प्रेगनेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज क्यों होता है, कारण, लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय

Dr. Prachi Benara
Dr. Prachi Benara

MBBS (Gold Medalist), MS (OBG), DNB (OBG), PG Diploma in Reproductive and Sexual health

16+ Years of experience
प्रेगनेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज क्यों होता है, कारण, लक्षण, इलाज और बचाव के उपाय

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प्रेगनेंसी के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज को लेकर हर गर्भवती महिले के मन में अनेक प्रश्न होते हैं और यह स्वाभाविक भी है। क्योंकि प्रेगनेंसी एक महिला के जीवन का बेहद खास और संवेदनशील समय होता है। इस दौरान शरीर में कई बदलाव होते हैं, जो कभी-कभी चिंता का कारण बन सकते हैं। इन्हीं में से एक है प्रेगनेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज pregnancy me brown discharge in hindi होना। हालांकि, यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिससे आपको डरने या घबराने की नहीं, बल्कि इसे समझने की आवश्यकता है।

इस ब्लॉग में हम प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले ब्राउन डिस्चार्ज हिंदी में (pregnany brown discharge in Hindi), उसके कारण, लक्षण, घरेलू उपायों और बचाव आदि से जुड़ी हर महत्वपूर्ण बुन्दुओं को समझेंगे।

ब्राउन ब्राउन डिस्चार्ज क्या है – Pregnany brown discharge

प्रेगनेंसी के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज यानी pregnancy brown discharge के दौरान योनि से हल्के भूरे रंग का तरल पदार्थ डिस्चार्ज होता है, जो प्रेगनेंसी के दौरान कभी-कभी देखने को मिलता है। यह कई दिनों तक हो सकता है और इसके अनेक कारण होते हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

प्रेगनेंसी में कितने दिनों तक होता है ब्राउन डिस्‍चार्ज – Is brownish discharge normal

प्रेगनेंसी के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज, गर्भावस्था के शुरुआती दिनों से लेकर आखिरी चरणों यानी डिलीवरी तक हो सकता है। यह प्रेगनेंसी का एक सामान्य लक्षण है। हालांकि, हर महिला की प्रेगनेंसी अलग होती है और सबका अनुभव अलग हो सकता है।

गर्भधारण के 6-12 दिनों के अंदर, जब एम्ब्रियो बच्चेदानी की दीवार से जुड़ता है, तब ब्राउन डिस्चार्ज हो सकता है। इसे इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग कहते हैं। साथ ही, गर्भावस्था के आखिरी चरणों में, जब गर्भाशय में पुराना खून गर्भाशय ग्रीवा से बाहर निकलता है, तब भी ब्राउन डिस्चार्ज होने की संभावना होती है।

इतना ही नहीं, ओवुलेशन के दौरान भी ब्राउन डिस्चार्ज (brown discharge during ovulation) होना संभव है। ओवुलेशन क्या है – यह कब और क्यों होता है, एक महिला के लिए यह जानना आवश्यक है।

प्रेगनेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज क्यों होता है – Causes of brown discharge during pregnancy in Hindi

अनेक स्थितियां हैं जो ब्राउन डिस्‍चार्ज का कारण बनती हैं। इन्हें समझने के बाद कुछ सावधानियां बरतकर खुद को इससे पैदा होने वाली समस्याओं से बचाया जा सकता है।  pregnancy me brown discharge kyu hota hai जानने के लिए इसके मुख्य कारणों को समझते हैं:

प्रेगनेंसी-में-ब्राउन-डिस्चार्ज-क्यों-होता-है

  1. इंप्लांटेशन ब्लीडिंग

प्रेगनेंसी की शुरुआत में एम्ब्रियो के बच्चेदानी की दीवार से जुड़ने की प्रक्रिया को इंप्लांटेशन कहते हैं। इंप्लांटेशन ब्लीडिंग का कारण, लक्षण और उपचार के तरीके को समझने के बाद इसे बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है।

