पुरुष का स्पर्म: बच्चा पैदा करने के लिए सही मात्रा क्या होनी चाहिए?

Author : Dr. Britika Prakash November 14 2024
Dr. Britika Prakash
Dr. Britika Prakash

MBBS, MD (Obstetrics & Gynecology), Fellowship in Reproductive Medicine (IVF)

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पुरुष का स्पर्म: बच्चा पैदा करने के लिए सही मात्रा क्या होनी चाहिए?

किसी भी सफल गर्भावस्था के लिए दो अहम चीजें जरूरी होती हैं। एक तो स्पर्म और दूसरा अंडाणु। इसलिए बच्चा पैदा करने के लिए दोनों चीजों का स्वस्थ होना जरूरी है।

स्पर्म पुरुषों के रीप्रोडक्डटिव सेल या गैमीट है। “गैमीट” शब्द का अर्थ है कि कोशिका पूरा का आधा हिस्सा है। जब एक स्पर्म किसी एक मादा युग्मक या अंडे के साथ जुड़ता है, तो इससे मानव भ्रूण बनता है।

किसी स्पर्म के तीन मुख्य हिस्से होते हैं:

सिर

स्पर्म के सिर में क्रोमैटिन होता है जो डीएनए मटीरियल होता है और क्रोमोसोम बनाता है।

आमतौर पर, मानव स्पर्म कोशिका और मानव अंडा कोशिका दोनों में 23 क्रोमोसोम होते हैं। जब शुक्राणु और अंडाणु मिलते हैं, तो इसके चलते 46 क्रोमोसोम वाला भ्रूण बनता है।

स्पर्म के सिर को ढकने वाली एक टोपी होती है जिसे डॉक्टर एक्रोसोम कहते हैं। एक्रोसोम में प्रोटीन होता है जो शुक्राणु को अंडे के बाहरी आवरण में प्रवेश करने में मदद करता है।

बीच का हिस्सा

स्पर्म के बीच वाले हिस्से में ऊर्जा पैदा करने वाला माइटोकॉन्ड्रिया होता है। ये विशेष संरचनाएं स्पर्म कोशिका को मूवमेंट के लिए जरूरी ऊर्जा प्रदान देती हैं।

पीछे का हिस्सा

स्पर्म के पीछे का हिस्सा या फ्लैगेलम का उद्देश्य गति में मदद करना है। पिछला हिस्सा ही स्पर्म को निषेचन के लिए अंडे की ओर आगे बढ़ाता है।

पुरुष प्रजनन प्रणाली क्या है?

पुरुष में प्रजनन अंग या जननांग होते हैं, जो पेल्विस के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर होते हैं। पुरुष जननांगों में ये शामिल हैं:

  • अंडकोष (TESS-tih-culz)
  • डक्ट सिस्टम, जो एपिडीडिमिस और वास डिफेरेंस से बनी होती है
  • सहायक ग्रंथियां, जिनमें सीमने वेसिकल्स और प्रोस्टेट ग्रंथि शामिल हैं
  • लिंग

कहां बनता है स्पर्म

अंडकोष स्पर्म बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वे टेस्टोस्टेरोन का भी उत्पादन करते हैं, जो एक सेक्स हार्मोन है जो कई पुरुषों की खास विशेषताओं के लिए जिम्मेदार है।

स्पर्मेटोजेनिसिस, स्पर्म कोशिकाओं के निर्माण की प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया अंडकोष के भीतर वीर्य नलिकाओं में शुरू होती है। ये नलिकाएं स्पर्म कोशिकाएं बनाती हैं जिन्हें स्पर्मेटोसाइट्स कहा जाता है।

कोशिकाओं को स्पर्मेटिड में बदलने के लिए स्पर्मेटोसाइट्स कई बार अलग-अलग होते हैं। स्पर्मेटिड युवा स्पर्म होते हैं जिन्हें स्पर्म कोशिकाएं बनने तक विकसित और परिपक्व होना चाहिए।

स्पर्म का स्वास्थ्य?

स्पर्म का हेल्थ कई कारकों पर निर्भर करता है। जैसे:

  • मात्रा: गर्भ धारण करने की संभावना तब सबसे अधिक होती है जब एक बार स्खलन (स्खलन) में निकलने वाले वीर्य में प्रति मिलीलीटर कम से कम 15 मिलियन शुक्राणु होते हैं। स्खलन में बहुत कम शुक्राणु गर्भवती होने को और अधिक मुश्किल बना सकते हैं, क्योंकि अंडे को निषेचित करने के लिए कम स्पर्म उपलब्ध होते हैं।
  • मूवमेंट: एग तक पहुंचने और उसे निषेचित करने के लिए, शुक्राणु को गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब के जरिए हिलते हुए और तैरते हुए पहुंचना चाहिए। इसे गतिशीलता के रूप में जाना जाता है। स्खलन में 40% से कम शुक्राणु के प्रवाहित होने पर गर्भावस्था संभव है, लेकिन 40% को एक सीमा माना जाता है। यह मात्रा जितनी ज्यादा हो उतना अच्छा होता है।
  • संरचना: खास स्पर्म में अंडाकार सिर और पिछला भाग लंबा होता हैं, जो उन्हें आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते हैं। यह स्पर्म की मात्रा या गति जितना अहम कारक नहीं है।

