भारत में आईसीएसआई का खर्च नियत नहीं है। आमतौर पर भारत में एक आईसीएसआई साईकिल का खर्च लगभग लगभग 1 लाख रुपए से लेकर 2.50 लाख तक आता है। हालांकि, इसमें बदलाव भी आ सकता है।
आईसीएसआई के खर्च को अनेक कारक प्रभावित करते हैं जैसे कि आप किस शहर में उपचार कराते हैं, आपके द्वारा चयनित डॉक्टर का अनुभव और हॉस्पिटल की विश्वसनीयता एवं आवश्यक आईसीएसआई साईकिल की संख्या आदि।
आईसीएसआई का पूरा नाम इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन है। यह एक प्रकार का प्रजनन उपचार है जिसका उपयोग पुरुष बांझपन का इलाज करने के लिए किया जाता है। जिस पुरुष को आईवीएफ से कोई फायदा नहीं होता है उसके लिए आईसीएसआई एक प्रभावशाली उपचार है।
आईसीएसआई के खर्च को प्रभावित करने वाले कारक
आईसीएसआई उपचार का खर्च काफी कारकों द्वारा प्रभावित होता है जिसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हो सकते हैं:
- शहर
आप आईसीएसआई उपचार भारत के किस शहर में कराते हैं, यह इसके समग्र खर्च को बड़े पैमाने पर प्रभावित करता है। दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर जैसे बड़े शहरों की तुलना में कानपुर, पटना, रांची और लखनऊ जैसे छोटे शहरों में आईसीएसआई का खर्च कम आता है।
- डॉक्टर का अनुभव
आईसीएसआई का खर्च प्रजनन विशेषज्ञ के अनुभव पर भी निर्भर करता है। यह भी इस उपचार के ओवरऑल खर्च में बड़ी भूमिका निभाता है। एक कम अनुभव वाले डॉक्टर की तुलना में अनुभवी डॉक्टर की फीस अधिक होती है।
- हॉस्पिटल की विश्वसनीयता
हॉस्पिटल की विश्वसनीयता आईसीएसआई उपचार का खर्च निर्धारित करने में अहम रोल अदा करता है। एक अविश्वसनीय हॉस्पिटल की तुलना में विश्वसनीय और अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले हॉस्पिटल में आईसीएसआई का खर्च अधिक होता है।
- लैब टेस्ट
आईसीएसआई उपचार शुरू करने से पहले डॉक्टर आपको कुछ लैब टेस्ट करने का सुझाव दे सकते हैं। इन सभी टेस्ट का खर्च भी आईसीएसआई उपचार के समग्र खर्च में जुड़ता है।
- आईसीएसआई साईकिल की संख्या
आईसीएसआई साइकिल की संख्या इसके खर्च को प्रभावित करती है। कुछ मामलों में आपको एक से अधिक आईसीएसआई साईकिल की आवश्यकता पड़ सकती है।
आपको उपचार के दौरान कितनी आईसीएसआई साईकिल की आवश्यकता पड़ती है यह भी इसके खर्च को स्वाभाविक रूप से प्रभावित कर सकता है।
इन सबके अलावा भी ऐसे अनेक कारक हैं जो भारत में आईसीएसआई के खर्च निर्धारित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। आईसीएसआई उपचार कराने से पहले आप अपने डॉक्टर या हॉस्पिटल से इस उपचार के संभावित लागत के बारे में बात कर सकते हैं।
भारत में आईसीएसआई सफलता दर (ICSI Success Rate in India)
भारत में आईसीएसआई उपचार की सफलता दर काफी अधिक (लगभग 80-85 प्रतिशत) है और यह आपकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में अद्भुत काम कर सकता है।
हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि इस उपचार की सफलता दर अनेक कारकों पर निर्भर करती है जिसमें मुख्य रूप से शामिल हैं बांझपन का कारण, दोनों पार्टनर की उम्र, अंडे और स्पर्म की क्वालिटी आदि।
निःसंतानता यानी बांझपन से पीड़ित पुरुष को जब आईवीएफ से कोई फायदा नहीं होता है तो डॉक्टर उसे आईसीएसआई उपचार का सुझाव देते हैं। हालांकि, इसे भी आईवीएफ की तरह ही किया जाता है, लेकिन जिन पुरुषों में शुक्राणु की कमी होती है, उनके लिए आईवीएफ अत्याधिक प्रभावशाली नहीं होता है। इस स्थिति में आईसीएसआई उनके लिए सबसे उपयुक्त उपचार होता है।