क्या खाने से स्पर्म ज्यादा बनता है (kya khane se sperm badhta hai)

Dr. Anupam Kumari
Dr. Anupam Kumari

M.B.B.S, M.S. (OB-GYN)

11 Years of experience
क्या खाने से स्पर्म ज्यादा बनता है (kya khane se sperm badhta hai)

शुक्राणु की मात्रा को बढ़ाने के लिए सही आहार प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। हालांकि, ध्यान देने योग्य एकमात्र आहार संबंधी उपाय या खाद्य पदार्थ नहीं है जो स्पर्म की मात्रा या गुणवत्ता को सीधे तौर पर प्रभावित कर सकें। फिर भी, स्वस्थ आहार प्रणाली के अनुसार आहार लेने से शुक्राणुओं की कुछ मात्रा में उन्नति हो सकती है।

अगर आप शुक्राणु की मात्रा को बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको स्वस्थ और पूर्णता भोजन का सेवन करना चाहिए जिसमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  • पूर्ण आहार

पोषक और संतुलित आहार सेवन करें, जिसमें फल, सब्जियां, पूर्ण अनाज, प्रोटीन स्रोत (जैसे कि दूध, दही, मांस, मछली, अंडे) और नट्स शामिल हों।

  • विटामिन और मिनरल

अपनी डाइट में विटामिन C, विटामिन E, सीलेनियम और इंडोल-3-कार्बिनॉल (यह शाकाहारी भोजन में पाया जा सकता है) जैसे पोषक तत्वों को शामिल करने की कोशिश करें। इन तत्वों को मसाले, सब्जियों और पौधों से प्राप्त किया जा सकता है।

  • हाइड्रेशन

पर्याप्त मात्रा में पानी, नारीयल का पानी और फलों का रस पिएं, क्योंकि यह आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।

  • स्वस्थ वजन

संतुलित वजन बनाए रखें, क्योंकि अतिरिक्त वजन शुक्राणु गुणवत्ता पर असर डाल सकता है। मोटापा से बचने के लिए नियमित व्यायाम करें।

  • नियमित व्यायाम

नियमित शारीरिक गतिविधि करें, क्योंकि यह आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है।

शुक्राणु की मात्रा और गुणवत्ता को निरंतर बढ़ाने के लिए इन चीजों के अलावा आपको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए और अन्य किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

स्पर्म बढ़ने के लिए कौन से फल का सेवन करें?

शुक्राणु की मात्रा बढ़ाने के लिए निम्नलिखित फलों का सेवन किया जा सकता है, जो पौष्टिकता और पोषक तत्वों का उच्च स्तर प्रदान करते हैं:

  • आम

आम में विटामिन C, बीटा-कैरोटीन, विटामिन E, फोलेट और पोटेशियम होता है, जो शुक्राणुओं के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।

  • केला

केला फोलेट, विटामिन C, विटामिन B6 और मैग्नीशियम से भरपूर होता है और शुक्राणुओं की गतिशीलता को बढ़ा सकता है।

  • अखरोट

अखरोट उच्च मात्रा में प्रोटीन, आर्गिनीन और विटामिन E को स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

  • बेर

बेर विटामिन C, विटामिन A, विटामिन E, फोलेट और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है जो शुक्राणुओं को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।

  • अंजीर

अंजीर में विटामिन C, विटामिन A, कैल्शियम और फोलेट मौजूद होता है, जो शुक्राणुओं के विकास और स्वास्थ्य को बढ़ा सकता है।

यदि शुक्राणु की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए आप फलों का सेवन करना चाहते हैं, तो इन फलों को आपके आहार में शामिल करने का प्रयास करें। वैसे ही ध्यान दें कि स्वस्थ आहार पूर्णता भोजन का संयमित सेवन करने के साथ-साथ अन्य स्वस्थ जीवनशैली तत्वों को भी शामिल करना चाहिए।

स्पर्म बढ़ने के लिए कौन सी सब्जियों का सेवन करें?

