एशरमैन सिंड्रोम: कारण, लक्षण और उपचार

Dr. Rakhi Goyal
Dr. Rakhi Goyal

MBBS, MD (Obstetrics and Gynaecology)

23+ Years of experience
एशरमैन सिंड्रोम: कारण, लक्षण और उपचार

महिला शरीर में गर्भाशय (uterus) एक मांसपेशीय अंग होता है, जो मूत्राशय और मलाशय के बीच स्थित होता है। इसका काम गर्भावस्था के दौरान शिशु को धारण करना और मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करना होता है। गर्भधारण के समय, निषेचित अंडाणु (fertilized egg) वहीं आकर प्रत्यारोपित होता है।

इन सभी कार्यों को सही तरीके से करने के लिए गर्भाशय का खाली होना जरूरी होता है। लेकिन अगर इसमें अंदरूनी रूप से ऊतक (scar tissue) बनने लगे और धीरे-धीरे उसकी मात्रा बढ़ने लगे, तो गर्भाशय की जगह कम होने लगती है। इसका असर कई तरह से पड़ सकता है—पेल्विक दर्द, अधिक रक्तस्राव, और यहां तक कि गर्भधारण में परेशानी भी हो सकती है।

इसी स्थिति को एशरमैन सिंड्रोम कहा जाता है।

एशरमैन सिंड्रोम के लक्षण

एशरमैन सिंड्रोम के कुछ लक्षण जिन्हें नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए:

  • मासिक धर्म के दौरान बहुत कम रक्तस्राव होना
  • पीरियड्स का पूरी तरह से बंद हो जाना
  • असामान्य रक्तस्राव, जैसे स्पॉटिंग या अत्यधिक ब्लीडिंग
  • पेट में ऐंठन और तेज पेल्विक दर्द
  • गर्भधारण में कठिनाई होना

हालांकि, कई मामलों में एशरमैन सिंड्रोम के लक्षण स्पष्ट रूप से नज़र नहीं आते। इसलिए, यदि पेल्विक क्षेत्र में असहजता महसूस हो या मासिक धर्म के पैटर्न और प्रवाह में बदलाव दिखे, तो सतर्क रहें और डॉक्टर से सलाह लें।

एशरमैन सिंड्रोम के कारण

एशरमैन सिंड्रोम का एक मुख्य कारण कुछ सर्जरी के बाद बनने वाला ऊतक (scar tissue) हो सकता है। उदाहरण के लिए, ऑपरेटिव हिस्टेरोस्कोपी के दौरान फाइब्रॉइड्स को इलेक्ट्रिक उपकरण से हटाने से गर्भाशय में ऊतक बन सकता है।

अन्य संभावित कारणों में शामिल हैं:

  • कभी-कभी गर्भपात (miscarriage) या अबॉर्शन के बाद गर्भाशय की परत पर ऊतक बन सकता है।
  • डाइलेशन और क्यूरेटेज (D&C) सर्जरी, जो गर्भाशय से अवांछित ऊतक हटाने के लिए की जाती है, इसके कारण भी अंदरूनी ऊतक बन सकता है।
  • सी-सेक्शन (C-section) के दौरान, यदि टांके हटाते समय संक्रमण हो जाए, तो दुर्लभ मामलों में यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • सर्विक्स (cervix) में संक्रमण, गर्भाशय से जुड़ी अन्य सर्जरी, या पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) से भी गर्भाशय में ऊतक बनने की संभावना बढ़ सकती है।
  • रेडिएशन थेरेपी, जो सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल होती है, भी एशरमैन सिंड्रोम को ट्रिगर कर सकती है।

अगर आपको इन जोखिम कारकों में से कोई भी प्रभावित करता है, तो डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।

एशरमैन सिंड्रोम का निदान

अगर आप एशरमैन सिंड्रोम के कोई भी लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें। अपनी पिछली मेडिकल हिस्ट्री, खासकर गर्भाशय या पेल्विक सर्जरी से जुड़ी कोई भी जानकारी डॉक्टर को जरूर बताएं।

गर्भाशय में ऊतक (scar tissue) की मौजूदगी का पता लगाने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित जांच कर सकते हैं:

  • सोनोहिस्टेरोग्राम (Sonohysterogram): इसमें एक कैथेटर की मदद से नमकीन पानी (saline solution) को गर्भाशय में डाला जाता है, जिससे उसका आकार फैलता है और अंदर की संरचना स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।
  • ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal Ultrasound): इस जांच के जरिए डॉक्टर यह देख सकते हैं कि कहीं कोई ऊतक गर्भाशय में रुकावट तो नहीं बना रहा है।
  • हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy): यह एक विशेष प्रक्रिया है, जिसमें एक पतला उपकरण, जिसमें कैमरा लगा होता है, योनि के माध्यम से गर्भाशय में डाला जाता है। इससे डॉक्टर गर्भाशय के अंदरूनी हिस्से को सीधे देख सकते हैं।

इन परीक्षणों से डॉक्टर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि गर्भाशय में कोई ऊतक मौजूद है या नहीं और आगे का इलाज तय कर सकते हैं।

