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IVF कितनी बार कर सकते हैं? जानें सीमाएं, सफलता और सुझाव

IVF कितनी बार कर सकते हैं? जानें सीमाएं, सफलता और सुझाव

Dr. Sonal Chouksey
Dr. Sonal Chouksey

MBBS, DGO

17+ Years of experience

आईवीएफ एक से अधिक बार किया जा सकता है, अगर जरूरत हो। इसकी सफलता दर महिला की उम्र, निःसंतानता का कारण और समग्र स्वास्थ्य जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। हालाँकि, युवा महिलाओं में सफलता दर अधिक होती है।

आमतौर पर तीन या चार बार आईवीएफ की सलाह दी जाती है, क्योंकि कई प्रयासों के बाद सफलता की संभावना कम हो जाती है। हालाँकि, कुछ दम्पति चौथी बार भी आईवीएफ की कोशिश कर सकते हैं।

प्रत्येक चक्र शारीरिक और भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है और इसमें काफी खर्च भी आता है। आईवीएफ ने लाखों दम्पतियों को माता-पिता बनने में मदद की है, लेकिन यह हर किसी के लिए सफल नहीं होता।

उपचार के बारे में सूचित रहना और रियलिस्टिक एक्सपेक्टेशन रखना महत्वपूर्ण है। आईवीएफ उपचार के दौरान परिवार और दोस्तों से बातचीत और विशेषज्ञों से लगातार परामर्श लेना सहायक होता है।

आईवीएफ की आवश्यकता और संभावनाएं

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) एक फर्टिलिटी उपचार है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब एक दम्पति प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में असमर्थ हो। इसके कारणों में फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक होना, शुक्राणु की कम संख्या और ओव्यूलेशन संबंधित समस्याएं शामिल हैं।

आईवीएफ निःसंतानता का समाधान है, खासकर उन महिलाओं के लिए जिनमें आनुवंशिक समस्याएं या एंडोमेट्रियोसिस होता है। अपनी प्रजनन क्षमता को सुरक्षित रखने के लिए, कई मरीज़ कैंसर के इलाज से पहले आईवीएफ का सहारा लेते हैं।

आईवीएफ में कई चरण होते हैं। सबसे पहले, डॉक्टर दवाएं देते हैं, ताकि महिला के अंडाशय में अंडे मैच्योर हो सकें। फिर उन अंडों को एक सर्जिकल प्रक्रिया से निकाला जाता है। निकाले गए अंडों को प्रयोगशाला में स्पर्म के साथ मिलाया जाता है, जो पार्टनर से या डोनर से हो सकते हैं। स्पर्म अंडों को फर्टिलाइज करते हैं, जिससे एम्ब्र्यो बनता है।

फिर कुछ दिनों तक एम्ब्र्यो की निगरानी की जाती है। सबसे स्वस्थ एम्ब्र्यो को महिला के गर्भाशय में रखा जाता है, जो एक सरल प्रक्रिया के माध्यम से होता है। अगर एम्ब्र्यो सफलतापूर्वक गर्भाशय में इम्प्लांट होता है, तो इसकी जाँच करके महिला की गर्भधारण की पुष्टि की जाती है।

आईवीएफ की सफलता दर

भारत में आईवीएफ की सफलता दर 30% से 35% के बीच है। कई कारक इस सफलता दर को प्रभावित करते हैं जैसे कि:

  1. महिला की उम्र: कम उम्र की महिलाओं में सफलता दर अधिक होती है। 40 से अधिक उम्र की महिलाओं की तुलना में, 35 से कम उम्र की महिलाओं के पास बेहतर मौके होते हैं।
  2. निःसंतानता का कारण: निःसंतानता का कारण सफलता को प्रभावित करता है। कुछ कारणों का आईवीएफ से इलाज करना आसान है।
  3. एम्ब्र्यो की गुणवत्ता: अच्छी गुणवत्ता वाले एम्ब्र्यो सफल गर्भावस्था की संभावना को बढ़ाते हैं।
  4. गर्भाशय स्वास्थ्य: एम्ब्र्यो इम्प्लांटेशन और गर्भावस्था के लिए एक स्वस्थ गर्भाशय आवश्यक है।
  5. जीवनशैली कारक: स्वस्थ जीवनशैली विकल्प, जैसे धूम्रपान न करना और स्वस्थ वजन बनाए रखना, सफलता दर में सुधार करते हैं।
  6. क्लिनिक की विशेषज्ञता: क्लिनिक और मेडिकल टीम का अनुभव और विशेषज्ञता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  7. आईवीएफ चक्र की संख्या: आईवीएफ की सफलता दर पहले, दूसरे और तीसरे चक्र में भिन्न हो सकती है। चक्रों की संख्या समग्र सफलता दर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
    • पहला चक्र: पहले चक्र की सफलता दर आमतौर पर लगभग 30-35% है। कई दम्पति अपने पहले प्रयास में ही गर्भधारण कर लेते हैं।
    • दूसरा चक्र: अगर पहला चक्र असफल होता है, तो दूसरे चक्र की सफलता दर थोड़ी कम होती है, लेकिन फिर भी यह महत्वपूर्ण होता है।
    • तीसरा साइकिल: तीसरे चक्र में प्रति प्रयास सफलता दर में थोड़ी कमी देखी जाती है, लेकिन अधिक प्रयास किए जाने पर सफलता दर बढ़ जाती है।

