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गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएँ: स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आवश्यक सुझाव

गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएँ: स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आवश्यक सुझाव

Dr. Nidhi Tripathi
Dr. Nidhi Tripathi

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology), Diploma in Clinical ART (Indian Fertility Society)

12+ Years of experience

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गर्भावस्था एक खूबसूरत और परिवर्तनकारी यात्रा है, लेकिन इसके साथ कई स्वास्थ्य चुनौतियाँ भी आती हैं। मातृ स्वास्थ्य (maternal health) के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है पर्याप्त हीमोग्लोबिन स्तर (Hemoglobin level) बनाए रखना। हीमोग्लोबिन, लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cells) में पाया जाने वाला प्रोटीन जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए ज़िम्मेदार होता है, गर्भावस्था के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कम हीमोग्लोबिन स्तर एनीमिया का कारण बन सकता है, जिससे माँ और बच्चे दोनों को थकान, कमज़ोरी और जटिलताएँ हो सकती हैं। यह लेख बताता है कि हीमोग्लोबिन क्यों महत्वपूर्ण है, एनीमिया का पता कैसे लगाया जाए और गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन बढ़ाने के व्यावहारिक तरीके क्या हैं।

गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन का स्तर क्यों महत्वपूर्ण है? Why are Hemoglobin Levels Important During Pregnancy?

फेफड़ों से शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन पहुँचाने के लिए हीमोग्लोबिन आवश्यक है। गर्भावस्था के दौरान, बढ़ते भ्रूण को सहारा देने के लिए महिला के रक्त की मात्रा बढ़ जाती है। परिणामस्वरूप, हीमोग्लोबिन के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। पर्याप्त हीमोग्लोबिन सुनिश्चित करता है:

  • स्वस्थ वृद्धि और विकास के लिए शिशु को उचित ऑक्सीजन की आपूर्ति
  • समय से पहले जन्म और कम वज़न वाले शिशु के जन्म का जोखिम कम
  • माँ की थकान और कमज़ोरी की संभावना कम
  • माँ के लिए बेहतर समग्र ऊर्जा स्तर

इसलिए, एक सुचारू और स्वस्थ गर्भावस्था के लिए इष्टतम हीमोग्लोबिन स्तर बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया क्या है और इसका निदान कैसे किया जा सकता है? What is Anemia During Pregnancy and How Can it be Diagnosed?

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया (anemia) एक ऐसी स्थिति है जिसमें हीमोग्लोबिन का स्तर कम होता है। इसका निदान आमतौर पर एक साधारण रक्त परीक्षण, जिसे पूर्ण रक्त गणना (CBC) कहा जाता है, के माध्यम से किया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) गर्भवती महिलाओं में एनीमिया को 11 ग्राम/डीएल से कम हीमोग्लोबिन स्तर के रूप में परिभाषित करता है।

गर्भावस्था में एनीमिया का सबसे आम कारण आयरन की कमी (iron deficiency) है, हालाँकि फोलिक एसिड, विटामिन B12 और अन्य पोषक तत्वों की कमी भी इसमें योगदान दे सकती है। प्रारंभिक पहचान और समय पर हस्तक्षेप के लिए हीमोग्लोबिन के स्तर की नियमित निगरानी आवश्यक है।

गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन के निम्न स्तर के मुख्य कारण | Main Causes of Low Hemoglobin Levels in Pregnant Women

गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन के स्तर में कमी के कई कारण हो सकते हैं:

  • रक्त की मात्रा में वृद्धि (increased blood volume): गर्भावस्था के कारण रक्त प्लाज़्मा (blood plasma) में प्राकृतिक वृद्धि होती है, जिससे हीमोग्लोबिन की सांद्रता कम हो सकती है।
  • आयरन की कमी (iron deficiency): आहार में आयरन का अपर्याप्त सेवन एनीमिया का एक प्रमुख कारण है।
  • विटामिन की कमी (vitamin deficiency): फोलिक एसिड (folic acid), विटामिन B12 और विटामिन C की कमी से लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन कम हो सकता है।
  • एक से अधिक गर्भधारण (multiple pregnancies): जुड़वाँ या तीन बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं को आयरन की आवश्यकता अधिक होती है।
  • क्रोनिक बीमारियाँ (chronic diseases): थायरॉइड विकार (thyroid disorder) या जठरांत्र संबंधी समस्याएँ (gastrointestinal problems) हीमोग्लोबिन के उत्पादन में बाधा डाल सकती हैं।