एशरमैन सिंड्रोम का इलाज

एशरमैन सिंड्रोम का इलाज इस पर निर्भर करता है कि स्थिति कितनी गंभीर है और अन्य कारक क्या हैं।

उदाहरण के लिए, यदि आप अगले 2-3 वर्षों में गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं, तो डॉक्टर आपका उपचार इस तरह से तैयार करेंगे कि आपकी प्रजनन क्षमता (fertility) भी बेहतर हो सके। एशरमैन सिंड्रोम वाली महिलाओं को गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है, इसलिए इलाज में बांझपन (infertility) का समाधान भी शामिल किया जाता है।

सबसे प्रभावी इलाज

सबसे आम उपचार हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy) है। इसमें गर्भाशय के अंदर बने चिपके हुए ऊतकों (scar tissue) को सावधानीपूर्वक हटाया जाता है।

हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान स्वस्थ ऊतक को नुकसान पहुंचने का जोखिम भी होता है। इसलिए, यह जरूरी है कि आप किसी अनुभवी और विश्वसनीय डॉक्टर से ही यह इलाज कराएं, जिन्होंने पहले भी कई बार यह प्रक्रिया की हो।

इलाज के बाद के कदम

  • हार्मोनल थेरेपी: प्रक्रिया के बाद, डॉक्टर एस्ट्रोजन हार्मोन दे सकते हैं, जो गर्भाशय की अंदरूनी परत (endometrium) को ठीक करने में मदद करता है।
  • इंट्रा-यूटेराइन कैथेटर: गर्भाशय में कुछ दिनों के लिए एक छोटा कैथेटर रखा जाता है, जिससे उपचार प्रक्रिया आसान होती है। यह कैथेटर संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक देने में भी मदद करता है।

इलाज के फायदे

  • गर्भाशय में बने ऊतकों की संख्या कम होती है।
  • पेल्विक दर्द में राहत मिलती है।
  • मासिक धर्म का चक्र फिर से सामान्य हो जाता है।
  • गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।

अगर उपचार के बावजूद गर्भधारण में परेशानी बनी रहती है, तो किसी फर्टिलिटी विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे अच्छा रहेगा, जो आपकी समस्या का सही समाधान दे सके।

निष्कर्ष

यदि आपको एशरमैन सिंड्रोम के कोई भी लक्षण महसूस हों, तो जल्द से जल्द किसी विशेषज्ञ से सलाह लें, जो इस स्थिति को समझता हो और इसका अनुभव रखता हो। यह एक पूरी तरह से इलाज योग्य स्थिति है, इसलिए इसे नज़रअंदाज न करें और सही समय पर विशेषज्ञ की मदद लें।

अगर आप गर्भधारण में कठिनाई महसूस कर रही हैं और आपको एशरमैन सिंड्रोम का पता चलता है, तो आपका डॉक्टर पहले इस स्थिति का इलाज करेगा। एक बार जब यह समस्या ठीक हो जाती है, तो आप फर्टिलिटी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकती हैं, जो आपकी गर्भधारण की योजना में आपकी मदद कर सकता है।

निःसंतानता के बेहतर उपचार के लिए बिरला फर्टिलिटी और IVF सेंटर पर जाएं या डॉ. राधिका बाजपेई से अपॉइंटमेंट बुक करें।

FAQs:

क्या एशरमैन सिंड्रोम में गर्भधारण संभव है?

इलाज के बाद गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, कुछ मामलों में, मासिक धर्म सामान्य होने के बावजूद बांझपन की समस्या बनी रह सकती है। ऐसे में किसी फर्टिलिटी विशेषज्ञ से मिलकर सही निदान और उचित उपचार लेना फायदेमंद रहेगा।

क्या एशरमैन सिंड्रोम का इलाज संभव है?

हां, एशरमैन सिंड्रोम पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। इसका इलाज गर्भाशय में बने ऊतकों (scar tissue) की गंभीरता पर निर्भर करता है। यह ज़रूरी है कि आप अनुभवी विशेषज्ञ से परामर्श लें, क्योंकि यह प्रक्रिया बेहद संवेदनशील होती है और अनुभवी डॉक्टर ही इसे सही तरीके से कर सकते हैं।

एशरमैन सिंड्रोम के कारण क्या हैं?

इसका मुख्य कारण गर्भाशय की सर्जरी है, जिससे अंदर ऊतक (scarring) बन सकते हैं। इसके अन्य कारणों में शामिल हैं:

  • गर्भाशय या पैल्विक क्षेत्र में संक्रमण, जो स्थिति को और खराब कर सकता है।
  • रेडिएशन थेरेपी, जिसका उपयोग सर्वाइकल कैंसर के इलाज में किया जाता है।

एशरमैन सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?

  • पेल्विक दर्द या मासिक धर्म के दौरान ऐंठन
  • मासिक धर्म का हल्का या असामान्य प्रवाह
  • अनियमित पीरियड्स
  • गर्भधारण में कठिनाई

अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हों, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें।

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