प्रेगनेंसी का 9 वां महीना: लक्षण, शिशु का विकास, डाइट और ज़रूरी सावधानियां (9 Months Pregnancy in Hindi)

Dr. Prachi Benara
Dr. Prachi Benara

MBBS (Gold Medalist), MS (OBG), DNB (OBG) PG Diploma in Reproductive and Sexual health

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प्रेगनेंसी का 9 वां महीना: लक्षण, शिशु का विकास, डाइट और ज़रूरी सावधानियां (9 Months Pregnancy in Hindi)

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प्रेगनेंसी का नौवां महीना एक ऐसा समय होता है, जब आप उल्टी गिनती गिनना शुरू कर देते हैं। यह गिनती होती है महीनों की उम्मीदों, असुविधाओं और इंतज़ार के बाद अपने शिशु की एक झलक पाने की। आपके चारों तरफ़ उत्साह और उम्मीद का माहौल होता है। नौवां महीना प्रेगनेंसी का आख़िरी महीना है और आपका बच्चा अब इस दुनिया में आने के लिए लगभग तैयार हो चुका है। इस लेख में हम आपके और आपके बच्चे के शरीर में हो रहे ज़रूरी बदलावों, सामान्य लक्षणों और किसी भी तरह की असुविधा को मैनेज करने के लिए ज़रूरी सुझावों और डिलीवरी से पहले की तैयारियों के बारे में जानेंगे।

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में आपका बच्चे का विकास

नौवें महीने में आपका बच्चा पूरी तरह से विकसित हो चुका होता है। उसके ज़्यादातर महत्वपूर्ण अंग पहले ही डेवलप हो चुके होते हैं। आख़िरी कुछ हफ़्तों में उसके शरीर में कुछ ज़रूरी बदलाव आते हैं, क्योंकि बच्चे का शरीर बाहर की दुनिया के लिए ख़ुद को तैयार कर रहा होता है। नीचे इन बदलावों के बारे में बताया गया है:

आकार-प्रकार

नौवें महीने की शुरुआत में अमूमन आपका बच्चा लगभग 18 से 22 इंच लंबा और 2.5 से 3.5 किलो वज़न का हो जाता है। महीने के अंत तक उसका वज़न थोड़ा और बढ़ता है, लेकिन डिलीवरी की तैयारी में वज़न बढ़ने की रफ़्तार थोड़ी धीमी हो जाती है।

स्किन और फ़ैट

बच्चे की त्वचा पहले झुर्रीदार और सफ़ेद कोटिंग से ढकी होती है, लेकिन नौवें महीने के दौरान वह चिकनी होने लगती है। ‘वर्निक्स’ कहे जाने वाली यह सफ़ेद कोटिंग अब कम होते-होते धीरे-धीरे ग़ायब हो जाएगी। बच्चे की त्वचा मुलायम और चिकनी हो जाएगी और उसके भीतर फ़ैट का स्तर भी बढ़ जाएगा, जो जन्म के बाद शरीर के तापमान को कंट्रोल करने में मदद करेगा।

श्वसन प्रणाली यानी रेसपेरेटरी सिस्टम और फेफड़े

फेफड़ा उन अंगों में है, जो सबसे आखिरी में पूरी तरह विकसित होता है। नौवें महीने तक, आपके बच्चे के फेफड़े पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं और जन्म के बाद वह सांस लेने के लिए तैयार हो जाता है। उसके फेफड़े में ‘सर्फ़ैक्टेंट’ नामक पदार्थ विकसित हो जाता है, जो एयर सैक्स को सिकुड़ने से बचाता है और फेफड़ों को सही से काम करने में मदद करता है। इस समय, आपका बच्चा सांस लेने की गति का अभ्यास करता रहता है, जो जन्म के बाद उसके फेफड़ों को मज़बूती से काम करने में मदद करता है।

नर्वस सिस्टम और मस्तिष्क का विकास

इस समय तक, आपके बच्चे का नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका प्रणाली और मस्तिष्क पूरी तरह विकसित हो चुका होता है। वह चूसने और निगलने जैसे काम सीख जाता है, यह अभ्यास जन्म के बाद स्तनपान के लिए ज़रूरी होता है। उसका मस्तिष्क भी चीज़ों को समझना शुरू कर देता है। कुछ शोध बताते हैं कि इस समय तक आपका बच्चा आपकी आवाज़ को पहचानने की क्षमता विकसित कर लेता है।

