मेनोपॉज के लक्षण और उपचार (Symptoms & Treatment of Menopause in Hindi)

Author : Dr. Nidhi Gohil November 21 2024
Dr. Nidhi Gohil
Dr. Nidhi Gohil

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Fellowship in IVF

5+Years of experience:
मेनोपॉज के लक्षण और उपचार (Symptoms & Treatment of Menopause in Hindi)

रजनोवृत्ति को अंग्रेजी में मेनोपॉज कहते हैं। मेनोपॉज प्रचलित शब्द है। जब एक महिला को लगातार 12 महीनों तक पीरियड्स नहीं आते हैं तो इस स्थिति को मेनोपॉज कहा जाता है। मेनोपॉज से गुजर रही महिला स्वाभाविक रूप से गर्भवती नहीं हो सकती है।

मेनोपॉज आमतौर पर 45-55 की उम्र के बीच शुरू होता है, लेकिन कभ-कभी यह इससे पहले या बाद में भी हो सकता है। यह असहज और परेशान करने वाला लक्षण पैदा कर सकता है जैसे कि डिप्रेशन और वजन बढ़ना आदि।

अधिकतर मामलों में महिलाओं को मेनोपॉज के लिए मेडिकल सहायता की आवश्यकता नहीं पड़ती है, लेकिन कुछ मामलों में गंभीर लक्षण होने पर मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है।

इस ब्लॉग में हम मेनोपॉज के मुख्य लक्षणों और उनके उपचार के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।

 

मेनोपॉज के लक्षण और उनका उपचार:-

 

  • स्तनों में कोमलता

स्तनों का कोमल होना और उनमें सूजन आना मेनोपॉज के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं। मेनोपॉज होने पर आप खुद में इन लक्षणों को अनुभव कर सकती हैं।

स्तनों के दर्द और सूजन को दूर करने के लिए आपके डॉक्टर कुछ खास तरह की दवाएं निर्धारित कर सकते हैं।

साथ ही, कुछ जड़ी-बूटियां जैसे कि ब्लैक करेंट तेल और इवनिंग प्रिमरोज तेल का भी इस्तेमाल करने का सुझाव दे सकते हैं।

 

  • योनि में बदलाव

मेनोपॉज होने पर एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है जिसके कारण योनि के अस्तर पतले होने लगते हैं और योनि स्राव यानी वेजाइनल ब्लीडिंग भी कम हो जाती है।

वेजाइनल ब्लीडिंग नहीं होने के कारण योनि में सूखापन आ जाता है जिससे यौन संबंध बनाते समय दर्द हो सकता है।

यौन संबंध बनाते समय होने वाले दर्द से बचने के लिए लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। 

इससे कोई फायदा नहीं होने पर आपको तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि सेक्स के दौरान दर्द का कारण कोई अंतर्निहित स्थिति भी ही सकती है।

 

  • स्पॉटिंग या अनियमित रक्तस्राव

जब एक महिला पेरीमेनोपॉज से गुजरती है तो उसका गर्भाशय सिकुड़ने लगता है। इस स्थिति में एंडोमेट्रियम पूर्वानुमानित मासिक धर्म के लिए शेड बनाना बंद कर देता है।

इसलिए मेनोपॉज के बाद काफी महिलाएं स्पॉटिंग या अनियमित रक्तस्राव को अनुभव कर सकती हैं। इस स्थिति में आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।

मेनोपॉज के बाद स्पॉटिंग या अनियमित रक्तस्राव का कारण दूसरी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि कैंसर।

इसलिए यह लक्षण अनुभव होने पर बिना देरी किए निदान कराकर इसके सटीक कारण की पुष्टि करनी चाहिए ताकि समय पर उचित उपचार किया जा सके।

 

  • यूरिनरी लीकेज

मेनोपॉज के लक्षणों में यूरिनरी लीकेज भी शामिल है। यह समस्या 50-60 वर्ष की लगभग 30% से अधिक महिलाओं में देखने को मिलती है।

एस्ट्रोजन का स्तर कम होने के कारण यूरिनरी लीकेज की समस्या पैदा हो सकती है। इसका उपचार करने के लिए लेजर वेजाइनल टाइटनिंग प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है।

इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर योनी की मांसपेशियों को टाइट और मजबूत करते हैं जिससे यूरिनरी लीकेज और सेक्स के दौरान होने वाले दर्द से छुटकारा मिलता है।

 

  • वजन बढ़ना

मेनोपॉज आने के बाद महिला का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है जिसके कारण उसका वजन बढ़ने लगता है।

मेनोपॉज के बाद वजन को कम करने या सामान्य रखने के लिए आपको नियमित रूप से हल्का-फुल्का व्यायाम करना चाहिए और डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।

 

  • हॉट फ्लैश

शरीर में गर्माहट महसूस करना और हॉट फ्लैश होना मेनोपॉज के सबसे शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं।

गर्माहट और हॉट फ्लैश से बचने के लिए आपको सोया-आधारित पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

इसमें फाइटोएस्ट्रोजन नामक हार्मोन पाया जाता है जो मेनोपॉज के कारण होने वाले हार्मोनल प्रतिवर्तन को आंशिक रूप से सामान्य बनाने में मदद कर सकता है।

 

  • नींद नहीं आना

नींद नहीं आना या बहुत कम समय के लिए नींद आना मेनोपॉज के लक्षणों में से एक हो सकता है। 

मेनोपॉज के बाद शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होता है जिसके कारण नींद सोने में दिक्कतें आ सकती हैं।

नींद नहीं आने की समस्या को दूर करने के लिए आप रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम और सोने से पहले कुछ समय तक मेडिटेशन कर सकती हैं।

मेडिटेशन करने से मन शांत होता है जिससे नींद जल्दी आ जाती है। साथ ही, आप बिस्तर पर जाने से पहले ठंडे या हल्का गर्म पानी से स्नान कर सकती हैं। ऐसे करने से भी अच्छी नींद आती है।

 

निष्कर्ष

मेनोपॉज के बाद एक महिला के अपने शरीर में अनेक बदलाव देखना लाजमी है। अगर आप मेनोपॉज से गुजर रही हैं और ऊपर दिए गए किसी भी लक्षण को खुद में अनुभव करती हैं तो सबसे पहले एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए क्योकि यह महिला बाँझपन का भी कारन बन सकता है। 

उसके बाद, उनके द्वारा निर्धारित दवाओं, डाइट या घरेलू नुस्खों का उपयपग करना चाहिए। अपने मन मुताबिक किसी भी चीज का इस्तेमाल आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

मेनोपॉज के दौरान अगर आप ऐसे लक्षण अनुभव करती हैं जिससे आपको परेशानी है तो डॉक्टर से मिलकर परामर्श करें।

 

Our Fertility Specialists

Related Blogs