यूट्रेस फाइब्रॉएड उपचार के लिए दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ क्लिनिक

यूट्रेस फाइब्रॉएड सबसे प्रचलित स्त्री रोग संबंधी स्थितियों में से एक है जो एक महिला के जीवन की क्वालिटी को प्रभावित कर सकता है। यदि आप स्पेशलिस्ट देखभाल और क्वालिटी ट्रीटमेंट की तलाश में हैं, तो Birla Fertility & IVF, दिल्ली यूट्रेस फाइब्रॉएड के लिए कॉम्प्रिहेंसिव और पर्सनालाइज्ड सोल्यूशन देता है। सर्वश्रेष्ठ यूट्रेस फाइब्रॉएड विशेषज्ञों, अत्याधुनिक सुविधाओं और सहानुभूतिपूर्ण देखभाल के साथ, हम महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण को बहाल करने का प्रयास करते हैं।

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दिल्ली में हमारे यूट्रेस फाइब्रॉएड केंद्र

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यूट्रेस फाइब्रॉएड: एक ओवर व्यू

आपका ट्रीटमेंट हमारे स्त्री रोग स्पेशलिस्ट या फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट के साथ परामर्श से शुरू होता है। हम आपके लक्षणों पर चर्चा करते हैं, जैसे कि भारी रक्तस्राव, पैल्विक दर्द, बार-बार पेशाब आना या गर्भधारण करने में कठिनाई। आपके मेडिकल हिस्ट्री, पीरियड साइकिल पैटर्न और फर्टिलिटी प्लान्स की सावधानीपूर्वक समीक्षा की जाती है ताकि यह समझा जा सके कि फाइब्रॉएड आपके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर रहे हैं।

यूट्रेस फाइब्रॉएड के प्रकार

यूट्रेस में उनके स्थान के आधार पर, यूट्रेस फाइब्रॉएड को निम्नलिखित प्रकारों में बाँटा जा सकता है।

  • इंट्राम्यूरल फाइब्रॉएड – ये फाइब्रॉएड यूट्रेस की मांसपेशियों की दीवार के भीतर बढ़ते हैं और फाइब्रॉएड का सबसे आम प्रकार हैं। वे बड़े होने पर भारी पीरियड्स, पैल्विक दर्द और दबाव के लक्षण पैदा कर सकते हैं।
  • इंट्राम्यूरल फाइब्रॉएड – ये फाइब्रॉएड यूट्रेस की मांसपेशियों की दीवार के भीतर बढ़ते हैं और फाइब्रॉएड का सबसे आम प्रकार हैं। वे बड़े होने पर ज़्यादा पीरियड, पैल्विक दर्द और दबाव के लक्षण पैदा कर सकते हैं।
  • सबसेरोसल फाइब्रॉएड – ये फाइब्रॉएड यूट्रेस की बाहरी सतह पर बनते हैं और बाहर की ओर बढ़ सकते हैं। जबकि वे आम तौर पर पीरियड फ्लो को प्रभावित नहीं करते हैं, वे आकार में बड़े होने पर पेल्विक दबाव, सूजन या असुविधा पैदा कर सकते हैं।

यूट्रेस फाइब्रॉएड के कारण

यूट्रेस फाइब्रॉएड का सटीक कारण पता नहीं है, लेकिन ऐसे कई कारक हैं, जो इन फाइब्रॉएड के विकास में योगदान करने के लिए माने जाते हैं।

  • हार्मोनल असंतुलन: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के उच्च स्तर से फाइब्रॉएड का निर्माण हो सकता है।
  • जेनेटिक प्रवृत्ति: यदि आपके परिवार में किसी को यूट्रेस फाइब्रॉएड है या था, तो यह आपके लिए जोखिम बढ़ाता है।
  • जीवनशैली कारक: मोटापा, खराब आहार और शारीरिक गतिविधि की कमी भी फाइब्रॉएड के विकास में योगदान दे सकती है
  • अन्य स्थितियाँ: समय से पहले पीरियड या कुछ खास तरह के गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल को भी इसका कारण माना जाता है।

यूट्रेस फाइब्रॉएड के लक्षण

फाइब्रॉएड के आकार, स्थान और संख्या के आधार पर, लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। आम लक्षण इस प्रकार हैं:

  • भारी या लंबे समय तक पीरियड फ्लो
  • पेल्विक दर्द या दबाव
  • बार-बार पेशाब आना या ब्लैडर को खाली करने में कठिनाई
  • इंटरकोर्स के दौरान दर्द
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द
  • प्रेग्नेंट होने में कठिनाई