शुक्राणु की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित सब्जियों का सेवन किया जा सकता है:

  • पालक

पालक में फोलेट, विटामिन C, विटामिन E और लुटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शुक्राणुओं के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

  • ब्रोकोली

ब्रोकोली में विटामिन C, बीटा-कैरोटीन, विटामिन E, जिंक और सेलेनियम होता है, जो शुक्राणुओं के गुणवत्ता को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

  • गाजर

गाजर बीटा-कैरोटीन, विटामिन C, पोटेशियम और लाइकोपीन के स्रोत होते हैं, जो शुक्राणुओं की मात्रा को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

  • टमाटर

टमाटर लाइकोपीन, विटामिन C, विटामिन A और बीटा-कैरोटीन से भरपूर होता है, जो शुक्राणुओं को स्वस्थ बनाने में मदद कर सकता है।

  • लहसुन

लहसुन में एलीसिन, सेलेनियम और विटामिन B6 होता है, जो शुक्राणुओं के स्वास्थ्य और मात्रा को सुधारने में मदद कर सकता है।

यदि आप शुक्राणुओं की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सब्जियों का सेवन करना चाहते हैं, तो आप इन सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें। साथ ही, स्वस्थ आहार के साथ-साथ अन्य स्वस्थ जीवनशैली तत्वों का भी ध्यान रखें।

स्पर्म की संख्या कम क्यों होती है?

स्पर्म की संख्या कम होने के कई कारण हो सकते हैं. यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:

  • वृद्धि उम्र

मानवों में उम्र बढ़ने के साथ, शुक्राणुओं की मात्रा में कमी हो सकती है।

  • शरीरिक रोग या आपातकालीन परिस्थितियाँ

शरीरिक रोग या आपातकालीन परिस्थितियाँ, जैसे कि शरीरिक गर्मी या चिकित्सा इलाज, शुक्राणुओं की संख्या में कमी का कारण बन सकती हैं।

  • विशेष रोग

कुछ विशेष रोग, जैसे कि वीर्याघात (Varicocele), अंडकोष का उभरा होना (Hydrocele), या तत्वाघात (Radiation), शुक्राणुओं की मात्रा में कमी का कारण बन सकते हैं।

  • शारीरिक उपयोग

लंबे समय तक बैठे रहना, अत्यधिक शारीरिक तनाव, उच्च तापमान या अत्यधिक गर्मी, तंबाकू का सेवन, अत्यधिक शराब पीना, शरीर में अनुकरणीय रासायनिक पदार्थों का उपयोग, या अन्य कारणों से शुक्राणुओं की मात्रा में कमी हो सकती है।

  • हॉर्मोनल असंतुलन

हॉर्मोनल असंतुलन, जैसे कि टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी, शुक्राणुओं की संख्या को प्रभावित कर सकता है।

यदि आपको संदेह है कि आपकी स्पर्म की संख्या में कमी हो सकती है तो आपको एक डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। वे आपकी स्थिति का मूल कारण निर्धारित करके उपचार या समाधान का सुझाव देंगे।

स्पर्म की संख्या कम होने से कैसे बचें?

स्पर्म की संख्या को कम होने से बचाने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन कर सकते हैं:

  • स्वस्थ आहार

पोषणपूर्ण आहार लेना शुक्राणुओं के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकता है। संतुलित डाइट में फल, सब्जी, पूरे अनाज, प्रोटीन स्रोत और पोषक तत्वों से भरपूर आहार शामिल करें।

  • सेहतमंद जीवनशैली

योग, ध्यान और व्यायाम के माध्यम से तनाव कम करें। समय-समय पर नियमित रूप से व्यायाम करना और पर्याप्त नींद लेना शुक्राणुओं के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है। शराब और धूम्रपान से दूर रहें और स्वस्थ वजन बनाए रखें।

  • नकारात्मक प्रभावों से बचें

उच्च तापमान, शराब, नशीली दवाएं और अनुकरणीय रासायनिक पदार्थों से दूर रहें। यह सभी चीजें शुक्राणुओं को प्रभावित कर सकती हैं और संख्या में कमी का कारण बन सकती हैं।

  • उच्च तापमान से बचें

शुक्राणुओं को उच्च तापमान से बचाएं, जैसे कि गर्म घर में रहने से या लंबी गर्मियों में धूप में लंबे समय तक रहने से। नियमित अवधि में शावासन और रेगुलर शावासन लेना भी मददगार हो सकता है।

  • नियमित विशेषज्ञ की जांच

यदि आपको संदेह है कि आपकी स्पर्म की संख्या में कमी है, तो एक विशेषज्ञ से सलाह लें और नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य जांच करवाएं। डॉक्टर आपकी स्थिति का मूल कारण निर्धारित करेंगे और उपचार या समाधान की सलाह देंगे।

यहां दिए गए उपाय आपको स्पर्म की संख्या को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन यदि आपको चिकित्सा सलाह की आवश्यकता है, तो इस बारे में एक विशेषज्ञ से परामर्श करना सबसे अच्छा होगा।

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