• English
Birla Fertility & IVF
Birla Fertility & IVF

सिस्टिक फाइब्रोसिस के कारण, लक्षण, उपचार और बचाव (Cystic Fibrosis in Hindi)

  • Published on July 26, 2022
सिस्टिक फाइब्रोसिस के कारण, लक्षण, उपचार और बचाव (Cystic Fibrosis in Hindi)

क्या है सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis Meaning in Hindi)

सिस्टिक फाइब्रोसिस एक विकार यानी डिसऑर्डर है जो उन कोशिकाओं को बुरी तरह से प्रभावित करता है जो पाचक रस, पसीना और बलगम पैदा करती हैं। यह विकार पाचन तंत्र, फेफड़ों और शरीर के दूसरे अंगों को क्रोनिक क्षति पहुंचा सकता है।

 

सिस्टिक फाइब्रोसिस का कोई सटीक इलाज नहीं है, लेकिन शुरूआती उपचार की मदद से इसके लक्षणों के प्रभाव को कम किया जा सकता है। किसी भी उपचार का चयन करने से पहले डॉक्टर विकार का निदान करते हैं, क्योंकि इससे जटिलताओं का खतरा कम होता है।

सिस्टिक फाइब्रोसिस के कारण (Causes of Cystic Fibrosis in Hindi)

जीन में बदलाव आने के कारण सिस्टिक फाइब्रोसिस की समस्या पैदा होती है। जो प्रोटीन उत्तकों से नमक को अंदर या बाहर भेजते हैं उसमें सिस्टिक फाइब्रोसिस के कारण बदलाव आता है जिसके कारण श्वसन, पाचन और प्रजनन तंत्रों में बलगम गाढ़ा और चिपचिका हो जाता है। साथ ही, पसीने में नमक की मात्रा भी बढ़ जाती है।

 

जीन में अलग-अलग बदलाव आ सकते हैं जिससे सिस्टिक फाइब्रोसिस का खतरा बढ़ सकता है। यह बीमारी माता-पिता से बच्चों में आती है। अगर आपके परिवार में किसी को सिस्टिक फाइब्रोसिस है तो आपको यह विकार होने का खतरा अधिक होता है।

सिस्टिक फाइब्रोसिस के लक्षण (Cystic Fibrosis Symptoms in Hindi)

सिस्टिक फाइब्रोसिस के अनेक लक्षण होते हैं और यह इस बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है। एक ही मरीज में सिस्टिक फाइब्रोसिस के लक्षण अपने आप ठीक हो सकते हैं या फिर समय के साथ गंभीर हो सकते हैं।

 

साथ ही, कुछ लोगों में किशोरावस्था या वयस्कावस्था तक इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। डॉक्टर के मुताबिक, सिस्टिक फाइब्रोसिस के मरीज के पसीने में सामान्य से अधिक नमक होता है।

सिस्टिक फाइब्रोसिस से पीड़ित मरीज में अग्राशयशोध निमोनिया और बांझपन के लक्षण भी दिख सकते हैं।

 

सिस्टिक फाइब्रोसिस के अन्य लक्षण श्वसन तंत्र और पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। पाचन तंत्र के लक्षण में निम्न शामिल हैं:

  • बदबूदार चिकना मल होना
  • वजन बढ़ना
  • आंत में रुकावट (खासकर नवजात बच्चों में)
  • गंभीर रूप से कब्ज होना
  • मल त्याग के दौरान अधिक जोर लगाने पर मलाशय का बाहर निकल जाना

Also, check What Is a Dermoid Cyst?

डॉक्टर को कब दिखाएं?

अगर आप खुद में या अपने परिवार के किसी सदस्य में सिस्टिक फाइब्रोसिस के लक्षण को देखते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए। अगर आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो बिना देरी किए डॉक्टर से मिलें।

 

सिस्टिक फाइब्रोसिस का निदान (Diagnosis of Cystic Fibrosis in Hindi)

सिस्टिक फाइब्रोसिस का निदान करने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करने का सुझाव देते हैं। नवजात शिशु का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर स्क्रीनिंग टेस्ट करते हैं जिसके दौरान अग्नाशय से निकलने वाले केमिकल (आईआरटी) के स्तर की पुष्टि की जाती है।

नवजात शिशु में समय से पहले जन्म या तनाव भरी डिलीवरी होने पर आईआरटी का स्तर ज्यादा हो सकता है। इसलिए सिस्टिक फाइब्रोसिस का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर अन्य टेस्ट करने का सुझाव दे सकते हैं।

आईआरटी के स्तर का पता लगाने के साथ-साथ डॉक्टर जेनेटिक टेस्ट करने का भी सुझाव दे सकते हैं। इसके अलावा, जब शिशु 2 सप्ताह का होता है तो डॉक्टर शिशु के पसीने की जांच कर सकते हैं। इस दौरान, पसीने में नमक की मात्रा की पुष्टि की जाती है।

इसके अलावा, बच्चों और बड़ों की जांच कुछ लक्षणों के आधार पर किया जाता है। अगर मरीज को नाक में मांस बढ़ना, साइनस की शिकयत होना, फेफड़ों में संक्रमण होना, ब्रोंकाइटिस, पुरुष को बांझपन की शिकायत या अग्नाशयशोध आदि की समस्या है तो डॉक्टर जेनेटिक और पसीने का टेस्ट करने का सुझाव देते हैं।

 

सिस्टिक फाइब्रोसिस का उपचार (Treatment of Cystic Fibrosis in Hindi)

