माता-पिता बनना ज़्यादातर लोगों के लिए काफ़ी उत्साह भरा पल होता है। हालांकि, कई दंपती इस पल के इंतज़ार में काफ़ी कोशिश करते हैं, फिर भी उनकी चुनौतियां कई बार लंबे समय तक बरकरार रहती हैं। इस दिशा में मेडिकल साइंस ने काफ़ी तरक़्क़ी की है, लेकिन आज भी भारतीय समाज में ज़्यादातर लोग प्राकृतिक तरीक़े से ही प्रेगनेंसी को अपनाना पसंद करते हैं। इस लेख में हम जल्दी प्रेगनेंट होने के घरेलू नुस्खे, प्रेग्नेंट होने का घरेलू उपाय, स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के तरीक़े, तनाव कम करने, Pregnant Hone Ke Liye Kya Kare और प्रजनन से जुड़े स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए ध्यान में रखने वाली ज़रूरी चीज़ों के बारे में जानेंगे। साथ ही, हम इससे जुड़े मिथ्स और फ़ैक्ट्स एवं अक्सर पूछे जाने वाले सवालों पर भी बात करेंगे।
प्रेगनेंसी से जुड़ी बुनियादी बातें
प्रेगनेंट होने के लिए घरेलू उपाय आज़माने से पहले, अपनी फ़र्टिलिटी साइकल को समझना ज़रूरी है। यह ऐसी बुनियादी चीज़ है, जिसे अच्छी तरह समझने से हमें पता चल जाता है कि किस दौरान यौन संबंध बनाना प्रेगनेंसी की संभावना को मज़बूत बनाता है। असल में पीरियड के अलग-अलग चरण होते हैं, जिसमें ओव्यूलेशन का समय सबसे ज़्यादा फ़र्टाइल माना जाता है।
फ़ेज़ | अवधि | विवरण |
मेन्स्ट्रुअल फ़ेज़ | 1-7 दिन | इसमें यूटरस की परतें झड़ती हैं |
फ़ॉलिक्यूलर फ़ेज़ | 7-14 दिन | ओवरी में एग मैच्योर होता है |
ओव्यूलेशन फ़ेज़ | 14वें दिन के आस-पास | एग रिलीज़ होता है, इस दौरान प्रेगनेंट होने की सबसे ज़्यादा संभावना होती है |
ल्यूटियल फ़ेज़ | 14-28 दिन | यूटरस इंप्लांटेशन की तैयारी करता है |
बेसल बॉडी टेम्परेचर (बीबीटी) ट्रैकिंग या ओव्यूलेशन प्रेडिक्टर किट के ज़रिए आप अपने ओव्यूलेशन के दिनों की पहचान कर सकती हैं और इससे आपके गर्भ धारण करने की संभावना काफ़ी बढ़ सकती है।
जल्दी प्रेगनेंट होने के लिए ज़रूरी घरेलू नुस्खे – Pregnant Hone Ke Liye Kya Kare
सही आहार और पोषण
- फ़र्टिलिटी बढ़ाने वाला आहार लें:
- हरी पत्तेदार सब्ज़ियां: फ़ोलिक एसिड से भरपूर आहार लें, ताकि एग की गुणवत्ता बेहतर हो सके।
- नट्स और सीड्स: ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड से भरपूर होता है। इससे हार्मोनल संतुलन दुरुस्त होता है।
- डेयरी प्रॉडक्ट: कैल्शियम और विटामिन डी का ये मज़बूत स्रोत हैं। यह प्रजनन से जुड़े स्वास्थ्य के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद है।
आपका सैंपल डाइट प्लान
आहार | क्या-क्या शामिल करें |
नाश्ता | ओट मील, चिया सीड्स और एक गिलास फ़ुल क्रीम दूध |
दोपहर का खाना | मुख्य खाने के साथ-साथ पालक सलाद, नट्स, अवाकाडो और जैतून का तेल |
स्नैक्स | मुट्ठी भर बादाम और अखरोट |
रात का खाना | बाक़ी खाने के साथ, ग्रिल्ड सैलमन, उबली हुई ब्रोकोली और क्विनोआ |
- प्रजनन के लिए उपयोगी जड़ी-बूटियां:
- अश्वगंधा: हार्मोनल संतुलन को बनाए रखता है और तनाव कम करता है।
- मैका रूट: सेक्स की इच्छा बढ़ाता है और स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार करता है।
- शतावरी: आयुर्वेद में महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए मशहूर है।
- चेस्टबेरी: ओव्यूलेशन ठीक होता है।
- ऐलो वेरा: समग्र स्वास्थ्य के साथ-साथ डिटॉक्सीफ़िकेशन में मददगार होता है।
- फ़ोलिक एसिड सप्लीमेंट:
- एग की गुणवत्ता बढ़ाने और भ्रूण (एम्ब्रियो) के विकास में यह काफ़ी मददगार होता है।