इन कारणों को समझने से स्वस्थ हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने के लिए सक्रिय कदम उठाने में मदद मिलती है।

गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के लक्षण | Symptoms of Iron Deficiency Anaemia During Pregnancy

आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया कई तरह के लक्षणों से प्रकट हो सकता है। इन लक्षणों को जल्दी पहचानने से जटिलताओं से बचने में मदद मिल सकती है:

  • लगातार थकान और कमज़ोरी
  • त्वचा का पीला पड़ना या पीला पड़ना
  • हल्की गतिविधि से भी साँस फूलना
  • चक्कर आना या हल्का सिरदर्द
  • हाथ-पैर ठंडे पड़ना
  • नाखूनों का कमज़ोर होना या बालों का झड़ना
  • हृदय गति में वृद्धि (increased heart rate)

इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देने पर, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना ज़रूरी है। समय पर हस्तक्षेप से माँ और भ्रूण के स्वास्थ्य में काफ़ी सुधार हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए आहार | Diet to Increase Hemoglobin During Pregnancy

हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में आहार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ-साथ आयरन के अवशोषण को बढ़ाने वाले विटामिन का सेवन करना बेहद ज़रूरी है। कुछ प्रभावी खाद्य पदार्थों में शामिल हैं:

क्रम संख्या खाद्य समूह मुख्य पोषक तत्व सेवन के सुझाव / लाभ
1 हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ नॉन-हीम आयरन, फोलेट टमाटर, शिमला मिर्च या खट्टे फलों के साथ सेवन करें; एनीमिया रोकने और मातृ स्वास्थ्य सुधारने में सहायक।
2 मिलेट्स (रागी, ज्वार, मोती मिलेट्स) आयरन, कैल्शियम, फाइबर रोटियाँ, दलिया या पैनकेक बनाकर सेवन करें; ग्लूटेन-मुक्त विकल्प के रूप में गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी।
3 खट्टे फल विटामिन C आयरन के अवशोषण को बढ़ाते हैं; संतरे का जूस या नींबू का रस सलाद पर डालें।
4 चुकंदर आयरन, फोलेट, नाइट्रेट सलाद में कच्चा, स्मूदी में या हल्का पकाकर खाएं; रक्त परिसंचरण और ऑक्सीजन परिवहन में सहायक।
5 फलियाँ और दालें आयरन, प्रोटीन दालें, छोले, राजमा, उड़द दाल; भिगोकर पकाएँ ताकि फाइटेट्स कम हों और आयरन अवशोषण बेहतर हो।
6 मेवे और बीज आयरन, स्वस्थ वसा बादाम, काजू, कद्दू के बीज, तिल; रोज़ाना थोड़ी मात्रा हीमोग्लोबिन स्तर बनाए रखने में मदद करती है।
7 अंडे और लीन मीट हीम आयरन मांसाहारी महिलाओं के लिए बेहतर विकल्प; पौधों की तुलना में शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित होता है।

हरी पत्तेदार सब्जियाँ क्यों फायदेमंद हैं? Why are Green Leafy Vegetables Beneficial?

हरी पत्तेदार सब्जियाँ न केवल आयरन प्रदान करती हैं, बल्कि फोलेट, मैग्नीशियम और विटामिन K भी प्रदान करती हैं। फोलेट लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन और शिशु में न्यूरल ट्यूब दोषों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। मैग्नीशियम मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के कार्य में सहायक होता है, जबकि विटामिन K रक्त का थक्का जमने में सहायक होता है। रोज़ाना विभिन्न प्रकार की पत्तेदार सब्ज़ियाँ खाने से माँ और भ्रूण दोनों का स्वास्थ्य सुनिश्चित होता है।

मिलेट्स हीमोग्लोबिन बढ़ाने में कैसे मदद करता है? How does Millet Help in Increasing Haemoglobin?

