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Lifespan of Sperm: शुक्राणु का जीवनकाल – यह कितने समय तक जीवित रहते हैं?

Lifespan of Sperm: शुक्राणु का जीवनकाल – यह कितने समय तक जीवित रहते हैं?

Dr. Rakhi Goyal
Dr. Rakhi Goyal

MBBS, MD (Obstetrics and Gynaecology)

23+ Years of experience

जब गर्भधारण की योजना बनाई जाती है, तो यह जानना जरूरी हो जाता है कि शुक्राणु का जीवनकाल कितना होता है और किन बातों से उसकी गुणवत्ता और समय-सीमा पर असर पड़ता है। बहुत से लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि शुक्राणु कितने समय तक जीवित रहते हैं, शरीर के अंदर और बाहर, और किस समय गर्भधारण के लिए यह सबसे अनुकूल होता है।

इस लेख में हम समझेंगे कि शुक्राणु कब तक बनता है, शरीर के अंदर उसका सफर कैसा होता है, महिला के शरीर में जाकर वह कितने दिन जीवित रह सकता है और किन कारकों से उसके जीवनकाल पर असर पड़ता है। अगर आप गर्भधारण की कोशिश कर रहे हैं या प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकती है।

शुक्राणु का निर्माण और परिपक्वता

शुक्राणु का निर्माण पुरुषों के अंडकोष (testicles) में होता है। इस पूरी प्रक्रिया को स्पर्मेटोजेनेसिस कहा जाता है, जो लगभग 74 दिन यानी ढाई महीने का समय लेती है।इस प्रक्रिया के चरण –

  • स्पर्मेटोगोनिया: यह अपरिपक्व कोशिकाएं होती हैं, जो आगे चलकर शुक्राणु में बदलती हैं।
  • स्पर्मेटोसाइट्स: स्पर्मेटोगोनिया कोशिका विभाजन (meiosis) से गुजरती हैं, जिससे आधे क्रोमोज़ोम के साथ नई कोशिकाएं बनती हैं।
  • स्पर्मेटिड्स: यह स्पर्मेटोसाइट्स से विकसित होती हैं और लगभग तैयार शुक्राणु की स्थिति में आती हैं।
  • स्पर्मेटोज़ोआ: आखिरी चरण में यह कोशिकाएं सिर, मिडपीस और पूंछ बनाकर पूरी तरह सक्रिय शुक्राणु में बदल जाती हैं।

पूरे निर्माण के बाद, शुक्राणु एपिडीडिमिस नामक नलिका में जमा होते हैं, जहां वह और अधिक परिपक्व होते हैं और अंडाणु तक पहुंचने की क्षमता प्राप्त करते हैं।

पुरुष शरीर में शुक्राणु का जीवनकाल

पुरुष शरीर में परिपक्व शुक्राणु लगभग 2-3 महीने तक जीवित रह सकते हैं। अगर वह इजेक्युलेट नहीं होते हैं, तो शरीर खुद ही उन्हें पुनः अवशोषित कर लेता है।

स्थान जीवनकाल
अंडकोष (Testicles) 2-3 महीने
एपिडीडिमिस 2-3 महीने
वास डिफरेंस 2-3 महीने

महिला शरीर में शुक्राणु कितने समय तक जीवित रहते हैं?

जब इजेक्युलेशन के बाद शुक्राणु महिला शरीर में प्रवेश करते हैं, तो उनका जीवनकाल अलग-अलग जगहों पर भिन्न होता है –

  • योनि (Vagina): यहां का वातावरण एसिडिक होता है, जिससे शुक्राणु केवल 2-3 दिन तक जीवित रह पाते हैं।
  • गर्भाशय ग्रीवा (Cervix): यहां का म्यूकस शुक्राणु के लिए अनुकूल होता है, और वे 5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं।
  • गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब्स: जो शुक्राणु यहां तक पहुंच जाते हैं, वे 5 से 7 दिन तक जीवित रह सकते हैं। कुछ मामलों में ये 10 दिन तक भी जीवित पाए गए हैं।

शरीर के बाहर शुक्राणु का जीवनकाल

शुक्राणु बाहर की परिस्थितियों के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं, और उनका जीवनकाल सीमित होता है –

  • हवा के संपर्क में आने पर: कुछ ही मिनटों में शुक्राणु सूखकर नष्ट हो जाते हैं।
  • गीली सतहों पर: कुछ घंटे तक जीवित रह सकते हैं, लेकिन जैसे ही वीर्य सूखने लगता है, शुक्राणु भी नष्ट हो जाते हैं।
  • कंडोम में: स्खलन के बाद कंडोम में शुक्राणु कुछ घंटों तक रह सकते हैं, लेकिन धीरे-धीरे उनकी गति और गुणवत्ता घट जाती है।

किन बातों से शुक्राणु की गुणवत्ता और जीवनकाल पर असर पड़ता है?

निम्न बातों से शुक्राणु की गुणवत्ता और जीवनकाल निर्भर करते हैं –

  1. उम्र: उम्र बढ़ने पर शुक्राणुओं की गति, संख्या और डीएनए की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
  2. धूम्रपान: सिगरेट पीने से शुक्राणुओं की संख्या और गति कम होती है और डीएनए को नुकसान पहुंचता है।
  3. शराब का सेवन: अत्यधिक शराब पीने से शुक्राणु उत्पादन और गुणवत्ता में कमी आती है।
  4. मोटापा: अधिक वजन शुक्राणुओं की संख्या और गति को प्रभावित कर सकता है।
  5. वातावरणीय रसायन: कीटनाशकों और भारी धातुओं के संपर्क में आना शुक्राणुओं की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।
  6. चिकित्सीय स्थितियां: जैसे वेरिकोसील, संक्रमण, और हार्मोनल असंतुलन शुक्राणु के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

फर्टिलिटी ट्रीटमेंट और ART (Assisted Reproductive Technologies)

प्रजनन उपचार में शुक्राणु के जीवनकाल की जानकारी बेहद उपयोगी होती है जैसे कि –

  • सही समय पर संभोग या कृत्रिम गर्भाधान (IUI): यह जानना कि शुक्राणु महिला शरीर में कितने दिन जीवित रहते हैं, गर्भधारण के लिए सही समय तय करने में मदद करता है।
  • शुक्राणु को फ्रीज करना (Sperm Banking): फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए शुक्राणु को फ्रीज किया जा सकता है और दशकों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन): आईवीएफ (IVF) में शुक्राणु को सीधे लैब में अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे शरीर के अंदर ट्रेवल करने की जरूरत नहीं होती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

क्या शुक्राणु वास्तव में 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं?

हां, यदि इजेक्युलेशन महिला की योनि के अंदर होता है, तो शरीर का तरल और पोषक तत्व शुक्राणु को 5 दिन तक जीवित रख सकते हैं।

शुक्राणु अंडाणु का कितनी देर तक इंतजार कर सकता है?

अंडाणु का जीवन सिर्फ 12–24 घंटे का होता है। अगर शुक्राणु पहले पहुंच जाए और अंडाणु 72 घंटे में रिलीज़ न हो, तो शुक्राणु मर सकता है।

क्या एक बार का स्खलन गर्भधारण के लिए पर्याप्त होता है?

हां, एक स्वस्थ शुक्राणु ही अंडाणु को निषेचित करने के लिए पर्याप्त होता है, लेकिन हर स्खलन में लगभग 10 करोड़ शुक्राणु निकलते हैं ताकि संभावना बनी रहे।

क्या सिर्फ 2 बूंद शुक्राणु से भी गर्भ ठहर सकता है?

हां, 2 बूंद वीर्य में लाखों शुक्राणु हो सकते हैं, और केवल एक स्वस्थ शुक्राणु से ही गर्भधारण संभव है।

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