- दालचीनी:
- कुछ रिसर्च से पता चला है कि दालचीनी से पीरियड नियमित होने लगती है। ख़ासकर पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए यह काफ़ी फ़ायदेमंद है।
- शहद और दूध:
- रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में शहद मिलाकर पीने से प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
जल्दी प्रेगनेंट होने के लिए डाइट प्लान
ऊपर की टेबल में आपको सैंपल डाइट प्लान बताया गया है, लेकिन अब आइए विस्तार से आहार, ज़रूरी पोषक तत्व और उसके स्रोत के बारे में जानते हैं।
पोषक तत्व | अहमियत | स्रोत |
प्रोटीन | एग और स्पर्म की सेहत सुधारता है | अंडे, लीन मीट, दालें, बीन्स, टोफ़ू |
आयरन | ख़ून की कमी दूर करता है, ओव्यूलेशन में मदद करता है | पालक, काबुली चना, कद्दू के बीज |
विटामिन डी | प्रजनन क्षमता बढ़ाती है और पीरियड साइकल को नियंत्रित करती है | धूप, फ़ोर्टिफ़ाइड सीरियल, मशरूम |
कैल्शियम | यूटरस की हेल्थ के लिए फ़ायदेमंद होता है | दही, दूध, चीज़, अन्य डेयरी प्रॉडक्ट |
ओमेगा-3 फ़ैटी एसिड | हार्मोन को संतुलित और इंप्लांटेशन में मदद करता है | सैलमन, अखरोट, फ़्लैक्ससीड्स |
आहार से इन चीज़ों को दूर रखें
- कैफ़ीन (रोज़ाना 1-2 कप से ज्यादा नहीं)
- शराब और प्रोसेस्ड फ़ूड
- चीनी से भरपूर स्नैक्स और ट्रांस फ़ैट
गर्भधारण के लिए सही जीवनशैली
जल्दी प्रेगनेंट होने के लिए अपनी और अपने पार्टनरी की लाइफ़स्टाइल को दुरुस्त रखना बेहद ज़रूरी है। बड़ी संख्या में लोग ख़राब लाइफ़स्टाइल की वजह से प्रेगनेंट नहीं हो पाते हैं।
- वज़न क़ाबू में रखें:
- सही वज़न का मतलब होता है न कम, न ज़्यादा। वज़न का असर प्रजनन क्षमता के ऊपर पड़ता है।
- बीएमआई 18.5 से 24.9 के बीच रखें।
- तनाव न लें:
- ध्यान और गहरी सांस से जुड़ी एक्सरसाइज़ तनाव कम करने में काफ़ी कारगर होती हैं।
- रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद ज़रूरी है।
सप्लीमेंट्स
- विटामिन सी: इससे मर्दों की स्पर्म की क्वालिटी सुधरती है।
- ज़िंक: इससे एग को मैच्योर होने और स्पर्म प्रॉडक्शन में मदद मिलती है।
- रॉयल जेली: इसमें भरपूर ऐमिनो ऐसिड और कई विटामिन होते हैं। माना जाता है कि इससे ओवेरियन फ़ंक्शन दुरुस्त होता है।
प्रेगनेंट होने के लिए चेकलिस्ट
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जल्दी गर्भधारण के लिए सेक्स पोज़िशन
- ओव्यूलेशन के दौरान सही पोज़िशन:
- मिशनरी या डॉगी स्टाइल जैसी पोज़िशन से पेनेट्रेशन गहरा होता है और इस वजह से स्पर्म फ़ैलोपियन ट्यूब के काफ़ी क़रीब डिपॉज़िट होता है। इससे फ़र्टिलाइज़ेशन की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है।
- स्पूनिंग:
- इस पोज़िशन में शारीरिक थकान कम होती है, लेकिन ओव्यूलेशन के दौरान यह काफ़ी फ़ायदेमेंद साबित हो सकती है।
- साइड-बाय-साइड पोज़िशन:
- यह पोज़िशन आरामदायक और काफ़ी अंतरंग होती है। इससे स्पर्म को फ़ैलोपियन ट्यूब की ओर बढ़ने में मदद मिलती है।
- संभोग के बाद आराम करें:
- 15-20 मिनट लेटें रहें, इससे स्पर्म को एग तक पहुंचने में मदद मिलती है। कूल्हों के नीचे तकिया लगाकर स्थिति को और बेहतर बनाया जा सकता है।
- हिप्स उठाने वाली पोज़िशन:
- संभोग के बाद कूल्हों के नीचे तकिया रखकर, अपने पैरों को ऊपर उठाएं। इससे स्पर्म की गति में सुधार होता है।
