स्पर्म फ्रीजिंग के दौरान किन बातों का ध्यान रखा जाता है?

  • Published on June 22, 2022
  • Updated on April 22, 2024
स्पर्म फ्रीजिंग के दौरान किन बातों का ध्यान रखा जाता है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में लगभग 1.3 करोड़ से लेकर 1.9 करोड़ कपल्स नपुंसकता से ग्रसित हैं। लंबे समय के लिए परदेस जाने वाले युवक स्पर्म फ्रीजिंग करा रहे हैं। इस तकनीक में पुरुषों का स्पर्म यानी वीर्य “स्पर्म बैंक” में जमा किया जाता है ताकि उनकी लंबी अनुपस्थिति में भी घर में किलकारियां गूंजती रहे।

स्पर्म फ्रीजिंग और स्पर्म डोनेशन को लेकर लोगों के बीच अनेक भ्रांतियां फैली हुई हैं। बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ की कंसल्टेंट डॉ. रचिता मुंजाल दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर छपे इस लेख के जरिए स्पर्म फ्रीजिंग से संबंधित भ्रांतियां दूर और इससे संबंधित कुछ आवश्यक जानकारियां साझा कर रही हैं।

इस लेख में जरिए डॉ. रचिता मुंजाल अनेक प्रश्नों के जवाब देती हैं जैसे कि स्पर्म फ्रीजिंग क्या है, स्पर्म फ्रीजिंग की आवश्यकता किसे है, स्पर्म फ्रीजिंग कैसे होता है, स्पर्म फ्रीजिंग और स्पर्म डोनेशन में क्या अंतर है, एक महिला को कौन पुरुष अपना स्पर्म दान कर सकता है, स्पर्म फ्रीजिंग या स्पर्म डोनेशन को लेकर आईसीएमआर की क्या गाइडलाइन है, किन कारणों से एक कपल डोनर की मदद लेते हैं और एक शिशु को जन्म देने के लिए कितना स्पर्म जरूरी होता है आदि।