कटक में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज

तेज़ रफ्तार ज़िंदगी, लगातार तनाव, अनहेल्दी खानपान, नींद की कमी, धूम्रपान और शराब जैसी आदतें, ये सब पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या को बढ़ा रहे हैं। कटक जैसे मेट्रो शहरों में, जहां काम और लाइफस्टाइल का दबाव ज़्यादा है, वहां इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह सिर्फ एक शारीरिक परेशानी नहीं है बल्कि आत्मविश्वास, मानसिक स्वास्थ्य और रिश्तों पर भी गहरा असर डालती है। बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ, कटक में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज के लिए एक भरोसेमंद केंद्र है, जहां एंड्रोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ मिलकर हर मरीज की स्थिति को समझते हैं और पर्सनलाइज़्ड ट्रीटमेंट प्लान बनाते हैं। यहाँ पेनाइल इम्प्लांट, हार्मोन थेरेपी, वैक्यूम डिवाइस और साइकोलॉजिकल काउंसलिंग जैसी एडवांस सुविधाएं उपलब्ध हैं। आपकी गोपनीयता और आराम का पूरा ध्यान रखा जाता है। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो अब और इंतज़ार न करें। आज ही अपॉइंटमेंट बुक करें

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कटक में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज की प्रक्रिया

Treatment Steps

  • शुरुआती परामर्श
  • टेस्ट
  • उपचार योजना
  • फॉलो-अप मीटिंग
शुरुआती परामर्श

पहली परामर्श में डॉक्टर आपकी समस्या, मेडिकल हिस्ट्री, जीवनशैली और मानसिक स्थिति को समझते हैं। इससे यह तय होता है कि समस्या का कारण शारीरिक है या मनोवैज्ञानिक।

कटक में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज के लिए हमारे सेंटर

पुरस्कार एवं सम्मान

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन क्या है?

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन एक ऐसी समस्या है जिसमें पुरुष यौन संबंध के दौरान अपने लिंग को सही ढंग से सख्त (इरेक्ट) नहीं कर पाते या उसे बनाए रखने में कठिनाई होती है। इसका मतलब है कि लिंग में यौन क्रिया के लिए जरूरी कठोरता नहीं आ पाती या वह जल्दी कमजोर हो जाती है। यह समस्या कभी-कभी अस्थायी होती है और कभी लंबे समय तक बनी रह सकती है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन पुरुषों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक जीवन को प्रभावित कर सकती है और कई बार उनके आत्मविश्वास को भी नुकसान पहुंचाती है।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कई कारण हो सकते हैं। यह कारण शारीरिक, मानसिक या दोनों तरह के हो सकते हैं।

शारीरिक कारण

  • रक्त संचार की समस्या: लिंग तक सही मात्रा में रक्त न पहुंच पाने की वजह से इरेक्शन ठीक से नहीं होता।
  • डायबिटीज (मधुमेह): यह नसों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे इरेक्शन की समस्या होती है।
  • हृदय रोग: हृदय की समस्या होने पर रक्त प्रवाह प्रभावित होता है।
  • उच्च रक्तचाप: ब्लड प्रेशर बढ़ने से रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं।
  • हॉर्मोनल असंतुलन: टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी भी ED का कारण हो सकती है।
  • नसों का नुकसान: जैसे चोट लगना या सर्जरी के बाद।
  • शरीर में वसा का अधिक होना (मोटापा): इससे ब्लड सर्कुलेशन पर असर पड़ता है।

मानसिक कारण

  • तनाव और चिंता: काम या जीवन की परेशानियां यौन संबंध में बाधा डाल सकती हैं।
  • डिप्रेशन: मानसिक अवसाद यौन इच्छाशक्ति को कम कर सकता है।
  • संबंधों में समस्या: पति-पत्नी के बीच मनमुटाव या भावनात्मक दूरी भी इसकी वजह बन सकती है।

जीवनशैली से जुड़ी आदतें

  • धूम्रपान (सिगरेट पीना)
  • शराब का अधिक सेवन
  • शारीरिक रूप से सक्रिय न होना

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लक्षण

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के लक्षण पहचानना आसान है। अगर आप या आपके साथी को निम्नलिखित समस्या हो रही है, तो यह इसका संकेत हो सकता है:

  • यौन संबंध के दौरान लिंग पूरी तरह से सख्त नहीं होता।
  • इरेक्शन को बनाए रखने में मुश्किल होती है।
  • यौन इच्छा में कमी महसूस होती है।
  • यौन संबंध के दौरान जल्दी कमजोरी या शीघ्रपतन हो जाना।
  • यौन क्रिया में असंतोष या निराशा महसूस होना।