यूट्रेस फाइब्रॉएड के इलाज न होने पर जोखिम

हालाँकि यूट्रेस फाइब्रॉएड ज़्यादातर मामलों में हानिरहित वृद्धि होती है, लेकिन अगर इसका इलाज न किया जाए, तो वे कुछ जटिलताएं पैदा कर सकते हैं जैसे कि

  • ज़्यादा ब्लीडिंग के कारण एनीमिया
  • इन्फ़र्टिलिटी या मिस्केरेज
  • लंबे समय तक चलने वाला पैल्विक दर्द
  • ब्लैडर या रेक्टम पर दबाव
  • प्रेगनेंसी से संबंधित जोखिम (समय से पहले जन्म, ब्रीच स्थिति)

Birla Fertility & IVF, दिल्ली में यूट्रेस फाइब्रॉएड का डायग्नोसिस

Birla Fertility & IVF, दिल्ली में, हम फाइब्रॉएड के आकार, स्थान और संख्या की जाँच करने के लिए एडवांस्ड और सटीक डायग्नोसिस विधियों का उपयोग करते हैं, जिससे सबसे उपयुक्त ट्रीटमेंट प्लान सुनिश्चित होता है।

  • पेल्विक जाँच – यूट्रेस में किसी भी अनियमितता या वृद्धि को महसूस करने के लिए एक शारीरिक परीक्षा आमतौर पर फाइब्रॉएड की जाँच करने का पहला तरीका है।
  • अल्ट्रासाउंड (ट्रांसवेजिनल या पेट) – एक सुरक्षित और गैर-इनवेसिव इमेजिंग जाँच जो फाइब्रॉएड और उनके स्थान की पहचान करने के लिए यूट्रेस के डायरेक्ट विज़ुअल देता है।
  • एमआरआई स्कैन – जब फाइब्रॉएड बड़े या कई होते हैं, तो विस्तृत इमेजिंग के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे यूट्रेस में उनके सटीक आकार और स्थिति का पता लगाने में मदद मिलती है।
  • हिस्टेरोस्कोपी या लैप्रोस्कोपी – न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाएँ जो सटीक डायग्नोसिस के लिए अंदर या बाहर से यूट्रेस के डायरेक्ट विज़ुअल देती हैं, अक्सर सर्जरी से पहले उपयोग की जाती हैं।

एक सटीक डायग्नोसिस से हम आपके स्वास्थ्य और फर्टिलिटी लक्ष्यों के अनुरूप फाइब्रॉएड के लिए सबसे अच्छा ट्रीटमेंट दे पाते हैं।

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दिल्ली में हमारे यूट्रेस फाइब्रॉएड उपचार डॉक्टर

Birla Fertility & IVF, दिल्ली में फाइब्रॉएड के लिए ट्रीटमेंट

  • दवाएँ

छोटे और बिना लक्षण वाले फाइब्रॉएड के लिए, दवाएँ ट्रीटमेंट का पहला ऑप्शन होती हैं। गर्भनिरोधक टैबलेट, जीएनआरएच एगोनिस्ट और प्रोजेस्टिन-रिलीजिंग आईयूडी जैसी हार्मोन थेरेपी ज़्यादा ब्लीडिंग और पैल्विक दर्द से थोड़ी राहत प्रदान कर सकती हैं। हालाँकि, यह राहत ज़्यादा समय के लिए नहीं होती है और दवाएँ फाइब्रॉएड को सिकोड़ती या घोलती नहीं हैं।

 

  • लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी

फाइब्रॉएड हटाने के लिए एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जिकल प्रक्रिया जिसमें पेट में छोटे चीरे लगाए जाते हैं, उसे लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी कहा जाता है। इस प्रक्रिया के बारे में अच्छी बात यह है कि यह यूट्रेस को सुरक्षित रखती है, जिससे ये उन महिलाओं के लिए अच्छी होती है, जो ट्रीटमेंट के बाद प्रेगनेंसी पर विचार कर रही हैं। यह प्रक्रिया मरीज़ों को पुरानी चली आ रही ओपन सर्जिकल दृष्टिकोणों की तुलना में कम से कम खून को बहने, हॉस्पिटल में कम दिन रहने और बाद में तेजी से ठीक होने जैसे लाभ प्रदान करती है।

 

