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सैल्पिंगोस्टॉमी क्या है? प्रक्रिया, कारण और रिकवरी से जुड़ी जानकारी

सैल्पिंगोस्टॉमी क्या है? प्रक्रिया, कारण और रिकवरी से जुड़ी जानकारी

Dr. Rakhi Goyal
Dr. Rakhi Goyal

MBBS, MD (Obstetrics and Gynaecology)

23+ Years of experience

सैल्पिंगोस्टॉमी क्या है? – Salpingostomy meaning in Hindi

फैलोपियन ट्यूब वह नलिकाएं होती हैं, जो आपके अंडाशय को गर्भाशय से जोड़ती है। यह नलिकाएं गर्भाशय के दोनों ओर स्थित होती हैं। अंडाणु और शुक्राणु का मिलन फैलोपियन ट्यूब में ही होता है। इसके बाद, फर्टिलाइज अंडाणु गर्भाशय तक पहुँचने के लिए फैलोपियन ट्यूब से गुजरता है।

सल्पिंगोस्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें फैलोपियन ट्यूब पर एक या एक से अधिक चीरे लगाए जाते हैं, और इस सर्जरी को करने का सबसे प्रमुख कारण एक्टोपिक प्रेगनेंसी (जिसमें फर्टिलाइज अंडाणु गर्भाशय की बजाय फैलोपियन ट्यूब में चले जाते हैं) का इलाज होता है। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें सर्जन फैलोपियन ट्यूब पर कट लगाते हैं, जिससे गर्भाशय तक अंडाणु और शुक्राणु का मिलन होता है और गर्भधारण की प्रक्रिया सामान्य रूप से शुरु हो जाती है। यह सर्जरी विशेष रूप से तब की जाती है, जब फैलोपियन ट्यूब में कोई समस्या हो, जैसे कि एक्टोपिक गर्भावस्था या ट्यूब में कोई ब्लॉकेज। ट्यूब में ब्लॉकेज के कई कारण हो सकते हैं, जिसका जवाब आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श के बाद ही मिल सकता है।

सल्पिंगोस्टॉमी की आवश्यकता क्यों होती है?

सल्पिंगोस्टॉमी का उद्देश्य फैलोपियन ट्यूबों से संबंधित विभिन्न चिकित्सा समस्याओं का इलाज करना है। यह सल्पिंगेक्टॉमी (फैलोपियन ट्यूब को हटाने की प्रक्रिया) से कम आक्रामक तरीका माना जाता है। इस प्रक्रिया में फैलोपियन ट्यूबों को बचाया जा सकता है, जबकि सल्पिंगेक्टॉमी में ट्यूबों को ही पूरी तरह से हटा दिया जाता है।

यह प्रक्रिया मुख्य रूप से एक्टोपिक गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं को रोकने के लिए की जाती है, लेकिन इसे अन्य स्थितियों में भी इस्तेमाल किया जाता है। सल्पिंगोस्टॉमी की प्रक्रिया ट्यूबों में कोई भी अवरोध हटाने, संक्रमण का इलाज करने और सामान्य गर्भधारण की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए की जाती है। हालांकि निम्न स्थितियों में सल्पिंगोस्टॉमी की आवश्यकता पड़ सकती है –

एक्टोपिक गर्भावस्था

एक्टोपिक प्रेगनेंसी में फर्टिलाइज अंडाणु गर्भाशय से बाहर, आमतौर पर फैलोपियन ट्यूब में ट्रांसफर हो जाते हैं। जैसे-जैसे भ्रूण फैलोपियन ट्यूब में बढ़ता है, ट्यूब की दीवार फट सकती है। इससे पेट में गंभीर रक्त हानि हो सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए सल्पिंगोस्टॉमी की प्रक्रिया की जाती है। इस प्रक्रिया में ट्यूब की दीवार पर एक चीरा लगाया जाता है और एम्ब्र्यो के उत्पाद को निकाल लिया जाता है।

अगर ट्यूब पहले ही फट चुका है, तो इस मामले में सल्पिंगेक्टॉमी की आवश्यकता हो सकती है। सल्पिंगोस्टॉमी प्रक्रिया का लक्ष्य ट्यूब को बचाए रखना है, जबकि सल्पिंगेक्टॉमी प्रक्रिया में ट्यूब को पूरी तरह से हटा देती है।

फैलोपियन ट्यूबों की समस्याएं

सल्पिंगोस्टॉमी फैलोपियन ट्यूबों में संक्रमण, ब्लॉकेज और क्षति जैसी समस्याओं के इलाज में मदद करता है जैसे कि – 

