉज के बाद भी आप संभोग का सुख प्राप्त कर सकती हैं। इसमें लुब्रिकेशन और पार्टनर के साथ आपका इमोशनल कनेक्शन काफी मददगार साबित हो सकते हैं। अगर इसके बावजूद भी आपको किसी प्रकार की समस्या होती है तो डॉक्टर से सलाह लें।
क्या मेनोपॉज 40 की उम्र से पहले हो सकता है?
हां, इसे प्रीमैच्योर मेनोपॉज कहते हैं। यह हार्मोनल असंतुलन, अनुवांशिक कारण या स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकता है।