प्रेगनेंसी का 8 महीना: लक्षण, शिशु का विकास और ज़रूरी सावधानियां

Dr. Prachi Benara
Dr. Prachi Benara

MBBS (Gold Medalist), MS (OBG), DNB (OBG) PG Diploma in Reproductive and Sexual health

16+ Years of experience
प्रेगनेंसी का 8 महीना: लक्षण, शिशु का विकास और ज़रूरी सावधानियां

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प्रेगनेंसी का आठवां महीना चुनौतिपूर्ण भरा हो सकता है। जैसे-जैसे आप प्रेगनेंसी के अंतिम चरण के क़रीब आती हैं, आपके शिशु का विकास तेज़ी से होने लगता है और आपका शरीर डिलीवरी के लिए ख़ुद को तैयार करने में जुट जाता है। आठवां महीना न सिर्फ़ उत्साह और चुनौतियों का होता है, बल्कि इस समय आपको आने वाले दिनों की तैयारियां भी शुरू करनी होती हैं। वजह साफ़ है – महीने भर बाद आपके घर में किलकारी गूंजने वाली है।

इस लेख में हम शिशु के विकास, आपके शरीर में होने वाले बदलाव, सामान्य लक्षणों, ज़रूरी सावधानियों और मेडिकल सुझावों के बारे में जानेंगे। इसके अलावा, हम प्रेगनेंसी के इस चरण को लेकर मौजूद भ्रांतियों को भी समझने की कोशिश करेंगे और इससे जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के भी जवाब जानेंगे।

प्रेगनेंसी के आठवें महीने में शिशु का विकास

आठवें महीने तक आपका शिशु प्री-टर्म चरण में होता है, लेकिन अब वह बाहरी दुनिया में जीने के लिए लगभग तैयार हो चुका होता है। अगर इस समय डिलीवरी होती है (जिसे मेडिकल भाषा में प्रीमैच्योर बर्थ कहते हैं), तो शिशु को थोड़ी मेडिकल सहायता की ज़रूरत हो सकती है, लेकिन बच्चे के स्वस्थ रहने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है। आइए जानते हैं, इस समय शिशु में क्या-क्या बदलाव होते हैं:

आकार और वजन

शिशु की लंबाई अब लगभग 16 से 18 इंच और वजन 2 से 2.5 किलोग्राम तक हो जाता है। उसके वजन में तेज़ी से बढ़ोतरी होती है और त्वचा के नीचे फ़ैट की परतें जमा हो जाती हैं। इससे जन्म के बाद शरीर का तापमान नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

मस्तिष्क का विकास

शिशु का मस्तिष्क इस महीने तेज़ी से विकसित होता है। नई नर्व कनेक्शन बनने लगती हैं, जो शिशु के सीखने, सोचने और महसूस करने की क्षमता की नींव तैयार करती हैं। मस्तिष्क अब सांस और शरीर के तापमान जैसी ज़रूरी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लायक़ हो जाता है।

फेफड़े और रेसपेरेटरी सिस्टम यानी श्वसन प्रणाली

शिशु के फेफड़े अभी परिपक्व नहीं होते, लेकिन ये लगभग पूरी तरह विकसित होने के क़रीब पहुंच जाते हैं। सांस लेने की प्रक्रिया में मदद करने वाले सर्फ़ैक्टेंट नामक पदार्थ का निर्माण हो रहा होता है। अगर शिशु का जन्म इस समय होता है, तो उसे सांस लेने में थोड़ी सहायता की ज़रूरत पड़ सकती है।

मूवमेंट

यूटरस यानी गर्भाशय में जगह कम होने की वजह से शिशु की हरकतें पहले के मुक़ाबले अब थोड़ी धीमी पड़ सकती है, लेकिन आप अभी भी उसकी लात मारने, पलटने और अन्य गतिविधियों को महसूस कर सकती हैं। चूसने जैसी स्किल उसके भीतर विकसित हो रही होती है, जो बाद के दिनों में स्तनपान के लिए ज़रूरी है।