  • फैलोपियन ट्यूबों का संक्रमण: यदि फैलोपियन ट्यूब में संक्रमण हो, तो सल्पिंगोस्टॉमी के माध्यम से ट्यूब में एक छेद बनाया जाता है, ताकि उपचार किया जा सके।
  • फैलोपियन ट्यूबों का अवरोध: हाइड्रोसलपिंक्स (जब ट्यूब के अंदर तरल पदार्थ भर जाता है) के कारण ट्यूबों में अवरोध हो सकता है। इस स्थिति में सल्पिंगोस्टॉमी एक नया रास्ता बनाने के लिए किया जाता है, जिससे अंडाणु गर्भाशय तक पहुंच सकते हैं।
  • क्षतिग्रस्त फैलोपियन ट्यूब: सल्पिंगोस्टॉमी का उपयोग क्षतिग्रस्त फैलोपियन ट्यूबों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। जब ट्यूब की दीवारों में दाग या घाव हो जाते हैं, तो वह फाइबर युक्त पट्टियाँ (एडहेशन्स) बनाकर ट्यूब को अवरुद्ध कर देते हैं, जिससे अंडाणु को गुजरने में कठिनाई होती है।
  • अन्य स्थितियां: सल्पिंगोस्टॉमी तब भी की जाती है जब फैलोपियन ट्यूब में कैंसर हो या गर्भ धारण करने में समस्या के इलाज के लिए भी इस प्रक्रिया को किया जा सकता है। ऐसे मामलों में सल्पिंगेक्टॉमी की आवश्यकता होती है, जिसमें फैलोपियन ट्यूब को पूरी तरह से हटा दिया जाता है।

सल्पिंगोस्टॉमी ट्यूब के ब्लॉकेज को हटाने, संक्रमण को दूर करने, और ट्यूबों की सामान्य कार्यप्रणाली को बहाल करने में सहायक होती है। यह प्रक्रिया गर्भधारण की संभावना को फिर से बहाल कर सकती है और आपके माता-पिता बनने के सपने को फिर से साकार कर सकती है।

सल्पिंगोस्टॉमी की प्रक्रिया

सल्पिंगोस्टॉमी सामान्यत: जनरल एनेस्थीसिया के तहत की जाती है। इस प्रक्रिया में पेट की दीवार में एक चीरा लगाया जाता है, जिससे सर्जन फैलोपियन ट्यूब तक आसानी से पहुंच सकते हैं। कभी-कभी इसे लेप्रोटोमी के माध्यम से किया जाता है, जहाँ पेट की दीवार में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। हालांकि यह गंभीर मामलों में ही किया जाता है।

इसके अतिरिक्त, लेप्रोस्कोपिक सल्पिंगोस्टॉमी भी एक विकल्प है, जिसमें पेट में छोटे-छोटे चीरे लगाए जाते हैं। यह प्रक्रिया कम आक्रामक होती है और इसमें कम समय लगता है, साथ ही इसमें रिकवरी भी जल्दी होती है। लेप्रोस्कोपिक सल्पिंगोस्टॉमी की प्रक्रिया को कम समय में किया जा सकता है और इसमें होने वाली जटिलताएं सामान्य सर्जरी के मुकाबले कम होती हैं।

सर्जरी के बाद रिकवरी का समय लगभग 3 से 6 सप्ताह तक रहता है, और मरीजों को सामान्य जीवन में वापस आने में कुछ समय लग सकता है। खर्च की बात करें तो सल्पिंगोस्टॉमी प्रक्रिया की कीमत लगभग Rs. 2,00,000 तक हो सकती है, जो प्रक्रिया के प्रकार और स्थिति के आधार पर बदल सकती है।

सल्पिंगोस्टॉमी के साइड इफेक्ट

सल्पिंगोस्टॉमी के बाद कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि –

  • पेट या पेल्विक क्षेत्र में दर्द
  • पेशाब करने में कठिनाई
  • उल्टी या मतली होना
  • डिस्चार्ज में तेज गंध आना
  • यौनि से रक्त हानि या तरल पदार्थ का निकलना

इन साइड इफेक्ट के दिखने पर तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें।

निष्कर्ष

फैलोपियन ट्यूबों की समस्याएं आपके प्रजनन स्वास्थ्य पर असर डाल सकती हैं। सल्पिंगोस्टॉमी इन समस्याओं के इलाज में सहायक हो सकती है और एक्टोपिक गर्भावस्था के गंभीर परिणामों से बचने में मदद कर सकती है। हालांकि, इसके परिणामस्वरूप आपकी प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ सकता है।

यदि आप प्रजनन संबंधित किसी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो एक फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से संपर्क करना सबसे अच्छा रहेगा। आपके स्वास्थ्य के लिए सही उपचार प्राप्त करने के लिए सही समय पर डॉक्टर से परामर्श करना बहुत जरूरी है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

क्या सल्पिंगोस्टॉमी एक प्रमुख शल्य क्रिया है? 

सल्पिंगोस्टॉमी को प्रमुख शल्यक्रिया नहीं माना जाता है क्योंकि यह एक मिनिमल इनवेसिव सर्जरी है, जिसमें बहुत छोटे कट लगाए जाते हैं। 

क्या सल्पिंगोस्टॉमी के बाद गर्भवती हो सकती हूँ? 

हां, सल्पिंगोस्टॉमी के बाद गर्भवती होना संभव है। यह प्रक्रिया फैलोपियन ट्यूब की समस्याओं को हल करने में मदद करती है।

एक्टोपिक गर्भावस्था के लिए सल्पिंगोस्टॉमी क्या है? 

एक्टोपिक गर्भावस्था में सल्पिंगोस्टॉमी द्वारा फैलोपियन ट्यूब में चीरा लगाकर प्रेगनेंसी के अतिरिक्त टिशू को हटाया जाता है, जो ट्यूब के फटने का कारण साबित हो सकते हैं।

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