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Birla Fertility & IVF
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पीरियड्स क्या हैं और क्यों होते हैं (Periods Meaning in Hindi)

  • Published on June 01, 2022
पीरियड्स क्या हैं और क्यों होते हैं (Periods Meaning in Hindi)

पीरियड क्या है (What is Period in Hindi)

पीरियड को माहवारी भी कहते हैं। पीरियड के दौरान गर्भाशय के अंदर से रक्त और उत्तक योनि के द्वारा बाहर निकलते हैं। आमतौर पर यह महीने में एक बार होता है।

पीरियड महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक क्रिया है जिसके बारे में हर लड़की और महिला को जानकारी होनी चाहिए। लेकिन आज भी काफी ऐसी बहुत सी लड़कियां हैं जिन्हें इसकी पूरी जानकारी नहीं है।

जब लड़कियां प्यूबर्टी यानी यौवन के दौर से गुजर रही होती हैं तो उनके शरीर में बड़े स्तर पर हार्मोनल बदलाव आते हैं और उनकी प्रजनन प्रणाली विकसित हो रही होती है। 

इसी दौरान लड़कियों में मासिक धर्म शुरू होता है जिसका मतलब यह है कि उनका शरीर प्रजनन करने योग्य हो चूका है।

आमतौर पर लड़कियों में यौवन का समय लगभग 11 साल की उम्र से शुरू हो जाता है जिसके बाद उनको पीरियड्स आने लगते हैं।

पीरियड्स के दौरान आमतौर पर 3-7 दिनों तक ब्लीडिंग होती है। 

पीरियड्स में क्या नहीं करना चाहिए ?

पीरियड्स में आपको कुछ चीजों से बचना चाहिए ताकि इसके लक्षणों को इम्प्रूव किया जा सके। पीरियड्स के दर्द और लक्षणों को कम करने के लिए आपको निम्न से बचना चाहिए:

  • रात में बिना पैड के सोना
  • अधिक नमक या नमकीन पदार्थों का सेवन करना
  • वैक्सिंग या शेविंग करना
  • शराब, सिगरेट या दूसरी नशीली चीजों का सेवन करना
  • असुरक्षित यौन संबंध बनाना
  • ज्यादा चाय या कॉफी का सेवन करना
  • रात भर जागना
  • ब्रेस्ट टेस्ट कराना
  • कसरत करना 

इन सबके अलावा, अगर आप सैनिटरी पैड या टेम्पोन का इस्तेमाल कर रही हैं तो आपको पुरे दिन एक ही सैनिटरी पैड को पहनने से बचना चाहिए। इससे संक्रमण और त्वचा पर रैशेज और टॉक्सिक शौक सिंड्रोम का खतरा बढ़ सकता है।

और पढ़े : Menopause kya hai?

पीरियड्स क्यों होते हैं?

जब एक लड़की का शरीर मैच्योर होकर गर्भधारण करने के लिए तैयार होता है तो उसके शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव आते हैं और उन्हीं में से एक है पीरियड्स का आना। 

जब एक लड़की अपने यौवन में पहुंचती है तो हार्मोनल परिवर्तन के कारण उसके अंडाशय यानी ओवरी में अंडे बनने लगते हैं।

हर महीने गर्भाशय में एक परत का निर्माण होता है जो म्यूकस और खून से बनी होती है। जब महिला के अंडाशय से निकला हुआ अंडा फैलोपियन ट्यूब में पुरुष के स्पर्म के साथ फर्टिलाइज होता है तो भ्रूण बनने और उसे पोषण देने में इस परत  का अहम रोल होता है।

अंडा फर्टिलाइज नहीं होने पर वह म्यूकस और खून के साथ महिला की योनि से बाहर निकलता है। इससे महिला को ब्लीडिंग होती है, इसी ब्लीडिंग को पीरियड्स, मासिक धर्म या माहवारी कहते हैं।

पीरियड साइकिल क्या है (What is Menstrual Cycle in Hindi)

पीरियड साईकिल को मेंस्ट्रुअल साईकिल भी कहते हैं। यह पीरियड के पहले दिन और अगले पीरियड के बीच का समय है। 

उदाहर के लिए, अगर आपका पिछला पीरियड 10 मार्च को शुरू हुआ था और आपका अगला पीरियड 8 अप्रैल को आया तो आपका मेंस्ट्रुअल साईकिल 10 मार्च से 8 अप्रेल के बीच का समय है।