  • हिस्टेरोस्कोपिक मायोमेक्टोमी

यह प्रक्रिया यूट्रेस में सर्विक्स से हिस्टेरोस्कोप को पास करके किसी भी बाहरी चीरे के बिना की जाती है। यह सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड के लिए सबसे उपयुक्त है जो यूटराइन कैविटी में फैलते हैं। यह फर्टिलिटी में सुधार करता है और ज़्यादा ब्लीडिंग को रोकता है, जिससे ठीक होने में बहुत कम समय लगता है और कोई निशान नहीं दिखाई देता है।

 

  • हिस्टेरेक्टॉमी

यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें पूरा यूट्रेस निकाल दिया जाता है। यह ट्रीटमेंट ऑप्शन ज्यादातर उन महिलाओं को बताया जाता है, जिन्हें बड़े या बार-बार फाइब्रॉएड होते हैं और जो भविष्य में प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती हैं। यह मामले के आधार पर पेट से, लेप्रोस्कोपिक रूप से या योनि से किया जा सकता है और फाइब्रॉएड के लक्षणों जैसे कि ज़्यादा ब्लीडिंग, पैल्विक दर्द या दबाव से पूरी तरह राहत देता है।

प्री-ट्रीटमेंट निर्देश

फाइब्रॉएड ट्रीटमेंट या सर्जरी से पहले, मरीज़ों को निम्नलिखित गाइडलाइन्स का पालन करने की सलाह दी जाती है।

  • पूरी मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान दवाओं के बारे में बताएँ।
  • अपने डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार आवश्यक रक्त और इमेजिंग जाँच करवाएँ।
  • सर्जरी से पहले 6-8 घंटे तक कुछ ना खाएँ (यदि कहा गया हो)।
  • सर्जरी से पहले कुछ दवाओं (जैसे रक्त पतला करने वाली दवाएँ) से बचें।

Birla Fertility & IVF, दिल्ली में हमारी टीम आपको हर प्री-प्रोसीजर स्टेप के द्वारा गाइड करेगी।

सर्जरी के बाद के निर्देश

सही ढंग से और तेजी से ठीक होने के लिए सर्जरी के बाद की देखभाल ज़रूरी है। नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं जिनका पालन किया जाना चाहिए।

  • बताई गयी दवाएँ समय पर लें।
  • कुछ हफ़्तों तक भारी सामान उठाने या भारी काम करने से बचें।
  • टांके हटाने या जाँच के लिए सलाह के अनुसार जाँच करवाएँ।
  • बुखार, ज़्यादा ब्लीडिंग या दर्द जैसे असामान्य लक्षणों पर नज़र रखें।

सर्जरी के बाद ठीक होने में कितने दिन लगते हैं?

Birla Fertility & IVF, दिल्ली में ज़्यादातर मरीज़ कम से कम इनवेसिव प्रक्रियाओं के बाद 1-2 हफ़्तों के भीतर अपनी सामान्य ऐक्टिविटीज़ फिर से शुरू कर देते हैं। हालाँकि, रिवकवरी का समय प्रक्रिया के प्रकार पर निर्भर करता है। यहाँ अनुमानित समय दिया गया है:

  • लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी: 1-2 हफ़्तों
  • हिस्टेरोस्कोपिक सर्जरी: कुछ दिन
  • ओपन सर्जरी (अगर ज़रूरत हो): 4-6 हफ़्तों

दिल्ली में यूट्रेस फाइब्रॉएड के इलाज के लिए Birla Fertility & IVF क्यों चुनें?

  • एडवांस्ड सर्जिकल कौशल वाले अनुभवी स्पेशलिस्ट

हमारी टीम में दिल्ली के कुछ बेहतरीन यूट्रेस फाइब्रॉएड स्पेशलिस्ट और कुशल लेप्रोस्कोपिक सर्जन होते हैं, जो सुरक्षित फर्टिलिटी-संरक्षण ट्रीटमेंटों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

  • विश्व स्तरीय सुविधाएँ

हम हर कदम पर सटीक ट्रीटमेंट और मरीज़ की सुरक्षा को पक्का करने के लिए उचित खर्च पर एडवांस्ड, अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक ​​टूल्स देते हैं।

  • पर्सनालाइज्ड और विनम्र देखभाल

हर मरीज को उसका कस्टमाइज़ ट्रीटमेंट प्लान मिलता है, साथ ही पूरी यात्रा में परामर्श और मदद भी दी जाती है।

  • पारदर्शी और मरीज़ का ध्यान रखने वाले दृष्टिकोण

हम खर्च का स्पष्ट विवरण और परेशानी मुक्त अनुभव देते हैं, जिससे फाइब्रॉएड यूट्रेस ट्रीटमेंट आपके लिए आसान और तनाव मुक्त हो जाता है।

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