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग के दौरान योनि से हल्की ब्लीडिंग हो सकती है। यह खून ऑक्सीडाइज होकर भूरे रंग का हो जाता है, जो ब्राउन डिस्चार्ज के रूप में दिखाई देता है। यह आमतौर पर प्रेगनेंसी के पहले 6-12 दिनों में होता है। यह माइल्ड और पेनलेस होता है।

  1. हार्मोनल बदलाव

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन तेजी से बदलते हैं। यह बदलाव बच्चेदानी की परत को प्रभावित कर सकते हैं। इससे हल्का डिस्चार्ज हो सकता है। यह सामान्य है, लेकिन अगर इसके साथ कोई अन्य लक्षण हो, तो डॉक्टर से सलाह लें। प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में हार्मोनल बदलाव भी शामिल है।

  1. पुराना खून (Old Blood)

कभी-कभी बच्चेदानी में पुराना खून जमा हो सकता है, जो धीरे-धीरे बाहर निकलता है। यह खून ऑक्सीडाइज होकर ब्राउन रंग का हो जाता है। यह डिस्चार्ज दर्द या अन्य लक्षणों के बिना होता है। अगर इस डिस्चार्ज के साथ अन्य लक्षण अनुभव हों तो डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करें।

  1. हल्की चोट या इन्फेक्शन

प्रेगनेंसी में इंटरनल चेकअप, सेक्स या भारी काम करने से बच्चेदानी या सर्विक्स पर हल्की चोट लग सकती है जो हल्के ब्राउन डिस्चार्ज का कारण बन सकता है। अगर इसके साथ जलन, दर्द या दुर्गंध हो, तो यह इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है। योनि में संक्रमण का कारण, लक्षण और उपचार की समझ से आप खुद में वेजाइनल इंफेक्शन के खतरे को कम कर सकती हैं।

  1. सर्विक्स में बदलाव

प्रेगनेंसी के दौरान सर्विक्स का नरम और संवेदनशील होना आम बात है। यह डिस्चार्ज का कारण बन सकता है। जब तक कोई अन्य लक्षण न हो, यह सामान्य है। यह भी प्रेगनेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज के कारण में शामिल है।

साथ ही, दूसरी और तीसरी तिमाही में ब्राउन डिस्चार्ज प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है, जैसे प्लेसेंटा प्रिविया या प्लेसेंटा एबरप्शन। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से मिलें।

प्रेगनेंसी में प्लेसेंटा की अहम भूमिका होती है। प्रेगनेंसी के दौरान, प्लेसेंटा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो मुख्य रूप से मां और बच्चे के बीच में एक जीवन रेखा के रूप में कार्य करता है, जो मां के शरीर से पोषक तत्व और ऑक्सीजन शिशु तक पहुंचाता है।

प्रेगनेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज कब होता है?

जैसा कि हमने इस ब्लॉग के शुरू में ही आपको बताया की प्रेगनेंसी की शरुआत से लेकर डिलीवरी तक वेजाइनल ब्राउन डिस्चार्ज हो सकता है। pregnancy me brown discharge in hindi को आइए इसे समझते हैं।

ब्राउन-डिस्चार्ज-कब-होता-है

  1. पहली तिमाही (Brown discharge during pregnancy first trimester)

पहले 12 हफ्तों में ब्राउन डिस्चार्ज सामान्य है। इसका मुख्य कारण इंप्लांटेशन ब्लीडिंग या हार्मोनल बदलाव हो सकता है। यह हल्का और थोड़े समय के लिए होता है। इसलिए आमतौर पर आपके लिए यह चिंता का विषय नहीं होना चाहिए।

  1. दूसरी तिमाही (Brown discharge in 2nd trimester)

इस दौरान ब्राउन डिस्चार्ज कम सामान्य है। यह सर्विक्स या प्लेसेंटा से जुड़ी किसी समस्या का संकेत हो सकता है। अगर यह अधिक समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से सलाह लें।