स्वस्थ स्पर्म पैदा करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

स्वस्थ स्पर्म उत्पादन की संभावना बढ़ाने के आसान कदमों में शामिल हैं:

  • सही वजन बनाए रखना: कुछ शोध बताते हैं कि बढ़ता बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) स्पर्म की संख्या और उनकी गति में कमी से जुड़ा हुआ है।
  • स्वस्थ आहार: एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खूब सारे फल और सब्जियां खाना स्पर्म को हेल्दी बनाने में मदद कर सकते हैं।
  • यौन संक्रमण से बचना: यौन संक्रमण जैसे क्लैमाइडिया और गोनोरिया, पुरुषों में इनफर्टिलिटी का कारण बन सकते हैं।
  • तनाव को कम करना: तनाव यौन क्रिया को कम कर सकता है और स्पर्म उत्पादन के लिए जरूरी हार्मोन बनाने में बाधा डाल सकता है।
  • शारीरिक गतिविधि: शारीरिक गतिविधि शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम के लेवल को बढ़ा सकते हैं, जो स्पर्म की रक्षा में मदद कर सकते हैं।

ऑफ-लिमिट क्या है

शुक्राणु विशेष रूप से पर्यावरणीय कारकों के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं, जैसे बहुत ज्यादा गर्मी या जहरीले रसायनों के संपर्क में आने से स्पर्म पर असर पड़ सकता है। रीप्रोडक्टिव हेल्थ को बनाए रखने के लिए:

  • धूम्रपान करने से बचें: जो लोग सिगरेट पीते हैं उनमें स्पर्म की संख्या कम होने की आशंका होती है। सिगरेट की लत छोड़ने की कोशिश करें।
  • शराब के सेवन से बचें: बहुत ज्यादा शराब पीने से टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन कम हो सकता है। इससे इनफर्टिलिटी की खतरा हो सकता है और स्पर्म उत्पादन में कमी आ सकती है।
  • लुब्रिकेंट से बचें: संभोग के दौरान लुब्रिकेंट से परहेज करने पर विचार करें। अगर जरूरी हो, मिनरल ऑयल, कैनोला के तेल, सरसों के तेल या प्री-सीड जैसे लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करने पर विचार करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  • स्पर्म कहां बनता है

स्पर्म अंडकोष में बनता है। यह छोटी नलिकाओं के भीतर होता है यह एक सतत प्रक्रिया है, क्योंकि अंडकोष शुक्राणु को बिना रुके बनाते हैं। हालांकि, अंडे को निषेचित करने का काम करने के लिए तैयार होने से पहले नए शुक्राणु को परिपक्व होने में समय लगता है। इसमें 10 सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है।

  • स्पर्म और सीमन में क्या अंतर है

स्पर्म वे कोशिकाएं होती हैं जो मानव प्रजनन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में महिला के अंडों को निषेचित करती हैं। उन्हें अपनी जगह यानी पुरुष के अंडकोष से महिला के फैलोपियन ट्यूब तक पहुंचना चाहिए। यहीं पर एग होते हैं। लेकिन वे अपने आप वहां नहीं पहुंच सकते। ये सीमन (वीर्य) के जरिए वहां पहुंचते हैं। सीमन यानी सफेद तरल पदार्थ तब बनता है जब स्पर्म पुरुष प्रजनन प्रणाली के अन्य भागों अर्थात् सीमन पुटिकाओं और प्रोस्टेट द्वारा बनाए गए तरल पदार्थों के साथ मिश्रित होता है। स्खलन होने पर सीमन लिंग से बाहर निकलता है और यह शुक्राणु को अपने साथ ले जाता है।

  • स्पर्म कितने समय तक जीवित रहता है?

इसका जवाब उत्तर कई चीज़ों पर निर्भर करता है, लेकिन सबसे अहम कारक यह है कि शुक्राणु कहां हैं। सूखी सतह, जैसे कपड़े या बिस्तर, पर जब तक वीर्य सूखता है, तब तक शुक्राणु मर चुके होते हैं। पानी में, जैसे गर्म स्नान या गर्म टब में, वे संभवतः लंबे समय तक जीवित रहेंगे, क्योंकि वे गर्म, गीले स्थानों में पनपते हैं।

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