कई कारणों से वीर्य में कमी होती है। इसमें मुख्य रूप से संक्रमण, वैरीकोसेल, हार्मोन में असंतुलन, स्खलन समस्याएं, ट्यूमर, सीलिएक रोग, शुक्राणु वाहिनी में दोष और शुक्राणु रोधक एंटीबॉडी शामिल हैं।
इन सबके अलावा, वीर्य कम होने के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे कि नशीली चीजों का सेवन, कुछ खास प्रकार की दवाओं का सेवन, शराब और सिगरेट का सेवन, तनाव होना और वजन बढ़ना या मोटापा होना आदि।
हालाँकि, कुछ उपाय हैं जिनकी मदद से वीर्य बढ़ाया जा सकता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
वीर्य बढ़ाने के उपाय
कम वीर्य बढ़ाने के अनेक उपाय उपलब्ध हैं। इसमें मुख्य रूप से शामिल है डाइट और लाइफस्टाइल में सकारात्मक बदलाव। वीर्य की बढ़ाने के लिए आप निम्न बातों का पालन करें:-
- नियमित रूप से व्यायाम करें: पुरुष निःसंतानता के मुख्य कारणों में से एक है मोटापा। इससे बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें और अपने वजन को संतुलित रखें।
- पर्याप्त नींद लें: पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं सोने से आपकी सेक्सुअल लाइफ प्रभावित होती है। नतीजतन, शुक्राणु की मात्रा में कमी आती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में नींद लें।
- शराब और सिगरेट से बचें: शराब और सिगरेट का सेवन करने से स्पर्म की संख्या में कमी आती है जिससे गर्भधारण में समस्या पैदा होती है। इसलिए यह आवश्ययक है कि आप इनका सेवन बंद कर दें।
- विटामिन डी: विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। शोध के मुताबिक, विटामिन डी शुक्राणु की संख्या को इम्प्रूव करने में मददगार साबित होता है।
- फेनुग्रीक सप्लीमेंट: वीर्य बढ़ाने के लिए इस सप्लीमेंट का इस्तेमाल सालों से किया जाता रहा है। ऐसा कहा जाता है कि फेनुग्रीक सप्लीमेंट का सेवन शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मददगार होता है।
वीर्य बढ़ाने के घरेलू उपाय
अगर आप वीर्य कम होने के कारण परेशान हैं तो प्रजनन विशेषज्ञ से परामर्श करने के बाद नीचे दिए गए वीर्य बढ़ाने के लिए खाद्द पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
- अंजीर: अंजीर में कैल्शियम, पोटैशियम, जिंक, फाइबर, मैगनीज और विटामिन बी भारी मात्रा में पाए जाते हैं जो शुक्राणु के लिए फायदेमंद हैं।
- अंडा: अंडे में विटामिन ई, जिंक और प्रोटीन मौजूद होते हैं जो शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। अंडे शुक्राणु को फ्री रेडिकल्स से भी बचाते हैं जिससे फर्टिलाइजेशन की संभावना दोगुनी हो जाती है।
- अखरोट: अखरोट में पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता के लिए फायदेमंद है।
- केला: केले में अनेक आवश्यक तत्व जैसे कि विटामिन बी, सी, मैग्नीशियम और ब्रोमेलैन आदि पाए जाते हैं। ये सभी शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता को बढ़ाने का काम करते हैं।
- अश्वगंधा: यह एक आयुर्देविक जड़ी-बूटी है जिसमें अनेक औषधीय गुण पाए जाते हैं जो शुक्राणु की संख्या और मोटिलिटी के लिए फायदेमंद होते हैं।
ऊपर दिए गए खान-पान की किसी भी चीज को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले एक बार विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श करें।
शुक्राणुओं से जुड़े जरूरी बिंदु
शुक्राणु पुरुष की फर्टिलिटी क्षमता का आधार है। प्रेगनेंसी में शुक्राणु की संख्या और क्वालिटी की अहम भूमिका निभाते हैं। हेल्दी शुक्राणु आराम से अंडों तक पहुंचकर उसे फर्टिलाइज करते हैं। हालांकि, शुक्राणुओं की क्वालिटी घटने पर वह ऐसा करने में असमर्थ होते हैं, जिससे प्रेगनेंसी में दिक्कत आती हैं। शुक्राणुओं से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
- शुक्राणुओं की संख्या: एक मिलीलीटर वीर्य में 15 मिलियन से अधिक शुक्राणु होने चाहिए। शुक्राणु की संख्या इससे कम होने पर उसे लो स्पर्म काउंट कहते हैं, जो पुरुष निःसंतानता का एक बड़ा कारण है। समय पर जांच और सही उपचार पाकर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
- शुक्राणुओं गति और बनावट: शुक्राणुओं की गतिशीलता और संरचना भी उनकी गुणवत्ता को दर्शाते हैं। तेज और सीधा तैरने वाले शुक्राणु, अंडों तक आसानी पहुंचकर उन्हें फर्टिलाइज कर सकते हैं। खराब गति और असामान्य संरचना वाले शुक्राणु प्रेगनेंसी में बाधा समस्याएं पैदा करते हैं।
शुक्राणुओं बढ़ाने वाली दवाएं
कुछ दवाओं की मदद से आप अपने शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ा सकते हैं। डॉक्टर आपके शुक्राणुओं की संख्या कम होने के सटीक कारण की पुष्टि करते हैं। उसके बाद, आपके समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, कुछ दवाएं लिख सकते हैं, जैसे कि:
- हार्मोनल दवाएं: क्लोमीफीन साइट्रेट जैसी दवाएं शरीर में हार्मोन के लेवल को बैलेंस करती हैं। इन दवाओं से आपके टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ता है, जिससे शुक्राणु के उत्पादन में सुधार होता है।
- गोनाडोट्रोपिन थेरेपी: शुक्राणु की संख्या बढ़ाने के लिए डॉक्टर आपको गोनाडोट्रोपिन थेरेपी दे सकते हैं। अगर आप में हार्मोनल असंतुलन के कारण शुक्राणु की संख्या कम हुई है, यह आपके लिए यह प्रभावशाली मानी जाती है।
- एंटी-ऑक्सिडेंट दवाएं: एंटी-ऑक्सिडेंट दवाएं, जैसे कि विटामिन ई और सी, आपके शुक्राणुओं को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाकर उनकी क्वालिटी और संख्या को बढ़ाने में मदद करती हैं।
दवाओं के साथ-साथ लाइफस्टाइल में सुधार भी आवश्यक है। धूम्रपान और शराब से बचें। योग और मेडिटेशन करने एवं हेल्दी डाइट लेने से भी शुक्राणु की क्वालिटी और संख्या बेहतर होती है जिससे अंतत प्रेगनेंसी के चांसेस बढ़ते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
निल शुक्राणु का क्या इलाज है?
निल शुक्राणु की स्थिति को मेडिकल भाषा में एजुस्पर्मिया कहते हैं। इसके अनेक इलाज हैं। एजुस्पर्मिया के सटीक कारण की पुष्टि करने के बाद डॉक्टर उपचार का चयन करते हैं।
स्पर्म काउंट कम होने से क्या होता है?
स्पर्म काउंट कम होने से कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं जिसमें सबसे मुख्य है ओलिगोस्पर्मिया जो पुरुषों में निःसंतानता का एक मुख्य कारण है।
1 दिन में कितना ML स्पर्म बनता है?
एक स्बस्थ पुरुष के शरीर में एक सेकेंड में लगभग 1.5 हजार और एक दिन में लाखों की संख्या में स्पर्म बनता है।