  1. तीसरी तिमाही (Brown discharge in 3rd trimester)

तीसरी तिमाही में ब्राउन डिस्चार्ज कभी-कभी लेबर पेन का संकेत होता है। यह म्यूकस प्लग के निकलने के कारण भी हो सकता है। किसी भी असामान्य स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

मुख्य तौर पर अगर आप आप प्रेगनेंसी की दूसरी या तीसरी तिमाही के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज या/और अन्य लक्षणों को अनुभव करें तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें और उन्हें इस बारे में बताएं ताकि वे समय पर ब्राउन डिस्चार्ज के कारण का पता लगा सकें।

ब्राउन डिस्चार्ज कितने दिन तक होता है?

इंप्लांटेशन ब्लीडिंग आमतौर पर 2-3 दिनों तक रहती है। हार्मोनल बदलाव या पुराना खून 1-2 दिनों तक हो सकता है। अगर डिस्चार्ज एक हफ्ते से अधिक समय तक बना रहे, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। लंबे समय तक जारी रहने वाले ब्राउन प्रेगनेंसी डिस्चार्ज के लिए डॉक्टर से मिलना जरूरी है।

क्या ब्राउन डिस्चार्ज होना सामान्य है – Is brownish discharge normal In Hindi

अक्सर महिलाओं के मन में यह प्रश्न होता है कि is brownish discharge normal? तो हम आपको बता दें कि प्रेगनेंसी के दौरान वेजाइना से ब्राउन डिस्चार्ज होना सामान्य है, लेकिन कई मामलों में यह किसी गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम की ओर इशारा हो सकता है। इसलिए इसपर ध्यान देना आवश्यक हो जाता है। अगर आपको ब्राउन डिस्चार्ज के साथ-साथ अन्य समस्याएं भी हो रही हैं तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

ब्राउन डिस्चार्ज एंड नो पीरियड क्या है – Brown discharge and no period in Hindi

ब्राउन-डिस्चार्ज-एंड-नो-पीरियड

ब्राउन डिस्चार्ज एंड नो पीरियड का सीधा सा मतलब है, बिना पीरियड्स के बावजूद ब्राउन डिस्चार्ज होना। पीरियड के पहले ब्राउन डिस्चार्ज brown discharge before period in hindi या पीरियड के बाद ब्राउन डिस्चार्ज brown discharge after period in hindi होने के साथ-साथ कई बार बिना पीरियड के दौरान भी एक महिला को ब्राउन डिस्चार्ज हो सकता है और इसके अनेक कारण हो सकते हैं।

प्रेगनेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज का उपचार – Treatment of brown discharge during pregnancy in Hindi

प्रेगनेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज कभी-कभी सामान्य हो सकता है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यह समस्या को बढ़ने से रोकने और मां व बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए  समय पर उपचार आवश्यक है।

प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले ब्राउन डिस्चार्ज को ठीक करने के लिए अपनाएं निम्न उपाय के तरीके:

  1. प्रेगनेंसी में शुगर की मात्रा कम करें

अत्यधिक शुगर का सेवन शरीर में हार्मोनल असंतुलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जिससे प्रेगनेंसी में डिस्चार्ज बढ़ सकता है। ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करें और मिठाइयों व मीठे पेय पदार्थों, खासकर कोल्ड ड्रिंक्स आदि से बचें।

प्रेगनेंसी में शरीर को सामान्य दिनों के मुक़ाबले ज़्यादा पोषण की ज़रूरत होती है। इसलिए आपको पता होना चाहिए कि प्रेगनेंसी में सही डाइट: क्या खाएं और क्या नहीं आदि के बारे में पता होना चाहिए। उचित पोषण न सिर्फ़ मां, बल्कि पेट में विकसित हो रहे बच्चे के लिए भी बेहद ज़रूरी है।

