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महिला किस उम्र तक मां बन सकती है?

महिला किस उम्र तक मां बन सकती है?

Dr. Sonal Chouksey
Dr. Sonal Chouksey

MBBS, DGO

17+ Years of experience

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मां बनना जीवन के सबसे ख़ास अनुभवों में से एक है। मेडिकल साइंस में हुई प्रगति ने मां बनने की आयु सीमा को आगे धकेला है और इस वजह से महिलाएं देर से भी मां बन रही हैं। हालांकि, स्वास्थ्य और हेल्थ कंडीशन जैसी चीज़ों का इस पर सीधा असर होता है कि कोई महिला किस उम्र तक मां बन सकती हैं। उम्र के अलग-अलग पड़ाव की अपनी ख़ूबियां और चुनौतियां हैं। इस लेख में बताया गया है कि मां बनने की सही उम्र क्या है और कोई महिला कितनी उम्र तक मां बन सकती है। इससे जुड़े वैज्ञानिक तथ्य और प्रजनन की आदर्श उम्र, सावधानियों और नई तकनीक समेत कई पहलुओं पर बात की गई है।

किस उम्र तक महिला मां बन सकती है? – Mahila Kis Age Tak Maa Ban Sakte Hai

महिलाओं में फ़र्टिलिटी की समय सीमा

महिलाओं की फ़र्टिलिटी की समय सीमा सीधे तौर पर उनकी उम्र से जुड़ी होती है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

  • 20 से 30 साल: यह फ़र्टिलिटी का सबसे आदर्श समय माना जाता है। इस उम्र में गर्भ धारण करने की संभावना सबसे ज़्यादा होती है।
  • 30 से 40 साल: इस दौरान प्रजनन क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। ख़ासकर 35 साल के बाद। अंडों (एग) की गुणवत्ता और संख्या में कमी आने लगती है।
  • 40 साल से लेकर मेनोपॉज़ तक: फ़र्टिलिटी की क्षमता में तेज़ी से गिरावट होती है। प्राकृतिक रूप से गर्भ धारण करना संभव तो है, लेकिन इसकी संभावना कम हो जाती है।
  • मेनोपॉज़ के बाद: आमतौर पर 45-55 साल की उम्र के बीच महिलाओं में मेनोपॉज़ होता है और इसके साथ ही प्राकृतिक रूप से गर्भ धारण करने की क्षमता ख़त्म हो जाती है।

मेनोपॉज़ और प्रजनन क्षमता का अंत

मेनोपॉज़ के बाद ओव्यूलेशन (अंडे बनने) की प्रक्रिया बंद हो जाती है, जिससे प्राकृतिक रूप से गर्भ धारण करना असंभव हो जाता है। हालांकि, इस उम्र के बाद भी महिलाएं डोनर एग्स या सरोगेसी की मदद से मां बन सकती हैं।

हार्मोनल थेरेपी और फ़र्टिलिटी प्रिज़र्वेशन

  • हार्मोनल सपोर्ट: मेनोपॉज़ के दौरान गर्भ धारण करने के लिए महिलाएं हार्मोनल ट्रीटमेंट का सहारा ले सकती हैं।
  • एग फ़्रीज़िंग: यह फ़र्टिलिटी प्रिज़र्वेशन का बेहद प्रचलित तरीक़ा है, जिसमें महिलाओं के एग को उनकी बेहतरीन प्रजनन क्षमता वाली उम्र में निकालकर फ़्रीज कर दिया जाता है।

महिलाओं की फ़र्टिलिटी से जुड़े वैज्ञानिक तथ्य

कई वैज्ञानिक शोधों में पता चला है कि महिलाओं में फ़र्टिलिटी की क्षमता उम्र के साथ लगातार कम होती जाती है। ह्यूमन रिप्रोडक्शन जर्नल में छपे एक रिसर्च पेपर में बताया गया कि जन्म के समय लड़कियों की ओवरी में 10 से 20 लाख एग होते हैं। महिलाओं का शरीर अमूमन नए एग नहीं बनाता, इसलिए किशोर अवस्था में पहुंचने तक शरीर में कुल एग का महज़ एक चौथाई ही बाक़ी रह जाता है, जो 37 साल की उम्र तक आते-आते घटकर 25,000 और मेनोपॉज़ तक 1,000 से भी कम रह जाती हैं।

हालांकि, किसी भी महिला को पक्के तौर पर यह पता नहीं होता कि उम्र के किस पड़ाव पर उसके शरीर में कितने एग मौजूद है, लेकिन 37 की उम्र के बाद उनकी फ़र्टिलिटी की क्षमता कम होने लगती है। हालांकि, कुछ नई रिसर्च में पता चला है कि महिलाओं के शरीर में नए एग भी बनते रहते हैं। फिर भी, इस फ़ैक्ट पर सब सहमत हैं कि एग की संख्या बढ़ती उम्र के साथ घटने लगती है।

मां बनने की सही उम्र क्या है?

