प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला खुद में अनेक लक्षणों को देखती है, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना भी उन्हीं में से एक है। प्रेगनेंसी में पेट दर्द होने आमतौर पर एक नॉर्मल बात है, जिसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि:
- बच्चेदानी का आकार बढ़ना
- लिगामेंट्स में खिंचाव पैदा होना
- गैस या कब्ज की शिकायत होना
हालांकि, अगर दर्द तेज हो और काफी समय तक बना रहे तो यह इंफेक्शन या अन्य गंभीर समस्या का एक संकेत हो सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान पेट के निचले हिस्से में होने वाले दर्द होना प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में से एक है, जिससे बचने या उसको कम करने के लिए आप कुछ नुस्खों को अपना सकती हैं जिसमें आराम करना, हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करना, बैलेंस्ड डाइट लेना और खुद को हमेशा हाइड्रेट रखना शामिल है।
साथ ही, अगर पेट के निचले हिस्से में दर्द के साथ-साथ अन्य प्रॉब्लम जैसे कि ब्लीडिंग होना, बुखार आना या पेशाब में जलन अनुभव हों तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उनकी सलाह लें।
प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द क्यों होता है?
कई बार गलत पोजीशन में सोने पर भी पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। इसलिए आपको पता होना चाहिए कि प्रेगनेंसी में कैसे सोना चाहिए। नींद सोने की पोजीशन को लेकर मन में को प्रश्न या चिंता हो तो डॉक्टर से बात करें।
अक्सर महिलाओं के मन में यह प्रश्न होता है कि प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द क्यों होता है? तो हम आपको बता दें कि प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि:
- शिशु का विकास होने पर बच्चेदानी का आकार बढ़ना, खिंचाव पैदा होना और दर्द होना।
- बच्चेदानी को सपोर्ट करने वाले लिगामेंट्स खींचने पर अचानक दर्द महसूस होना।
- हार्मोनल बदलाव के कारण पाचन धीमा होना और गैस एवं दर्द की शिकायत होना।
इतना ही नहीं, शिशु का वजन बढ़ने और महिला में शारीरिक परिवर्तन के कारण भी उसे हल्का दर्द महसूस हो सकता है। कुछ मामलों में गलत गलत खानपान के कारण भी दर्द हो सकता है। इसलिए प्रेगनेंसी में डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए।
कंसीव करने के बाद एक महिला खुद में अनेक लक्षणों को अनुभव करती है, प्रेगनेंसी में कमर में दर्द और पेट के निचले हिस्से में दर्द कॉमन लक्षण हैं।
अगर पेट दर्द बहुत तेज हो और लंबे समय तक बना रहे, ब्लीडिंग हो, चक्कर आए या बेहोशी जैसा महसूस हो, बार-बार पेशाब लगे और दर्द के साथ पेशाब में जलन हो या फिर प्रेगनेंसी के आखिरी तिमाही में पीठ में लगातार दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में कब दर्द शुरू होता है?
यह एक सामान्य प्रश्न है कि प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द कब शुरू होता है। इसका सीधा जवाब यह है कि प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द किसी भी समय शुरू हो सकता है, लेकिन यह कारणों पर निर्भर करता है।
- पहली तिमाही में दर्द का कारण: बच्चेदानी के बढ़ने, हार्मोनल बदलाव और इंप्लांटेशन के कारण हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
- दूसरी तिमाही में दर्द का कारण: राउंड लिगामेंट पेन, गैस, कब्ज और पेट के खिंचाव के कारण दर्द हो सकता है।
- तीसरी तिमाही में दर्द: बच्चे का वजन बढ़ने, बच्चेदानी पर प्रेशर पड़ने और ब्रेक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन के कारण दर्द हो सकता है।
हालांकि, कई बार पीरियड्स के कारण भी पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो आप पीरियड में पेट दर्द का घरेलू उपाय आजमा सकती हैं, लेकिन उससे पहले डॉक्टर की अवश्य राय लें।
गर्भावस्था में पेट के निचले हिस्से में दर्द होना किन स्थितियों में सामान्य है?
गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, जिससे प्रेगनेंसी में पेट दर्द या यूं कहें तो हल्का दर्द होना सामान्य है। आमतौर पर सामान्य दर्द किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं होता है। निम्न स्थितियों में यह दर्द सामान्य माना जाता है:
- बच्चेदानी के बढ़ने और मांसपेशियों के खिंचाव से हल्की ऐंठन महसूस होना।
- दर्द कम समय के लिए होना और बिना किसी अन्य लक्षण के अपने आप ठीक हो जाना।
- हार्मोनल बदलाव के कारण पाचन धीमा होना और गैस एवं कब्ज के कारण हल्का दर्द होना।
- ज्यादा देर खड़े रहने या चलने के कारण मांसपेशियों में खिंचाव और पेट में दर्द होना।
अगर दर्द हल्का है और आराम करने से ठीक हो जाता है तो परेशानी की कोई बात नहीं है। हालाँकि, अगर दर्द तेज हो या लगातार बने रहे या अन्य लक्षणों (ब्लीडिंग, चक्कर आना, तेज ऐंठन) के साथ हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
गर्भावस्था में पेट के निचले हिस्से में दर्द होना कब चिंता का विषय हो सकता है?
कुछ मामलों में प्रेगनेंसी के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होना किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। अगर आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर की मदद लें:
- दर्द असहनीय हो या आराम करने पर भी ठीक न हो।
- ब्लीडिंग होने पर, क्योंकि प्रेगनेंसी के किसी भी स्टेज में ब्लीडिंग होना सुरक्षित नहीं है।
- दर्द के साथ बुखार हो, ठंड लगे या थकान महसूस हो तो इंफेक्शन का खतरा होता है।
- बार-बार पेशाब लगना, पेशाब के साथ दर्द या जलन होना यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का संकेत हो सकता है।
अगर ऊपर दिए गए किसी भी लक्षण को खुद में देखती हैं तो बिना देरी या लापरवाही के अपने डॉक्टर से मिलें। साथ ही, आपको शुरुआत से प्रेगनेंसी में नॉर्मल डिलीवरी के लिए खुद को तैयार करना चाहिए और इस बारे में अपने डॉक्टर से राय लेनी चाहिए। वे आपको कुछ ख़ास व्यायाम-योग और डाइट का सुझाव देंगे जिससे नॉर्मल डिलीवरी के चांसेस बढ़ते हैं।
प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द हो तो क्या करना चाहिए?
प्रेगनेंसी में होने वाले दर्द को कम करने के लिए कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:
- ज्यादा देर तक खड़े रहने या गलत पोजीशन में बैठने से दर्द बढ़ सकता है। आराम करना और लेटते समय तकिए का सहारा लेना दर्द से आराम पाने में मदद करता है।
- प्रेगनेंसी के दौरान किए जाने वाले योग और हल्की स्ट्रेचिंग करना। ये मांसपेशियों को रिलैक्स और पेट के दर्द कम करने में मदद करते हैं।
- फाइबर से भरपूर डाइट लें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि गैस और कब्ज की शिकायत न हो।
- अगर आप पहली बार माँ बनने वाली हैं तो आपको प्रेगनेंसी से संबंधित कुछ किताबें जैसे कि गर्भ संस्कार पुस्तक आदि पढ़नी चाहिए। इससे प्रेगनेंसी को समझने में मदद मिलती है।
अगर दर्द हल्का है और कुछ देर में अपने आप ठीक हो जाता है तो परेशानी की कोई बात नहीं है। हालांकि, अगर आप दर्द के साथ खुद में अन्य असामान्य लक्षण देखें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।