Trust img
पीरियड्स में खून के थक्के(Menstrual Clots): लक्षण, कारण और इलाज

पीरियड्स में खून के थक्के(Menstrual Clots): लक्षण, कारण और इलाज

Dr. Rakhi Goyal
Dr. Rakhi Goyal

MBBS, MD (Obstetrics and Gynaecology)

23+ Years of experience

महिलाओं में होने वाली एक नेचुरल प्रक्रिया है पीरियड का आना, जो आमतौर पर महीने में एक बार होता है। कई बार कुछ कारणों से, पीरियड्स में होने वाली ब्लीडिंग में खून के थक्के यानी क्लॉट्स आने लगते हैं, जिसके बारे में हम नीचे विस्तार से चर्चा करेंगे।

पीरियड्स के दौरान बच्चेदानी (यूट्रस) के अंदर से रक्त और उत्तक – योनि से बाहर निकलते हैं। पीरियड्स के दौरान तीन से सात दिनों तक ब्लीडिंग होती है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह दो दिन तो कुछ में आठ दिनों तक हो सकती है। अगर आप पीरियड्स के बारे में जानना चाहते हैं तो यह ब्लॉग “पीरियड्स क्या है और कब शुरू होता है?” को अवश्य पढ़ें।

पीरियड्स में खून के थक्के

बच्चेदानी की एंडोमेट्रियम लाइन टूटने पर होने वाली ब्लीडिंग को पीरियड्स कहते हैं। हालाँकि, कई बार ब्लीडिंग में क्लॉट्स यानी खून के थक्के भी दिखाई देते हैं। इन क्लॉट्स को मेडिकल भाषा में मेंस्ट्रुअल क्लॉट कहते हैं जो देखने में जमे हुए खून, टिशू और जेल की बूंदों की तरह होते हैं।

पीरियड्स में खून के थक्के के लक्षण

पीरियड्स के दौरान ब्लड में छोटे थक्के आना सामान्य है, लेकिन बड़े थक्के या अन्य लक्षण अंतर्निहित स्थिति का संकेत हो सकते हैं। पीरियड्स में खून के थक्के (Blood Clots in Periods) के लक्षणों में निम्न शामिल हैं:

  1. आकार: अगर खून के थक्के का आकार एक चौथाई से अधिक बड़े या अस्थायी सिक्के के आकार का है तो इसका मतलब यह हुआ कि आपको कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या है।
  2. हेवी ब्लीडिंग: पीरियड्स के दौरान हेवी ब्लीडिंग होना या लगातार कई घंटों तक हर 1-2 घंटे में पैड या टैम्पोन बदलने की आवश्यकता होना।
  3. दर्द: पीरियड्स में खून के थक्के आने पर आपको गंभीर ऐंठन या दर्द होता है जो ओवर-द-काउंटर दर्द दवा से दूर नहीं होता है।

इन सबके अलावा, कमजोरी और सुस्ती महसूस करना, सांस लेने में तकलीफ होना या इर्रेगुलर पीरियड्स आदि।

पीरियड्स में खून के थक्के क्यों आते हैं?

आमतौर पर पीरियड्स के दौरान खून के थक्के आना सामान्य है और यह शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया है। जब पीरियड्स के दौरान जब हेवी ब्लीडिंग होती है, तो प्लेटलेट्स और कुछ केमिकल्स मिलकर “क्लॉटिंग कैस्केड” प्रक्रिया शुरू करते हैं। इस प्रक्रिया के तहत, फाइब्रिन नामक एक जाली जैसी संरचना बनती है जो थक्का बनाने में मदद करती है। इसके साथ ही, पीरियड्स के दौरान जैसे ही बच्चेदानी की परत (एंडोमेट्रियम) अलग होकर रक्त और टिशू के रूप में बाहर निकलती है, जो कभी-कभी थक्के के रूप में दिखाई देती है।

पीरियड में खून के थक्के आने के कारण:

  1. बच्चेदानी की दीवार पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ने से पीरियड्स में हेवी ब्लीडिंग होती है और उसमें ब्लड क्लॉट्स आने लगते हैं।
  2. फाइब्रॉइड्स भी पीरियड्स के दौरान हेवी ब्लीडिंग और ब्लड क्लॉट्स का कारण बन सकता है। फाइब्रॉइड्स एक नॉन-कैंसर ट्यूमर है।
  3. अगर आपको एंडोमेट्रियसिस की समस्या है तो पीरियड्स के दौरान आप हेवी ब्लीडिंग और क्लॉट्स अनुभव कर सकती हैं।
  4. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में असंतुलन होने कारण अधिक ब्लीडिंग होने लगती है और साथ ही खून के थक्के भी आने लगते हैं।

इन सबके अलावा, जब किसी महिला को गर्भपात यानी मिसकैरेज होता है तो वेजाइनल डिस्चार्ज के दौरान हेवी ब्लीडिंग के साथ-साथ क्लॉट्स भी आते हैं।

