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Raja Bazar, Patna, Bihar 800014
आपका ट्रीटमेंट हमारे स्त्री रोग स्पेशलिस्ट या फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट के साथ परामर्श से शुरू होता है। हम आपके लक्षणों पर चर्चा करते हैं, जैसे कि भारी रक्तस्राव, पैल्विक दर्द, बार-बार पेशाब आना या गर्भधारण करने में कठिनाई। आपके मेडिकल हिस्ट्री, पीरियड साइकिल पैटर्न और फर्टिलिटी प्लान्स की सावधानीपूर्वक समीक्षा की जाती है ताकि यह समझा जा सके कि फाइब्रॉएड आपके स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर रहे हैं।
यूट्रेस में उनके स्थान के आधार पर, यूट्रेस फाइब्रॉएड को निम्नलिखित प्रकारों में बाँटा जा सकता है।
यूट्रेस फाइब्रॉएड का सटीक कारण पता नहीं है, लेकिन ऐसे कई कारक हैं, जो इन फाइब्रॉएड के विकास में योगदान करने के लिए माने जाते हैं।
फाइब्रॉएड के आकार, स्थान और संख्या के आधार पर, लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। आम लक्षण इस प्रकार हैं:
हालाँकि यूट्रेस फाइब्रॉएड ज़्यादातर मामलों में हानिरहित वृद्धि होती है, लेकिन अगर इसका इलाज न किया जाए, तो वे कुछ जटिलताएं पैदा कर सकते हैं जैसे कि
Birla Fertility & IVF, पटना में, हम फाइब्रॉएड के आकार, स्थान और संख्या की जाँच करने के लिए एडवांस्ड और सटीक डायग्नोसिस विधियों का उपयोग करते हैं, जिससे सबसे उपयुक्त ट्रीटमेंट प्लान सुनिश्चित होता है।
एक सटीक डायग्नोसिस से हम आपके स्वास्थ्य और फर्टिलिटी लक्ष्यों के अनुरूप फाइब्रॉएड के लिए सबसे अच्छा ट्रीटमेंट दे पाते हैं।
Patna, Bihar
MBBS, MS (Obstetrics and Gynaecology)
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छोटे और बिना लक्षण वाले फाइब्रॉएड के लिए, दवाएँ ट्रीटमेंट का पहला ऑप्शन होती हैं। गर्भनिरोधक टैबलेट, जीएनआरएच एगोनिस्ट और प्रोजेस्टिन-रिलीजिंग आईयूडी जैसी हार्मोन थेरेपी ज़्यादा ब्लीडिंग और पैल्विक दर्द से थोड़ी राहत प्रदान कर सकती हैं। हालाँकि, यह राहत ज़्यादा समय के लिए नहीं होती है और दवाएँ फाइब्रॉएड को सिकोड़ती या घोलती नहीं हैं।
फाइब्रॉएड हटाने के लिए एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जिकल प्रक्रिया जिसमें पेट में छोटे चीरे लगाए जाते हैं, उसे लैप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी कहा जाता है। इस प्रक्रिया के बारे में अच्छी बात यह है कि यह यूट्रेस को सुरक्षित रखती है, जिससे ये उन महिलाओं के लिए अच्छी होती है, जो ट्रीटमेंट के बाद प्रेगनेंसी पर विचार कर रही हैं। यह प्रक्रिया मरीज़ों को पुरानी चली आ रही ओपन सर्जिकल दृष्टिकोणों की तुलना में कम से कम खून को बहने, हॉस्पिटल में कम दिन रहने और बाद में तेजी से ठीक होने जैसे लाभ प्रदान करती है।
यह प्रक्रिया यूट्रेस में सर्विक्स से हिस्टेरोस्कोप को पास करके किसी भी बाहरी चीरे के बिना की जाती है। यह सबम्यूकोसल फाइब्रॉएड के लिए सबसे उपयुक्त है जो यूटराइन कैविटी में फैलते हैं। यह फर्टिलिटी में सुधार करता है और ज़्यादा ब्लीडिंग को रोकता है, जिससे ठीक होने में बहुत कम समय लगता है और कोई निशान नहीं दिखाई देता है।
यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें पूरा यूट्रेस निकाल दिया जाता है। यह ट्रीटमेंट ऑप्शन ज्यादातर उन महिलाओं को बताया जाता है, जिन्हें बड़े या बार-बार फाइब्रॉएड होते हैं और जो भविष्य में प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती हैं। यह मामले के आधार पर पेट से, लेप्रोस्कोपिक रूप से या योनि से किया जा सकता है और फाइब्रॉएड के लक्षणों जैसे कि ज़्यादा ब्लीडिंग, पैल्विक दर्द या दबाव से पूरी तरह राहत देता है।
फाइब्रॉएड ट्रीटमेंट या सर्जरी से पहले, मरीज़ों को निम्नलिखित गाइडलाइन्स का पालन करने की सलाह दी जाती है।
Birla Fertility & IVF, दिल्ली में हमारी टीम आपको हर प्री-प्रोसीजर स्टेप के द्वारा गाइड करेगी।
सही ढंग से और तेजी से ठीक होने के लिए सर्जरी के बाद की देखभाल ज़रूरी है। नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं जिनका पालन किया जाना चाहिए।
Birla Fertility & IVF, पटना में ज़्यादातर मरीज़ कम से कम इनवेसिव प्रक्रियाओं के बाद 1-2 हफ़्तों के भीतर अपनी सामान्य ऐक्टिविटीज़ फिर से शुरू कर देते हैं। हालाँकि, रिवकवरी का समय प्रक्रिया के प्रकार पर निर्भर करता है। यहाँ अनुमानित समय दिया गया है:
हमारी टीम में पटना के कुछ बेहतरीन यूट्रेस फाइब्रॉएड स्पेशलिस्ट और कुशल लेप्रोस्कोपिक सर्जन होते हैं, जो सुरक्षित फर्टिलिटी-संरक्षण ट्रीटमेंटों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
हम हर कदम पर सटीक ट्रीटमेंट और मरीज़ की सुरक्षा को पक्का करने के लिए उचित खर्च पर एडवांस्ड, अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक टूल्स देते हैं।
हर मरीज को उसका कस्टमाइज़ ट्रीटमेंट प्लान मिलता है, साथ ही पूरी यात्रा में परामर्श और मदद भी दी जाती है।
हम खर्च का स्पष्ट विवरण और परेशानी मुक्त अनुभव देते हैं, जिससे फाइब्रॉएड यूट्रेस ट्रीटमेंट आपके लिए आसान और तनाव मुक्त हो जाता है।