पोज़िशन

नौवें महीने के अंत तक, ज़्यादातर बच्चों के सिर का पोज़िशन नीचे की तरफ़ होता है। बच्चा अब गर्भाशय के निचले हिस्से की तरफ़ आने लगता है, तो इस प्रक्रिया को ‘लाइटनिंग’ कहा जाता है। इस स्थिति में, बच्चे का सिर जन्म नलिका (बर्थ कैनाल) के साथ तालमेल बैठा लेता है, जिससे डिलीवरी आसान हो जाती है। इस वजह से आपको ब्लैडर और पेल्विस पर ज़्यादा दबाव महसूस हो सकता है, लेकिन आपको अब अपने फेफड़ों और डायाफ़्रैम पर दबाव कम होता महसूस होगा। हालांकि, आपके बच्चे का मूवमेंट पहले से कम हो जाता है, लेकिन ज़रूरी है कि आपको यह हलचल महसूस हो।

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में आपके शरीर में होने वाले बदलाव

यह प्रेगनेंसी का आखिरी चरण है और आपका शरीर डिलीवरी के लिए तैयार हो रहा है। इसलिए, आपको अब भावनात्मक तौर पर भी बहुत कुछ महसूस होने लगता है। आइए जानते हैं कि इस समय आपके शरीर में क्या-क्या बदलाव होते हैं:

आकार-प्रकार में बदलाव

आपका पेट अब और बड़ा हो जाता है और जैसे-जैसे बच्चा गर्भाशय में नीचे की ओर झुकता है, तो ऊपरी हिस्से में राहत महसूस होने लगती है। इससे आप पहले के मुक़ाबले बेहतर तरीक़े से सांस ले सकती हैं। हालांकि, ब्लैडर और पेल्विस पर दबाव बढ़ने की वजह से आपको बार-बार बाथरूम जाना पड़ सकता है।

सूजन

प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में अतिरिक्त फ़्लूइड (तरल पदार्थ) बनते हैं और इस वजह से पैरों, टखनों, जांघों और यहां तक कि चेहरे में भी सूजन आ सकती है। हो सकता है कि आपका हाथ भी सूज जाए और उंगलियों में पुरानी अंगूठी अब फ़िट न बैठे। यह सूजन, शरीर में ख़ून की मात्रा और गर्भाशय का आकार बढ़ने की वजह से पैदा हुए दबाव के कारण होता है। हालांकि, अगर यह सूजन अचानक या बहुत ज़्यादा हो जाए, तो यह प्रीक्लेंपसिया का संकेत हो सकता है। ख़ासकर, अगर सूजन चेहरे या हाथों पर हो। ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।

कमर और पेल्विस पर दबाव

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, उसके बढ़ते वजन के कारण आपकी स्पाइन पर लोड भी बढ़ता जाता है। इस वजह से आपको कमर में दर्द हो सकता है। ‘रिलैक्सिन’ नामक हार्मोन आपके पेल्विस के आस-पास के जोड़ों और लिगामेंट को ढीला करने में दर्द करता है, ताकि आपका शरीर डिलीवरी के लिए तैयार हो सके। इस वजह से कमर और पेल्विस के आस-पास दर्द होता है। हालांकि, पेल्विस पर दबाव और कमर मे दर्द सामान्य लक्षण हैं, लेकिन अगर दर्द बहुत ज़्यादा हो, तो डॉक्टर की सलाह लें।

ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्सन

नौवें महीने में डिलीवरी की तैयारी की वजह से शरीर में ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्सन महसूस हो सकता है। यह अनियमित होता है और आम तौर पर इसमें बहुत ज़्यादा दर्द नहीं होता। असल में ये कॉन्ट्रैक्शन डिलीवरी से पहले होने वाले लेबर पेन का एक तरह से अभ्यास है। अगर यह कॉन्ट्रैक्शन बहुत दर्दनाक हो या फिर यह नियमित हो, तो डॉक्टर से सलाह लें।

स्तन में होने वाले बदलाव

आपका शरीर अब नवजात को स्तनपान कराने के लिहाज से तैयार हो रहा होता है। नौवें महीने में, आपके स्तन और बड़े हो सकते हैं और आपके एरियोलस का रंग और गहरा होने लगता है। कुछ महिलाओं को कोलोस्ट्रम (जो एक पीला तरल होता है) का रिसाव भी महसूस हो सकता है। यह एक तरह से दूध का शुरुआती रूप है और यह पोषक तत्वों और एंटीबॉडी से भरपूर होता है। ये बदलाव इस बात का संकेत होते हैं कि आपका शरीर अब नवजात शिशु को पोषण देने के लिए तैयार है।

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में दिखने वाले सामान्य लक्षण

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में कुछ लक्षण बेहद सामान्य होते हैं। ये असुविधाजनक हो सकते हैं, लेकिन यह आमतौर पर शरीर को डिलीवरी के अनुकूल ढालने के लिए ज़रूरी होते हैं।