  1. गुनगुने पानी से स्नान करें

प्रेगनेंसी के दौरान गुनगुने पानी से स्नान करने से शरीर को आराम मिलता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। यह शरीर से इंफेक्शन को कम करने और साफ-सफाई बनाए रखने में मदद करता है। बहुत गर्म पानी से बचना चाहिए, क्योंकि यह गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है।

  1. ज्यादा से ज्यादा आराम करें

पर्याप्त आराम करना शरीर को रिकवरी के लिए समय देता है। ज्यादा शारीरिक थकान से बच्चेदानी पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे ब्राउन डिस्चार्ज की समस्या पैदा हो सकती है। दिनभर में कुछ समय रेस्ट करना जरूरी है।

  1. कोई भी शारिरिक काम ना करें

भारी सामान उठाने, झुकने या अत्यधिक शारीरिक गतिविधियों से बचें। इससे बच्चेदानी पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है, जो प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले ब्राउन डिस्चार्ज को बढ़ा सकता है।

  1. दवाइयों का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें

किसी भी प्रकार की दवाइयों का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। कुछ दवाइयां प्रेगनेंसी में सुरक्षित नहीं होती हैं और इनके सेवन से डिस्चार्ज या अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

  1. चाय या कॉफी का सेवन सीमित मात्रा में करें

चाय और कॉफी में कैफीन होता है, जो अधिक मात्रा में लेने पर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर सकता है और डिस्चार्ज या प्रेगनेंसी से संबंधित अन्य समस्याओं को पैदा कर सकता है। दिनभर में 1-2 कप से अधिक चाय या कॉफी न लें।

  1. ज्यादा गर्म खाने का सेवन करने से बचें

अत्यधिक मसालेदार या गर्म भोजन बच्चेदानी को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे डिस्चार्ज बढ़ सकता है। हल्का, पौष्टिक और संतुलित आहार लें जो आपके शरीर और शिशु के विकास के लिए बेहतर हो।

एक प्रेगनेंट महिला के रूप में आपको अच्छी तरह मालूम होना चाहिए कि प्रेगनेंसी की शुरुआत में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान खुद के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ रखने और पॉसिबल समस्याओं को दूर रखने के लिए यह जरूरी है।

इन सभी उपायों के बाद भी अगर ब्राउन डिस्चार्ज बढ़ता है या अन्य लक्षण जैसे कि दर्द, जलन या हेवी ब्लीडिंग हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

प्रेगनेंसी के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज होने पर क्या करें?

प्रेगनेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज होने पर क्या करना चाहिए, यह उसके कारणों, अन्य लक्षणों और स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है। अगर आपके ब्राउन डिस्चार्ज का कारण इंफेक्शन है तो एंटीफंगल या एंटीबायोटिक्स दवाइयां निर्धारित की जाती हैं।

इसके अलावा, प्रेगनेंसी के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज होने पर निम्न सुझाव दिए जाते हैं:

  • हल्के यानी कॉटन वाले ढीले अंडरवियर पहनें
  • स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह पर वेजाइनल एक्टिविटी करें
  • अंडरवियर या वेजाइना पर सॉफ्टनर या ब्लीच का इस्तेमाल न करें
  • हल्के साबुन और पानी से अपने अंडरवियर को धोएं
  • पैंटी लाइनर का इस्तेमाल न करें
  • मॉस्चुराइजिंग क्रीम या एन्टीबैटीरियल/एंटीफंगल वाले साबुन या शैम्पू के इस्तेमाल से बचें
  • वेजाइनल डिस्चार्ज होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें
  • डॉक्टर की सलाह पर ही अपनी डाइट में बदलाव करें

इन सबके अलावा, अपने जननांगों (जेनिटल्स) को दिन भर में दो बार से अधिक न धोएं और डॉक्टर द्वारा दिए गए सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। 

प्रेगनेंसी के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज के अलावा, कई बार योनि में खुजली की समस्या भी पैदा होती है। योनि में खुजली के कारण, लक्षण और उपचार की सही जानकारी आपको इस समस्या से बचाव करने में कारगर साबित हो सकती है।

ब्राउन डिस्चार्ज को कैसे रोकें?

कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए खुद को ब्राउन डिस्चार्ज और खासकर इससे होने वाली अन्य जटिलताओं से बचा सकते हैं। ब्राउन डिस्चार्ज से बचाव करने के लिए आप नीचे दिए गए  टिप्स का पालन करें:

  1. आराम करें

प्रेगनेंसी के दौरान आराम करना बहुत जरूरी है। ज्यादा थकान से शरीर कमजोर हो सकता है, जिससे ब्राउन डिस्चार्ज की संभावना बढ़ जाती है। भारी सामान उठाने से गर्भाशय पर दबाव पड़ सकता है, जो असुरक्षित है। रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें ताकि आपका शरीर ठीक से काम कर सके और गर्भस्थ शिशु को भी पूरा पोषण मिले।

  1. थकान से बचें

गर्भावस्था के दौरान ज्यादा मेहनत करने से बचें। अगर आपका काम शारीरिक श्रम से जुड़ा है, तो छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहें। लंबे समय तक खड़े रहने से बचें और अपने शरीर को आवश्यक आराम दें।

  1. हाइजीन का ध्यान रखें

पर्सनल हाइजीन बनाए रखना जरूरी है। साफ और सूखे कपड़े पहनें ताकि संक्रमण से बचा जा सके। गंदे या सार्वजनिक टॉयलेट का उपयोग करने से बचें। अगर उपयोग करना आवश्यक हो, तो डिस्पोजेबल सीट कवर या सेनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।

  1. पैंटीलाइनर का उपयोग करें

ब्राउन डिस्चार्ज के दौरान पैंटीलाइनर उपयोगी हो सकते हैं। यह न केवल साफ-सफाई बनाए रखते हैं, बल्कि आपको आरामदायक महसूस करने में भी मदद करते हैं। हालांकि, इन्हें बार-बार बदलना जरूरी है ताकि नमी और बैक्टीरिया से बचा जा सके।

  1. भारी सामान उठाने से बचें

प्रेगनेंसी के दौरान भारी वजन उठाना खतरनाक हो सकता है। यह बच्चेदानी पर दबाव डाल सकता है, जिससे ब्राउन डिस्चार्ज हो सकता है। ऐसे कामों से बचें और जरूरत पड़ने पर दूसरों से मदद लें।

  1. तनाव न लें

तनाव प्रेगनेंसी के दौरान कई समस्याओं का कारण बन सकता है। अधिक तनाव लेने से शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे ब्राउन डिस्चार्ज की संभावना बढ़ जाती है। शांत रहें, गहरी सांस लेने का अभ्यास करें और योग या ध्यान का सहारा लें।

  1. आहार का ध्यान रखें

संतुलित आहार लेना जरूरी है। शरीर को आवश्यक पोषण मिलने से आपकी और आपके बच्चे की सेहत बेहतर बनी रहती है। विटामिन C और आयरन से भरपूर आहार लें, जो गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ त्वचा और कोशिकाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर आपकी आईवीएफ प्रेगनेंसी है तो आपको यह मालूम होना चाहिए कि आईवीएफ प्रेगनेंसी में आपका डाइट प्लान कैसा होना चाहिए, क्योंकि यह सफल प्रेगनेंसी  भूमिका निभाता है।

  1. भरपूर पानी पिएं

डिहाइड्रेशन भी ब्राउन डिस्चार्ज का कारण बन सकता है। रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। यह न केवल आपके शरीर की सफाई करता है, बल्कि इंफेक्शन के खतरे को भी कम करता है।

  1. नियमित व्यायाम करें

हल्का और प्रेगनेंसी के लिए सुरक्षित व्यायाम करना न केवल आपकी फिटनेस बनाए रखता है, बल्कि हार्मोनल संतुलन में भी मदद करता है। हालांकि, कोई भी व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