याद रखें: सेक्स का कोई भी पोज़िशन सिर्फ़ एक ज़रिया है। मुख्य चीज़ है स्पर्म को फ़ैलोपियन ट्यूब के क़रीब ले जाना, ताकि एग और स्पर्म का आपस में मिलन हो सके। इसलिए, यौन संबंध बनाते समय अगर आपको लगता है कि आप किसी दूसरी पोज़िशन में ज़्यादा सुकून महसूस कर रही हैं, तो आप उस पोज़िशन को जारी रख सकती हैं। हालांकि, संभोग के बाद थोड़ी देर लेटने से स्पर्म को फ़ैलोपियन ट्यूब मे पहुंचने में थोड़ी मदद मिल सकती है।
प्रजनन क्षमता पर क्या कहता है विज्ञान
- प्रेगनेंट होने में हार्मोन का महत्व:
o ल्यूटिनाइज़िंग हार्मोन (एलएच) और फ़ोलिकल-स्टिम्युलेटिंग हार्मोन (एफ़एसएच) ओव्यूलेशन और अंडे के रिलीज़ में अहम भूमिका निभाते हैं।
o हार्मोन के स्तर को ब्लड टेस्ट या ओव्यूलेशन किट के ज़रिए ट्रैक करके प्रजनन क्षमता में ज़रूरी बदलाव किए जा सकते हैं।
- एंटीऑक्सिडेंट की भूमिका:
o शोध से पता चला है कि विटामिन ई और सेलेनियम जैसे एंटीऑक्सिडेंट से स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिलता है। साथ ही, इससे एग पर ऑस्कीडेटिव तनाव कम होता है।
- पर्यावरण से जुड़ी चीज़ें:
o बीपीए और फ़्थालेट्स जैसे एंडोक्राइन-डिसरप्टिंग केमिकल के संपर्क में आने से प्रजनन क्षमता में कमी आ सकती है। प्लास्टिक कंटेनर से बचें और साफ़-सफ़ाई के प्राकृतिक तरीक़े इस्तेमाल करें।
- संभोग कब करें:
o रिसर्च बताते हैं कि “फ़र्टाइल विंडो” (ओव्यूलेशन से 5 दिन पहले और 1 दिन बाद) के दौरान संभोग करने से प्रेगनेंट होने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रेगनेंट होने से जुड़े मिथ्स और फ़ैक्ट्स
मिथ्स | फ़ैक्ट्स |
कभी भी सेक्स करने से महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं | गर्भ धारण की संभावना ओव्यूलेशन की प्रक्रिया के दौरान सबसे ज़्यादा होता है |
पाइनएपल खाने से प्रेगनेंट होना तय है | पाइनएपल में ब्रोमेलिन होता है, जो इंप्लांटेशन में मदद करता है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है |
सिर्फ़ महिलाओं को प्रजनन क्षमता पर ध्यान देना चाहिए | महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों के लिए भी इस पर ध्यान देना उतना ही ज़रूरी है |
जल्दी प्रेगनेंट होने से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सवाल: डॉक्टर से मिलने से पहले कितने समय तक घरेलू उपचार आज़माने चाहिए?
जवाब: 35 साल से कम उम्र के दंपति कम से कम 1 साल तक कोशिश करें। 35 साल से ज़्यादा उम्र के लोग 6 महीने की कोशिश के बाद डॉक्टर से संपर्क करें।
सवाल: क्या मानसिक तनाव का असर प्रजनन क्षमता के ऊपर पड़ता है?
जलाब: हां, लंबे समय तक मानसिक तनाव में रहने से हार्मोनल संतुलन और ओव्यूलेशन की प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
सवाल: अगर पहले से कोई मेडिकल कंडीशन हो, तो ऐसा ऐसे में प्राकृतिक उपचार करना पर्याप्त रहेगा?
जवाब: घरेलू उपचार सिर्फ़ मेडिकल ट्रीटमेंट का पूरक हो सकते हैं, लेकिन पीसीओएस या एंडोमेट्रियोसिस जैसी कंडीसन में डॉक्टर से परामर्श करें।
निष्कर्ष
प्रेगनेंसी की यात्रा एक बेहद भावनात्मक यात्रा होती है। इसमें न सिर्फ़ प्रेगनेंट महिला, बल्कि उनके सभी प्रियजन भी पूरे मन से भागीदारी निभाते हैं। हालांकि, आज भी कई महिलाओं के लिए प्रेगनेंट होना काफ़ी चुनौतीपूर्ण है। मेडिकल साइंस में हुई तरक्की के अलावा कई घरेलू नुस्खे मौजूद हैं, जिनकी मदद से आप आसानी से गर्भ धारण कर सकती हैं। ज़रूरी है सही जानकारी, सही लाइफ़स्टाइल और धैर्य की। साल भर घरेलू कोशिश करने में कोई हर्ज भी नहीं है। अगर इसके बाद भी प्रेगनेंसी नहीं होती, तो आप डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें।