योनि में खुजली होना महिलाओं की एक सामान्य, लेकिन परेशान करने वाली समस्या है। इसकी वजह से हल्की जलन से लेकर गंभीर परेशानी तक देखने को मिल सकती है। यही नहीं, कभी-कभी यह किसी जटिल बीमारी का भी संकेत हो सकती है। इसके कारणों, लक्षणों और उपलब्ध इलाजों को समझना ज़रूरी है। इस लेख में लेख प्राइवेट पार्ट में होने वाली खुजली के संभावित कारणों, इसके लक्षणों, उपचार के विकल्पों और रोकथाम के उपायों पर बात करेंगे।
योनि में खुजली क्या है?
प्राइवेट पार्ट में खुजली का मतलब है योनि या उसके बाहरी हिस्से (वल्वा) में जलन और खुलजी महसूस होना। यह खुजली हल्की, तेज या फिर नियमित या अनियमित हो सकती है। इसके साथ-साथ आपको दूसरे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं, जैसे कि प्राइवेट पार्ट का लाल हो जाना, सूजन होना या फिर स्राव होना।
योनि में खुजली के कारण
योनि में खुजली के कई कारण हो सकते हैं। जैसे, संक्रमण या हार्मोनल बदलाव। यह खुजली अपने-आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह किसी संभावित बीमारी का लक्षण हो सकती है। नीचे इसके संभावित कारणों पर विस्तार से जानकारी दी गई है:
यीस्ट इनफ़ेक्सन (कैंडिडायसिस)
यीस्ट इनफ़ेक्शन कैंडिडा एल्बीकंस फंगस के ज़्यादा विकास की वजह से होता है और यह योनि में खुजली का सबसे सामान्य कारण है। इस वजह से योनि में बैक्टीरिया और फ़ंगस के बीच का संतुलन बिगड़ जाता है।
- लक्षण: तेज़ खुजली, मक्खन की तरह दिखने वाला गाढ़ा सफ़ेद डिसचार्ज, प्राइवेट पार्ट का लाल पड़ जाना और सूजन
- कारण: ऐंटीबायोटिक का इस्तेमाल, हार्मोन में बदलाव, कमज़ोर इम्यूनिटी या फिर अनियंत्रित डायबिटीज़
बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बीवी)
यह योनि में वेजाइनल माइक्रोबायोटिका के असंतुलन की वजह से होता है, जिससे हानिकारक बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है।
- लक्षण: खुजली, जलन, पतला सफ़ेद या ग्रे डिसचार्ज, मछली जैसी गंध (ख़ासकर संभोग के बाद)
- कारण: डाउचिंग यानी प्राइवेट पार्ट के अंदरुनी हिस्से को पानी या फिर किसी अन्य लिक्विड से साफ़ करना, एक से ज़्यादा पार्टनर के साथ यौन संबंध या फिर किसी नए पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाना
यौन संचारित संक्रमण यानी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इनफ़ेक्शन (एसटीआई)
कुछ ख़ास तरह के एसटीआई से योनि में खुजली जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं।
एसटीआई | लक्षण |
हर्पीस | खुजली और जलन के साथ-साथ दर्दनाक फफोले |
ट्राइकोमोनियासिस | पीला-हरा डिसचार्ज, तेज़ दुर्गंध, तेज़ खुजली |
क्लाइमीडिया और गोनोरिया | हल्की खुजली, एबनॉर्मल डिसचार्ज और पेल्विक हिस्से में दर्द |
हार्मोन में होने वाले बदलाव
मेनोपॉज़, प्रेगनेंसी या फिर पीरियड के दौरान हार्मोन में होने वाले उतार-चढ़ाव की वजह से योनि(प्राइवेट पार्ट) में सूखापन बढ़ जाता है और इस वजह से खुजली सकती है।
- मेनोपॉज़ के दौरान एस्ट्रोजन का स्तर कम होने की वजह से वेजाइनल वॉल में खुश्की आ जाती है।
- प्रेगनेंसी के दौरान वेजाइनल पीएच के स्तर में बढ़ोतरी होती है और इस वजह से इनफ़ेक्शन और खुजली हो सकती है।
- पीरियड के दौरान हार्मोन के स्तर में होने वाले उतार-चढ़ाव की वजह से कुछ समय के लिए खुजली और जलन हो सकती है।
त्वचा संबंधी समस्याएं
एग्ज़िमा, सोरायसिस या लाइकेन स्क्लेरोसिस जैसी त्वचा की पुरानी बीमारियां वल्वा तक फैल सकती हैं और इसकी वजह से सूखापन, खुजली और कभी-कभी दर्द भी हो सकता है। इसमें चकत्ते भी पड़ सकते हैं।
एलर्जिक रिएक्शन
कुछ ख़ास तरह के रसायन और उत्पाद से प्राइवेट पार्ट में जलन और खुजली हो सकती है।
- सामान्य उत्तेजक (इरिटेंट): साबुन, डेटर्जेंट, ख़ुशबूदार अन्य स्प्रे, सैनिटरी पैड, लोशन, प्राइवेट पार्ट की किसी लिक्विड से सफ़ाई या फिर कंडोम में इस्तेमाल होने वाला लेटेक्स
- लक्षण: खुजली, लालिमा, सूजन और कभी-कभी चकत्ते
योनि में सूखापन
योनि में सूखापन, हार्मोन में होने वाले बदलाव की वजह से हो सकता है। इससे आपको खुजली, जलन और असहजता हो सकती है।
परजीवी संक्रमण यानी पैरासाइटिक इनफ़ेक्शन
- पिनवॉर्म: यह ज़्यादातर बच्चों में होता है और इससे योनि और गुदा वाले हिस्से में खुजली हो सकती है।
- प्राइवेट पार्ट में जूं: प्राइवेट पार्ट में जूं के संक्रमण से भी खुजली हो सकती है।
गंदगी या फिर ज़्यादा सफ़ाई करना
प्राइवेट पार्ट में होने वाली गंदगी की वजह से भी जलन या खुजली हो सकती है। लेकिन, इसके उलट अगर आप बार-बार प्राइवेट पार्ट के अंदरुनी हिस्से को धोती हैं या फिर लोशन से उसकी सफ़ाई करती हैं, तब भी जलन और खुजली का ख़तरा रहता है। असल में, बार-बार सफ़ाई करने से माइक्रोबायोम का संतुलन बिगड़ जाता है और इस वजह से यह खुजली पैदा होती है।
योनि में खुजली के साथ दिखने वाले दूसरे लक्षण
योनि में खुजली के साथ अक्सर दूसरे लक्षण भी दिखाई देते हैं। अमूमन जब प्राइवेट पार्ट में खुजली होती है, तो नीचे दिए गए लक्षण आपको दिखाई दे सकते हैं। आइए इन्हें समझते हैं:
लक्षण | संभावित कारण |
गाढ़ा और सफ़ेद डिसचार्ज | यीस्ट इनफ़ेक्शन |
मछली जैसी गंध और ग्रे डिसचार्ज | बैक्टीरियल वेजिनोसिस |
दर्दनाक फफोले | हर्पीस |
पीला-हरा डिसचार्ज | ट्राइकोमोनायसिस |
लाल पड़ना, सूजन और चकत्ते | एलर्जी या इरिटेंट से जलन |
सूखापन और वेजाइनल वॉल का पतला होना | मेनोपॉज़ या हार्मोन में होने वाले बदलाव |
योनि में खुजली का निदान कैसे किया जाता है?
खुजली के कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर इन तरीक़ों का इस्तेमाल कर सकते हैं:
- फ़िज़िकल टेस्ट: योनि और वल्वा वाले हिस्से की जांच
- माइक्रोस्कोपिक टेस्ट: योनि से होने वाले डिसचार्ज का एनालिसिस
- पीएच लेवल का टेस्ट: इनफ़ेक्शन का पता लगाने के लिए योनि के पीएच लेवल की जांच
- कल्चर टेस्ट: बैक्टीरिया या फ़ंगस की पहचान के लिए कल्चर टेस्ट
- मेडिकल हिस्ट्री: एलर्जी, साफ़-सफ़ाई या यौन गतिविधियों की चर्चा
योनि में खुजली का उपचार
प्राइवेट पार्ट में होने वाली खुजली का उपचार इसके कारणों पर निर्भर करता है। आइए, इसे विस्तार से समझते हैं:
एंटीफ़ंगल दवाएं
अगर खुजली की वजह यीस्ट इनफ़ेक्शन है, तो एंटीफ़ंगल उपचार इस मामले में बेहद कारगर साबित होता है।
उपचार: क्लोट्रिमाज़ोल जैसे ओवर-द-काउंटर क्रीम या सपोसिटरी।इसके अलावा, डॉक्टर द्वारा सुझाई गई ओरल दवाएं, जैसे कि फ़्लुकोनाज़ोल।
अवधि: संक्रमण की गंभीरता के आधार पर 3-7 दिनों तक।
एंटीबायोटिक
बीवी (बैक्टीरियल वेजिनोसिस) जैसे बैक्टीरियल इनफ़ेक्शन संक्रमण या फिर कुछ यौन संचारित रोगों (एसटीआई) के मामले में एंटीबायोटिक दिए जा सकते हैं।
उदाहरण: बीवी के लिए मेट्रोनिडाज़ोल या क्लिंडामाइसिन।
ध्यान दें:आम तौर पर एंटीबायोटिक्स का पूरा कोर्स ख़त्म करना होता है, भले ही लक्षण पहले ही ठीक हो जाएं। हालांकि कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
हार्मोनल थेरेपी
मेनोपॉज़ के दौरान हार्मोनल बदलाव की वजह से खुजली और योनि में सूखापन के लिए, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एसआरटी) या टॉपिकल एस्ट्रोजन क्रीम से भी राहत मिल सकती है। हालांकि, ख़ुद से इस तरह के प्रयोग करने से बचें और डॉक्टर की राय ज़रूर लें।
टॉपिकल स्टेरॉयड
एक्जिमा या लाइकेन स्क्लेरोसस जैसी त्वचा स्थितियों से होने वाली खुजली के लिए, डॉक्टर सूजन कम करने के लिए हल्के स्टेरॉयड क्रीम लिख सकते हैं।
एंटीहिस्टामिन
एलर्जी की वजह से होने वाली खुजली के मामलों मेंओरल एंटीहिस्टामिन कारगर साबित हो सकता है।
एंटीपैरासिटिक उपचार
पिनवॉर्म्स या प्यूबिक लीस (जूं) जैसे परजीवी संक्रमण के मामलों में एंटीपैरासिटिक दवाएं ली जा सकती हैं। हालांकि, इन दवाओं के अलावा साफ़-सफ़ाई बनाए रखना बेहद ज़रूरी है।
प्राइवेट पार्ट में होने वाली खुजली से राहत के लिए घरेलू उपाय
मेडिकल उपचार के अलावा, नीचे दिए गए घरेलू नुस्खे भी कारगर साबित हो सकते हैं:
घरेलू नुस्खे |
फ़ायदे |
कैसे इस्तेमाल करें |
ठंडी पट्टी | सूजन कम होती है और त्वचा को आराम मिलता है | साफ़ कपड़े को ठंडे पानी में भिगोकर प्रभावित हिस्से पर 10-15 मिनट तक रखें |
नारियल तेल | मॉइस्चराइज़ करता है और सूखेपन की वजह से होने वाली खुजली से राहत देता है | नहाने के बाद प्रभावित हिस्से पर हल्के हाथ से नारियल तेल लगाएं और सूखने दें |
प्रोबायोटिक्स | दही या अन्य सप्लीमेंट लेने से प्राइवेट पार्ट में हेल्दी वेजाइनल माइक्रोबायोम की मात्रा बढ़ती है | रोज़ाना दही का सेवन करें या डॉक्टर की सलाह से प्रोबायोटिक सप्लीमेंट लें |
एलोवेरा जेल | खुजली और जलन को प्राकृतिक रूप से शांत करता है | ताज़ा एलोवेरा जेल निकालकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं और 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें |
बेकिंग सोडा मिलाकर स्नान | नहाते समय गुनगुने पानी में थोड़ी मात्रा में बेकिंग सोडा मिलाने से पीएच स्तर सुधरता है | एक टब गुनगुने पानी में 2-3 चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं और 10-15 मिनट तक उसमें बैठें |
योनि में खुजली की समस्या के लिए रोकथाम के उपाय
अगर आप कुछ सावधानियां बरतेंगी, तो प्राइवेट पार्ट में खुजली से बचाव करने में आपको राहत मिलेगी।
- सफ़ाई का ख़याल रखें: गुनगने पानी से योनि को नियमित रूप से साफ़ करें। ख़ुशबूदार साबुन से साफ़ करने या फिर प्राइवेट पार्ट में सेंट छिड़कने से परहेज करें। बाथरूम जाने के बाद बैक्टीरियल इनफ़ेक्शन रोकने के लिए प्राइवेट पार्ट को अच्छे से साफ़ करें।
- आरामदायक कपड़े पहनें: कॉटन के अंडरवियर पहनें जिसमें हवा आर-पार होने की गुंजाइश हो। तंग कपड़ों से बचें, तंग अंडरवियर से मॉइश्चर प्राइवेट पार्ट के आस-पास ही फंसकर रह जाता है। गीले कपड़े तुरंत बदलें, स्विमसूट या वर्कआउट के बाद पसीने वाले अंडरवियर को तुरंत बदल लें।
- जलन पैदा करने वाले प्रॉडक्ट से बचें: साफ़-सफ़ाई से जुड़े ख़ूशबूदार प्रॉडक्ट या ज़्यादा परफ़्यूम वाले साबुन का इस्तेमाल न करें। अपने अंडरवियर के लिए हाइपोएलर्जेनिक लॉन्ड्री डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें।
- असुरक्षित यौन संबंध से बचें: यौन संचारित रोगों (एसटीआई) के जोखिम से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करें। मल्टीपल पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाने से बचें। अपने पार्टनर के साथ सेक्शुअल हेल्थ के बारे में खुलकर चर्चा करें।
- वेजाइनल हेल्थ को बेहतर बनाएं: प्रोबायोटिक्स से भरपूर संतुलित आहार लें, ताकि योनि में बैक्टीरिया का संतुलन बरकरार रह सके। पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
- हार्मोनल बदलावों को मैनेज करें: मेनोपॉज़ से गुज़र रही महिलाओं को ड्राइनेस और खुजली को कम करने के लिए डॉक्टर से लुब्रिकेंट्स या हार्मोनल थेरेपी के विकल्पों पर चर्चा करनी चाहिए।
निष्कर्ष
योनि में खुजली काफ़ी असुविधाजनक और तकलीफ़देह हो सकती है, लेकिन आम तौर पर देखभाल और कारगर उपचार से यह ठीक हो जाती है। अगर खुजली लंबे समय तक बनी रहती है या साथ में दूसरी बीमारियों के लक्षण भी दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करने में देर नहीं करनी चाहिए। अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और प्राइवेट पार्ट की स्वच्छता बनाए रखें।