मिथक तोड़ना: क्या आईयूआई दर्दनाक है?

मिथक तोड़ना: क्या आईयूआई दर्दनाक है?

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Key Takeaways:   

  1. अगर किसी पुरुष का स्पर्म काउंट कम है, स्पर्म एग्स तक नहीं पहुंच पाता है, PCOS या PCOD की समस्या है और सिंगल महिला हैं, तो IUI फर्टिलिटी ट्रीटमेंट बढ़िया विकल्प होता है। 
  2. IUI एक सुरक्षित, किफायती और कम दर्दभरा फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है, जिसमें पुरुष के हेल्दी स्पर्म को महिला के यूट्रस में डाला जाता है। 
  3. हालांकि इस प्रोसेस के बाद पेट या कमर के निचले हिस्से में थोड़ा दर्द होता है। ऐसे में आप कुछ घेरलू उपाय करके राहत पा सकती हैं। 
  4. अगर ट्रीटमेंट के बाद आपकी पेट या पीठ में तेज दर्द बना रहता है, हैवी ब्लीडिंग होती है, तेज फीवर आता है, चक्कर और यूरिन पास करने में तकलीफ होती है, तो आपको तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। 

 

हर शादीशुदा कपल चाहता है कि उसकी अपनी फैमिली हो, उसके घर किलकारी गूंजे। माता-पिता बनने का सपना प्यार, खुशी और उम्मीद के साथ जुड़ा होता है, लेकिन जब स्वाभाविक रूप से प्रेगनेंसी नहीं होती है, तो कई बार मन टूट सा जाता है। ऐसे समय में मॉर्डन फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स IUI, IVF आपके सपने को साकार बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। वहीं, IUI ट्रीटमेंट एक किफायती और कम दर्दभरा है, जिसकी मदद से कपल्स मां-बाप बन सकते हैं। 

IUI के प्रोसेस में डॉक्टर पुरुष के हेल्दी स्पर्म को डायरेक्ट महिला की बच्चेदानी में डालते हैं, ताकि स्पर्म एग तक जल्दी से पहुंच जाए और प्रेगनेंसी की संभावना बढ़ सके। कई बार मन से सवाल आता है कि क्या IUI प्रक्रिया दर्दनाक होती है? तो आइए इस सवाल का जवाब बिड़ला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ की स्त्री रोग विशेषज्ञ से जानते हैं।  

आईयूआई प्रक्रिया क्या होती है?

IUI(इंट्रा यूटेराईन इन्सेमिनेशन) एक सुरक्षित और किफायती फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है, जिसका इस्तेमाल उन कपल्स द्वारा किया जाता है, जो प्राकृतिक रूप से प्रेगनेंट नहीं हो पा रहे हैं। इस प्रोसेस में पुरुष के हेल्दी स्पर्म को महिला की यूट्रस में सीधा डाला जाता है, ताकि वह एग के करीब पहुंच सके और प्रेगनेंसी की संभावना बढ़ जाए। IUI आमतौर पर महिला के ओव्यूलेशन के समय किया जाता है ताकि जब एग यूट्रस में हो, तब अधिक एक्टिव स्पर्म वहां पहुंच सके। यह प्रोसेस तेज, दर्दरहित और कुछ ही मिनटों में पूरा हो जाता है और इसे क्लीनिक में किया जाता है। 

 

IUI उन कपल्स के लिए बढ़िया ऑप्शन है, जो महंगे और दर्दनाक ट्रीटमेंट को नहीं करवाना चाहते हैं और उनके पास ज्यादा बजट भी नहीं है। IUI IVF की तुलना में कम खर्चीला, कम दर्दनाक होता है। 

 

आमतौर पर IUI फर्टिलिटी ट्रीटमेंट उन कपल्स के लिए फायदेमंद होता है, जहां पुरुष के पास स्पर्म काउंट कम होता है, मेडिकल टेस्ट में इनफर्टिलिटी का पता नहीं चल पाता है, जिनमें सर्वाइकल म्यूकस (Cervical mucus) की समस्या होती है और जिन्हें PCOS/PCOD जैसी समस्या होती है। इसके अलावा, समलैंगिक और सिंगल महिलाएं भी IUI के जरिए प्रेगनेंट हो सकती हैं। 