अगर यह समस्याएं लगातार 3 से 6 महीने से अधिक समय तक बनी रहें, तो इसे गंभीर माना जाता है और डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

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कटक में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज के लिए हमारे डॉक्टर

Dr. Rasmin Sahu

Bhubaneswar, Odisha

Dr. Rasmin Sahu

MBBS, MD (Obstetrics and Gynaecology)

Years of experience: 2+
Number of cycles: 100+
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Dr. Sumitra Mansingh

Cuttack, Odisha

Dr. Sumitra Mansingh

MBBS, MS (Obstetrics & Gynaecology)

Years of experience: 2+
Number of cycles:
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इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के जोखिम कारक

कुछ चीजें इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने की संभावना बढ़ा सकती हैं। यदि आप इन जोखिम कारकों से प्रभावित हैं, तो आपको ज्यादा सावधानी रखने और नियमित जांच कराने की जरूरत होती है।

 

  1. उम्र: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर की ऊर्जा और रक्त प्रवाह कम होने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या बढ़ सकती है।
  2. मधुमेह: डायबिटीज नसों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, जिससे लिंग तक रक्त प्रवाह बाधित होता है।
  3. हृदय रोग: दिल की बीमारियां रक्त प्रवाह को प्रभावित करती हैं, जिससे इरेक्शन में कठिनाई हो सकती है।
  4. धूम्रपान: सिगरेट पीने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं, जिससे लिंग तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता।
  5. शराब: ज्यादा शराब पीने से तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है और यौन क्षमता में कमी आ सकती है।
  6. तनाव और मानसिक दबाव: तनाव और मानसिक दबाव हार्मोन असंतुलन और यौन इच्छा में कमी कर सकते हैं।
  7. मोटापा: अधिक वजन से रक्त संचार खराब होता है, जिससे इरेक्शन बनाना और बनाए रखना मुश्किल हो जाता है।
  8. अन्य बीमारियां: उच्च रक्तचाप, गठिया, किडनी की बीमारी भी रक्त प्रवाह और तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का उपचार

कटक में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का इलाज आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों द्वारा आसानी से किया जा सकता है। उपचार आपकी समस्या की वजह और गंभीरता के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।

दवाओं से इलाज

डॉक्टर आमतौर पर पहले दवाओं का सुझाव देते हैं, जो लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ाकर इरेक्शन में मदद करती हैं। जैसे कि सिल्डेनाफिल (वियाग्रा), टाडालाफिल आदि। यह दवाएं केवल डॉक्टर की सलाह से ही लें।

जीवनशैली में बदलाव

  • धूम्रपान और शराब से बचें।
  • नियमित व्यायाम करें।
  • तनाव कम करने के लिए योग या ध्यान करें।
  • स्वस्थ आहार लें।

मनोवैज्ञानिक सलाह

अगर समस्या तनाव, चिंता या मानसिक कारणों से हो रही है तो काउंसलिंग या थेरेपी मददगार हो सकती है।

हार्मोन थेरेपी

हार्मोन थेरेपी में डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन की कमी को पूरा करने के लिए हार्मोन इंजेक्शन या टैबलेट दे सकते हैं।

 

मेडिकल प्रक्रियाएं:

  • वैक्यूम डिवाइस (पंप): यह लिंग में रक्त खींचकर इरेक्शन में मदद करता है।
  • पेनाइल इंजेक्शन: कुछ खास दवाएं सीधे लिंग में इंजेक्ट की जाती हैं।
  • सर्जरी: गंभीर मामलों में पेनाइल इम्प्लांट लगाना पड़ सकता है।

प्राकृतिक उपाय

प्राकृतिक उपायों में कुछ हर्बल सप्लीमेंट शामिल हैं जो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में सहायता कर सकते हैं। हालांकि, इनका इस्तेमाल बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए क्योंकि कुछ हर्बल दवाएं शरीर पर अलग-अलग प्रभाव डाल सकती हैं। सही मार्गदर्शन से ही इन्हें लेना सुरक्षित होता है।

निष्कर्ष

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही समय पर पहचान और इलाज से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। कटक जैसे बड़े शहर में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मौजूद हैं, जहां यह समस्या आसानी से संभाली जा सकती है। इसलिए, यदि आप इस समस्या का सामना कर रहे हैं, तो चिंता न करें और विशेषज्ञ की मदद लें। स्वास्थ्य बेहतर होने से आपका आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता दोनों बढ़ेगी।

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