प्रेग्नेंट होने के सबसे ज्यादा चांस कब होते हैं (Best Time For Pregnancy in Hindi)

अंडों का मैच्योर होकर ओवरी से रिलीज होने की प्रक्रिया को ओवुलेशन कहते हैं। इस दौरान अंडा अंडाशय से बाहर निकलकर फैलोपियन ट्यूब में जाता है जहां पुरुष स्पर्म इसे फर्टिलाइज यानी निषेचित करता है।

ओवुलेशन के दौरान, एक महिला का शरीर पूर्ण रूप से गर्भधारण करने के लिए तैयार होता है। इस समय असुरक्षित यौन संबंध बनाने से गर्भधारण करने यानी गर्भ ठहरने का चांस सबसे अधिक होता है।

अगर आप प्रेगनेंट होना चाहती हैं तो अपने ओवुलेशन पीरियड का ध्यान रखें और इस दौरान अपने पुरुष पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाएं।

पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है?

पीरियड खत्म होने के तुरंत बाद ही गर्भ ठहर सकता है। हालांकि, इसकी संभावना काफी कम होती है, लेकिन इसके बावजूद भी असुरक्षित यौन संबंध बनाने से आप गर्भवती हो सकती हैं। आप मासिक धर्म चक्र में किसी भी समय आप गर्भवती हो सकती हैं।

साथ ही, निम्नलिखित स्थिति में भी गर्भधारण किया जा सकता है:-

  • आपको पहले कभी पीरियड्स नहीं हुए हों
  • पहली बार पीरियड आने पर
  • पहली बार यौन संबंध बंनाने पर 

महीने में कोई भी ऐसा सुरक्षित समय नहीं है जब बिना प्रोटेक्शन के यौन संबंध बनाने पर गर्भधारण करने का जोखिम न हो। मासिक धर्म चक्र में आपकी प्रेगनेंसी की संभावनाएं सबसे अधिक होती है।

पीरियड्स नहीं होने पर क्या करना चाहिए?

अगर एक महिला का मेनोपॉज शुरू हो गया है तो उसे पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में एक महिला को डरने या घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह प्राकृतिक है। लेकिन अगर एक लड़की की उम्र 16-18 वर्ष के बीच या उससे अधिक है तो प्राकृतिक रूप से उसे पीरियड्स आने शुरू हो जाने चाहिए। लेकिन कई बार कुछ कारणों से इस दौरान लड़की को पीरियड्स नहीं आते हैं या एक-दो बार पीरियड्स आकर बंद हो जाते हैं तो इसे मेडिकल भाषा में एमेनोरिया कहते हैं।

वयस्क होने के बाद भी अगर एक लड़की को पीरियड्स नहीं आते हैं तो यह गंभीर स्थिति की ओर एक इशारा है। नियमित रूप से पीरियड्स नहीं आने पर लड़की को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन सबसे बचने का सबसे सटीक तरीका है विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना ताकि पीरियड्स नहीं आने के सटीक कारण का पता लगाकर उसका उचित उपचार किया जा सके। अगर एक लड़की की उम्र 16 वर्ष से अधिक है और उसे नियमित रूप से पीरियड्स नहीं आते हैं तो बिना देरी किए स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।

पीरियड के समय होने वाले दर्द को कैसे कम करें?

पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करने एवं इससे बचने के लिए आप निम्न उपायों को अपना सकती हैं:-

  • एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में अच्छी तरह उबालें, उसके बाद उसे छानकर पीएं।
  • एक कप दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर गर्म करें और फिर ठंडा होने के बाद उसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाकर उसका सेवन करें।
  • हॉट वाटर बैग से पेट के निचले हिस्से की सिकाई करें, इससे दर्द और सूजन में कमी आती है। साथ ही, पुरे दिन गुनगुना पानी पीएं।
  • पीरियड्स के दौरान दर्द होने पर आपको अपनी डाइट में स्प्राउट्स, बिन्स, हरी पत्तेदार सबियों और ताजे फलों एवं ड्राई फ्रूट्स आदि को शामिल करना चाहिए।
Written by:
Dr. Shilpi Srivastva

Dr. Shilpi Srivastva

Consultant
With over 15 years of experience, Dr. Shilpi Srivastva is an expert in the field of IVF and reproductive medicine. She has been at the forefront of innovative developments in reproductive medicine and IVF technology and has won various awards in her field.
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