त्वचा और बाल

शिशु की त्वचा पर मौजूद लैनुगो (नरम बाल) धीरे-धीरे झड़ने लगता है। हालांकि, कुछ बाल जन्म के समय भी शरीर पर मौजूद रह सकते हैं। वर्निक्स केसोसा नामक मोम जैसा पदार्थ डिलीवरी की तैयारी में मोटा होने लगता है। इसका मुख्य काम त्वचा की सुरक्षा करना होता है।

पोज़िशन

आठवें महीने तक ज़्यादातर शिशु का सिर नीचे की तरफ़ आ जाता है, जो डिलीवरी के लिए सबसे उपयुक्त है। अगर आपका शिशु अभी भी उल्टी पोजिशन में है, तो आपका डॉक्टर शिशु को सही पोज़िशन में लाने के विकल्पों के बारे में आपको बता सकता है।

प्रेगनेंसी के आठवें महीने में आपके शरीर में होने वाले बदलाव

आपका शरीर, शिशु के विकास के हिसाब से ढालने के लिए ख़ुद में बदलाव करता रहता है। आठवें महीने में होने वाले बदलावों के हिसाब से ख़ुद को अडजस्ट करना बेहद ज़रूरी है। इसलिए, आइए जानते हैं कि प्रेगनेंसी के आठवें महीने में आपके शरीर में किस तरह के बदलाव होते हैं।

ब्रेक्सटन हिक्स कंट्रैक्शन

इस दौरान ब्रेक्सटन हिक्स कंट्रैक्शन कई बार महसूस हो सकता है। इसे प्रैक्टिस कंट्रैक्शन भी कहा जाता है, क्योंकि ये असल में लेबर पेन जैसा महसूस होता है, लेकिन इसकी तीव्रता उतनी ज़्यादा नहीं होती। इसलिए, कई जानकार इसे लेबर पेन को महसूस करने की प्रैक्टिस की तरह देखते हैं। यह अनियमित और कम दर्द भरा होता हैं और यह यूटरस को डिलीवरी के लिए तैयार करता है।

सांस लेने में तकलीफ

यूटरस यानी गर्भाशय के बढ़ने से डायाफ़्रैम पर दबाव बढ़ता है, जिससे गहरी सांस लेने में तकलीफ़ हो सकती है। इस वजह से आपको रोज़मर्रा के काम करने के दौरान थकान का अनुभव हो सकता है।

सूजन और फ़्लूइड का संचय

इस दौरान टखनों, पैरों और हाथों में हल्की सूजन सामान्य है। ऐसा शरीर में द्रव यानी फ़्लूइड के संचय और रक्त प्रवाह के बढ़ने की वजह से होता है। परेशानी को कम करने के लिए लेटते समय अपने पैरों को ऊंचा रखें और लंबे समय तक खड़े रहने से बचें।

कमर दर्द

शिशु के बढ़ते वजन और हार्मोन में होने वाले बदलावों की वजह से आपकी कमर पर दबाव बढ़ता है। इससे बचने के लिए सपोर्टिंव पिलो (तकिया) का इस्तेमाल करें और सही पोश्चर अपनाएं।

योनि से होने वाले डिसचार्ज में बढ़ोतरी

योनि से होने वाले डिसचार्ज में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इसका मतलब है कि आपका शरीर ख़ुद को डिलीवरी के लिए तैयार कर रहा है। यह बेहद सामान्य लक्षण है। हालांकि, अगर डिसचार्ज में दुर्गंध हो या इस दौरान खुजली और जलन भी महसूस हो, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

पेल्विक में दबाव

आपके शरीर का संतुलन नीचे की तरफ़ झुकता है और इसलिए पेल्विक हिस्से पर दबाव बढ़ जाता है। इस वजह से आपको चलने और बैठने में असुविधा हो सकती है।