20 से लेकर 30 और ज़िंदगी के चौथे दशक के शुरुआती कुछ साल प्रजनन के लिए आदर्श उम्र मानी जाती है, क्योंकि इस दौरान एग की गुणवत्ता बेहतर होती है और प्रेगनेंसी से जुड़ी बहुत कम जटिलताएं देखने को मिलती हैं।

महिलाओं की उम्र का बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रभाव

  • युवा उम्र में मां बनने वाली महिलाएं: गर्भपात (मिसकैरेज) और जेनेटिक गड़बड़ियों का जोखिम कम रहता है।
  • ज़्यादा उम्र में मां बनने वाली महिलाएं: डाउन सिंड्रोम जैसी जेनेटिक गड़बड़ियों का जोखिम ज़्यादा रहता है। रेगुलर स्क्रीनिंग और जेनेटिक टेस्टिंग से जोखिम के स्तर को कम किया जा सकता है।

भारत जैसे देशों में आम तौर पर जल्दी मां बनना पसंद किया जाता है। वहीं, पश्चिमी देशों में करियर की प्राथमिकता की वजह से देर से मां बनने का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि, धीरे-धीरे अब यह ट्रेंड भारत में भी देखने को मिल रहा है। महिलाओं के सामने करियर और मदरहुड के बीच का चुनाव एक बेहद जटिल सवाल के रूप में सामने आता है।

क्या 40 साल की उम्र में मां बन सकते हैं?

उम्र और प्रजनन क्षमता का संबंध काफ़ी सीधा है। इसलिए, कई बार 40 की दहलीज़ पार कर चुकी महिलाओं को यह चिंता सताने लगती हैं कि क्या मां बनने का उनका सपना अब पूरी तरह टूट चुका है। हालांकि, मेडिकल साइंस में हुई प्रगति के बाद अब कई विकल्प खुल गए हैं। आईवीएफ़ (इन विट्रो फ़र्टिलाइज़ेशन) और आईसीएसआई (इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन) जैसी तकनीक ने ज़्यादा उम्र में भी प्रजनन को मुमकिन बना दिया है।

गर्भ धारण करने का प्राकृतिक तरीक़ा बनाम आईवीएफ़

  • प्राकृतिक तरीक़ा: 40 साल के बाद सफ़लता की सीमित गुंजाइश क्योंकि एग की संख्या और गुणवत्ता दोनों कम हो जाती हैं।
  • आईवीएफ़: प्राकृतिक तरीक़े की तुलना में क़ामयाबी की ज़्यादा संभावना, ख़ासकर एग अगर डोनेट किया गया हो।
उम्र सफ़लता की दर (प्राकृतिक) सफ़लता की दर (आईवीएफ़
35 से कम ~25% प्रति साइकल ~45%
40-44 ~5% प्रति साइकल ~15%
45 से ज़्यादा <1% ~5% (डोनर एग के साथ और ज़्यादा)

40 के बाद गर्भ धारण करने वाली कई महिलाएं अपनी क्षमता को लेकर परेशान रहती हैं। उन्हें प्रेगनेंसी, डिलिवरी और ज़्यादा उम्र की वजह से बच्चे के लालन-पालन की चिंता होने लगती है। ऐसे में काउंसलिंग के साथ-साथ परिजनों और दोस्तों का भावनात्मक सहयोग काफ़ी मददगार साबित हो सकता है।

क्या 45 की उम्र में मां बन सकते हैं?

चिकित्सा विज्ञान ने कई चमत्कार किए हैं, जिनमें आईयूआई (इंट्रायूटेरिन इनसेमिनेशन), आईवीएफ़ और सरोगेसी प्रमुख हैं। इन तकनीक की मदद से 45 साल से ज़्यादा उम्र की महिलाओं के लिए मां बनना आसान हो गया है। हालांकि, इस दौरान अपने शरीर का ख़ास ख़याल रखना पड़ता है, क्योंकि प्राकृतिक रूप से महिलाओं का शरीर प्रेगनेंसी के लिए बहुत अनुकूल नहीं रह जाता। लेकिन, कुछ ज़रूरी सावधानियां बरतने पर आपका सपना साकार हो सकता है।

