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एचएसजी टेस्ट क्या होता है और क्यों किया जाता है? HSG Test in Hindi

एचएसजी टेस्ट क्या होता है और क्यों किया जाता है? HSG Test in Hindi

Dr. Rakhi Goyal
Dr. Rakhi Goyal

MBBS, MD (Obstetrics and Gynaecology)

23+ Years of experience

एचएसजी टेस्ट क्या है?

एचएसजी टेस्ट (HSG Test) या हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राम, एक प्रकार का एक्स-रे है जिससे बच्चेदानी और फैलोपियन ट्यूब की जांच की जाती है। कैथेटर के माध्यम से एक विशेष डाई को बच्चेदानी में इंजेक्ट किया जाता है। इस टेस्ट का उपयोग आमतौर पर उन रुकावटों या असामान्यताओं का पता लगाने के लिए किया जाता है, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती हैं।

एचएसजी टेस्ट का प्रजनन में क्या महत्व है?

निम्नलिखित कारणों से प्रजनन संबंधी समस्याओं के निदान के लिए एचएसजी टेस्ट महत्वपूर्ण है:

  1. फैलोपियन ट्यूब की रुकावटों की पहचान होती है: इस जांच से यह पता चलता है कि फैलोपियन ट्यूब खुली हैं या नहीं। अगर ट्यूब बंद होती है, तो यह स्पर्म को एग तक पहुंचने या एम्ब्रियो को यूट्रस तक जाने से रोक सकती हैं।
  2. गर्भाशय की असामान्यताओं की पुष्टि होती है: इस टेस्ट से गर्भाशय में संरचनात्मक समस्याओं, जैसे फाइब्रॉएड, पॉलीप्स या असामान्य आकार का पता लगाया जाता है, जो ट्रांसप्लांटेशन और गर्भावस्था को प्रभावित कर सकते हैं।
  3. उपचार में मदद मिलती है: गर्भाशय और ट्यूबों की स्पष्ट एक्स-रे प्रदान करके, एचएसजी टेस्ट ज्ञात हुई परेशानी के लिए उचित उपचार योजना बनाने में मदद करता है। इसमें सर्जिकल प्रक्रियाएं या प्रजनन उपचार शामिल हैं।
  4. प्रेगनेंसीकी संभावना बढ़ती है: एचएसजी टेस्ट द्वारा ज्ञात की गई समस्याओं का समाधान करने से गर्भधारण की संभावना में सुधार होता है। यह प्रजनन क्षमता में आने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

कुल मिलाकर, एचएसजी टेस्ट अंतर्निहित प्रजनन समस्याओं को समझने और उनका उपचार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

एचएसजी टेस्ट कराने का सही समय क्या है

यदि आपको प्रेगनेंसी के कई प्रयासों के बाद भी कंसीव करने में परेशानी या देरी हो रही है और साथ ही गर्भाशय से संबंधित अन्य कुछ परेशानियां भी महसूस हो रही है तो यही समय है कि आप एचसीजी टेस्ट के विषय में विचार करें।

एचसीजी टेस्ट कराने का समय मासिक धर्म की समाप्ति के बाद, पहले और दूसरे हफ्ते तक सही है क्योंकि इस समय गर्भाशय की स्थिति और स्त्री हॉर्मोन्स की स्तर में संभावित परिवर्तन होता है। फिर भी इस टेस्ट को कराने से पहले अपने डॉक्टर से राय अवश्य लें।

एचएसजी टेस्ट क्यों करते हैं?

निम्नलिखित कारणों से प्रजनन संबंधी समस्याओं के निदान के लिए एचएसजी टेस्ट महत्वपूर्ण है:

  1. रुकावटों की पहचान होती है: यह इस बात की पुष्टि करता है कि फैलोपियन ट्यूब खुली हैं या नहीं। अवरुद्ध ट्यूब, स्पर्म को अंडे तक पहुंचने या एम्ब्र्यो को गर्भाशय तक जाने से रोक सकती हैं।
  2. गर्भाशय की असामान्यताओं की पुष्टि होती है: इस टेस्ट से गर्भाशय में संरचनात्मक समस्याओं (structural issues), जैसे फाइब्रॉएड, पॉलीप्स या असामान्य आकार का पता लगाया जाता है, जो इम्प्लांटेशन और प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकते हैं।
  3. उपचार में मदद मिलती है: गर्भाशय और ट्यूबों की स्पष्ट इमेज प्रदान करके, एचएसजी टेस्ट उचित उपचार योजना बनाने में मदद करता है। इसमें सर्जिकल प्रक्रियाएं या प्रजनन उपचार शामिल हैं।
  4. गर्भधारण की संभावना बढ़ती है: एचएसजी टेस्ट द्वारा पुष्टि की गई समस्याओं का समाधान करने से गर्भधारण की संभावना में सुधार होता है। यह प्रजनन क्षमता में आने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

कुल मिलाकर, एचएसजी टेस्ट अंतर्निहित प्रजनन समस्याओं को समझने और उनका उपचार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

एचएसजी टेस्ट कैसे किया जाता है?

इस टेस्ट प्रक्रिया में निम्न चरण शामिल हैं:

तैयारी

  1. शेड्यूलिंग: यह टेस्ट आमतौर पर पीरियड के बाद और ओवुलेशन की शुरुआत के बीच निर्धारित किया जाता है, अक्सर मेंस्ट्रुअल साइकिल के पहले भाग के दौरान।
  2. सहमति: प्रक्रिया से पहले, महिला सूचित सहमति प्रदान करती है और डॉक्टर प्रक्रिया के बारे में और उससे जुड़े संभावित जोखिम के बारे में बताते हैं।

टेस्ट से पहले

कुछ मामलों में, संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स निर्धारित हो सकते हैं या दर्द को कंट्रोल करने के लिए पेन किलर दिए जा सकते हैं।

टेस्ट के दौरान

  1. पैल्विक परीक्षण के दौरान, आपको एक मेज पर लेटना होता है।
  2. गर्भाशय ग्रीवा तक पहुंचने के लिए योनि में एक स्पेकुलम डाला जाता है।
  3. उसके बाद, कैथेटर नामक एक पतली और लचीली ट्यूब को गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से बच्चेदानी में डाला जाता है।
  4. कैथेटर का उपयोग एक विशेष कंट्रास्ट डाई डालने के लिए किया जाता है।
  5. यह डाई कैथेटर के माध्यम से गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब में इंजेक्ट की जाती है।

जब डाई गर्भाशय और ट्यूबों से प्रवाहित होती है, तो एक्स-रे इमेज ली जाती हैं। ये इमेज रुकावट या असामान्यता की पहचान में मदद करती हैं।

टेस्ट के बाद

  1. कैथेटर हटा दिया जाता है और स्पेकुलम बाहर निकाल लिया जाता है। टेस्ट आमतौर पर लगभग 30 मिनट तक चलता है।
  2. प्रक्रिया के दौरान और बाद में पीरियड की ऐंठन के समान हल्की ऐंठन या दर्द अनुभव हो सकता है।
  3. टेस्ट के ठीक बाद, महिला अपनी सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकती है। टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर आगे के पहलुओं पर चर्चा की जाती है।

एचएसजी टेस्ट प्रजनन संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए सही उपचार योजना बनाने में मदद करता है।

HSG टेस्ट के परिणाम

एचएसजी टेस्ट से बच्चेदानी और फैलोपियन ट्यूब की सही स्थिति ज्ञात की जाती है। इस टेस्ट से प्राप्त परिणामों से गर्भावस्था से जुड़ी समस्याओं को नियंत्रित करने और बच्चेदानी और फैलोपियन ट्यूब से जुड़ी अन्य परेशानियों का भी निदान करने में मदद मिलती है। इस टेस्ट के परिणामों के आधार पर आगे की चिकित्सा योजना बनती है। ये परिणाम सामान्य भी हो सकते हैं और असामान्य भी:

सामान्य

सामान्य परिणामों में डाई गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से स्वतंत्र रूप से प्रवाहित होती है। इसका अर्थ है बच्चेदानी से फैलोपियन ट्यूब का रास्ता एकदम साफ़ है उसमें कोई रुकावट नहीं है।
साथ ही टेस्ट का सामान्य आना यह भी दर्शाता है कि गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब में कोई निशान या संरचनात्मक असामान्यता नहीं हैं।