कुल मिलाकर, व्यक्तिगत स्वास्थ्य और विशिष्ट परिस्थितियां भारत में आईवीएफ की सफलता दर को बहुत प्रभावित करते हैं।

IVF की सफलता दर कई बातों पर निर्भर करती है, जैसे महिला की उम्र, उसकी संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति और चिकित्सा सुविधा की गुणवत्ता। नीचे दी गई तालिका केवल अनुमानित आंकड़े दर्शाती है — वास्तविक परिणाम व्यक्ति-दर-व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं।

आईवीएफ साइकिल की संख्या अनुमानित सफलता की दर
1 60%
2 70%
3 75%
4 78%
5 80%
6 82%

यह समझना ज़रूरी है कि नीचे दिए गए आंकड़े केवल अनुमानित हैं। असली सफलता दर हर व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और प्रजनन इतिहास जैसी व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करती है। कुछ मामलों में IVF की सफलता दर शुरुआती कुछ चक्रों के बाद स्थिर हो सकती है या धीरे-धीरे घट भी सकती है। इसलिए, उपचार से पहले अपने डॉक्टर से विस्तार से चर्चा करें और उनके दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि सही निर्णय लिया जा सके।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

आईवीएफ के चक्रों के बीच कितना समय का अंतर होना चाहिए?

आईवीएफ चक्रों के बीच कम से कम एक महीने का अंतर होना चाहिए। यह शरीर को ठीक होने का समय देता है। आपके स्वास्थ्य के अनुसार सही समय निर्धारित होता है। हर महिला की स्थिति अलग होती है।

आईवीएफ में कितना समय लगता है?

आईवीएफ प्रक्रिया में लगभग चार से छह हफ्ते का समय लग सकता है। इसमें अंडाणुओं को उत्तेजित करना, निकालना, निषेचन करना और भ्रूण को गर्भाशय में प्रत्यारोपित करना शामिल है। समय सीमा व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।

एक महिला के कितने आईवीएफ चक्र हो सकते हैं?

एक महिला आमतौर पर चार से छह आईवीएफ चक्र कर सकती है। डॉक्टर महिला के स्वास्थ्य, उम्र और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए सलाह देते हैं। अधिक चक्रों के लिए, संभावनाएं और जोखिमों पर विचार किया जाता है।

आईवीएफ बच्चे स्वस्थ नहीं होते हैं?

शोध से पता चलता है कि आईवीएफ से जन्मे बच्चे उतने ही स्वस्थ होते हैं जितने प्राकृतिक रूप से गर्भधारण किए गए बच्चे होते हैं।

आईवीएफ से कैंसर होता है?

शोध से पता चलता है कि सामान्य आबादी की तुलना में आईवीएफ उपचार कराने वाली महिलाओं में कैंसर का खतरा कम होता है।

केवल युवा महिलाएं ही आईवीएफ का उपयोग कर सकती हैं?

विभिन्न उम्र की महिलाएं आईवीएफ का उपयोग कर सकती हैं, हालांकि, युवा महिलाओं की तुलना में बड़ी उम्र की महिलाओं की सफलता दर कम हो सकती है।

अधिक आईवीएफ चक्रों से सफलता की संभावना बढ़ जाती है?

आईवीएफ की सफलता दर महिला और पुरुष दोनों की उम्र एवं समग्र स्वास्थ्य, स्पर्म और एग की क्वालिटी और अन्य कारकों पर भी निर्भर करती है।

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