प्रेगनेंसी के आठवें महीने के सामान्य लक्षण

लक्षण कारण कैसे मैनेज करें
थकान शिशु के बढ़ते वजन और डिलीवरी के लिए शरीर की अतिरिक्त तैयारी की वजह से आराम करें, पौष्टिक भोजन करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं
सीने में जलन हार्मोन में होने वाले बदलाव की वजह से पेट और एसोफ़ेगस (अन्नप्रणाली) के बीच के वाल्व ढीला पड़ जाते हैं कम मात्रा में ज़्यादा बार भोजन करें, मसालेदार खाना खाने से बचें और खाने के बाद तुरंत न लेटें
कब्ज हार्मोन की वजह से पाचन की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और यूटरस का आंतों पर दबाव बढ़ जाता है फ़ाइबर युक्त भोजन करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं और सक्रिय रहें
अनिद्रा हार्मोनल बदलाव, थकान और शारीरिक असुविधा की वजह से मैटरनिटी पिलो (तकियों) का इस्तेमाल करें, नींद से जुड़े ध्यान तकनीकों का इस्तेमाल करें
बार-बार पेशाब आना यूटरस (गर्भाशय) का ब्लैडर यानी मूत्राशय पर बढ़ते दबाव की वजह से यह सामान्य है। सोने से पहले कैफ़ीन का सेवन करने से पहरेज करने की कोशिश करें

प्रेगनेंसी के आठवें महीने में ये सावधानियां ज़रूर बरतें

आठवां महीना कई मायनों में बेहद अहम और संवेदनशील होता है। इसलिए अपने और अपने बच्चे की सुरक्षा के लिए ये सावधानियां बरतें:

शिशु के मूवमेंट पर नज़र रखें

हर दिन शिशु के मूवमेंट का ध्यान रखें। हरकतों में अगर आपको अचानक कोई कमी महसूस होती है, तो यह किसी समस्या का संकेत हो सकती है। ऐसा होने पर घबराने की ज़रूरत नहीं है। कोई भी परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

नियमित जांच कराएं

इस महीने नियमित रूप से प्रीनेटल टेस्ट कराना ज़रूरी है। इससे डॉक्टर को शिशु की पोज़िशन और उसके विकास को ट्रैक करने में मदद मिलती है और वह आपको सही सलाह दे पाते हैं।

वजन को नियंत्रित रखें

बहुत ज़्यादा वजन बढ़ने से जेस्टेशनल डाइबिटीज़ यानी प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली डाइबिटीज़ या फिर हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसलिए ज़रूरी है कि आहार को आप संतुलित रखें।

प्रीटर्म लेबर के लिए तैयार रहें

मानसिक रूप से प्रीटर्म लेबर के लिए तैयार रहें। इस दौरान नियमित कॉन्ट्रैक्शन या योनि से ब्लीडिंग हो सकता है। इस तरह के लक्षण पाए जाने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

बहुत ज्यादा मेहनत करने से बचें

चलना-फिरना और सक्रिय रहना ज़रूरी है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है कि इस दौरान आपको बहुत ज़्यादा मेहनत से बचना है। अपने शरीर की सुनें और थकान महसूस होने पर आराम करें।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं

शरीर में पानी की कमी होने से समय से पहले कॉन्ट्रैक्शन शुरू हो सकता है। इसलिए शरीर की ज़रूरत के हिसाब से पानी पीएं। आम तौर पर दिन में 8-10 गिलास पानी पर्याप्त होता है।

प्रेगनेंसी के आठवें महीने में डिलीवरी को लेकर ये तैयारियां पहले से कर लें

चूंकि इसके बाद आप प्रेगनेंसी के नौवें और आख़िरी महीने में दाख़िल होने वाली हैं, इसलिए ज़रूरी है कि डिलीवरी को लेकर तैयारियां अभी से शुरू कर दें:

