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पीसीओएस में प्रेगनेंसी हो सकती है? Kya PCOS mein pregnancy ho sakti hai

पीसीओएस में प्रेगनेंसी हो सकती है? Kya PCOS mein pregnancy ho sakti hai

Dr. Rakhi Goyal
Dr. Rakhi Goyal

MBBS, MD (Obstetrics and Gynaecology)

23+ Years of experience

Table of Contents

Key Takeaways-

1. आज के समय में आधे से ज्यादा महिलाओं को PCOD/PCOS की समस्या बनी हुई है।

2. PCOD में ओवरी एग समय पर रिलीज नहीं करती है और जिससे ओव्यूलेशन नहीं हो पाता है। ओव्यूलेशन नहीं होने की वजह से प्रेगनेंसी में दिक्कत आती है, लेकिन असंभव नहीं है।

3. PCOD में प्रेगनेंसी संभव हो सकती है और इसके लिए आप दवाओं, सही लाइफस्टाइल और Assisted Reproductive Techniques जैसे IVF, IUI की मदद से प्रेगनेंट हो सकती हैं।

4. हालांकि PCOD में ओव्यूलेशन इरेगुलर होता है इसलिए आपको सही समय पर प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए और अगर पुष्टि नहीं हो पा रही है तो हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से संर्पक कर सकती हैं।

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में खराब खानपान और व्यस्त जीवनशैली की वजह से महिलाओं में PCOD(पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज) या PCOS(पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) जैसी जटिल हार्मोनल समस्या काफी आम हो चुकी है। ये समस्याएं आपको हर दूसरी महिला में मिल सकती हैं, लेकिन इसका असर महिलाओं की फर्टिलिटी पर ज्यादा पड़ता है। PCOD या PCOS दोनों मुख्य रूप से महिलाओं की ओवरी और पीरियड साइकिल से जुड़े हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन को प्रभावित करते हैं, जिसकी वजह से महिलाओं को इरेगुलर पीरियड्स, चेहरे पर अनचाहे बाल, मुंहासे और प्रेगनेंसी में दिक्कत जैसी गंभीर समस्याओं का सामान करना पड़ता है।

अधिकतर महिलाओं को लगता है कि PCOS या PCOD की वजह से वह नॉर्मल तरीके से प्रेगनेंट नहीं हो सकती हैं? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ की स्त्री रोग विशेषज्ञ से बातचीत की और उन्होंने बताया कि सही समय पर इलाज और सही दिशा में किए गए प्रयासों से महिलाएं आराम से प्रेगनेंट हो सकती हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया है कि पीसीओडी में प्रेग्नेंसी कैसे संभव होती है, इसके शुरुआती लक्षण क्या हो सकते हैं, कब और कैसे प्रेग्नेंसी टेस्ट करना चाहिए और किन तरीकों से प्रेगनेंसी की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।

पीसीओडी क्या है?

आजकल 15 से 45 साल की उम्र के बीच महिलाओं को PCOD(Polycystic Ovarian Disease)जैसी आम समस्या हो रही है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में करीबन हर 3 में से 1 महिला पीसीओडी से जूझ रही है। PCOD की समस्या तब होती है जब महिला की ओवरी में एग्स समय पर नहीं बन पाते हैं। इसका असर उसके पीरियड्स पर भी पड़ता है और वह इरेगुलर हो जाते हैं। वहीं, समय पर एग्स नहीं बनने की वजह से कुछ एग्स ओवरी में ही रह जाते हैं और ये एग्स धीरे-धीरे सिस्ट का रूप ले लेते हैं। इससे ओवरी में सूजन आ सकती है और उसका साइज बड़ा हो सकता है। पीसीओडी की स्थिति में महिलाओं के शरीर के अंदर पुरुष हार्मोन यानी एंड्रोजन ज्यादा बनन लगते हैं, जिसकी वजह शरीर और चेहर पर बाल उगने लगते हैं। अगर आपको लंबे समय तक इरेगुलर पीरियड्स की समस्या दिखाई दे रही है, तो आपको हमारे स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

क्या PCOD होने पर प्रेग्नेंसी संभव है?

