वीर्य बढ़ाने और गाढ़ा करने के उपाय – virya badhane ke upay

Dr. Akriti Gupta
Dr. Akriti Gupta

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology)

7+ Years of experience
वीर्य बढ़ाने और गाढ़ा करने  के उपाय – virya badhane ke upay

कई कारणों से वीर्य में कमी होती है। इसमें मुख्य रूप से संक्रमण, वैरीकोसेल, हार्मोन में असंतुलन, स्खलन समस्याएं, ट्यूमर, सीलिएक रोग, शुक्राणु वाहिनी में दोष और शुक्राणु रोधक एंटीबॉडी शामिल हैं।

इन सबके अलावा, वीर्य कम होने के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे कि नशीली चीजों का सेवन, कुछ खास प्रकार की दवाओं का सेवन, शराब और सिगरेट का सेवन, तनाव होना और वजन बढ़ना या मोटापा होना आदि।

हालाँकि, कुछ उपाय हैं जिनकी मदद से वीर्य बढ़ाया जा सकता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

शुक्राणुओं की संख्या क्या है?

इससे पहले कि हम शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करें, आइए समझते हैं कि सामान्य शुक्राणुओं की संख्या क्या होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, सामान्य शुक्राणुओं की संख्या 15 से 200 मिलियन प्रति मिलीलीटर शुक्राणु तक होती है। इस सीमा से कम संख्या को ओलिगोस्पर्मिया माना जाता है और इसका निदान किया जा सकता है।

गर्भावस्था के लिए सामान्य शुक्राणु संख्या

सफल गर्भाधान के लिए, शुक्राणुओं की संख्या कम से कम 15 मिलियन प्रति मिलीलीटर को आमतौर पर आवश्यक माना जाता है। जबकि उच्च शुक्राणुओं की संख्या गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाती है, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कम संख्या के साथ भी, गर्भावस्था संभव है, हालांकि, संभावना कम हो सकती है।

कम शुक्राणु संख्या के संकेत

कुछ संकेत जो कम शुक्राणु संख्या (चिकित्सकीय भाषा में ओलिगोस्पर्मिया के रूप में जाना जाता है) का संकेत दे सकते हैं, उनमें शामिल हैं:

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से परामर्श करें ताकि पता चल सके कि आपके शुक्राणुओं की संख्या कम है या नहीं।

स्पर्म काउंट कम होने के कारण

प्रभावी उपचार के लिए कम शुक्राणु संख्या के कारणों को समझना आवश्यक है। इस स्थिति में कई कारक योगदान कर सकते हैं:

  1. हार्मोनल असंतुलन हाइपोथैलेमस, पिट्यूटरी ग्रंथि या अंडकोष से संबंधित समस्याएं शुक्राणु उत्पादन के लिए आवश्यक हार्मोन के स्तर को बाधित कर सकती हैं।
  2. जेनेटिक कारकगुणसूत्र संबंधी असामान्यताएं वृषण कार्य को प्रभावित कर सकती हैं और इसके परिणामस्वरूप कम शुक्राणु उत्पादन.
  3. चिकित्सा की स्थिति मधुमेह जैसी स्थितियाँ, सिस्टिक फाइब्रोसिस, या कण्ठमाला जैसे संक्रमण प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
  4. पर्यावरणीय कारक कीटनाशकों, भारी धातुओं और विकिरण जैसे विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने से शुक्राणुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
  5. जीवन शैली विकल्प:
    • मोटापा: अधिकता शरीर के वजन यह हार्मोनल परिवर्तनों से जुड़ा हुआ है, जो शुक्राणु उत्पादन को कम कर सकता है।
    • धूम्रपान तम्बाकू के उपयोग को शुक्राणुओं की कम संख्या और खराब गुणवत्ता से जोड़ा गया है।
    • शराब और नशीली दवाओं का प्रयोगशराब और मारिजुआना तथा एनाबोलिक स्टेरॉयड जैसी मनोरंजक दवाओं का अत्यधिक सेवन प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
    • गर्मी का जोखिम सॉना, गर्म स्नान या तंग अंडरवियर का लगातार उपयोग अंडकोष के तापमान को बढ़ा सकता है और शुक्राणु उत्पादन को ख़राब कर सकता है।
  1. आयुयद्यपि पुरुष अधिक आयु में भी प्रजननक्षम रह सकते हैं, लेकिन 40 वर्ष की आयु के बाद टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्यतः कम हो जाता है, जिससे शुक्राणु उत्पादन प्रभावित हो सकता है।

वीर्य बढ़ाने के उपाय

कम वीर्य बढ़ाने के अनेक उपाय उपलब्ध हैं। इसमें मुख्य रूप से शामिल है डाइट और लाइफस्टाइल में सकारात्मक बदलाव। वीर्य की बढ़ाने के लिए आप निम्न बातों का पालन करें:-