अगर ब्राउन डिस्चार्ज बार-बार हो रहा है या ज्यादा मात्रा में है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर मेडिकल सलाह लेना जरूरी है ताकि किसी भी गंभीर समस्या से बचा जा सके।

प्रेगनेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज की सावधानियां – Precautions of brown discharge during pregnancy in Hindi

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि सामान्य मात्रा में ब्राउन डिस्चार्ज होना आम बात है, लेकिन अगर डिस्चार्ज की मात्रा अधिक हो या आप पहली बार मां बनने वाली हैं तो आपको अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ (गाइनेकोलॉजिस्ट) से तुरंत परामर्श करना चाहिए।

कई बार कुछ महिलाऐं ज्ञान की कमी होने के कारण ब्राउन डिस्चार्ज को मिसकैरेज समझ बैठती हैं, जबकि सच्चाई कुछ और ही होती है। अधिकतर महिलाओं को मिसकैरेज क्या है – इसके कारण, लक्षण और उपचार के बारे में प्रॉपर जानकारी नहीं होने के कारण वे खुद में सामान्य लक्षण अनुभव करने पर भी परेशान हो जाती हैं। आपको मिसकैरेज और ब्राउन डिस्चार्ज के मुख्य लक्षणों की समझ इस समस्या से निजात पाने में मददगार साबित हो सकती है।

किन स्थितियों में ब्राउन डिस्चार्ज होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए:

  • डिस्चार्ज के समय लिक्विड की मात्रा अत्यधिक होना
  • होने वाले डिस्चार्ज से बदबू यानी गंध आना
  • सेक्सुअल इंस्टरकोर्स के एक सप्ताह बाद भी डिस्चार्ज जारी रहना
  • किसी प्रकार की वेजाइनल जांच के बाद भी डिस्चार्ज जारी रहना
  • डिस्चार्ज के साथ-साथ तेज दर्द और अन्य परेशानी होना

वेजाइनल ब्राउन डिस्चार्ज के दौरान पानी जैसा गाढ़ा लिक्विड आना गर्भपात की ओर इशारा हो सकता है। इसलिए यह लक्षण दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करके उन्हें अपने लक्षणों के बारे में बताएं।

कुछ मामलों में एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण भी प्रेगनेंसी के दौरान योनि से ब्राउन डिस्चार्ज हो सकता है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने पर आप खुद में कुछ ख़ास लक्षणों जैसे कि पेट में ऐंठन, तेज दर्द, चक्कर आना और उल्टी होना आदि को देख सकती हैं।

जब एक निषेचित अंडा गर्भाशय तक जाने के बजाय कहीं और प्लांट हो जाता है तो उसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहते हैं। ट्यूबल प्रेगनेंसी, एक्टोपिक प्रेगनेंसी का सबसे आम प्रकार है। कभी-कभी निषेचित अंडा फैलोपियन ट्यूब के फटने या रुकावट होने पर उसमें फंस जाता है।

गर्भावस्था के दौरान गंभीर लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलें

गर्भावस्था के दौरान खुद में दिखने वाले लक्षणों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए, ताकि किसी भी तरह की समस्या का उसकी शुरुआत में पता लगाया जा सके। अगर आप खुद में निम्न गंभीर लक्षणों को देखती हैं तो तुरंत बेस्ट फर्टिलिटी एक्सपर्ट से परामर्श लें:

  • योनि में जलन और खुजली होना
  • डिस्चार्ज के साथ योनि से बदबू आना
  • योनि में असमानता अनुभव करना
  • पेट में दर्द या ऐंठन की समस्या होना
  • ब्राउन डिस्चार्ज के दौरान या बाद में बुखार होना

ये लक्षण गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों के अनुभव होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से परमर्श करने का सुझाव दिया जाता है।