जी हां, पीसीओडी होने के बावजूद भी महिलाएं मां बन सकती हैं। लेकिन इसमें थोड़ा ज्यादा टाइम लग सकता है और कई बार प्रेगनेंसी के लिए डॉक्टर और सही इलाज की जरूरत भी पड़ सकती है। वहीं, जब किसी महिला को PCOD होता है, तो उसकी ओवरी हर महीने नॉर्मल एग रिलीज नहीं करती है, जिसकी वजह से समय पर ओव्यूलेशन नहीं हो पाता है और प्रेगनेंसी में दिक्कतें आने लगती हैं। इसी वजह से पीसीओडी वाली महिलाओं को यह पता लगाना भी कठिन होता है कि उनका फर्टाइल समय कब है। लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं है। आज के समय में IVF या IUI जैसे इलाज से कई महिलाएं सफलतापूर्वक प्रेगनेंट हो रही हैं।

PCOD में प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण

आमतौर पर जिन महिलाओं को PCOD की समस्या होती है, तो उनके पीरियड्स इरेगुलर होते हैं। इसलिए जब वह प्रेगनेंट होती हैं, तो शुरुआती लक्षण उन्हें समझ नहीं आते हैं। इसलिए हम आपको प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं।

पीरियड्स रुकना या देर से आना

PCOD में पीरियड्स इरेगुलर होते हैं लेकिन पूरी तरह से बंद नहीं होते हैं। अगर आपको कई महीनों तक पीरियड्स नहीं आ रहे हैं, तो यह संकेत प्रेगनेंसी के हो सकते हैं।

बहुत ज्यादा थकान या नींद आना

अगर आपको बिना ज्यादा काम किए ही थकान महसूस होती है और दिनभर सुस्ती बनी रहती है, तो यह प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।

हल्का पेट दर्द या ऐंठन

पीरियड्स से पहले पेट और पीठ में दर्द काफी बना रहता है, लेकिन साइकिल खत्म होने के बाद आराम मिल जाती है। वहीं अगर आपको महीनों पेट में ऐंठन बनी रहती है, तो यह प्रेगनेंसी की शुरुआत हो सकती है।

ब्रेस्ट में हल्की सूजन या दर्द

अगर आपके ब्रेस्ट नरम, भारी और दर्दभरे बने रहते हैं, तो यह प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।

PCOD में प्रेगनेंसी टेस्ट कब और कैसे करें?

अगर आपको PCOD की समस्या है, तो आपके लिए प्रेगनेंसी टेस्ट का सही समय और तरीका जानना जरूरी है।

अगर आप मां बनने का ट्राय कर रही हैं, तो आपको यह जानना जरूरी है कि ओव्यूलेशन कब हुआ था। ओव्यूलेशन को ट्रैक करने के लिए आप ओव्यूलेशन किट (Ovulation Test Kit) का इस्तेमाल कर सकती हैं, जिससे एग निकलने का समय पता चल सकता है।

आप ओव्यूलेशन के करीब 10-11 दिन बाद घर पर Urine Pregnancy Test (UPT) टेस्ट कर सकती हैं। अगर टेस्ट निगेटिव आता है, लेकिन पीरियड्स नहीं आए हैं, तो आप दुबारा 3-4 दिन बाद वापस से प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं।

प्रेग्नेंसी टेस्ट कैसे करें?

आजकल मार्केट में प्रेगनेंसी टेस्ट किट (Urine Pregnancy Test) आराम से मिल जाती है। आपको सुबह पहली यूरिन से प्रेगनेंसी को चेक करना होता है। आपको किट के ऊपर यूरिन की 2 बूंद डालनी होती है और अगर हल्की लाइन दिखाई देती है, तो उसे पॉजिटिव माना जाता है।

अगर आपको प्रेगनेंसी किट से प्रेगनेंट होने का पता नहीं चल पा रहा है, तो आप स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करके Beta HCG टेस्ट करवा सकती हैं। यह टेस्ट खून में प्रेगनेंसी हार्मोन (Pregnancy Hormone) की मात्रा को बताने में मदद करता है। इसके अलावा, आप प्रेगनेंसी का पता लगाने के लिए 6 से 8 हफ्ते के बीच डॉक्टर से सलाह लेकर ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड करवा सकती हैं। इससे पता चलता है कि गर्भ सही जगह पर है या नहीं, बच्चे के दिल की धड़कन शुरू हुई है या नहीं और प्रेगनेंसी को कितने हफ्ते हो चुके हैं।

किन उपायों से प्रेगनेंसी की संभावना बढ़ाई जा सकती है?

PCOD होने पर भी महिलाए मां बन सकती हैं। लेकिन, प्रेगनेंसी थोड़ी कठिनाई भरी हो सकती है। इसलिए आपको अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरूरी है।

वजन थोड़ा कम करें

अगर आपका वजन PCOD की वजह से ज्यादा हो गया है, तो आपको प्रेगनेंसी के लिए अपना वजन कम करना होगा, ताकि आपके हार्मोन संतुलित बन रहें और ओव्यूलेशन शुरू हो सके।

सही खान-पान अपनाएं

प्रेगनेंसी के लिए PCOD वाली महिलाओं को कम शुगर और लो-ग्लाइसेमिक डाइट लेनी चाहिए।

रोजाना थोड़ा-सा व्यायाम करें

आपको हर दिन 30-45 मिनट तक वॉक, योगा और एक्सरसाइज करनी चाहिए, ताकि इंसुलिन कंट्रोल में किया जा सके और हार्मोन में सुधार हो सके।