 

IUI के जोखिम और साइड इफेक्ट 

IUI(इंट्रा यूटेराईन इन्सेमिनेशन) एक आसान और सुरक्षित फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है और इसमें कोई बड़ा जोखिम नहीं होता है। लेकिन IUI के जोखिम और साइड इफेक्ट (IUI treatment side effects in Hindi) भी हैं, जिनके बारे में आपको पता होना जरूरी है। 

1. हल्की ऐंठन या स्पॉटिंग

IUI के बाद पेट दर्द और ऐंठन महसूस हो सकती है। साथ ही कभी-कभी हल्की ब्लीडिंग आ सकती है, जो आमतौर पर 1-2 दिन में बंद हो जाती है। 

 

2. इन्फेक्शन का हल्का खतरा

इस प्रोसेस में एक पतली ट्यूब ओवरी के अंदर डाली जाती है, तो बहुत कम ही महिलाओं में वेजाइनल (योनि में संक्रमण) या यूट्राइन इंफेक्शन (uterine infection) का खतरा होता है। 

 

4. ओवेरियन हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम (OHSS)

इस IUI प्रोसेस में आपकी ओवरी ने दवाओं की वजह से ढेर सारे अंडे बना दिए होते हैं, इससे ओवरी में सूजन, दर्द जैसी समस्या हो सकती हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर आपको तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ या अपनी गायनोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। 

 

आईयूआई के बाद कमर और पेट दर्द क्यों होता है?

IUI के बाद कमर दर्द  या पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द महसूस होता है। कमर दर्द होने के पीछे का कारण कुछ इस प्रकार है।

 

1. कैथेटर डालने से हल्की जलन या ऐंठन

आईयूआई प्रक्रिया के दौरान एक पतली ट्यूब जिसे कैथेटर कहा जाता है, उसे वजाइना के जरिए यूट्रस तक पहुंचाया जाता है। इसमें थोड़ी जलन और कैम्पिंग हो सकती है और यह दर्द 1-2 दिन तक बना रह सकता है। 

 

2. हार्मोन की दवाओं का असर

IUI प्रोसेस के पहले या बाद में महिलाओं को प्रोजेस्टेरोन जैसी दवाओं का सेवन करना पड़ता है, ताकि शरीर प्रेगनेंसी के लिए तैयार हो सके। ये दवाएं महिला के शरीर में सूजन, हल्की ऐंठन और पीठ के निचले हिस्से में भारीपन पैदा कर सकती हैं। 

 

3. ओव्यूलेशन को उत्तेजित करने वाली दवाएं

IUI से पहले महिलाओं को दवाएं दी जाती हैं, जिससे ओवरी ज्यादा एग्स बना पाए। इस वजह से ओवरी थोड़ी बड़ी और सूजी हुई महसूस हो सकती है, जिससे पेट और पीठ के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। इसे माइल्ड ओवेरियन हाइपरस्टिम्युलेशन कहते हैं।

 

4. इम्प्लांटेशन के समय हल्का दर्द (Implantation Cramps)

IUI प्रोसेस के 6 से 12 दिन बाद, अगर एग फर्टिलाइज हो गया है और वह यूट्रस की परत पर चिपक रहा है, तो कुछ महिलाओं को पेट और कमर में दर्द महसूस हो सकता है। 

 

दर्द कब सामान्य है और कब गंभीर?

IUI यानी Intrauterine Insemination प्रोसेस के बाद महिलाएं अपनी शरीर में कुछ बदलाव महसूस करती हैं। कुछ महिलाओं को हल्का दर्द, ऐंठन और भारीपन महसूस होता है। लेकिन कुछ लक्षण ऐसे भी हो सकते हैं जिन पर ध्यान देना जरूरी बन जाता है। जैसे कि-

  • पेट में तेज दर्द और ऐंठन महसूस हो रही है।
  • ज्यादा ब्लीडिंग होने पर
  • तेज बुखार और थकावट होने पर
  • चक्कर आने, सांस लेने में परेशानी और यूरिन पास करने में तकलीफ होने पर आपको तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

 

