ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) परीक्षण क्या है?

Author : Dr. Nidhi Gohil November 21 2024
Dr. Nidhi Gohil
Dr. Nidhi Gohil

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Fellowship in IVF

5+Years of experience:
ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) परीक्षण क्या है?

आनुवंशिक विकार क्या है?

Author : Dr. Nidhi Gohil November 21 2024
Dr. Nidhi Gohil
Dr. Nidhi Gohil

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Fellowship in IVF

5+Years of experience:
आनुवंशिक विकार क्या है?

सूची के लिए ओवरी का आकार आवश्यक है?

Author : Dr. Nidhi Gohil November 21 2024
Dr. Nidhi Gohil
Dr. Nidhi Gohil

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Fellowship in IVF

5+Years of experience:
सूची के लिए ओवरी का आकार आवश्यक है?

टेस्टोस्टेरोन क्या है? विस्तृत जांच की प्रक्रिया और तैयारी के बारे में सब कुछ जानें

Author : Dr. Nidhi Gohil November 21 2024
Dr. Nidhi Gohil
Dr. Nidhi Gohil

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Fellowship in IVF

5+Years of experience:
टेस्टोस्टेरोन क्या है? विस्तृत जांच की प्रक्रिया और तैयारी के बारे में सब कुछ जानें

जन्म दर क्या है – फर्टिलिटी रेट इन हिंदी

Author : Dr. Nidhi Gohil November 21 2024
Dr. Nidhi Gohil
Dr. Nidhi Gohil

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Fellowship in IVF

5+Years of experience:
जन्म दर क्या है – फर्टिलिटी रेट इन हिंदी

जन्म क्षमता पर तनाव का प्रभाव – फर्टिलिटी पर तनाव का प्रभाव हिंदी में

Author : Dr. Nidhi Gohil November 21 2024
Dr. Nidhi Gohil
Dr. Nidhi Gohil

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Fellowship in IVF

5+Years of experience:
जन्म क्षमता पर तनाव का प्रभाव – फर्टिलिटी पर तनाव का प्रभाव हिंदी में

जानिए एग फ़र्ज़िंग क्या है? स्वाद और लाभ

Author : Dr. Nidhi Gohil November 21 2024
Dr. Nidhi Gohil
Dr. Nidhi Gohil

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Fellowship in IVF

5+Years of experience:
जानिए एग फ़र्ज़िंग क्या है? स्वाद और लाभ

जल्दी जल्दी जुड़ने के 10 सबसे आसान तरीके

Author : Dr. Nidhi Gohil November 21 2024
Dr. Nidhi Gohil
Dr. Nidhi Gohil

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Fellowship in IVF

5+Years of experience:
जल्दी जल्दी जुड़ने के 10 सबसे आसान तरीके

जन्म क्षमता पर कैफीन का प्रभाव

Author : Dr. Nidhi Gohil November 21 2024
Dr. Nidhi Gohil
Dr. Nidhi Gohil

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Fellowship in IVF

5+Years of experience:
जन्म क्षमता पर कैफीन का प्रभाव

पिछले कुछ वर्षों में युवाओं की जीवनशैली और खान-पान में काफी बड़ा बदलाव आया है। आज के अधिकांश युवा जीवन में शराब, सिगरेट, कॉफी, फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन एक बड़ा हिस्सा बन जाते हैं।

हालाँकि, यह विशेष रूप से शहर में रहने वाले वयस्कों को देखने को मिलता है। जब शारीरिक बीमारियों की बात आती है तो लोग बार-बार दिल, किडनी, हड्डियों, आंखों और नाक आदि से संबंधित बिमारियों, कैंसर, सूजन और हाई ब्लड प्रेशर आदि के बारे में सोचते हैं।

हालाँकि, यह सच है कि खसरा जीवित या गलत खान-पान के शिकारियों से कई शारीरिक बीमारियां होती हैं। लेकिन यह भी सच है कि इन कारणों से स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।