  • नियमित रूप से व्यायाम करें: पुरुष निःसंतानता के मुख्य कारणों में से एक है मोटापा। इससे बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें और अपने वजन को संतुलित रखें।
  • पर्याप्त नींद लें: पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं सोने से आपकी सेक्सुअल लाइफ प्रभावित होती है। नतीजतन, शुक्राणु की मात्रा में कमी आती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में नींद लें।
  • शराब और सिगरेट से बचें: शराब और सिगरेट का सेवन करने से स्पर्म की संख्या में कमी आती है जिससे गर्भधारण में समस्या पैदा होती है। इसलिए यह आवश्ययक है कि आप इनका सेवन बंद कर दें।
  • विटामिन डी: विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। शोध के मुताबिक, विटामिन डी शुक्राणु की संख्या को इम्प्रूव करने में मददगार साबित होता है।
  • फेनुग्रीक सप्लीमेंट: वीर्य बढ़ाने के लिए इस सप्लीमेंट का इस्तेमाल सालों से किया जाता रहा है। ऐसा कहा जाता है कि फेनुग्रीक सप्लीमेंट का सेवन शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मददगार होता है।

शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?

स्वस्थ आहार बनाए रखें:

संतृप्त वसा अम्ल (SFA) और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (PUFA) या असंतुलित ओमेगा-6/ओमेगा-3 PUFA अनुपात वाले आहार से बचें, क्योंकि वे शुक्राणु की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इसके बजाय, एक संतुलित आहार का लक्ष्य रखें। संतुलित आहार एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, खनिज और असंतृप्त पदार्थों से भरपूर फैटी एसिड, क्योंकि यह शुक्राणु स्वास्थ्य और गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकते हैं। कुछ लाभकारी खाद्य पदार्थ हैं:

  • फल और सबजी या जामुन, पालक और ब्रोकोली में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं।
  • दाने और बीज अखरोट और कद्दू के बीज आवश्यक फैटी एसिड प्रदान करते हैं।
  • पतला प्रोटीन सैल्मन और चिकन जैसी मछलियाँ समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं।

पूरक आहार लें:

जिंक, विटामिन और कोएंजाइम Q10 जैसे कुछ पूरक मदद कर सकते हैं शुक्राणुओं की संख्या में सुधार और गुणवत्ता, विशेष रूप से पोषक तत्वों की कमी वाले पुरुषों के लिए।

वीर्य बढ़ाने के घरेलू उपाय

अगर आप वीर्य कम होने के कारण परेशान हैं तो प्रजनन विशेषज्ञ से परामर्श करने के बाद नीचे दिए गए वीर्य बढ़ाने के लिए खाद्द पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

  • अंजीर: अंजीर में कैल्शियम, पोटैशियम, जिंक, फाइबर, मैगनीज और विटामिन बी भारी मात्रा में पाए जाते हैं जो शुक्राणु के लिए फायदेमंद हैं।
  • अंडा: अंडे में विटामिन ई, जिंक और प्रोटीन मौजूद होते हैं जो शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। अंडे शुक्राणु को फ्री रेडिकल्स से भी बचाते हैं जिससे फर्टिलाइजेशन की संभावना दोगुनी हो जाती है।
  • अखरोट: अखरोट में पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता के लिए फायदेमंद है।
  • केला: केले में अनेक आवश्यक तत्व जैसे कि विटामिन बी, सी, मैग्नीशियम और ब्रोमेलैन आदि पाए जाते हैं। ये सभी शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता को बढ़ाने का काम करते हैं।
  • अश्वगंधा: यह एक आयुर्देविक जड़ी-बूटी है जिसमें अनेक औषधीय गुण पाए जाते हैं जो शुक्राणु की संख्या और मोटिलिटी के लिए फायदेमंद होते हैं।

ऊपर दिए गए खान-पान की किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले एक बार विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श करें।

शुक्राणुओं से जुड़े जरूरी बिंदु

शुक्राणु पुरुष की फर्टिलिटी क्षमता का आधार है। प्रेगनेंसी में शुक्राणु की संख्या और क्वालिटी की अहम भूमिका निभाते हैं। हेल्दी शुक्राणु आराम से अंडों तक पहुंचकर उसे फर्टिलाइज करते हैं। हालांकि, शुक्राणुओं की क्वालिटी घटने पर वह ऐसा करने में असमर्थ होते हैं, जिससे प्रेगनेंसी में दिक्कत आती हैं। शुक्राणुओं से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:

  • शुक्राणुओं की संख्या: एक मिलीलीटर वीर्य में 15 मिलियन से अधिक शुक्राणु होने चाहिए। शुक्राणु की संख्या इससे कम होने पर उसे लो स्पर्म काउंट कहते हैं, जो पुरुष निःसंतानता का एक बड़ा कारण है। समय पर जांच और सही उपचार पाकर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
  • शुक्राणुओं गति और बनावट: शुक्राणुओं की गतिशीलता और संरचना भी उनकी गुणवत्ता को दर्शाते हैं। तेज और सीधा तैरने वाले शुक्राणु, अंडों तक आसानी पहुंचकर उन्हें फर्टिलाइज कर सकते हैं। खराब गति और असामान्य संरचना वाले शुक्राणु प्रेगनेंसी में बाधा समस्याएं पैदा करते हैं।