पीरियड में खून के थक्के का इलाज

पीरियड्स में खून के थक्के आने का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। अगर इसका कारण हार्मोनल असंतुलन होता है तो उपचार के लिए दवा या बर्थ कंट्रोल पिल्स का सुझाव दिया जाता है। कई बार इसके कारण उत्पन्न गंभीर लक्षणों जैसे कि दर्द, ऐंठन या अन्य असुविधाओं को दूर करने के लिए नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स निर्धारित किए जाते हैं।

जब गर्भपात के कारण हेवी ब्लीडिंग और क्लॉटिंग की समस्या पैदा होती है तो ऐसे मामलों में डाइलेशन एंड क्युरेटिज (डी एंड सी) प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही, फाइब्रॉइड्स होने पर लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाती है, लेकिन कुछ मामलों में स्थिति गंभीर होने पर हिस्टेरेक्टॉमी भी करनी पड़ सकती है।

पीरियड में कितने थक्के आना सामान्य होता है

पीरियड्स में आमतौर पर मटर के दाने के बराबर या उससे थोड़े बड़े थक्के आना सामान्य माना जाता है। इन थक्कों की बनावट जेल जैस होती है और ये दिखने में गहरा लाल या चमकीला रंग के होते हैं। हालांकि, अगर आपको ये थक्के बड़े और ज़्यादा मात्रा में आ रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

सामान्य तौर पर, पीरियड्स के दौरान 80 मिलीलीटर तक खून आना सामान्य माना जाता है। हेवी ब्लीडिंग होने पर यह मात्रा बढ़ सकती है। ऐसी स्थिति में आपको जल्द से जल्द स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।

साथ ही, अगर आप निम्न को अनुभव करती हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलने का सुझाव दिया जाता है:

  • अगर थक्के नियमित रूप से आते हैं
  • अगर थक्कों का आकार सामान्य से बड़ा है (अंगूर के आकर से बड़े)
  • अगर आपको हर घंटे पैड या टैम्पोन बदलना पड़ता है
  • अगर थक्के गहरे मरून या काले रंग के हैं
  • अगर पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द होता है
  • अगर आपको पीरियड्स के दौरान गंध आती है

पीरियड में खून के थक्के को रोकने के उपाय

पीरियड्स के दौरान खून के थक्के को रोकने के लिए आप कुछ ख़ास घरेलू उपायों को आजमा सकते हैं जिसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हैं:

  1. आइस पैक का इस्तेमाल करें: पेट के निचले हिस्से या पेल्विक एरिया पर आइस पैक लगाने से रक्त वाहिकाएं संकुचित होती हैं और रक्त के थक्के कम निकलते हैं।
  2. रस्बेरी की पत्ती की चाय पिएं: रस्बेरी की पत्ती की चाय पीने से भी पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लड क्लॉटिंग की समस्या में आराम मिलता है।
  3. मसाज करें: मसाज करने से यूट्रस में ब्लड फ़्लो बेहतर होता है जिससे पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन से आराम मिलता है। साथ ही, थक्कों का खतरा कम होता है।
  4. विटामिन लें: विटामिन ए, बी, डी और सी जैसे विटामिन खून के थक्कों को कम करने में मदद करते हैं। इनके श्रोतों को अपनी डाइट में शामिल करें।
  5. भरपूर पानी पिएं: भरपूर पानी पीने से रक्त पतला होता है और शरीर के लिए थक्के निकालना आसान हो जाता है। खुद हो हमेशा हाइड्रेट रखने की कोशिश करें।
  6. इबुप्रोफ़ेन जैसी दवा लें: इबुप्रोफ़ेन जैसी नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ़्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) पीरियड्स के दर्द और रक्तस्राव को कम करने में मदद कर सकती हैं।

साथ ही, किसी भी घरेलू नुस्खों या दवाओं का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर की राय अवश्य लें। वे आपकी ख़ास ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए बेहतर सुझाव देंगे।

Our Fertility Specialists

Dr. Aaheli Maiti

Kolkata New Town, West Bengal

Dr. Aaheli Maiti

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology)

2+
Years of experience: 
  
  Number of cycles: 
View Profile
Dr. Anjali Chauhan

Lajpat Nagar, Delhi

Dr. Anjali Chauhan

MBBS, MS, DNB, FRM - DCR (Obstetrics & Gynaecology)

8+
Years of experience: 
  350+
  Number of cycles: 
View Profile
Dr. Akriti Gupta

Gorakhpur, Uttar Pradesh

Dr. Akriti Gupta

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology)

10+
Years of experience: 
  2000+
  Number of cycles: 
View Profile
Dr. Ankur Pandey

Allahabad, Uttar Pradesh

Dr. Ankur Pandey

MBBS, DGO, DNB

8+
Years of experience: 
  100+
  Number of cycles: 
View Profile
Dr. Rakhi Goyal

Chandigarh

Dr. Rakhi Goyal

MBBS, MD (Obstetrics and Gynaecology)

23+
Years of experience: 
  4000+
  Number of cycles: 
View Profile

To know more

Birla Fertility & IVF aims at transforming the future of fertility globally, through outstanding clinical outcomes, research, innovation and compassionate care.

Need Help?

Talk to our fertility experts

Had an IVF Failure?

Talk to our fertility experts