लक्षण यह क्यों होता है इसे कैसे मैनेज करें
बार-बार पेशाब आना बच्चा अब पेल्विस में नीचे की तरफ़ आ जाता है, जिससे ब्लैडर पर दबाव बढ़ जाता है बाथरूम जाएं और बीच-बीच में आराम करें
कमर और पेल्विस में दर्द बच्चे का वजन और रिलैक्सिन हार्मोन की वजह से यह खिंचाव पैदा होता है सोते समय तकिए का सहारा लें, गुनगुने पानी से नहाएं और प्रेग्नेंसी मसाज लें
सांस लेने में तकलीफ़ डायाफ़्रैम में दबाव कम होने लगता है, लेकिन कुछ हद तक गर्भाशय का दबाव फेफड़े पर अब भी बरकरार रहता है आराम करें और ज़्यादा शारीरिक मेहनत करने से बचें
ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन शरीर डिलीवरी के लिए तैयार हो रहा होता है, लेकिन यह असली लेबर पेन नहीं होता पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं और गहरी सांस लेने का अभ्यास करें

प्रेगनेंसी के नौवें महीने के दौरान इन बातों का रखें ख़याल

नौवें महीने में अपने शरीर का ख़ास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि इस दौरान क्या-क्या एहतियात बरतना ज़रूरी है:

पर्याप्त पानी पीएं

शरीर में पानी की कमी की वजह से सूजन, थकान और यहां तक कि ब्रैक्सटन हिक्स कंट्रैक्शन की शिकायतें बढ़ सकती हैं। दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की कोशिश करें। शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा से आपको एम्नियोटिक फ़्लुइड का स्तर सामान्य बनाए रखने में मदद मिलेगी।

पौष्टिक आहार लें

पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें। यह जच्चा-बच्चा दोनों के लिए ज़रूरी है। अलग-अलग तरह के फल, सब्ज़ियां, प्रोटीन और साबुत अनाज को अपनी डाइड में शामिल करें। सूजन को मैनेज करने के लिए ज़्यादा नकक खाने से बचें। अगर आपको कब्ज़ की समस्या हो रही है, तो आहार में फ़ाइबर युक्त फल, सब्ज़ियां और साबुत अनाज की मात्रा बढ़ा दें।

चलते-फिरते रहें, लेकिन आराम भी ज़रूरी है

हल्की शारीरिक गतिविधियां ज़रूरी हैं, जैसे कि चलना, प्रीनेटल योग। यह आपकी मांसपेशियों को लचीला बनाए रखने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में मददगार होती हैं। हालांकि, अपने शरीर की सुनना बेहद ज़रूरी है। थकान महसूस होने पर, ज़रूरत के हिसाब से आराम करें।

रिलैक्स करने की तकनीक आज़माएं

ख़ुद को शांत रखने के लिए समय निकालना ज़रूरी है। इससे तनाव को मैनेज करने और मानसिक रूप से ख़ुद को डिलीवरी के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी। सांस से जुड़े योग योग करें।

डॉक्टर से कब मिलें?

अगर शरीर में कोई असामान्य लक्षण दिखाई देता है, तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। ऐसे कुछ संकेतों के बारे में नीचे बताया गया है:

  • बहुत ज़्यादा पेट दर्द या ऐंठन
  • अचानक भारी सूजन, ख़ासकर हाथों, चेहरेया पैरों में
  • बच्चे की हरकत में कोई असामान्य बदलाव
  • हैवी ब्लीडिंग
  • ज़्यादा सिरदर्द, धुंधला दिखना या अचानक वजन बढ़ना

प्रेगनेंसी के नौवें महीने में ये तैयारियां ज़रूरी हैं

  1. डिलीवरी के लिए प्लान करना
  2. हॉस्पिटल बैग तैयार करना
  3. कार में बच्चे के लिए अलग सीट लगाना
  4. डिलीवरी के बाद बच्चे की देखभाल के लिए प्लान करना
  5. लेबर पेन के संकेतों को समझना

निष्कर्ष

नौवां महीना प्रेगनेंसी का आख़िरी महीना होता है और इस दौरान आपके शरीर में होने वाले बदलावों और इस दौरान बरतने वाली सावधानियों के बारे में अब आप जान चुकी हैं। ऐसे में यह याद रखना ज़रूरी है कि अब आप ज़िंदगी के एक अहम मोड़ पर आ चुकी हैं और एक नया अध्याय शुरू होने वाला है। लिहाज़ा, तैयारियों के साथ-साथ सकारात्मक माहौल बनाए रखें और डॉक्टर के साथ लगातार संपर्क में रहें। सबसे ज़रूरी बात कि बच्चे के साथ-साथ अपना ख़याल रखना न भूलें।

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