लेट प्रेगनेंसी से जुड़े जोखिम और सावधानियां

  • जेस्टेशनल डाइबिटीज़
  • हाइपरटेंशन
  • प्रीटर्म लेबर यानी समय से पहले प्रसव
  • प्लेसेंटा से जुड़ी समस्याएं

हेल्दी प्रेगनेंसी के उपाय

  1. नियमित रूप से हेल्थ चेकअप
  2. फ़ोलिक एसिड, आइरन और कैल्सियम समेत संतुलित आहार
  3. शारीरिक गतिविधियां और मानसिक तनाव को मैनेज करना

फ़र्टिलिटी ऐंड स्टर्लिटी जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक़, डोनर एग का इस्तेमाल करने वाली 45 साल से ज़्यादा उम्र की 50% महिलाएं गर्भ धारण करने में क़ामयाब रहीं। यह रिसर्च गर्भ धारण करने में उम्र से जुड़ी चुनौतियों को पार करने में आधुनिक चिकित्सा तकनीक की भूमिका को ज़ाहिर करता है।

40 या उससे ज़्यादा उम्र में मां बनने के लिए ज़रूरी सावधानियां

  1.     नियमित स्वास्थ्य जांच और प्रेगनेंसी से पहले परामर्श

शरीर के कॉम्प्रिहेंसिव टेस्ट से हाई ब्लड प्रेशर या डाइबिटीज़ जैसी समस्याओं का पता चल जाता है, जो प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में जटिलता पैदा करने वाली बीमारियां हैं।

  1.     फ़ोलिक एसिड और विटामिन सप्लीमेंट का सेवन

फ़ोलिक एसिड न्यूरल ट्यूब में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए ज़रूरी है। वहीं, विटामिन समेत दूसरे सप्लिमेंट मां और भ्रूण की ओवलऑल हेल्थ के लिए फ़ायदेमंद होते हैं।

  1.     ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल की जांच

ज़्यादा उम्र की प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर और जेस्टेशनल डाइबिटीज़ बहुत आम हैं। इसलिए, इन दो चीज़ों की नियमित रूप से जांच ज़रूरी है।

सावधानी वजह
नियमित स्वास्थ्य जांच किसी भी जटिलता का पता लगाने के लिए
पोषण से जुड़े सप्लिमेंट अपने शरीर और भ्रूण के विकास के लिए
स्ट्रेस मैनेजमेंट प्रेगनेंसी को सरल बनाने के लिए

 

उम्रदराज महिलाओं के लिए विशेष गर्भावस्था तकनीक

डोनर एग और सरोगेसी

जिन महिलाओं का ओवेरियन रिज़र्व कम होता है, वे डोनर एग का विकल्प चुन सकती हैं। सरोगेसी उन महिलाओं के लिए बेहतर विकल्प है, जो मेडिकल वजहों से गर्भ धारण नहीं कर सकतीं।

डोनर एग के साथ आईवीएफ़ की सफ़लता दर

उम्र डोनर एग के साथ क़ामयाबी
40 से कम ~60%
40-44 ~55%
45 से ज़्यादा ~50%

 

फ़र्टिलिटी प्रिज़र्वेशन और एग फ़्रीज़िंग

जब आपकी फ़र्टिलिटी की क्षमता ज़्यादा हो, तो उस वक़्त एग को फ़्रीज़ करने से बाद में प्रेगनेंट होना आसान हो जाता है।

जिनेटिक्स की भूमिका

स्टडी के मुताबिक़ जिन महिलाओं के परिवार में देर से गर्भ धारण का इतिहास होता है, प्राकृतिक रूप से ज़्यादा उम्र में उनके गर्भ धारण करने की संभावना भी ज़्यादा होती है।

40 की उम्र के बाद गर्भधारण के फ़ायदे और चुनौतियां

ज़्यादा उम्र की महिलाएं ज़ाहिर तौर पर दुनियादारी को लेकर ज़्यादा समझदार होती हैं। उनके पास एक परिपक्व नज़रिया होता है, लेकिन ज़्यादा उम्र कई चुनौतियां भी लेकर आता है। आइए कम और ज़्यादा उम्र में मां बनने के फ़ायदे और चुनौतियों को इस चार्ट से समझें:

जल्दी या देर से मां बनने के फ़ायदे और नुक़सान

उम्र फ़ायदे नुक़सान
20-30 ज़्यादा ऊर्जा, स्वास्थ्य से जुड़े कम ख़तरे आर्थिक अस्थिरता, करियर में रुकावट
31-40 आर्थिक और भावनात्मक स्तर पर ज़्यादा स्थिरता प्रजनन क्षमता में गिरावट
41 के बाद ज़्यादा मैच्योरिटी और आर्थिक स्तर पर ज़्यादा तैयारी स्वास्थ्य से जुड़ी जटिलताओं का ज़्यादा ख़तरा

 

रिप्रोडक्शन साइंस में इनोवेशन

रिप्रोडक्शन साइंस यानी प्रजनन विज्ञान के क्षेत्र में लगातार विकास हो रहा है। इन दिनों दुनिया में जिन अहम टेक्नोलॉजी और रिसर्च पर काम हो रहा है, आइए उनके बारे में जानते हैं:

  • स्टेम सेल रिसर्च: वैज्ञानिक स्टेम सेल से अंडे बनाने की संभावना का अध्ययन कर रहे हैं। इससे ज़्यादा उम्र में महिलाओं के मां बनने के विकल्प बेहद आसान हो जाएंगे।
  • कृत्रिम गर्भाशय: यह रिसर्च बहुत बड़े बदलाव ला सकता है। इस वक़्त जो महिलाएं प्रेगनेंट नहीं हो सकतीं, इसकी मदद से वे भी अब मां बन सकेंगी।
  • जीन एडिटिंग: सीआरआईएसपीआर जैसे टूल की मदद से ज़्यादा उम्र की प्रेगनेंसी में मौजूद जिनेटिक गड़बड़ियों को ठीक करने की दिशा में काम चल रहा है।

महिलाओं की प्रेगनेंसी में उम्र से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सवाल: क्या 45 साल की उम्र में स्वस्थ रूप से प्रेगनेंसी संभव है?

जवाब: हां, लेकिन इसके लिए अक्सर मेडिकल तकनीक का सहारा लिया जाता है और नियमित निगरानी की ज़रूरत होती है।

सवाल: अब तक दुनिया में अधिकतम कितनी उम्र की महिला ने प्राकृतिक रूप से गर्भधारण किया है?

जवाब: सबसे ज़्यादा 59 साल की उम्र में एक महिला ने बिना किसी मेडिकल सहायता के प्राकृतिक रूप से गर्भधारण किया। यह गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।

सवाल: क्या बड़ी उम्र में मां बनने पर बच्चों में आनुवंशिक समस्याओं का ख़तरा ज़्यादा होता है?

जवाब: हां, ख़ासकर 35 के बाद डाउन सिंड्रोम जैसी आनुवंशिक गड़बड़ियों का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि, एडवांस स्क्रीनिंग और जिनेटिक काउंसलिंग से शुरुआत में ही इसकी पहचान कर इसे मैनेज किया जा सकता है।

सवाल: क्या महिला की डाइट उसकी फ़र्टिलिटी को प्रभावित करती है?

जवाब: बिल्कुल। एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर आहार का असर महिलाओं की फ़र्टिलिटी पर पड़ता है।

 महिलाओं की प्रेगनेंसी में उम्र से जुड़े मिथ्स और फ़ैक्ट्स

मिथ्स फ़ैक्ट्स
महिलाएं 40 साल के बाद गर्भ धारण नहीं कर सकतीं प्राकृतिक रूप से गर्भधारण की संभावना कम होती है, लेकिन यह संभव है
40 साल के बाद की प्रेगनेंसी जोखिम भरी होती है अगर उचित देखभाल और टेस्ट हो, तो जोखिम को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है
आईवीएफ़ किसी भी उम्र में गर्भधारण की गारंटी देता है आईवीएफ़ की क़ामयाबी की दर भी उम्र के साथ घटती जाती है

 

निष्कर्ष

महिलाओं की प्रेगनेंसी का विकल्प अब उम्र की सीमा में बाधा नहीं रह गया है। मेडिकल साइंस में हुई तरक़्क़ी की वजह से दुनिया भर में ऐसे कई मामले सामने आए जब 50 से ज़्यादा उम्र की महिलाएं आईवीएफ़ के ज़रिए मां बनीं। आधुनिक मेडिकल साइंस अब इस दिशा में और बड़े काम करने में जुटा है। लिहाज़ा, स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहकर और डॉक्टर से परामर्श लेकर अब ज़्यादा उम्र की महिलाएं भी मां बन सकती हैं।

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Dr. Nidhi Tripathi

Noida, Uttar Pradesh

Dr. Nidhi Tripathi

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Diploma in Clinical ART (Indian Fertility Society)

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