कंसीव करने के बाद आप खुद में कुछ लक्षणों को अनुभव करती हैं जो सफल प्रेगनेंसी की ओर इशारा होते हैं। ये लक्षण पॉजिटिव होते हैं।

किसी भी असामान्य स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर डिस्चार्ज ज्यादा हो, दर्द के साथ हो या बदबू आए, तो यह समस्या का संकेत हो सकता है।

  • सेक्स और शारीरिक गतिविधि में सावधानी करतें।
  • गर्भावस्था के दौरान सेक्स करते समय सावधानी बरतें।
  • किसी भी असुविधा की स्थिति में डॉक्टर से सलाह लें।

संतुलित आहार लें

  • प्रेगनेंसी में पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी है।
  • शरीर की ऊर्जा को बनाए रखने के लिए आयरन और कैल्शियम से भरपूर भोजन करें।
  • ज्यादा पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखें।

प्रेगनेंसी में स्वस्थ रहने के टिप्स

प्रेगनेंसी में खुद के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु का ख़याल रखें आवश्यक है। अपनी प्रेगनेंसी को सुखद, सुरक्षित और सफल बनाने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें:

  1. नियमित चेकअप कराएं

प्रेगनेंसी के दौरान नियमित चेकअप करवाना बहुत जरूरी है। इससे बच्चे की सेहत और विकास पर नजर रखी जा सकती है। किसी भी समस्या का पता जल्दी चल सकता है।

  1. तनाव से बचें

प्रेगनेंसी में मानसिक शांति बनाए रखना जरूरी है। योग और ध्यान का अभ्यास करें। दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं। तनाव या बेचैनी होने पर डॉक्टर से परामर्श लें।

  1. सही एक्सरसाइज करें

हल्की एक्सरसाइज करना प्रेगनेंसी में लाभदायक होता है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही एक्सरसाइज करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।

  1. सही कपड़े चुनें

आरामदायक और हल्के कपड़े पहनें। बहुत टाइट कपड़े पहनने से बचें। नरम कपड़े से बने अंडरगारमेंट्स का उपयोग करें।

इन सबके अलावा, अपनी डाइट, लाइफस्टाइल, सोने-जगने के पैटर्न आदि का भी ध्यान रखें। अगर आप प्रेगनेंसी के सभी स्टेज को अच्छी तरह समझना चाहते हैं तो नीचे दिए गए ब्लॉग को पढ़ें।

  1. प्रेगनेंसी का पहला महीना – लक्षण, डाइट प्लान और शिशु का विकास
  2. प्रेगनेंसी का दूसरा महीना – लक्षण, डाइट प्लान और शिशु का विकास
  3. प्रेगनेंसी का तीसरा महीना – लक्षण, डाइट प्लान और शिशु का विकास
  4. प्रेगनेंसी का चौथा महीना – लक्षण, डाइट प्लान और शिशु का विकास
  5. प्रेगनेंसी का पांचवा महीना – लक्षण, डाइट प्लान और शिशु का विकास
  6. प्रेगनेंसी का छठा महीना – लक्षण, डाइट प्लान और शिशु का विकास
  7. प्रेगनेंसी का सातवां महीना – लक्षण, डाइट प्लान और शिशु का विकास
  8. प्रेगनेंसी का आठवां महीना – लक्षण, डाइट प्लान और शिशु का विकास
  9. प्रेगनेंसी का नौवा महीना – लक्षण, डाइट प्लान और जरूरी सावधानियां
  10. प्रेगनेंसी के नववें महीने में नॉर्मल डिलीवरी के लिए ज़रूरी टिप्स

प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद, पांचवे सप्ताह में ब्लीडिंग शुरू होने के क्या कारण हो सकते हैं?