मिलेट्स पोषक तत्वों से भरपूर अनाज है जिसमें ये तत्व होते हैं:

  • हाई आयरन कंटेंट
  • आवश्यक अमीनो एसिड
  • फोलेट सहित बी-विटामिन
  • आहारीय फाइबर

ये पोषक तत्व मिलकर लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं, पाचन में सुधार करते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर बनाए रखते हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में योगदान करते हैं। नाश्ते या दोपहर के भोजन में मिलेट्स शामिल करना एक सरल लेकिन प्रभावी तरीका हो सकता है।

हीमोग्लोबिन उत्पादन में खट्टे फलों की भूमिका | The Role of Citrus Fruits in Haemoglobin Production

खट्टे फलों में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जो लौह अवशोषण के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। पादप-आधारित स्रोतों से प्राप्त लौह, गैर-हीम लौह होता है, जो पशु स्रोतों से प्राप्त हीम लौह की तुलना में कम आसानी से अवशोषित होता है। विटामिन सी, गैर-हीम लौह को एक ऐसे रूप में परिवर्तित करता है जिसे शरीर अधिक कुशलता से अवशोषित कर सकता है।

व्यावहारिक सुझाव: पालक के सलाद में संतरे के कुछ टुकड़े डालने या भोजन के दौरान नींबू पानी पीने से हीमोग्लोबिन अवशोषण में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।

गर्भावस्था के दौरान चुकंदर हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाता है? How Does Beetroot Increase Haemoglobin During Pregnancy?

चुकंदर आयरन, फोलेट और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। चुकंदर के नियमित सेवन से:

  • हीमोग्लोबिन उत्पादन में वृद्धि
  • शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन बेहतर
  • थकान कम करें और ऊर्जा बढ़ाएँ
  • भ्रूण के स्वस्थ विकास में सहायक

अधिकतम लाभ के लिए चुकंदर का जूस, सलाद या उबले हुए चुकंदर को गर्भवती महिला के आहार में आसानी से शामिल किया जा सकता है।

स्वस्थ हीमोग्लोबिन स्तर बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुझाव | Additional Tips for Maintaining Healthy Hemoglobin Levels

आहार के अलावा, कुछ जीवनशैली संबंधी आदतें हीमोग्लोबिन के इष्टतम स्तर को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं:

  • अधिक चाय या कॉफ़ी से बचें: चाय और कॉफ़ी में मौजूद टैनिन आयरन के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं।
  • विटामिन B12 के स्रोत शामिल करें: डेयरी उत्पाद, अंडे या फोर्टिफाइड अनाज B12 की कमी से होने वाले एनीमिया को रोक सकते हैं।
  • नियमित जाँच: प्रत्येक प्रसवपूर्व जाँच के दौरान हीमोग्लोबिन के स्तर की निगरानी करें।
  • आयरन सप्लीमेंट: यदि स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा निर्धारित किया गया हो, तो निर्देशानुसार आयरन की गोलियाँ लें।
  • हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी का सेवन रक्त की मात्रा और परिसंचरण को बेहतर बनाता है।

निष्कर्ष

गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ हीमोग्लोबिन स्तर बनाए रखना माँ और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। नियमित प्रसवपूर्व देखभाल के साथ-साथ आयरन, फोलेट और विटामिन सी से भरपूर संतुलित आहार से एनीमिया को प्रभावी ढंग से रोका और प्रबंधित किया जा सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियाँ, मिलेट्स, फलियाँ, खट्टे फल और चुकंदर प्राकृतिक, पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

आहार और जीवनशैली में छोटे-छोटे लेकिन नियमित बदलाव करके, गर्भवती महिलाएँ यह सुनिश्चित कर सकती हैं कि वे अपने शरीर की बढ़ी हुई आयरन आवश्यकताओं को पूरा करें। हीमोग्लोबिन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने से न केवल मातृ ऊर्जा और जीवन शक्ति बढ़ती है, बल्कि एक स्वस्थ गर्भावस्था और भ्रूण के इष्टतम विकास की नींव भी रखी जाती है।

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