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प्रजनन क्षमता पर कैफीन का प्रभाव

प्रजनन क्षमता पर कैफीन का प्रभाव

Dr. Rakhi Goyal
Dr. Rakhi Goyal

MBBS, MD (Obstetrics and Gynaecology)

23+ Years of experience

पिछले कुछ सालों में खासकर वयस्कों की जीवनशैली और खान-पान में काफी बड़ा बदलाव आया है। आज के ज्यादातर युवाओं की जीवनशैली में शराब, सिगरेट, कॉफी, फ़ास्ट फूड्स और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन एक बड़ा हिस्सा बन चूका है।

हालाँकि, यह खासकर शहर में रहने वाले वयस्कों में देखने को मिलता है। जब शारीरिक बीमारियों की बात आती है तो लोग अक्सर दिल, किडनी, हड्डियों, आँखों और नाक आदि से संबंधित बिमारियों, कैंसर, डायबिटीज तथा हाई ब्लड प्रेशर आदि के बारे में ही सोचते हैं।

हालाँकि, यह सच है कि ख़राब जीवनशैली या गलत खान-पान की आदतों से अनेक शारीरिक बीमारियां होती हैं। लेकिन यह भी सच है कि इन कारणों से प्रजनन स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।

तनाव वयस्कों के जीवन का लगभग एक हिस्सा सा बन चूका है। पर्स्नल या प्रोफेशनल जीवन में तालमेल न होने पर वयस्क तनाव का शिकार बन जाते हैं। तनाव खुद प्रजनन क्षमता को प्रभावित तो करता ही है।

साथ ही, तनाव में आकर वयस्क अक्सर कुछ आदतें बना लेते हैं जैसे कि अत्यधिक कैफीन का सेवन करना आदि। 

अत्याधिक मात्रा में कैफीन का सेवन पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता को बुरी तरह प्रभावित करता है जिसके कारण एक दंपति की प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।

आइए, इस ब्लॉग में हम प्रजनन क्षमता पर कैफीन के प्रभाव को अच्छी तरह समझने की कोशिश करते हैं।

कैफीन प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करता है

कैफीन एक ऐसा पदार्थ है जो स्वाभाविक रूप से कई पौधों की पत्तियों, बीजों और फलों में मौजूद होता है, जहाँ यह शाकनाशी और कीट विकर्षक के रूप में कार्य करता है। यह प्राकृतिक रूप से चाय की पत्तियों, कोको बीन्स, कॉफी बीन्स, ग्वाराना, चॉकलेट और कोला नट्स में भी पाया जाता है। 

कैफीन आज लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा बना चूका है अब वह चाहे चाय-कॉफी की शक्ल में हो अन्य किसी और रूप में। व्यापक शोध के मुताबिक, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है की कैफीन का सेवन किस तरह पुरुष या महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है।

हलांकि, शोध से इस बात की पुष्टि अवश्य हुई है कि कैफीन का अत्याधिक सेवन करने से गर्भावस्था में देरी, गर्भपात, मृत शिशु का जन्म (स्टीलबर्थ) और जन्म के दौरान शिशु का वजन कम होने आदि जैसे समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाए रखने और गर्भधारण की संभावना को बढ़ाने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर एक दिन में 200 मिलीग्राम या उससे भी कम कैफीन के सेवन की सलाह देते हैं। 

अगर आपको किसी भी कारणवश गर्भधारण करने में दिक्कतें आ रही हैं तो आप बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ के एक्सपर्ट से परामर्श कर सकते हैं। हमारे विशेषज्ञ से परामर्श करने के लिए आप इस पेज के ऊपर दाहिनी तरफ दिए गए बुक अपॉइंटमेंट फॉर्म या मोबाईल नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अनेक कारणों से गर्भधारण करने में दिक्कतें आ सकती है। समय पर उचित जांच और उपचार से प्रजनन संबंधित समस्याओं की पुष्टि करके उन्हें दूर किया जा सकता है। विशेषज्ञ का मानना है कि प्रजनन संबंधित समस्याओं में देरी करने पर गर्भधारण करने और उपचार के सफल होने की संभावना कम होती है। इसलिए प्रजनन संबंधित समस्या होने पर आपको जल्द से जल्द विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करनी चाहिए।

कैफीन महिला प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करता है?