सिस्टिक फाइब्रोसिस का परमानेंट इलाज संभव नहीं है, लेकिन उपचार के कुछ ऐसे तरीके मौजूद हैं जिनकी मदद से इसके लक्षणों में सुधार किया जा सकता है। सिस्टिक फाइब्रोसिस के लक्षणों में सुधार करने के लिए डॉक्टर कुछ ख़ास दवाओं, छाती की फिजियोथेरेपी, वेस्ट थेरेपी, पल्मोनरी पुनर्वास और सर्जरी आदि का उपयोग कर सकते हैं।

 

सिस्टिक फाइब्रोसिस के जोखिम और जटिलताएं (Complications of Cystic Fibrosis in Hindi)

सिस्टिक फाइब्रोसिस श्वसन तंत्र, पाचन तंत्र और प्रजनन तंत्र को बुरी तरह से प्रभावित करता है। इसके कारण निम्न जोखिम और जटिलताओं का खतरा हो सकता है:

श्वसन तंत्र की जटिलताएं:

  • ब्रोंकाइटिस
  • क्रोनिक संक्रमण
  • निमोनिया
  • नाक में मांस बढ़ना
  • खांसते समय खून आना
  • छाती में दर्द होना
  • सांस लेने में तकलीफ होना
  • सांस की विफलता (फेफड़ों के सही से काम नहीं करना)
  • समय के साथ लक्षणों का गंभीर होना

पाचन तंत्र की जटिलाएं:

  • पोषण में कमी होना
  • डायबिटीज की शिकायत होना
  • बाइल डक्ट जाम होना
  • पित्त की पथरी होना
  • आंत्र रुकावट होना
  • डिस्टल इंटेस्टाइनल ऑब्स्ट्रक्शन सिंड्रोम

 

प्रजनन तंत्र की जटिलताएं 

सिस्टिक फाइब्रोसिस से पीड़ित पुरुष में बांझपन की शिकायत हो सकती है, क्योंकि अंडकोष और प्रोस्टेट ग्लैंड को जोड़ने वाली नली बलगम से पूरी तरह जाम हो जाती है। दूसरी महिलाओं की तुलना में सिस्टिक फाइब्रोसिस से पीड़ित महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होती है। लेकिन वो गर्भधारण कर शिशु को जन्म दे सकती हैं।

 

सिस्टिक फाइब्रोसिस के बचाव के उपाय (Prevention of Cystic Fibrosis in Hindi)

अगर आपको या आपके पार्टनर के परिवार में किसी को सिस्टिक फाइब्रोसिस है तो बच्चे पैदा करने से पहले अपनी जेनेटिक टेस्टिंग कराएं। ये टेस्ट लैब में खून का जांच करके किया जाता है। इस टेस्ट की मदद से इस बात का पता चल जाता है कि आपके बच्चे को सिस्टिक फाइब्रोसिस होने का खतरा है या नहीं।

 

साथ ही, अगर आप गर्भवती हैं तो जेनेटिक टेस्ट की मदद से होने वाले बच्चे में सिस्टिक फाइब्रोसिस होने की संभावना की पुष्टि की जा सकती है। इसके अलावा, डॉक्टर आपके बच्चे के लिए अन्य टेस्ट का सुझाव भी दे सकते हैं।

 

जेनेटिक टेस्ट को डॉक्टर के सुझाव पर कराना चाहिए। यह टेस्ट हर किसी के लिए नहीं होता है, इसलिए इसे कराने से पहले डॉक्टर से बात करें कि इसका परिणाम जानने के बाद आप पर इसका क्या मानसिक प्रभाव हो सकता है।

Written by:
Dr. Apeksha Sahu

Dr. Apeksha Sahu

Consultant
Dr. Apeksha Sahu, is a reputed fertility specialist with 12 years of experience. She excels in advanced laparoscopic surgeries and tailoring IVF protocols to address a wide range of women’s fertility care needs. Her expertise spans the management of female reproductive disorders, including infertility, fibroids, cysts, endometriosis, PCOS, alongside high-risk pregnancies and gynaecological oncology.
Ranchi, Jharkhand

Our Services

Fertility Treatments

Problems with fertility are both emotionally and medically challenging. At Birla Fertility & IVF, we focus on providing you with supportive, personalized care at every step of your journey towards becoming a parent.

Male Infertility

Male factor infertility accounts for almost 40%-50% of all infertility cases. Decreased sperm function can be the result of genetic, lifestyle, medical or environmental factors. Fortunately, most causes of male factor infertility can be easily diagnosed and treated.

We offer a comprehensive range of sperm retrieval procedures and treatments for couples with male factor infertility or sexual dysfunction.

Donor Services

We offer a comprehensive and supportive donor program to our patients who require donor sperm or donor eggs in their fertility treatments. We are partnered with reliable, government authorised banks to source quality assured donor samples which are carefully matched to you based on blood type and physical characteristics.

Fertility Preservation

Whether you have made an active decision to delay parenthood or are about to undergo medical treatments that may affect your reproductive health, we can help you explore options to preserve your fertility for the future.

Gynaecological Procedures

Some conditions that impact fertility in women such as blocked fallopian tubes, endometriosis, fibroids, and T-shaped uterus may be treatable with surgery. We offer a range of advanced laparoscopic and hysteroscopic procedures to diagnose and treat these issues.

Genetics & Diagnostics

Complete range of basic and advanced fertility investigations to diagnose causes of male and female infertility, making way for personalized treatment plans.

Our Blogs

To Know More

Speak to our experts and take your first steps towards parenthood. To book an appointment or to make an enquiry, please leave your details and we will get back to you.


Submit
By clicking Proceed, you agree to our Terms and Conditions and Privacy Policy

You can also reach us at

Do you have a question?

Footer arrow