स्ट्रेस से दूर रहें

PCOD से पीड़ित महिलाओं को स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए। स्ट्रेस कम करने के लिए योगा, मेडिटेशन और एक्सरसाइज करनी चाहिए।

नींद और आदतों में सुधार

आपको हर दिन 7-9 घंटे की नींद लेनी चाहिए और स्मोकिंग-अल्कोहल से बचना चाहिए। ये सभी चीजें फर्टिलिटी को प्रभावित करती हैं।

दवाओं से ओव्यूलेशन कराना

आप डॉक्टर की सलाह पर कुछ दवाएं ले सकती हैं, जो एग बनने और ओव्यूलेशन प्रोसेस को शुरू करने में मदद करती हैं। इसके लिए आप लेट्रोजोल (Letrozole), क्लोमिड (Clomiphene) और मेटफॉर्मिन (Metformin)जैसी दवाओं का सेवन कर सकती हैं।

मॉर्डन इलाज के जरिए

  • IUI (Intrauterine Insemination) में एग के पास स्पर्म को डाला जाता है।
  • IVF (In Vitro Fertilization) में एग और स्पर्म को लैब में मिलाकर फिर ओवरी में डाला जाता है।
  • Laparoscopic Ovarian Drilling एक ऐसी सर्जरी है, जिसमें ओव्यूलेशन को बेहतर बनाया जा सकता है।

डॉक्टर की सलाह कब जरूरी होती है?

अगर आपको PCOD की प्रॉब्लम है और आप प्रेगनेंट होना चाहती हैं, तो आपको समय रहते स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए। समय रहते डॉक्टर से मिलने पर आपकी प्रेगनेंसी के सफर को आसान बनाया जा सकता है। कुछ ऐसी सिचुएशन्स हैं, जब आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।

  • अगर आप सालभर से प्रेगनेंट होने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन सफल नहीं हो पा रही हैं, तो आप हमारे फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर से मिलकर सलाह ले सकती हैं।
  • अगर लाइफस्टाइल में बदलाव के बाद भी PCOD कंट्रोल नहीं हो पा रहा है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • अगर आप दवाओं और IUI, IVF के जरिए प्रेगनेंट होने का सोच रही हैं, तो आपको मेडिकल ट्रीटमेंट्स के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
  • यदि आपको PCOD की वजह से प्रेगनेंसी में कुछ गंभीर परेशानी हो रही है, जैसे कि ब्लड शुगर बढ़ना, बीपी बढ़ना, पुरुष हार्मोन (एंड्रोजन) का लेवल बहुत ज्यादा हो जाना, तो आपको अपनी गायनोलॉजिस्ट से बात करनी चाहिए।

निष्कर्ष

हार्मोन असंतुलन की वजह से महिलाओं में PCOD की समस्या आम होती है, लेकिन इससे आपकी प्रेगनेंसी प्रभावित नहीं होती है। अगर आप सही समय पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलती हैं और उनकी सलाह पर सही इलाज शुरू कर देती हैं, तो आपके प्रेगनेंसी के चांसेज काफी बढ़ सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर

PCOD के साथ प्रेगनेंट होने की सबसे अच्छी उम्र क्या है?

PCOD के साथ प्रेगनेंसी की सबसे अच्छी उम्र 30 साल से पहले की होती है।

क्या PCOD के साथ प्रेगनेंट होना मुश्किल है?

हां, पीसीओडी में प्रेगनेंट होना मुश्किलभरा होता है लेकिन असंभव नहीं होता है।

PCOD के साथ प्रेगनेंसी की सफलता दर क्या है?

PCOD में प्रेगनेंसी की सफलता दर उम्र, लक्षण और लाइफस्टाइल पर निर्भर करती है।

पीसीओडी में प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए?

ओव्यूलेशन के लगभग 10 से 14 दिन के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कराने पर सटीक रिजल्ट मिल सकता है।

पीरियड मिस होने के 5 दिन बाद भी प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव आए तो क्या समझे?

पीरियड मिस होने के 5 दिन बाद में अगर प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव आता है, तो उस समय शरीर के अंदर हो सकता है कि HCG यानी ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन का स्तर टेस्ट के लिए पर्याप्त नहीं हो। इसलिए आपको 1 हफ्ते के बाद दोबारा प्रेगनेंसी टेस्ट करवाना चाहिए और स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

PCOD को ठीक होने में कितने महीने लगते हैं?

अगर आप लाइफस्टाइल में बदलाव करती हैं, रोजाना एक्सरसाइज और दवाओं का इस्तेमाल करती हैं, तो पीसीओडी को काबू में किया जा सकता है। लेकिन आपको सुधार 6 से 12 महीनेों में दिखाई देगा।

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