  • बर्थ प्लान बनाएं: डिलीवरी के लिए अपनी प्राथमिकता तय करें और डॉक्टर से सलाह लें कि आपके लिए किस तरह की डिलीवरी सही रहेगी।
  • ज़रूरी सामान की ख़रीदारी करें: जो बैग लेकर आपको हॉस्पिटल जाना है, उसमें आरामदायक कपड़े, टॉयलेटरीज़, बेबी आइटम और ज़रूरी डॉक्यूमेंट इकट्ठा करके रख लें। अगर कोई सामान ख़रीदना है, तो उसके लिए यह सबसे सही समय है।
  • कार सीट इंस्टॉल करें: चूंकि अब जल्द ही आपके घर में किलकारी गूंजने वाली है, इसलिए शिशु की ज़रूरतों का भी ध्यान रखें। अपने शिशु के लिए कार में सही तरीक़े से सीट इंस्टॉल करवा लें।
  • घर में बाक़ी तैयारी करें: अपने बच्चे के सोने की जगह तय करें। उसके कपड़े, डायपर और बाक़ी चीज़ों की सूची बना लें, और घर पर अगर कोई ख़ास डिज़ाइन करवाना है, तो उसके लिए अभी से काम शुरू कर दें।

प्रेगनेंसी के आठवें महीने से जुड़े मिथ्स और फ़ैक्ट्स

मिथ्स फ़ैक्ट्स
आठवें महीने में व्यायाम नहीं करना चाहिए। हल्के व्यायाम जैसे चलना या प्रीनेटल योग करना इस महीने भी फायदेमंद होता है।
आठवें महीने में जन्मे बच्चे कमज़ोर होते हैं। इस महीने जन्मे बच्चों के स्वस्थ रहने की संभावना ज्यादा होती है।
मसालेदार खाना प्रसव शुरू कर सकता है। ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हालांकि, यह एसिडिटी पैदा कर सकता है।
गर्भावस्था में दो लोगों के लिए खाना चाहिए। कैलोरी की आवश्यकता बढ़ती है, लेकिन अधिक खाने से वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।

FAQs

मुझे इन दिनों ज़्यादा थकान महसूस हो रही है, क्या यह सामान्य है?

हां, थकान महसूस करना बेहद सामान्य है, क्योंकि आपका शरीर शिशु के विकास और डिलीवरी की तैयारी के लिए ज़्यादा मेहनत कर रहा होता है। इस दौरान पर्याप्त आराम करें और पौष्टिक आहार लें।

मुझे कब अस्पताल जाना चाहिए?

अगर आपको नियमित रूप से कॉन्ट्रैक्शन, योनि से रक्त डिसचार्जय एमनियोटिक फ्लूइड का रिसाव होता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या इस दौरान मैं यात्रा कर सकती हूं?

इस समय लंबी दूरी की यात्रा से परहेज करना चाहिए। अगर बहुत ज़रूरी हो, तो डॉक्टर से सलाह लें और उसके बाद ही कोई योजना बनाएं।

क्या डिलीवरी के लिए सी-सेक्शन का प्लान अभी से कर लेना चाहिए?

अगर आपके डॉक्टर ने सी-सेक्शन की सलाह दी है, तो प्लान बनाने का यह सही समय है, क्योंकि आपके पास सोचने और तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय होता है। वरना, आने वाले दिनों में आपकी प्रेगनेंसी और ओवरऑल हेल्थ के मुताबिक़ डॉक्टर फ़ैसला करेंगे।

निष्कर्ष

प्रेगनेंसी का आठवां महीना आपके और आपके शिशु के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय शिशु का विकास तेज़ी से होता है और आपका शरीर डिलीवरी के लिए तैयार हो जाता है। ख़ुद की देखभाल करने, डॉक्टर से नियमित जांच कराने और स्वास्थ्य को लेकर सही जानकारी रखने से आप पूरे आत्मविश्वास और उत्साह के साथ बाक़ी बचे एक महीने की तैयारी पर ध्यान दे सकती हैं। अब आने वाले दिनों को लेकर उत्साहित रहें, क्योंकि जल्द ही आपका बच्चा आपकी गोद में होगा!

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