आईयूआई के बाद दर्द से राहत पाने के घरेलू उपाय

IUI(इंट्रा यूटेराईन इन्सेमिनेशन) प्रक्रिया के बाद महिलाओं को कुछ घरेलू उपाय करने चाहिए ताकि आपको दर्द और ऐंठन से आराम मिल सके। 

  1. फर्टिलिटी प्रोसेस के बाद महिलाओं को कुछ घंटे आराम करना चाहिए। 
  2. घर के भारी-भरकम काम करने से बचना चाहिए। 
  3. पेट और पीठे के निचले हिस्से पर हॉट वाटर बैग या हीटिंग पैड का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे दर्द और ऐंठन में आराम मिल सकती है।
  4. दिन में आपको करीब 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए और खाने में दाल, सूप और उबली सब्जियां खानी चाहिए। 
  5. IUI प्रोसेस के 1-2 दिन बाद जब आपको ठीक लग रहा हो, तो आपको हल्का योग और एक्सरसाइज करनी चाहिए।
  6. अगर आपको दर्द ज्यादा हो रहा है, तो आप डॉक्टर की सलाह पर पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन जैसी दवाएं ले सकते हैं।
  7. फर्टिलिटी प्रोसेस के बाद आपको टाइट जीन्स या कपड़े पहनने से बचना चाहिए।

 

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

आईयूआई (IUI) प्रोसेस के बाद कई बार महिलाओं को हल्का दर्द और ऐंठन महसूस हो सकती है। लेकिन कुछ गंभीर स्थितियों में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

  • अगर आपके पेट या पीठ में ज्यादा दर्द हो रहा है और आपसे सहन नहीं हो रहा है। 
  • आपको बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है और क्लॉट्स आ रहे हैं। 
  • IUI प्रोसेस के बाद अगर आपको फीवर आ रहा है, ठंड लग रही है और उल्टी जैसा बार-बार महसूस हो रहा है। 
  • अगर आपको चक्कर और कमजोर लग रही है और यूरिन पास करने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है।
  • अगर आपका पेट ज्यादा फूल रहा है और सांस लेने में दिक्कत हो रही है।

 

निष्कर्ष

अगर किसी कपल के लिए स्वाभाविक रूप से प्रेगनेंट होना संभव नहीं हो पा रहा है, तो वे मॉर्डन फर्टिलिटी ट्रीटमेंट IUI (इंट्रायूटेराइन इनसेमिनेशन) के जरिए माता-पिता बन सकते हैं। अगर आप सही समय पर डॉक्टर से सलाह लेकर सही इलाज शुरू कर देते हैं, तो आप IUI से प्रेगनेंट हो सकती हैं।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर

आईयूआई के बाद पेट में दर्द होना सामान्य है क्या?

हां, IUI (इंट्रायूटेराइन इनसेमिनेशन) के बाद पेट में दर्द  होना नॉर्मल है, क्योंकि इसमें स्पर्म को सीधे यूट्रस में डाला जाता है, जिससे यूट्रस के आसपास थोड़ी जलन हो सकती है। 

 

आईयूआई के बाद कमर दर्द कब तक रहता है?

IUI के करीब 3 दिन बाद तक पीठ के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है और यह 14 दिन के आसपास तक बना रह सकता है। 

 

क्या आईयूआई के बाद पेट दर्द गर्भधारण का संकेत हो सकता है?

हां, IUI के बाद पेट में दर्द होना प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है। आपको 14 दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कराना चाहिए। 

 

आईयूआई के बाद क्या भारी काम या झुकना सही है?

IUI (इंट्रायूटेराइन इनसेमिनेशन) के बाद भारी काम और झुकने से बचने की डॉक्टर सलाह देते हैं। 

 

आईयूआई के बाद कौन से लक्षण चिंता का कारण हो सकते हैं?

अगर आईयूआई के बाद आपके पेट और पीठ में तेज दर्द, ज्यादा ब्लीडिंग, तेज बुखार और ज्यादा वजाइनल  डिस्चार्ज हो रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। 

 

आईयूआई के बाद दर्द से राहत पाने के लिए क्या करें?

आईयूआई के बाद दर्द से आराम पाने के लिए आपको आराम करना, हीटिंग पैड से सिंकाई करना और हाइड्रेटेड रहना जरूरी होता है। 

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