तनावग्रस्त वयस्कों के जीवन का लगभग एक हिस्सा सा बन जाता है। पर्सनल या प्रोफेशनल लाइफ में असमंजस न होने पर एडल्ट स्ट्रेस का शिकार बन जाते हैं। तनाव संबंध क्षमता को प्रभावित करता है।

साथ ही, तनाव में आने वाले वयस्क अक्सर कुछ ऐसी आदतें बना लेते हैं जैसे कि अत्यधिक कैफीन का सेवन करना आदि। 

अत्याधिक मात्रा में कैफीन का सेवन पुरुष और महिला दोनों की जन्म क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करता है जिसके कारण एक यौगिक की प्राकृतिक रूप से गर्भावस्था करने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।

आइए, इस ब्लॉग में जन्म क्षमता पर कैफीन के प्रभाव को अच्छी तरह से समझने की कोशिश करते हैं।

कैफीन क्षमता को कैसे प्रभावित करता है

कैफीन एक ऐसा पदार्थ है जो स्वभाविक रूप से कई धारणाओं, बीजों और सावन में मौजूद होता है, जहां यह शाकनाशी और कीट विकर्षक के रूप में कार्य करता है। यह प्राकृतिक रूप से चाय के टुकड़े, कोको हल, कॉफी विलय, ग्वाराना, चॉकलेट और कोला लाइट में भी पाया जाता है। 

कैफीन आज लोगों के जीवन का एक बड़ा हिस्सा है जो अब वह चाय-कॉफी की शक्ल में अन्य किसी और रूप में गलत है। व्यापक खोज के अनुसार, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि कैफीन का सेवन किस तरह पुरुष या महिला की जन्म क्षमता को प्रभावित करता है।

हलांकि, शोध से इस बात की पुष्टि प्राय: हुई है कि कैफीन का अत्यधिक सेवन करने से गर्भावस्था में देरी, गर्भपात, मृत शिशु का जन्म (स्टीलबर्थ) और जन्म के दौरान शिशु का वजन कम होने आदि जैसे कैंसर पैदा हो सकते हैं।

जन्म क्षमता को बेहतर बनाए रखने और गर्भावस्था की संभावना बढ़ाने के लिए डॉक्टर एक दिन में 200 मिलीग्राम या उससे भी कम कैफीन का सेवन करने की सलाह देते हैं। 

अगर आपको किसी कारणवश गर्भवती होने में परेशानी हो रही है तो आप बिरला फर्टिलिटी और आईवीएफ के विशेषज्ञ से परामर्श कर सकते हैं। हमारे विशेषज्ञों से परामर्श करने के लिए आप इस पेज के ऊपर दाहिनी ओर दिए गए बुक अपॉइंटमेंट फॉर्म या मोबाईल नंबर का उपयोग कर सकते हैं।

कई कारणों से प्रेग्नेंट होने में परेशानी हो सकती है। समय पर उचित जांच और उपचार से संबंधित स्थिति की पुष्टि करके उन्हें दूर किया जा सकता है। विशेषज्ञ का मानना ​​है कि संबंध संबंधी समस्याओं में देरी से गर्भधारण करने और उपचार के सफल होने की संभावना कम होती है। इसलिए जन्म से संबंधित समस्या होने पर आपको जल्द से जल्द विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

केसरी जाने जाने प्रश्न

कॉफी कॉफी पीने के क्या फायदे हैं?

प्रेग्नेंसी के दौरान कॉफी पीने से कुछ खास फायदा नहीं होता, लेकिन कुछ महिलाओं को कॉफी पीने की आदत होती है। ऐसे में कॉफी का सेवन करने से उनका तनाव कम हो सकता है, शरीर में फुर्ती हो सकती है और एनर्जी लेवल बढ़ सकता है।

गर्भावस्था में चाय पी क्या हो सकती है?

हाँ। प्रेगनेंसी में चाय पी सकते हैं, लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन न करें। क्योंकि इससे आपको गैस, कब्ज और दूसरी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

Our Fertility Specialists