शुक्राणुओं बढ़ाने वाली दवाएं

कुछ दवाओं की मदद से आप अपने शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ा सकते हैं। डॉक्टर आपके शुक्राणुओं की संख्या कम होने के सटीक कारण की पुष्टि करते हैं। उसके बाद, आपके समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, कुछ दवाएं लिख सकते हैं, जैसे कि वीर्य को गाढ़ा करने की दवा:

  • हार्मोनल दवाएं: क्लोमीफीन साइट्रेट जैसी दवाएं शरीर में हार्मोन के लेवल को बैलेंस करती हैं। इन दवाओं से आपके टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ता है, जिससे शुक्राणु के उत्पादन में सुधार होता है।
  • गोनाडोट्रोपिन थेरेपी: शुक्राणु की संख्या बढ़ाने के लिए डॉक्टर आपको गोनाडोट्रोपिन थेरेपी दे सकते हैं। अगर आप में हार्मोनल असंतुलन के कारण शुक्राणु की संख्या कम हुई है, यह आपके लिए यह प्रभावशाली मानी जाती है।
  • एंटी-ऑक्सिडेंट दवाएं: एंटी-ऑक्सिडेंट दवाएं, जैसे कि विटामिन ई और सी, आपके शुक्राणुओं को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाकर उनकी क्वालिटी और संख्या को बढ़ाने में मदद करती हैं।

दवाओं के साथ-साथ लाइफस्टाइल में सुधार भी आवश्यक है। धूम्रपान और शराब से बचें। योग और मेडिटेशन करने एवं हेल्दी डाइट लेने से भी शुक्राणु की क्वालिटी और संख्या बेहतर होती है जिससे अंतत प्रेगनेंसी के चांसेस बढ़ते हैं।

शुक्राणु की मोटाई कैसे बढ़ाएँ?

शुक्राणु की मोटाई बढ़ाने के लिए, हाइड्रेशन और पोषण पर ध्यान दें। अच्छी तरह से हाइड्रेटेड शरीर बेहतर गुणवत्ता वाला वीर्य पैदा करता है। इसके अलावा, जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ (जैसे सीप) खाने से वीर्य की मोटाई बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

आहार का स्वास्थ्य पर प्रभाव
क्या आप जानते हैं कि ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लेने वाले पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या में 50% तक की वृद्धि हो सकती है? सैल्मन, अखरोट और अलसी जैसे खाद्य पदार्थ ओमेगा-3 के बेहतरीन स्रोत हैं, जो रक्त प्रवाह और हार्मोन के स्तर को बेहतर बनाने के लिए जाने जाते हैं, जिससे अंततः शुक्राणु उत्पादन में वृद्धि होती है।

इष्टतम शुक्राणु उत्पादन के लिए प्रो टिप
जिंक महत्वपूर्ण है: जिंक टेस्टोस्टेरोन उत्पादन और समग्र प्रजनन स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पुरुषों को प्रतिदिन कम से कम 11 मिलीग्राम जिंक का सेवन करना चाहिए। जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों में सीप, कद्दू के बीज और दालें शामिल हैं। इन्हें अपने आहार में शामिल करने से शुक्राणु की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

निल शुक्राणु का क्या इलाज है?

निल शुक्राणु की स्थिति को मेडिकल भाषा में एजुस्पर्मिया कहते हैं। इसके अनेक इलाज हैं। एजुस्पर्मिया के सटीक कारण की पुष्टि करने के बाद डॉक्टर उपचार का चयन करते हैं।

स्पर्म काउंट कम होने से क्या होता है?

स्पर्म काउंट कम होने से कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं जिसमें सबसे मुख्य है ओलिगोस्पर्मिया जो पुरुषों में निःसंतानता का एक मुख्य कारण है।

1 दिन में कितना ML स्पर्म बनता है?

एक स्बस्थ पुरुष के शरीर में एक सेकेंड में लगभग 1.5 हजार और एक दिन में लाखों की संख्या में स्पर्म बनता है।

एक्सपर्ट की राय

जब आप प्रजनन संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे हों तो अभिभूत और चिंतित महसूस करना स्वाभाविक है। लेकिन जान लें कि आप अकेले नहीं हैं। कई पुरुष इस स्थिति से गुज़रते हैं और उनके लिए काफ़ी सहायता उपलब्ध है। अपने डॉक्टर से बात करें, प्रजनन विशेषज्ञ, या एक परामर्शदाता। वे आपको अपने विकल्पों को समझने और इस कठिन समय से निपटने में मदद कर सकते हैं। ~Dr. Aashita Jain

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