Brown discharge in week 5 of pregnancy कॉमन है। शोध के मुताबिक, लगभग 30% महिलाओं को प्रेगनेंसी के शुरुआती तीन महीनों में हल्दी ब्लीडिंग होती है, जिसका कारण नॉर्मल हार्मोनल बदलाव या प्रेगनेंसी से संबंधित जटिलताएं हो सकती हैं जैसे कि:

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  1. सबकोरियोनिक हेमेटोमा

प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में बच्चेदानी की दीवार और एम्ब्रियो को घेरने वाली थैली (कोरियोन) के बीच होने वाली ब्लीडिंग को सबकोरियोनिक हेमेटोमा कहते हैं। यह आकार में छोटा हो सकता है और बिना इलाज के अपने आप ठीक हो सकता है।

  1. एक्टोपिक प्रेगनेंसी

जब फर्टिलाइज्ड एग यूट्रस के बाहर या फैलोपियन ट्यूब में इंप्लांट होने पर हल्‍की स्‍पॉटिंग हो सकती है। इस स्थिति में डॉक्टर से तुरंत परामर्श आवश्यक है, क्योंकि यह एक गंभीर स्थिति है।

  1. सर्विकल इरिटेशन

सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद हल्‍की ब्‍लीडिंग होना सर्विकल इरिटेशन का कारण हो सकती है। सेक्स के बाद योनि में खुजली या अन्य परेशानी होने पर डॉक्टर से परामर्श करें।

  1. इंप्लांटेशन ब्लीडिंग

जब एक फर्टिलाइज्‍ड एग बच्चेदानी की परत से जुड़ता है तो हल्‍की ब्‍लीडिंग हो सकती है। यह पूरी तरह से सामान्य होता है और इसके लिए किसी तरह की मेडिकल सहायता की ज़रूरत नहीं होती है।

इन सबके अलावा, brown discharge in week 5 of pregnancy प्रेगनेंसी लॉस होने पर भी प्रेगनेंसी के पांचवे सप्ताह में ब्‍लीडिंग हो सकती है।

क्‍या प्रेगनेंसी में हल्‍की ब्‍लीडिंग का मतलब हमेशा मिसकैरेज होता है?

नहीं, प्रेगनेंसी में हल्की ब्लीडिंग का मतलब हमेशा मिसकैरिज नहीं होता है। यह अन्य कारणों से भी हो सकता है। अगर आपको प्रेगनेंसी के दौरान ब्लीडिंग होती है और आपके मन में चिंता है तो अपने डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करें। कई बार गर्भपात के बाद ब्राउन डिस्चार्ज हो सकता है।

ब्राउन डिस्चार्ज से जुड़े मिथ्स और फैक्ट्स 

मिथ: हर तरह का ब्राउन डिस्चार्ज खतरनाक होता है।

फैक्ट: यह हमेशा खतरनाक नहीं होता। यह सामान्य हो सकता है, खासकर पहली तिमाही में।

मिथ: डिस्चार्ज का मतलब है कि प्रेगनेंसी में समस्या है।

फैक्ट: हार्मोनल बदलाव और इंप्लांटेशन जैसी सामान्य प्रक्रियाओं में भी ब्राउन डिस्चार्ज हो सकता है जो बिलकुल सामान्य और सुरक्षित है।

मिथ: ब्राउन डिस्चार्ज का इलाज संभव नहीं है।

फैक्ट: अगर यह किसी समस्या का संकेत है, तो डॉक्टर की सलाह से इसका इलाज किया जा सकता है।

निष्कर्ष

प्रेगनेंसी के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज हर महिला के लिए अलग-अलग हो सकता है। यह कई बार सामान्य होता है, लेकिन लंबे समय तक बने रहना या अन्य लक्षणों के साथ होना चिंता का कारण हो सकता है।

अपनी और अपने बच्चे की सेहत का ध्यान रखें। नियमित रूप से डॉक्टर से मिलें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें। सही जानकारी और समय पर उपचार से आप एक स्वस्थ और सुरक्षित प्रेगनेंसी का आनंद ले सकती हैं।

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