सकारात्मक प्रभाव

कैफीन एक उत्तेजक और ऊर्जा बढ़ाने वाला पदार्थ है, जिसे अक्सर थकान से निपटने या जागते रहने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। प्रतिदिन 200 मिलीग्राम तक कैफीन का सेवन करने वाली महिलाओं में और कैफीन का सेवन न करने वाली महिलाओं में समान प्रजनन दर प्रदर्शित हुई।

जो महिलाएं प्रतिदिन दो या अधिक कप चाय पीती थीं, उनमें गर्भधारण की संभावना उन महिलाओं की तुलना में थोड़ी अधिक थी, जो चाय नहीं पीती थीं।

नकारात्मक प्रभाव

फिर भी अधिक कैफ़ीन कई तरह से प्रजनन क्षमता में बाधा भी डालता है:

  • गर्भधारण का देर से होना: अधिक या नियमित रूप से कॉफी पीने वाली महिलाओं को अक्सर गर्भधारण करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से कॉफी पीने वाली महिलाओं को गर्भधारण करने में अधिक समय लगता है।
  • अंडों की ख़राब गुणवत्ता : कैफीन का ज़्यादा सेवन महिलाओं में अंडों की ख़राब गुणवत्ता का कारण बन सकता है।
  • फैलोपियन ट्यूब पर असर: हाल ही में हुए अध्ययनों में पाया गया है कि कैफीन का ज़्यादा सेवन फैलोपियन ट्यूब की स्पीड को धीमा कर सकता है। यह ट्यूब ओवरी से यूट्रस तक एग्स को ले जाने के लिए आवश्यक है। इस प्रक्रिया में रुकावट प्रेगनेंसी में बाधा उत्पन्न कर सकती है।

अध्ययन से पता चला है कि कार्बोनेटेड पेय पदार्थों का सेवन करने वाली महिलाओं में प्रति माह गर्भधारण की दर उन महिलाओं की तुलना में कम थी जिन्होंने इन पेय पदार्थों का सेवन नहीं किया था। यह प्रभाव कार्बोनेटेड पेय पदार्थों की मात्रा पर निर्भर करता था; रोज़ाना तीन पेय पदार्थ पीने वाली महिलाओं में गर्भावस्था की दर सबसे कम थी।

कैफीन पुरुष प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित करता है?

कैफीन का आवश्यकता से अधिक सेवन पुरुष प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है:

  • शुक्राणुओं की गुणवत्ता: नियमित रूप से कैफीन का सेवन शुक्राणुओं की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
  • डीएनए की हानि: कुछ अध्ययनों में, कैफीन के उच्च स्तर के सेवन से शुक्राणु के डीएनए की क्षति में वृद्धि देखी गई है, जो भ्रूण के विकास और गर्भधारण की संभावना को प्रभावित कर सकती है
  • शुक्राणुओं की संख्या: नियमित रूप से कैफीन का सेवन शुक्राणुओं की संख्या को कम कर सकता है
  • शुक्राणु गतिशीलता: कैफीन शुक्राणु की गतिशीलता को प्रभावित करता है, जिससे शुक्राणु की फैलोपियन ट्यूब तक तैरने की क्षमता कम हो जाती है। कैफीन का सेवन करने वाले पुरुषों में IVF उपचार की सफलता दर कम होती है।

क्या अधिक कैफीन से गर्भपात हो सकता है?

नियमित रूप से कैफीन का अत्यधिक सेवन रक्तचाप में वृद्धि से जुड़ा हुआ है, और कभी कभी अत्यधिक रक्तचाप गर्भपात का कारण बन सकता है। इसके अलावा कई अध्ययनों ने निष्कर्ष निकाला है कि कैफीन प्लेसेंटा तक पहुंच सकता है और संभावित रूप से विकासशील बच्चे को प्रभावित कर सकता है। गर्भपात के साथ साथ कैफीन भ्रूण में मस्तिष्क के विकास को रोक सकता है, जिससे मानसिक असामान्यताओं का खतरा बढ़ जाता है।

गर्भावस्था पर कैफीन के प्रभाव

गर्भावस्था के दौरान कैफीन का सेवन कई कारणों से चिंता का विषय है:

  • गर्भपात का खतरा: अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन गर्भपात के उच्च जोखिम से जुड़ा है।
  • विकास संबंधी मुद्दे: कैफीन भ्रूण के मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकता है, जिससे संभावित रूप से मानसिक विकलांगता या अन्य असामान्यताएं उत्पन्न हो सकती हैं।

कैफीन और आईवीएफ

आईवीएफ या अन्य प्रजनन उपचार से गुजर रहे लोगों को कैफीन का सेवन सोच समझ कर करना चाहिए:

  • आईवीएफ विफलता का उच्च जोखिम: नियमित रूप से कॉफी पीने वालों को आईवीएफ़ विफलता का उच्च जोखिम होता है।
  • अंडे की गुणवत्ता: जो महिलाएं नियमित रूप से कैफीन का सेवन अधिक मात्रा में करती हैं, उनके अंडों की गुणवत्ता खराब हो सकती है, जिससे आईवीएफ़ उपचार के परिणाम खराब हो सकते हैं। कैफीन अंडों को ठीक से परिपक्व होने से रोक सकता है, जिससे निषेचन विफल हो सकता है।
  • शुक्राणुओं की गुणवत्ता: नियमित रूप से कैफीन का सेवन शुक्राणुओं की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। जिससे आईवीएफ़ उपचार के परिणाम खराब हो सकते हैं।
  • हार्मोनल प्रभाव: कैफीन हार्मोन के स्तर में परिवर्तन करके सफल गर्भावस्था के लिए आवश्यक कॉर्पस ल्यूटियम के कार्य को प्रभावित करता है।

यदि सभी बाधाओं को पार करते हुए अंडे निषेचित हो भी जाते हैं, तो भी गर्भावस्था में आगे बढ़ने और भ्रूण के सर्वांगीण विकास के लिए कैफ़ीन के सेवन को कम या बंद करने की सलाह दी जाती है।

कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ

कैफीन सिर्फ़ कॉफ़ी में ही नहीं होता है। इसके अन्य स्रोत भी हैं:

  • शीतल पेय और ऊर्जा पेय: कोल्डड्रिंक्स व एनर्जी ड्रिंक में उच्च मात्रा में कैफीन होता है।
  • चाय और चॉकलेट: चाय और चॉकलेट में कोल्डड्रिंक्स व एनर्जी ड्रिंक की तुलना में कम मात्रा में कैफीन होता है।
  • दवाएं: कुछ ओवर-द-काउंटर दवाएं, जैसे सर्दी, जुकाम,सिरदर्द, और एलर्जी की दवाइयों में कैफीन होता है। हमेशा लेबल की जांच करें।

जहां उचित मात्रा में कैफीन का सेवन गर्भधारण में सहायक होता है, वहीं दूसरी ओर कैफीन का अत्यधिक सेवन गर्भधारण की प्रक्रिया को बाधित कर सकता है और प्रजनन क्षमता को भी कम कर सकता है।

और अगर गर्भधारण हो भी जाए तो कैफीन गर्भावस्था में कई जटिलताएं पैदा कर सकता है और गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकास और उसके मस्तिष्क के विकास में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है।

निष्कर्ष

  •  यदि आप परिवार शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो अपने आहार से कैफीन को कम या ख़त्म करना उचित है। कैफीन युक्त उत्पाद में कॉफी, एनर्जी ड्रिंक और अन्य शामिल हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि आईवीएफ एक मेडिकल उपचार होने के साथ-साथ एक भावनात्मक प्रक्रिया भी है जिसमें हार्मोन भी एक मुख्य भूमिका निभाते हैं कैफ़ीन इन हार्मोन के उत्पादन में बाधा डाल सकता है इसलिए आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान कैफीन का इस्तेमाल सीमित करने या ना करने की सलाह दी जाती है। गर्भधारण के बाद भी, अपने बच्चे के स्वस्थ विकास को सुनिश्चित करने के लिए कैफीन से बचना फायदेमंद है।
  • ज़्यादा कैफीन का नियमित सेवन गर्भवती होने और स्वस्थ गर्भावस्था की संभावनाओं को कम कर सकता है। कैफीन कम करने या छोड़ने से आपको गर्भधारण करने और स्वस्थ गर्भावस्था में मदद मिल सकती है।
  • इसलिए कैफ़ीन का सेवन उचित मात्रा में करें, इसकी अति से बचें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रेगनेंसी में कॉफी पीने के क्या फायदे हैं?

प्रेगनेंसी के दौरान कॉफी का सेवन करने से कुछ विशेष फायदा नहीं होता है, लेकिन कुछ महिलाओं को कॉफी पीने की आदत होती है। ऐसे में कॉफी का सेवन करने से उनका तनाव कम हो सकता है, शरीर में फुर्ती आ सकती है और एनर्जी लेवल बढ़ सकता है।

क्या प्रेगनेंसी में चाय पी सकते हैं?

हाँ. प्रेगनेंसी में चाय पी सकते हैं, लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप अत्याधिक मात्रा में इसका सेवन न करें। क्योंकि उससे आपको गैस, कब्ज और दूसरी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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