असामान्य

एचएसजी टेस्ट का असामान्य आना फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय के मध्य की रुकावट को दिखाता है साथ ही इसके असामान्य होने का मतलब गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब में कोई अन्य संरचनात्मक असामान्यता का होना भी हो सकता है।

यदि एचएसजी टेस्ट असामान्य आता है तो इसका अर्थ है कि आपको सर्जरी या दवाइयों के द्वारा इन असामान्यताओं को ठीक करने की आवश्यकता है जिससे ये असामान्यताएं दूर हो सकें और आपकी प्रजनन क्षमता बेहतर हो सके।

HSG टेस्ट – इससे गर्भधारण की संभावना कैसे बढ़ती है?

जैसा कि हमें पहले ही ज्ञात हो चुका है कि एचएसजी टेस्ट का उपयोग बच्चेदानी और फैलोपियन ट्यूब के मध्य की रूकावटों और इनकी असामान्यताओं का पता लगाने के लिए किया जाता है। यदि हमें इन रूकावटों और असामान्यताओं का पता चल जाता है तो इनको दूर करके प्रचलन क्षमता को बेहतर करने में मदद मिल सकती है जिससे किसी भी परिवार बनाने के सपने को पूरा करने में मदद मिल सकती है।

HSG टेस्ट के विकल्प

एचएसजी टेस्ट के अन्य विकल्पों में लैप्रोस्कोपी, हिस्टेरोस्कोपी और सोनोहिस्टेरोोग्राम शामिल हैं।

HSG टेस्ट में दर्द होता है?

HSG टेस्ट में थोड़ी सी असुविधा और दर्द हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर सहनीय होता है। कुछ महिलाओं को टेस्ट के दौरान और बाद में कुछ समय तक पेट में दर्द हो सकता है। कभी कभीव्यक्तिगत शारीरिक प्रतिक्रिया के आधार पर इस टेस्ट के दौरान कुछ महिलाएं अधिक असुविधा और दर्द का अनुभव कर सकती हैं।

HSG टेस्ट के बाद की सावधानियाँ

HSG टेस्ट के बाद की सावधानियाँ:

  • टेस्ट के बाद कुछ घंटों के लिए आराम करें और भारी काम से बचें।
  • यदि दर्द हो रहा है, तो डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दर्द निवारक दवाएं लें।
  • योनि से असामान्य स्राव, बुखार, या तेज दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • टेस्ट के बाद कुछ दिनों तक यौन संबंध बनाने से बचें।

यदि आपको उल्टी, मतली, या अत्यधिक थकान जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

एचएसजी टेस्ट पीरियड के कितने दिन बाद होता है?

एचएसजी टेस्ट आमतौर पर पीरियड के 3 से 7 दिन बाद किया जाता है, जब शरीर का हार्मोनल स्तर सामान्य होता है और एचएसजी के परिणाम अधिक सटीक आते हैं।

क्या एचएसजी टेस्ट से प्रेगनेंसी बढ़ती है?

एचएसजी टेस्ट से सीधे प्रेगनेंसी बढ़ने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन यह पुष्टि करता है कि गर्भाशय और फालोपियन ट्यूब्स ठीक से काम कर रहे हैं, जिससे प्रेगनेंसी की संभावनाओं में सुधार हो सकता है।

क्या एचएसजी टेस्ट में दर्द होता है?

एचएसजी टेस्ट के दौरान आमतौर पर हल्का दर्द होता है, जैसे कि पीरियड के दौरान का दर्द। कुछ महिलाएं इसके बाद हल्का ऐंठन महसूस कर सकती हैं।

एचएसजी टेस्ट के लिए कौन सी तैयारी करनी होती है?

एचएसजी टेस्ट से पहले आपको अपने डॉक्टर से पूरी जानकारी लेनी चाहिए। आमतौर पर, आपको टेस्ट से पहले कुछ घंटों तक खानपान सीमित करने की सलाह दी जा सकती है।

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