पैरामीटर का कहना है कि दाखिले वाले पुरुष और महिला दोनों की क्षमता यानी फर्टिलिटी हेल्थ पर बुरा प्रभाव डालता है। ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने की स्थिति को मेडिकल भाषा में या मधुमेह कहते हैं।
लाइनिंग का हर व्यक्ति पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। मौजूदा समय में यह सभी खतरनाक बिमारियों में से एक है। दुनिया भर के पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो कि एक चिंता का विषय है।
चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा लाइनिंग के मरीज हैं – एक दिन में लगभग 7 करोड़ 70 लाख यानी हर 11 में से 1 भारतीय भरतीय है। यह बीमारी रोगी की नसों, लिवर, किडनी और रक्त वाहिकाओं पर प्रभाव डालता है जिससे शरीर की समग्र कार्य प्रणाली प्रभावित होती है।
आइए, इस ब्लॉग में हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि पुरुष या महिला की जन्म क्षमता कैसे प्रभावित होती है।
पुरुष की प्रजनन क्षमता पर प्रभाव (Diabetes Effect On Male Fertility)
तरूण से पीडि़त पुरुषों में कई तरह के विकार पैदा होते हैं। इस बीमारी से पीड़ित पुरुष खुद में कुछ अनुभव कर सकते हैं:
- शुक्राणु की संख्या कम होना
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन की शिकायत होना
- शुक्राणु की गुणवत्ता गुणवत्ता खराब होना
खोज के अनुसार, टाइप 1 या टाइप 2 पीड़ित पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या, गुणवत्ता और शटर कम होती है जिससे गर्भ में रुकावटें पैदा होती हैं। अगर कुछ मामलों में शुक्राणुओं के होने के बाद भी गर्भधारण हो जाता है तो आगे चलकर भ्रूण के विकास में समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
महिला की प्रजनन क्षमता पर प्रभाव (महिला प्रजनन क्षमता पर मधुमेह प्रभाव)
जहाँ एक तरफ़ दाखिल पुरुष की क्षमता प्रभावित होती है, वहीं दूसरी तरफ़ यह महिलाओं की जनन क्षमता यानी शिशु को जन्म देने की क्षमता को प्रभावित करती है। खोज के अनुसार, सामान्य महिलाओं की तुलना में झील प्रकार 1 से पीड़ित महिलाओं की जन्म क्षमता 17% कम होती है।
महिलाओं को समय पर पीरियड्स नहीं होते हैं और मेनोपॉज होने में भी देरी होती है। ऐसी महिलाओं के कारण दूसरे अन्य सदस्य जुड़ते हैं। अगर किसी महिला को भरी हुई है और वह गर्भ धारण करना चाहती है तो ऐसे में उसे फर्टिलिटी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
अनुमान
पतली महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरा पैदा कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में लसीना होने पर शिशु में जन्म दोष और अन्य स्थिति की संभावना बढ़ जाती है। यह बीमारी महिला के लिए गंभीर लक्षण भी पैदा कर सकती है।
हालाँकि, विशेषज्ञ की मदद से चोट लगने से पीड़ित महिला अपनी बीमारी को नियंत्रित करके आसानी से गर्भवती कर सकती है। अगर आपका गर्भ धारण करने में रुकावट आ रही है तो आप बिरला फर्टिलिटी और आईवीएफ के जानकार से सलाह लें।
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केसरी जाने जाने प्रश्न
मधुमेह में क्या प्रेग्नेंट किया जा सकता है?
मधुमेह को नियंत्रित करके गर्भवती किया जा सकता है। अगर आप विशेषज्ञ हैं और आप गर्भवती होने की योजना बना रही हैं तो आपको एक फर्टिलिटी से परामर्श लेना चाहिए।
क्या मधुमेह आपको बांज बना सकता है?
विशेषज्ञ का कहना है कि मधुमेह की भयावहता का खतरा बढ़ने के साथ-साथ दूसरी भी बीमारियों का कारण बन सकता है। डायबिटीज का स्तर अनियंत्रित होने पर ग्लूकोमा, आघात, हाई ब्लड प्रेशर और नर्व डैमेज जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं। यदि आपको मधुमेह है और आप गर्भावस्था की योजना बना रही हैं तो आपको किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
मधुमेह से पीड़ित महिला को क्या प्रेग्नेंसी होती है?
हां। विशेषज्ञ का कहना है कि डायबिटीज से ग्रसित महिला को प्रेग्नेंट करने में काफी हद तक एक्सपोजर का सामना करना पड़ता है। हालाँकि, उपचार से मधुमेह को नियंत्रित करने वाली गर्भावस्थाएँ हो सकती हैं, लेकिन इसके लिए आपको विशेषज्ञ के मार्गदर्शन की आवश्यकता हो सकती है।